ये तो सभी जानते हैं कि विटामिन सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विटामिन त्वचा के लिए भी जरूरी होते हैं. विटामिन की कमी से त्वचा संबंधी समस्याएं, जैसी - त्वचा का फटना व स्किन ड्राईनेस हो सकती है. जब भी त्वचा में दरारें या ड्राईनेस जैसी समस्याएं दिखने लगती हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी डाइट में न्यूट्रिशंस की कमी है, जैसे - विटामिन-बी6 की कमी होने पर त्वचा पर रेडनेस व खुजली होने लगती है. वहीं, लाल सूजे और फटे होंठों का कारण भी विटामिन-बी6 की कमी को माना जाता है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि त्वचा का फटना किस विटामिन की कमी से होता है -

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  1. किस विटामिन की कमी से स्किन प्रॉब्लेम होती है?
  2. सारांश
किस विटामिन की कमी से स्किन ड्राइ होती है? के डॉक्टर

त्वचा का फटना यानी दरारें पड़ना कई कारणों से हो सकता है, लेकिन सबसे अहम कारण है पोषक तत्वों की कमी. कई शोधों में भी ये बात साबित हो चुकी है कि विटामिन की कमी शरीर के साथ-साथ त्वचा को भी बहुत प्रभावित करती है, जैसे - विटामिन-बी6 की कमी से त्वचा में ड्राईनेस और दरारें पड़ सकती हैं. इसके अलावा, विटामिन-ए, विटामिन-सी और बायोटिन की कमी भी त्वचा के फटने का कारण बन सकती है. आइए, जानते हैं कि त्वचा किस विटामिन की कमी के कारण फटती है -

पाइरिडोक्सिन (विटामिन-बी6)

एक शोध के मुताबिक, विटामिन-बी6 यानी पाइरिडोक्सिन की कमी होने पर डर्मटोलॉजिकल लक्षण दिखाई दे सकते हैं. इससे त्वचा पर स्टोमेटाइटिसग्लोसाइटिससेबोरिक डर्मेटाइटिस और एंगुलर चेलाइटिस जैसे घाव दिखाई दे सकते हैं, जो बाद में बढ़कर त्वचा के फटने, ब्लीड होने या इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं. जिन लोगों में विटामिन-बी6 की कमी है, उनकी त्वचा पर चकत्ते दिखाई दे सकते हैं. साथ ही ड्राई स्किन होने के कारण त्वचा पर खुजली होना या त्वचा पर दरारें भी पड़ सकती हैं.

इसके अलावा, विटामिन-बी6 की कमी होने पर त्वचा लाल, तैलीय और खुजली वाले रैशेज पड़ सकते हैं. इस समस्या को सेबोरिक डर्मेटाइटिस कहा जाता है. ये रैशेज स्कैल्प, चेहरे, गर्दन और छाती के ऊपरी हिस्से में दिखाई दे सकते हैं.

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विटामिन-ए

विटामिन-ए एक जैसे कई विटामिन ग्रुप हैं, जिनमें शामिल हैं रेटिनॉल, रेटिनोइक एसिड और बीटा-कैरोटीन. विटामिन-ए फैट सॉल्युबल विटामिन है यानी ये बॉडी में फ्यूचर यूज के लिए स्टोर हो सकता है. विटामिन-ए त्वचा की बाहरी परत के निर्माण में मदद करता है. विटामिन-ए की कमी होने पर त्वचा रूखी, खुजलीदार और पपड़ीदार हो सकती है. गंभीर रूप से विटामिन-ए की कमी होने पर त्वचा में गहराई तक दरारें पड़ सकती हैं या त्वचा फट सकती है.

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विटामिन-सी

विटामिन-सी एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर की कई की प्रकार की कार्यप्रणाली में अहम भूमिका निभाता है, जिसमें प्रोटीन कोलेजन का उत्पादन भी शामिल है. कई फल और सब्जियां विटामिन-सी का प्रमुख स्रोत होते हैं. हेल्दी स्किन के लिए अधिक मात्रा में कोलेजन की आवश्यकता होती है. वहीं, विटामिन-सी की कमी, जिसे स्कर्वी भी कहते हैं, इसके कारण त्वचा में बदलाव देखे जा सकते हैं. स्कर्वी के कारण त्वचा का रफ होना और आसानी से दरारें पड़ना, यहां तक कि त्वचा पर घाव पड़ना भी आम बात है.

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बायोटिन (विटामिन-बी7)

बायोटिन यानी विटामिन-बी7 की शरीर में कमी दुर्लभ मामलों में देखने को मिलती है. ऐसा इसीलिए, क्योंकि शरीर को ज्यादा बायोटिन की जरूरत नहीं होती है. फिर भी विटामिन-बी7 की कमी होने पर सेबोरिक डर्मेटाइटिस हो सकता है. ये रैशेज सबसे पहले मुंह, नाक और आंखों पर दिखने शुरू होते हैं.

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शरीर के साथ-साथ त्वचा को भी हेल्दी रखने के लिए विटामिन की आवश्यकता होती है. विटामिन की कमी के कारण त्वचा के फटने, रैशेज होने, घाव होने या एक्ने जैसी समस्याएं दिखने लगती हैं. कुछ विटामिन खासतौर से विटामिन-बी6, विटामिन-ए, विटामिन-सी और बायोटिन की कमी से त्वचा फटने लगती है. यदि त्वचा को दरारों से बचाना है, तो विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे - फल, सब्जियां, नट्समीट और मछली का सेवन करना चाहिए. अगर खाद्य पदार्थों के जरिए विटामिन की कमी को पूरी नहीं होती है, तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन के सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं.

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