हर्निया को कैसे ठीक करें?
किसी रोगी को हर्निया के उपचार की ज़रूरत है या नहीं ये उसके हर्निया का आकार और उसके लक्षण की गंभीरता पर निर्भर करता है। डॉक्टर मरीज की हर्निया की जटिलता की निगरानी कर सकता है। हर्निया के लिए उपचार के विकल्प कई प्रकार से हो सकते हैं, जैसे जीवन शैली में बदलाव, दवाईयां और सर्जरी आदि हैं।
1. हर्निया के उपचार के लिए जीवन शैली में बदलाव
आहार में परिवर्तन करके हाइटल हर्निया के लक्षणों का उपचार किया जा सकता है। परंतु इससे हर्निया को हमेशा के लिए ख़त्म नहीं किया जा सकता। रोगी को भारी भोजन नहीं करना चाहिए, खाने के बाद झुकने और मुड़ने से भी बचें और अपने वजन को भी नियंत्रित रखना चाहिए।
अम्ल प्रतिवाह (एसिड रिफ्लक्स) व सीने में जलन पैदा करने वाली चीजें जैसे मासालेदार खाना, टमाटर से बना हुआ खाना इन सबका परहेज़ करके रोगी हर्निया के लक्षण में सुधार ला सकता है। इसके अलावा आप सिगरेट छोड़ कर और अपने वजन को नियंत्रित रख कर भी अम्ल प्रतिवाह (एसिड रिफ्लक्स) को कम कर सकते हैं।
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कुछ व्यायाम हर्निया के आस-पास कि मांसपेशियों को मज़बूत बनाने में सहायक हो सकते हैं। जिसकी वजह से हर्निया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ग़लत तरीक़े से किया गया व्यायाम या ग़लत व्यायाम हर्निया या उसके आस-पास के भागों में दवाब को बढ़ा सकता है, जो कि हर्निया के बढ़ने का कारण भी हो सकता है। आप जो भी व्यायाम करें उसे अपने डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करें।
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यदि इन सब से आराम नहीं मिल पा रहा है तो हर्निया को ठीक करने के लिए रोगी को सर्जरी की ज़रूरत हो सकती है।
2. हर्निया के उपचार के लिए कुछ दवाईयां व तरीके
हाइटल हर्निया के मरीजों के लिए कुछ ऑवर-द-काउंटर मेडिसिन (बिना डॉक्टर की पर्ची के मिलने वाली दवाईयां) उपलब्ध हैं जो पेट में अम्ल की मात्रा को कम करने में सहायक हैं। ये दवाईयां आपको हर्निया के लक्षणों राहत दे सकती हैं। इनमें एंटासिड्स, H-2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (H-2 receptor blockers) और प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPI) शामिल हैं।
3. सर्जरी
अगर हर्निया बढ़ता जा रहा है और दर्द का कारण बन रहा है तो उसका निवारण करने के लिए आपके डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। सर्जरी के दौरान डॉक्टर, मरीज के पेट में प्रभावित जगह की सिलाई की जाती है।
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ओपन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से हर्निया का इलाज किया जाता है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में बहुत छोटा कैमरा और छोटे उपकरण का प्रयोग करके सर्जरी की जाती है। इसके अलावा इस सर्जरी में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है। ये सर्जरी ऊतक के आस-पास के लिए ज़्यादा हानिकारक नहीं होता है।
ऑपन सर्जरी के बाद रोगी को ठीक होने के लिए लंबे समय की जरूरत पड़ती है। हो सकता है 6 महीनों के लिए रोगी सामान्य रूप से घूम फिर न पाए। जबकी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को ठीक होने के लिए बहुत कम समय की ज़रूरत होती है, लेकिन इस सर्जरी में हर्निया के दोबारा होने की संभावना बढ़ जाती है।
साथ ही सभी प्रकार के हर्निया के इलाज के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ठीक नहीं मानी जाती। जब आंत का कुछ भाग अण्डकोष में फंस जाता है, उसके लिए होने वाले हर्निया इलाज को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के द्वारा करना बेहतर नहीं माना जाता।
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