हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड कम होना) क्या है?
हाइपोथायरायडिज्म को अंडरएक्टिव थायराइड रोग भी कहा जाता है। यह एक सामान्य विकार है। यह तब होता है जब आपकी थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन नहीं बना पाती है। महिलाओं में खासतौर हाइपोथायरायडिज्म सामान्य रूप से देखने को मिलता है।
ऐसे कई विकार हैं, जिनके कारण थायराइड हो सकता है। इनमें ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disorders, प्रतिरक्षा विकार), थायरॉयड रिमूवल (निकालना), पिट्यूटरी रोग (Pituitary disease) और आयोडीन की कमी जैसे विकार मुख्य हैं।
थायरॉयड ग्रंथि (Thyroid gland) एक अन्य ग्रंथि द्वारा नियंत्रित की जाती है, जिसको पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland) के नाम से जाना जाता है। हमारे शरीर में हार्मोन्स, पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland) द्वारा रक्तप्रवाह के माध्यम से जारी किए जाते हैं। हार्मोन्स के जारी होने से हमारे शरीर के लगभग सभी अंग प्रभावित होते हैं, जिनमें हमारे दिल और दिमाग से लेकर मासपेशियां और त्वचा भी शामिल हैं। इस तरह से थायरॉयड हार्मोन्स का मुख्य उद्देश्य शरीर के चयापचय (Metabolism) को नियंत्रित करना होता है।
हाइपोथायरायडिज्म के TSH (थायरॉयड के उत्तेजक हार्मोन) लेवल
पिट्यूटरी ग्रंथि आपके शरीर में हो रहे हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करती है। इसका काम थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन यानि टीएसएच बनाना होता है, जो थायरॉयड ग्रंथि को यह बताती है कि कितनी मात्रा में थायरॉयड हार्मोन्स (जिन्हें टी3 और टी4 कहा जाता है) बनाने हैं। अगर आपका टीएसएच स्तर असामान्य रूप से बढ़ रहा है, तो इसका मतलब आप अंडरएक्टिव थायरॉयड यानि हाइपोथायरायडिज्म से प्रभावित हैं।
(और पढ़ें - टीएसएच टेस्ट क्या है)
निम्न TSH लेवल चार्ट, TSH की विभिन्न रीडिंग्स क्या बताती हैं उसे प्रस्तुत कर रहा है।
टीएचएस का स्तर | टी3 और टी4 का स्तर | रोग |
ज्यादा | ज्यादा | पिट्यूटरी ग्रंथि का ट्यूमर (Tumor of Pituitary gland) |
कम | कम | मध्यम हाइपोथायरायडिज्म (Secondary Hypothyroidism) |
कम | ज्यादा | ग्रेव रोग (Grave’s disease) |
ज्यादा | कम | हाशिमोटो की बीमीरी (Hashimoto’s disease) |