मोटापा - Obesity in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

January 23, 2017

August 08, 2024

मोटापा
मोटापा

आज की व्यस्त जीवनशैली, तनाव और खानपान को लेकर लापरवाही मोटापे का कारण बनता जा रहा है, जो वजन बढ़ने के कारणों में सबसे अहम है। इन दिनों यह एक आम समस्या बनती जा रही हैं। भारत में ही लगभग हर घर में कोई ना कोई इस बीमारी से ग्रस्त हैं। कई बार अधिक वजन आपको शर्मिंदा भी कर सकता हैं। केवल इतना ही नही मोटापा, आपको कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी ले जाता हैं। यह तो स्पष्ट है कि मोटापा किसी भी तरीके से मददगार नही है बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 

मोटापा के लक्षण - Obesity Symptoms in Hindi

मोटापा आपके शरीर के साथ साथ आपको भी प्रभावित करता है। आपको लगता है कि आपकी त्वचा पर अतिरिक्त मोटी परत होना कोई बड़ी बात नही है, किंतु इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे छोटे-छोटे कार्यों को करने में सांस फूलना तथा पसीना आना, आवश्यकता से ज्यादा या कम सोना, थोड़ा सा चलने पर सांस में रूकावट पैदा होना या सांस तेजी से चलना, शरीर के अलग अलग हिस्सो में सूजन होना, शरीर के विभन्न भागो में वसा जमना, मानसिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण जैसे आत्मसम्मान, आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। इसके अलावा मोटापे से टाइप 2 मधुमेह की संभावना बढ़ जाती हैं। यह  हृदय रोग होने की संभावनाओं को भी बढ़ा देता है। कुछ अन्य मुद्दों जैसे गठिया और जीवन शक्ति में कमी भी मोटापे का एक परिणाम हैं।

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मोटापे के कारण - Obesity Causes in Hindi

मोटापा क्यों बढ़ता है?

मोटापा बढ़ने का सबसे आम कारण है लम्बे समय तक जितनी कैलोरी आप रोज़ खाते हैं, उससे कम दैनिक गतिविधि और व्यायाम में बर्न करते हैं। समय के साथ, ये अतिरिक्त कैलोरी जमा हो जाती हैं और वजन बढ़ने का कारण बनती हैं।

(और पढ़ें - कैलोरी बर्न करने के तरीके)

लेकिन यह हमेशा कैलोरी की खपत और जीवन शैली की ही बात नहीं होती है। कुछ ऐसे कारण भी यही जो आपके कंट्रोल में नहीं होते हैं। आइये इनके बारे में जानते हैं।

मोटापे के सामान्य विशिष्ट कारणों में शामिल हैं -

  • जेनेटिक्स, जो प्रभावित करता है कि आपका शरीर भोजन को ऊर्जा में कैसे बदलता है और वसा को कैसे स्टोर करता है
  • बढ़ती उम्र, जिससे मांसपेशियां और चयापचय दर कम हो सकती हैं
  • पर्याप्त नींद नहीं लेना, जिससे हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं जिससे भूख जरुरत से ज़्यादा बढ़ जाती है
  • गर्भावस्था, गर्भावस्था के दौरान बढ़ा वजन कम करना मुश्किल हो सकता है
  • कुछ दवाइयां, जिनको लेने के साथ साथ आप आहार और सक्रियता में परिवर्तन नहीं लाते, तो उससे आपका वज़न बढ़ सकता है। ऐसी दवाइयों के उदाहरण हैं एंटीडेप्रेसेंट्स, एंटीसीज़र दवाइयां, शुगर की दवाएं, एंटीसाइकोटिक दवाएं, स्टेरॉयड, बीटा ब्लॉकर्स

कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी वजन बढ़ सकता है, जिससे मोटापा हो सकता है। इसमें शामिल हैं -

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मोटापे से बचाव - Prevention of Obesity in Hindi

पिछले कुछ दशकों में मोटापे और मोटापे से संबंधित बीमारियों में बहुत वृद्धि हुई है। यही कारण है कि हर कोई स्वस्थ भोजन और शारीरिक गतिविधियों पर जोर दे रहा है।

व्यक्तिगत स्तर पर, आप स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर वजन बढ़ाने और मोटापे को रोक सकते हैं -

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी )

मोटापे का परीक्षण - Diagnosis of Obesity in Hindi

मोटापे का निदान कैसे करें?

अगर आपका बॉडी मास इंडेक्स मोटापे की श्रेणी में आता है, तो डॉक्टर आपके स्वास्थ्य इतिहास की जांच करेंगे। वह आपकी शारीरिक जांच करेंगे और कुछ परीक्षण कराने का सुझाव देंगे।

परीक्षणों में शामिल है -

1. आपके स्वास्थ्य इतिहास की जांच करना - डॉक्टर आपके बारे में जानकारी लेंगे जैसे कि आपके वज़न का इतिहास, वज़न कम करने के लिए किये गए प्रयास, व्यायाम की आदत, खान-पान की आदतें, कोई दवाई जो लम्बे समय से ले रहे हों, तनाव का स्तर, और अन्य स्वास्थय समस्याओं के बारे में पूछेंगे। डॉक्टर आपके परिवार के स्वास्थ्य इतिहास की भी जांच कर सकते है।

2. सामान्य शारीरिक परिक्षण - इसमें आपकी लम्बाई को मापा जाता है। और आपके महत्वपूर्ण संकेतों की जांच की जाती है जैसे कि हृदय की गति, बीपी, शरीर का तापमान, पेट की जांच।

3. आपके बीएमआई की गणना करना - डॉक्टर आपके मोटापे के स्तर को जानने के लिए, आपकी बीएमआई की गणना कर सकतें है।

4. आपकी कमर की परिधि को मापना - कमर के आस-पास जमा हुए वसा से कई बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है जैसे कि डायबिटीज और हृदय रोग
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5. खून की जांच - डॉक्टर द्वारा सुझाये गए खून के परिक्षण आपके स्वास्थय, जोखिम कारक और आपको होने वाले लक्षणों पर निर्भर करते हैं। डॉक्टर आपको निम्नलिखित परीक्षणों का सुझाव दे सकते हैं -

मोटापे का इलाज - Obesity Treatment in Hindi

मोटापे का उपचार कैसे किया जाता है?

मोटापे के इलाज का लक्ष्य एक स्वस्थ वजन पर पहुंचने और रहने का है। आपके खाने-पीने और शारीरिक गतिविधि की आदतों को समझने और उनमें परिवर्तन लाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम - एक आहार विशेषज्ञ, व्यवहार परामर्शदाता या मोटापे विशेषज्ञ के साथ आपको काम करना पड़ सकता है। सभी वजन कम करने के कार्यक्रमों में आपके भोजन की आदतों और शारीरिक गतिविधि में वृद्धि की आवश्यकता होती है। उपचार के तरीके जो आपके लिए सही हैं आपके मोटापे के स्तर, आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य और आपके वजन कम करने की योजना में भाग लेने की इच्छा पर निर्भर करते हैं। अन्य उपचार उपकरण में आहार परिवर्तन, व्यायाम और शारीरिक गतिविधि शामिल हैं।

आहार में बदलाव

  1. मोटापे पर काबू पाने में कैलोरी कम करना और स्वस्थ भोजन खाना महत्वपूर्ण हैं। आप शायद तेज़ी से वजन कम करना चाहेंगे, लेकिन स्वास्थय के लिए बेहतर होता है कि वजन धीरे धीरे ही कम किया जाए। ऐसा करने से वजन वापिस बढ़ने की सम्भावना भी कम होती है। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट टिप्स)
  2. अवास्तविक आहार परिवर्तनों से बचें, जैसे कि क्रैश डाइट, क्योंकि वे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देतें हैं और आप में निर्जलीकरण का जोखिम बढ़ा देते हैं।
  3. वज़न कम करने वाले कार्यक्रम को कम से कम 6 महीने तक जारी रखें और अच्छे परिणामों के लिए कार्यक्रम के रख-रखाव चरण को कम से कम एक साल तक रखें।
  4. एक डाइट प्लान चुनें जिसमें स्वस्थ आहार शामिल हो, जो आपको लगता है कि आपके लिए काम करेगा। मोटापा के इलाज के लिए आहार में परिवर्तन में निम्नलिखित चीज़ें शामिल करें (और पढें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट) - 
  • कैलोरी घटाना - आप अपनी कैलोरीज की मात्रा कम करके अपना वज़न कम कर सकतें हैं। आप और आपके चिकित्सक आपके भोजन और पीने की आदतों पर नज़र रख सकते हैं, कि आप आम तौर पर कितनी कैलोरी ले रहे हैं और आप कहा कटौती कर सकते हैं। आप और आपके चिकित्सक यह तय कर सकते हैं कि आपको वजन कम करने के लिए प्रत्येक दिन कितनी कैलोरी लेने की ज़रूरत है। (और पढ़ें - खाने में कितनी कैलोरी होती हैं)
  • महिलाओं के लिए 1,200 से 1,500 कैलोरी और पुरुषों के लिए 1500 से 1800 कैलोरी की एक सामान्य मात्रा है।
  • कम खाने में पूरा पेट भर जाना - कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को बड़े हिस्से में खाने से, आप भूख की पीड़ा को कम कर सकते हैं।  
  • स्वस्थ विकल्प बनाना - अपने संपूर्ण आहार स्वस्थ बनाने के लिए फलों, सब्जियों और पूरे अनाज कार्बोहाइड्रेट खाने का सेवन करें। इसके अलावा प्रोटीन जैसे दाल,सोया और मांस (बिना चर्बी वाला) जैसे स्रोतों पर जोर दें। यदि आप मछली पसंद करते हैं, तो सप्ताह में दो बार मछली शामिल करने का प्रयास करें। नमक और चीनी की मात्रा कम करें। कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें। छोटी मात्रा में वसा खाएं और सुनिश्चित करें कि वे हृदय-स्वस्थ स्रोतों से आते हों, जैसे - जैतून, कैनोला और अखरोट का तेल।
  • कुछ खाद्य पदार्थों को सीमित करना - कुछ आहार एक विशेष खाद्य समूह की मात्रा को सीमित करते हैं, जैसे उच्च कार्बोहाइड्रेट या पूर्ण वसा वाले खाद्य पदार्थ। डॉक्टर से पूछें कि कौनसी आहार योजनाएं प्रभावी हैं, जो आपके लिए सहायक हो सकती हैं। मीठे पेय पदार्थ पीने से आप ज़्यादा कैलोरी का सेवन करेंगे, और इन पेय को सीमित करना या उन्हें पूरी तरह से समाप्त करना अच्छी शुरुआत है।
  • खाने की प्रतिस्थापना - आप अपने एक या दो आहार लो कैलोरी शेक या मील बार से प्रतिस्थापित करें। अपने तीसरे आहार में कम मात्रा में कैलोरीज और वसा लें।  

व्यायाम और गतिविधि

शारीरिक गतिविधि या व्यायाम मोटापे के उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा है। ज्यादातर लोग जो एक वर्ष से अधिक समय के लिए अपने घटे हुए वजन को बनाए रखने में सक्षम होते हैं, वो नियमित रूप से व्यायाम करते है, जिसमें सिर्फ चलना शामिल है।

अपनी गतिविधि स्तर को बढ़ावा देने के लिए:

  1. व्यायाम - अधिक वजन वाले या मोटापे वाले लोगों को वजन कम करने के लिए या सामान्य वजन की मात्रा को कम करने के लिए मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि के कम से कम 150 मिनट की आवश्यकता होती हैं। अधिक महत्वपूर्ण वजन घटाने के लिए, आपको सप्ताह में 300 मिनट या इससे अधिक व्यायाम करना पड़ सकता है आप धीरे-धीरे अपनी व्यायाम की मात्रा में वृद्धि लाएं क्योंकि इससे आप अपने धीरज और फिटनेस में सुधार ला सकतें हैं।
  2. एरोबिक व्यायाम -  नियमित एरोबिक व्यायाम कैलोरीज कम करने का और ज़्यादा वज़न घटाने का सबसे कारगर तरीका है। आपके दिन के दौरान साधारण परिवर्तन करना बड़ा लाभ दिला सकता हैं।

ऑपरेशन

आम वजन घटाने वाली सर्जरी में शामिल हैं:

  • गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी (Gastric bypass surgery)
  • लैप्रोस्कोपिक समायोज्य गैस्ट्रिक बैंडिंग (एलएजीबी) (Laparoscopic adjustable gastric banding - LAGB)
  • डुओडानल स्विच के साथ बिलिओपैंक्रिअटिक डायवर्सन (Biliopancreatic diversion with duodenal switch)
  • गैस्ट्रिक स्लीव (Gastric sleeve)
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मोटापे के नुकसान - Obesity Complications in Hindi

मोटापे से होने वाली अन्य बिमारियां और नुकसान क्या हैं? 

यदि आप मोटे हैं, तो आपको कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना है, जिसमें शामिल हैं:



संदर्भ

  1. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]: U.S. Department of Health and Human Services; Overweight and Obesity
  2. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Obesity.
  3. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Overweight & Obesity
  4. National Health Service [Internet]. UK; Obesity.
  5. National Health Information Center, Washington, DC [Internet] U.S. Department of Health and Human Services; Obesity Prevention

मोटापा के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव
Dr. Tanmay Bharani Dr. Tanmay Bharani एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव
Dr. Sunil Kumar Mishra Dr. Sunil Kumar Mishra एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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मोटापा की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Obesity in Hindi

मोटापा के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

मोटापा पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी उम्र 38 साल है। मेरा पेट बहुत ज्यादा बाहर निकला हुआ है। मुझे मीठा खाना बहुत पसंद है और मैं दिन में कई बार मीठी चीजें खा लेता हूं। मुझे थकान भी महसूस होती है। सब कहते हैं कि ज्यादा मीठे की वजह से मेरा वजन बढ़ रहा है। क्या मीठी चीजें पदार्थ खाने से कोई मोटा हो सकता है?

Dr. OP Kholwad MBBS , सामान्य चिकित्सा

जी हां, दुनियाभर में ऐसा कई तरह के मीठे पकवान हैं जो बहुत स्वादिष्ट है और जिन्हें आप खाएं बिना नहीं रह सकते। आप बहुत ज्यादा मीठा खाते हैं, जो अक्सर शरीर में अधिक वसा के रूप में आता है जिसके कारण वजन बढ़ सकता है। डाइट में अधिक कैलोरीज लेने की वजह से वजन बढ़ता है और चीनी युक्त पदार्थ का सेवन इसे बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है।

 

सवाल लगभग 5 साल पहले

मोटापे की वजह से मुझे थकान और सुस्ती रहती है और मैं छोटे-मोटे काम भी फुर्ती से नहीं कर पाता हूं। मेरी तोंद भी बहुत ज्यादा निकली हुई है। क्या मेरा पेट कम हो सकता है? मुझे इसके लिए कोई तरीका बताएं?

Dr. OP Kholwad MBBS , सामान्य चिकित्सा

मोटापा कम करने के लिए डाइट में कुछ बदलाव करने और एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है, लेकिन हर मोटे व्यक्ति को इससे लाभ नहीं मिल पाता है। इस स्टेज पर डॉक्टर दवाओं और सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं।

सबसे पहले आप डाइट में बदलाव करें और ज्यादा तले एवं मसालेदार भोजन का सेवन न करें, खाना पेट भर कर न खाएं, समय पर खाएं, भूख से हमेशा एक चौथाई कम खाएं और खाने को छोटे-छोटे भागों में बांटकर खाएं।

इसी के साथ आप रोजाना एक्सरसाइज करें जिसमें तेज चलना और दौड़ना शामिल है। समय पर सोएं और पूरी नींद लें। अगर इन सभी उपायों को अपनाने के बाद भी लाभ नहीं मिलता है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

सवाल लगभग 5 साल पहले

कई सालों से मेरे पेट निकला हुआ है। मैं बहुत मोटा लगता हूं और चलने पर बहुत जल्दी थकान महसूस होने लगती है। क्या अधिक मोटे होने की वजह से कैंसर भी हो सकता है?

Dr. Saurabh Dhamdhere MBBS , ओर्थोपेडिक्स

मोटापे की वजह से शरीर में कई तरह के कैंसर होने के जोखिम रहते हैं जिनमें एसोफैगस (पेट और गले से जुड़ी खाने की नली) कैंसर, अग्नाशय कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर (आंत का कैंसर), स्तन कैंसर, एंडोमेट्रियल कैंसर (गर्भाशय में होने वाला कैंसर), किडनी कैंसर, थायराइड कैंसर, लिवर कैंसर और पित्ताशय का कैंसर शामिल हैं। मोटापे के कारण कैंसर से मृत्यु का खतरा भी बढ़ सकता है।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मैं बहुत मोटा हूं और मुझे हमेशा थकान और सुस्ती महसूस होती है। क्या मोटापे का असर दिमाग या याददाश्त पर भी पड़ता है?

Dr. Mayank Yadav MBBS , सामान्य चिकित्सा

मोटापे की वजह से लोगों को एक तरह के डिप्रेशन से गुजरना पड़ता है। इसके साथ ही थकान और ओवरईटिंग जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। मोटापे का असर दिमाग पर भी पड़ता है और इसकी वजह से आप अवसाद और चिंता से घिर सकते हैं। इसके अलावा मोटे लोगों में एक्सरसाइज से मानसिक लाभ मिलने की संभावना भी कम हो जाती है। मोटापे का याददाश्त पर तो असर नहीं पड़ता लेकिन ये आपके मानसिक स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरह से प्रभावित करता है।