यौगिक सूक्ष्म व्यायाम करने में आसान हैं फिर भी ये अत्यधिक प्रभावी हैं। सूक्ष्म व्यायाम क्रियाओं के माध्यम शरीर को मजबूत और शुद्ध किया जा सकता है। 

योग को व्यापक रूप से मानव के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास के रूप जाना जाता है। यह हमारे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास के लिए एक अनमोल उपहार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 पर अपने हालिया भाषण में कहा, "दुनिया योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली एजेंट के रूप में देख रही है।"

योगासन और प्राणायाम समाज में योगिक अभ्यास के रूप में काफी प्रचलित हैं। फिर भी, बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारी समृद्ध प्राचीन परंपरा से प्राप्त यौगिक सूक्ष्म व्यायाम, योगासन और प्राणायाम के लिए आधार है। आयुष मंत्रालय के तहत एक प्रमुख योग संस्थान होने के नाते मोरार जी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान यौगिक सूक्ष्म व्यायाम अभ्यासों पर बहुत अधिक जोर दे रहा है और ये क्रियाएं संस्थान द्वारा चलाए जा रहे सभी पाठ्यक्रमों का एक अभिन्न अंग हैं। 

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  1. यौगिक सूक्ष्म व्यायाम किसे कहते हैं?
  2. यौगिक सूक्ष्म व्यायाम की उत्पत्ति कैसे हुई?
  3. यौगिक सूक्ष्म व्यायाम में कौन सी अनूठी क्रियाएँ हैं?
  4. सारांश

परिचय- यौगिक सूक्ष्म व्यायाम न केवल हमारे शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है बल्कि हमें उन्नत आसनों का अभ्यास करने के लिए भी तैयार करता है। ये यौगिक सूक्ष्म व्यायाम व्यायाम अभ्यास करने में आसान हैं, फिर भी ये अत्यधिक प्रभावी हैं। यौगिक सूक्ष्म व्यायाम स्ट्रेचिंग और शरीर को ढ़ीला करने वाले अभ्यासों का एक समूह है जो शरीर के अलग अलग अंगों को प्रभावित करता है।

यौगिक सूक्ष्म व्यायाम के लाभों को बताते हुए, मोरार जी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में योग शिक्षा की एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. इंदु शर्मा ने कहा, "ये क्रियाएं न केवल शारीरिक शक्ति को बढ़ाती हैं, बल्कि याददाश्त और संज्ञानात्मक कौशल को भी मजबूत करती हैं। अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करके, इन क्रियाओं का अभ्यास करने से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता हैं।" 

मोरार जी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में संस्कृत के एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अर्पित कुमार दुबे ने कहा, "यौगिक सूक्ष्म व्यायाम की तकनीक बहुत शक्तिशाली मानी जाती है क्योंकि यह शरीर की ऊर्जा को सक्रिय करती है। यह शरीर के जोड़ों को ढीला करने और लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है। यह शरीर को और मजबूत बनाता है और इसके भीतर की रुकावटों को भी दूर करता है। यौगिक सूक्ष्म व्यायाम करने से हमारे शरीर के चक्र (ऊर्जा केंद्र) सक्रिय हो जाते हैं। सूक्ष्म क्रियाएँ लयबद्ध और दोहराव वाली होती हैं, जिसमें सांस लेने के साथ शरीर की विभिन्न हरकतों का मेल होता है। ये क्रियाएँ आध्यात्मिक विकास के लिए काफी फायदेमंद हैं। 

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यौगिक सूक्ष्म व्यायाम को मूल रूप से महर्षि कार्तिकेय जी महाराज द्वारा विकसित, डिजाइन और प्रचारित किया गया था। स्वामी धीरेंद्र ब्रह्मचारी, जो उनके पसंदीदा शिष्य थे, ने बाद में इसे आधुनिक दुनिया में प्रचारित किया। 

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यौगिक सूक्ष्म व्यायाम क्रियाएँ अनूठी हैं। ये क्रियाएं सरल होने के साथ-साथ इतनी वैज्ञानिक हैं कि हर आयु वर्ग के लोग इनका अभ्यास कर सकते हैं और तुरंत लाभ उठा सकते हैं। मोरार जी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में योग शिक्षा के सहायक प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार ने इन क्रियाओं के एक दिलचस्प पहलू पर जोर देते हुए कहा, “सिर से लेकर पैर तक शरीर के सभी अंग यौगिक सूक्ष्म व्यायाम क्रियाओं में अच्छी तरह शामिल होते हैं। इन क्रियाओं को करते समय सभी अंगों, जोड़ों और मांसपेशियों का ध्यान रखा जाता है । इसमें 48 सूक्ष्म क्रियाएं और 5 स्थूल क्रियाएं हैं। सूक्ष्म क्रियाओं का शरीर के विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ता है, जबकि स्थूल क्रियाएं हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं।” 

कुछ लोकप्रिय सूक्ष्म व्यायाम क्रियाएं हैं: 

  • बुद्धिमत्ता के लिए बुद्धि तथा धृति शक्ति विकासक क्रिया
  • गर्दन के लिए ग्रीवा शक्ति विकासक क्रिया
  • कंधों के लिए स्कंध शक्ति विकासक क्रिया
  • हाथों के लिए पूर्ण भुजा शक्ति विकासक क्रिया
  • अंगुलियों के लिए अंगुली शक्ति विकासक क्रिया
  • छाती के लिए वक्षस्थल शक्ति विकासक क्रिया 
  • कमर क्षेत्र के लिए कटि शक्ति विकासक क्रिया
  • जांघों के लिए जंघा शक्ति विकासक क्रिया
  • घुटनों के लिए जानु शक्ति विकासक क्रिया
  • पिंडली की मांसपेशियों के लिए पिंडली शक्ति विकासक क्रिया 

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सूक्ष्म क्रियाओं को आदर्श रूप में सुबह या शाम को खाली पेट करनी चाहिए। अधिकतम लाभ के लिए घर पर मैट बिछाकर इनका अभ्यास किया जा सकता है। अभ्यास का प्रारंभ प्रार्थना से करें। अगर ऑफिस में हैं, तो भोजन से कुछ देर पहले समय निकालकर इन्हें कर सकते हैं। यौगिक सूक्ष्म व्यायाम शरीर की गतिशीलता को बढ़ाते हैं, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और मांसपेशियों में तनाव कम होता है। ये व्यायाम मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं और वजन प्रबंधन में सहायक होते हैं। इसके अलावा, यौगिक सूक्ष्म व्यायाम मानसिक ताजगी और एकाग्रता को भी बढ़ाते हैं, जिससे काम करने की क्षमता में सुधार होता है। कुल मिलाकर, यौगिक सूक्ष्म व्यायाम एक सरल और प्रभावी तरीका है जो स्वास्थ्य और जीवनशैली को बेहतर बनाने में मदद करता है।

 

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