हेपेटाइटिस बी - Hepatitis B in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

November 21, 2017

March 28, 2022

हेपेटाइटिस बी
हेपेटाइटिस बी

हेपेटाइटिस बी एक वायरस है जो लिवर को संक्रमित करता है। अधिकांश लोग जो इससे ग्रस्त होते हैं, वह कुछ समय में बेहतर महसूस करने लगते हैं जिसे एक्यूट हेपेटाइटिस कहा जाता है।

कभी-कभी संक्रमण लंबे समय तक रह सकता है। इसे क्रोनिक हेपेटाइटिस बी कहा जाता है। यह समय के साथ आपके लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है। वायरस से संक्रमित शिशुओं और छोटे बच्चों को क्रोनिक हेपेटाइटिस होने की अधिक संभावना होती है।

इस संक्रमण की एक विचित्र बात ये है कि ऐसा हो सकता है कि आपको हेपेटाइटिस बी हो और आपको मालूम भी नहीं हो। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसा संभव है कि इसके लक्षण दिखाई ना दें। और यदि नज़र आते हैं तो वह फ्लू के लक्षण जैसे होते हैं। लेकिन इस स्थिति में भी आप इससे अपने आस पास के लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।

विश्व के 10–15% हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त लोग भारत में मौजूद हैं। अनुमान लगाया गया है कि भारत में 4 करोड़ ऐसे मरीज़ हैं।

हेपेटाइटिस बी के प्रकार - Types of Hepatitis B in Hindi

आपके रक्त में वायरस के मौजूद होने के समय के आधार पर आपको एक्यूट या क्रोनिक हेपेटाइटिस बी हो सकते हैं -

  1. एक्यूट हेपेटाइटिस बी (Acute hepatitis B)
    अधिकतर वयस्कों को हेपेटाइटिस बी कम समय के लिए होता है और कुछ समय बाद बेहतर हो जाता है। इसे एक्यूट हेपेटाइटिस बी (Acute Hepatitis B) कहा जाता है। संक्रमित होने के छह महीने बाद तक आपको एक्यूट हेपेटाइटिस बी होता है। लीवर को नुक्सान पहुंचाने की इसकी संभावनाएं बहुत कम होती हैं।
     
  2. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी (Chronic hepatitis B)
    कभी-कभी वायरस दीर्घकालिक संक्रमण का कारण बन जाता है, जिसे क्रोनिक हेपेटाइटिस बी कहा जाता है। यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। वायरस से संक्रमित शिशुओं और छोटे बच्चों को क्रोनिक हेपेटाइटिस का खतरा अधिक होता है। छह महीने से अधिक समय तक वायरस से संक्रमित होने पर क्रोनिक हेपेटाइटिस बी होता है। केवल कुछ ही लोगों को यह होता है। हालांकि, यह एक गंभीर स्थिति है और क्रोनिक लीवर की क्षति (सिरोसिस) का कारण बन सकता है।
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हेपेटाइटिस बी के लक्षण - Hepatitis B Symptoms in Hindi

हेपेटाइटिस बी के लक्षण निम्नलिखित हैं -

  1. अत्याधिक थकान महसूस होना। (और पढ़ें – थकान से बचने के उपाय)
  2. वायरस के कारण हल्का बुखार आना । (और पढ़ें – बुखार के घरेलू उपचार)
  3. सर में दर्द होना।
  4. खाना खाने की इच्छा न होना।
  5. उल्टी आना। 
  6. पेट में दर्द होना भी इसका एक मुख्य लक्षण है।
  7. आपके मल का रंग गहरा नज़र आ सकता है।
  8. आपके मूत्र का रंग भी गहरा प्रतीत होता है।
  9. आँखों और त्वचा का पीला होना (पीलिया)। पीलिया आमतौर पर केवल तब ही विकसित होता है जब अन्य लक्षण ख़तम होने लगते हैं।
  10. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त अधिकांश लोगों में इसके कोई लक्षण नज़र नहीं आते हैं।

हेपेटाइटिस बी के कारण और जोखिम कारक - Hepatitis B Causes & Risk Factors in Hindi

हैपेटाइटिस बी वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त और शारीरिक द्रव्यों के संपर्क में आने से फैलता है।

आपको हेपेटाइटिस बी हो सकता है यदि -

  1. आप कंडोम के बिना संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध बनाते हैं। (और पढ़ें - महिला कंडोम का इस्तेमाल)
  2. एक संक्रमित व्यक्ति के साथ सुई का साझा इस्तमाल करते हैं।
  3. अस्वच्छ उपकरणों से गुदाई कराते हैं।
  4. संक्रमित व्यक्ति के साथ रेज़र या टूथब्रश जैसी निजी चीज़ों का साझा इस्तेमाल करते हैं।
  5. संक्रमित मां के द्वारा प्रजनन के दौरान बच्चे को हैपेटाइटिस बी वायरस पास हो सकता है। मेडिकल विशेषज्ञों का सुझाव है कि सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस बी का परीक्षण कराना चाहिए । यदि आप वायरस से ग्रस्त है, तो आपके शिशु को इससे बचाव के लिए टीके लगाए जा सकते हैं।

आप हेपेटाइटिस बी से गले लगाने, चुंबन, छींकने, खांसी, या भोजन या पेय साझा करना से संक्रमित नहीं होते हैं।

हेपेटाइटिस बी के जोखिम कारक

हेपेटाइटिस बी एक संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य या अन्य शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क के माध्यम से फैलता है। हेपेटाइटिस बी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है यदि आप -

  1. आप कई लोगों के साथ यौन सम्बन्ध बनाते हैं या हेपेटाइटिस बी से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं।
  2. इंजेक्शन द्वारा ली जाने वाली नशीली दवाओं के उपयोग के दौरान सुइयों का साझा इस्तेमाल करते हैं।ऐसे पुरुष हैं जो अन्य पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।
  3. क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण वाले किसी व्यक्ति के साथ रहते हैं।
  4. एक संक्रमित मां से पैदा हुए एक शिशु हैं।
  5. एक ऐसी नौकरी करते हैं जो जिसमें आपको मानवीय खून से संपर्क रखना पड़ता है।
  6. हेपेटाइटिस बी के उच्च संक्रमण वाले क्षेत्रों की यात्रा करते हैं।

हेपेटाइटिस बी से बचाव - Prevention of Hepatitis B in Hindi

दूसरों से वायरस प्राप्त करने या प्रसार करने से बचने के लिए -

  1. सेक्स करते समय कंडोम का प्रयोग करें। (और पढ़ें - sex kaise kare)
  2. इस्तेमाल की हुई सूइयों का प्रयोग न करें।
  3. अगर आपको रक्त को छूना है तो लेटेक्स या प्लास्टिक के दस्ताने पहनें।
  4. टूथब्रश या रेज़र का साझा इस्तेमाल न करें।
  5. टैटू न कराएं और यदि कराते हैं तो ध्यान रखेँ की गुदाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सूई साफ़ और विसंक्रमित है।

वैक्सीन
हेपेटाइटिस बी वैक्सीन संक्रमण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। यदि आप इसके टीकाकरण की श्रृंखला में लगने वाले 3-4 इंजेक्शन प्राप्त करते हैं, तो यह वैक्सीन हेपेटाइटिस बी के खिलाफ 95% प्रभावी होती है।

वैक्सीन कम से कम 20 सालों तक संक्रमण के प्रति आपको सुरक्षा प्रदान करती है। हेपेटाइटिस ए और बी के लिए एक संयोजन वैक्सीन [ट्विनरिक्स (Twinrix)] भी उपलब्ध है।

कुछ लोगों के लिए टीकाकरण कराने की विशेष सलाह दी जाती है। जैसे - स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े लोग, एक से अधिक लोगों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने वाले लोग और कुछ बीमारियों से ग्रस्त लोग।

हेपेटाइटिस बी का परीक्षण - Diagnosis of Hepatitis B in Hindi

हेपेटाइटिस बी के निम्ननलिखित परीक्षण किए जाते हैं -

  1. रक्त परिक्षण (Blood Test)
    आपके डॉक्टर रक्त परिक्षण के माध्यम से यह बता सकते हैं कि क्या आप हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त हैं या पहले कभी हुए थे। इससे यह जानकारी भी मिलती है कि आपने इसका टीकाकरण कराया है या नहीं।
     
  2. लिवर बायोप्सी (Liver biopsy)
    यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको हेपेटाइटिस बी से लिवर की क्षति हो सकती है, तो वह आपके जिगर के परीक्षण के लिए एक छोटे नमूने को निकालने के लिए सुई का उपयोग कर सकता है। इसे लिवर बायोप्सी कहा जाता है।
     
  3. हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन टेस्ट (Hepatitis B surface antigen test)
    हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन परीक्षण से यह पता चलता है कि यदि आप संक्रामक हैं या नहीं। इसके पोसिटिव परिणाम का अर्थ है कि आपको हैपेटाइटिस बी है और इसका वायरस फैल सकता है और नेगटिव परिणाम का मतलब है कि आपको वर्तमान में हेपेटाइटिस बी नहीं है। यह परीक्षण क्रोनिक और एक्यूट संक्रमण के बीच अंतर नहीं बताता है। यह परीक्षण हेपेटाइटिस बी संक्रमण की स्थिति निर्धारित करने के लिए अन्य हेपेटाइटिस बी परीक्षणों के साथ उपयोग किया जाता है।
     
  4. हेपेटाइटिस बी कोर एंटीजन टेस्ट (Hepatitis B core antigen test)
    हेपेटाइटिस बी कोर एंटीजन टेस्ट यह बताता है कि आप वर्तमान में हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं या नहीं। इसके पॉसिटिव परिणाम का अर्थ है कि आपको एक्यूट या क्रोनिक हैपेटाइटिस बी है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि आप एक्यूट हेपेटाइटिस बी से ठीक हो रहे हैं।
     
  5. हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीबॉडी परीक्षण (Hepatitis B surface antibody test)
    हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीबॉडी परीक्षण हेपेटाइटिस बी की प्रतिरक्षा के लिए जांच करता है। इसके पॉसिटिव परिणाम का अर्थ है कि आप हेपेटाइटिस बी के प्रति प्रतिरक्षित हैं। पॉसिटिव परीक्षण के दो संभावित कारण हो सकते हैं - पहला कि आपको टीका लगा है और दूसरा आप एक्यूट हेपेटाइटिस बी संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और अब संक्रमित नहीं हैं।

हेपेटाइटिस बी का इलाज - Hepatitis B Treatment in Hindi

एक्यूट हेपेटाइटिस बी का उपचार कैसे करें?

इस उपचार को किसी ऐसी सुई लगने के 7 दिनों के भीतर और यौन संपर्क के बाद 2 सप्ताह के भीतर प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, जो आपको वायरस से ग्रस्त करा सकते हैं। जितनी जल्दी आप उपचार प्राप्त करते हैं, उतनी ही बेहतर तरह से यह अपना कार्य करता है।
यदि आपको एक्यूट संक्रमण के लक्षण हैं, तो एंटीवायरल दवा के साथ इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। घर पर ही उपचार किया जा सकता है - जैसे कि अच्छी तरह से खाना, बहुत सारे तरल पदार्थ का उपभोग करना, और शराब और नशीली दवाओं से बचना।

कुछ मामलों में, आपको एक्यूट संक्रमण का इलाज करने के लिए दवा दी जा सकती है। लेकिन आमतौर पर दवा का उपयोग तब तक नहीं किया जाता है जब तक कि व्यक्ति बहुत अधिक बीमार न हो।  

क्रोनिक हेपेटाइटिस बी का इलाज
उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि वायरस आपके शरीर में कितना सक्रिय है और लिवर की क्षति की संभावना कितनी है। उपचार का लक्ष्य वायरस को गुणन न करने देकर जिगर की क्षति को रोकना है। यदि वायरस सक्रिय है और आप लिवर क्षति के जोखिम पर हैं तो एंटीवायरल दवाओं का उपयोग किया जाता है। यह वायरस की गुणन क्षमता को धीमा कर देती हैं।

क्रोनिक हैपेटाइटिस बी से ग्रस्त हर व्यक्ति को एंटीवायरल उपचार नहीं दिया जाता है।

अगर आप हेपेटाइटिस बी के शिकार हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह करें। उनसे सलाह किये बिना कोई दवा न लें और स्वयं कोई उपचार न करें।

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी में परहेज)

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हेपेटाइटिस बी के नुकसान - Hepatitis B Complications in Hindi

हेपेटाइटिस बी से होने वाली अन्य बीमारियां कौन सी हैं?

क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण होने से गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे -

  1. लीवर के निशान (सिरोसिस) - हेपेटाइटिस बी संक्रमण से होने वाली सूजन के कारण लीवर पर निशान हो सकते हैं, जो काम करने की जिगर की क्षमता को कम कर सकता है।
  2. लीवर कैंसर - क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण वाले लोगों को लीवर के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  3. लीवर की विफलता - एक्यूट लीवर विफलता ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर महत्वपूर्ण कार्य करना बंद कर देता है। जब ऐसा होता है, जीवन को बनाए रखने के लिए लीवर का प्रत्यारोपण आवश्यक होता है।
  4. अन्य परिस्थितियां - क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त लोगों को गुर्दे की बीमारी और रक्त वाहिकाओं की सूजन या एनीमिया हो सकते हैं।

हेपेटाइटिस-बी कैसे फैलता है? - How does Hepatitis B spread in Hindi?

हेपेटाइटिस-बी तब फैलता है जब हेपेटाइटिस-बी वायरस से संक्रमित खून, वीर्य या शरीर के अन्य द्रव्य किसी संक्रमित व्यक्ति से किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में एंट्री करते हैं.  इसके अलावा लोग इस तरह से इस वायरस से इन्फेक्टेड हो सकते हैं.

  • जन्म (जन्म के दौरान संक्रमित मां से उसके बच्चे में फैल सकता है)
  • इन्फेक्टेड साथी के साथ सेक्स
  • एक संक्रमित व्यक्ति के साथ टूथब्रश, रेजर या चिकित्सा उपकरण (जैसे ग्लूकोज मॉनिटर) जैसी वस्तुओं को साझा करना
  • किसी संक्रमित व्यक्ति के खून या खुले घावों से सीधा संपर्क होने पर
  • सुई या अन्य नुकीले उपकरणों के जरिए संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से

हेपेटाइटिस-बी, खाने का बर्तन साझा करने, स्तनपान, गले, चुंबन, हाथ पकड़ने, खांसी या छींकने, भोजन या पानी के जरिए नहीं फैलता.

हेपेटाइटिस बी ठीक होता है कि नहीं? - Is Hepatitis B curable or not in Hindi?

हेपेटाइटिस बी का जड़ से इलाज (cure) नहीं है, लेकिन चल रहे शोध में शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए डीएनए तकनीक के उपयोग की तलाश की जा रही है। विशेषज्ञ शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करके वायरस को मारने के तरीकों पर भी काम कर रहे हैं। लेकिन आम रूप से इस्तेमाल किये जाने से पहले इन संभावित इलाजों पर अधिक बड़े, दीर्घकालिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।

हालांकि हेपेटाइटिस बी का कोई जड़ से इलाज नहीं है, लेकिन ऐसे कई उपचार हैं जो हेपेटाइटिस बी के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।

हेपेटाइटिस बी या तो एक्यूट या क्रोनिक हो सकता है:

  • एक्यूट हेपेटाइटिस बी थोड़े समय के लिए रहता है।
  • क्रोनिक हेपेटाइटिस बी कम से कम छह महीने तक रहता है। इस प्रकार के हेपेटाइटिस वाले लोगों में हेपेटाइटिस बी वायरस आजीवन रह सकता है।

तीव्र हेपेटाइटिस बी वाले अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। कुछ कभी कोई लक्षण भी नहीं दिखा सकते हैं। लेकिन क्रोनिक हेपेटाइटिस बी वाले लोगों को स्थिति को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए अक्सर उपचार की आवश्यकता होती है।

हेपेटाइटिस-बी होने पर आपके शरीर में क्या होता है? - What happens to your body when you have hepatitis B in Hindi?

हेपेटाइटिस-बी लिवर का एक गंभीर इन्फ़ेक्शन है जो लिवर की सूजन का कारण बनता है. इससे लीवर खराब भी हो सकता है. हेपेटाइटिस-बी जिसे एचबीवी (HBV) और हेप-बी भी (Hep B) कहा जाता है कभी कभी सिरोसिस, लीवर कैंसर और यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है.

हेपेटाइटिस-बी आपको कैसा महसूस कराता है? - How does hepatitis B make you feel in Hindi?

हेपेटाइटिस-बी के लक्षण हल्के से लेकर काफी गंभीर तक हो सकते हैं. वे जल्द से जल्द दो हफ्ते के भीतर दिखाई पड़ सकते हैं. आमतौर पर संक्रमित होने के लगभग एक से चार महीने बाद दिखाई देते हैं. कुछ लोगों और आमतौर पर छोटे बच्चों में कोई लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं. 

हेपेटाइटिस-बी में ये संकेत और लक्षण शामिल हो सकते हैं -

  • पेट में दर्द रहना 
  • गहरा मूत्र आना 
  • बुखार होना 
  • जोड़ों का दर्द
  • भूख में कमी
  • जी मिचलाना और उल्टी आना 
  • कमजोरी और थकान
  • त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का सफेद होना (पीलिया)


संदर्भ

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हेपेटाइटिस बी के डॉक्टर

Dr. Paramjeet Singh. Dr. Paramjeet Singh. गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
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हेपेटाइटिस बी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Hepatitis B in Hindi

हेपेटाइटिस बी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

हेपेटाइटिस बी पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मैं 5 महीने की गर्भवती हूं। मैंने बच्चों में जन्म से संबंधित सभी तरह की खतरनाक बीमारियों के बारे में पढ़ा है। मैं हेपेटाइटिस बी की बीमारी को लेकर काफी चिंतित हूं। मैंने इसका इलाज देखा है जो मुझे बहुत पुराना और डरावना लग रहा है। मैं जानना चाहती हूं की हेपेटाइटिस की समस्या के लिए सबसे आधुनिक उपचार कौन-सा है?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या रही है तो आपके बच्चे में भी हेपेटाइटिस बी का खतरा हो सकता है। अब डाइट के जरिए भी इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है या काफी हद तक इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

 

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरे भाई का हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव आया है लेकिन उसमें इसके किसी तरह के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। क्या इसे ठीक किया जा सकता सकता है? क्या कोई संभावना है कि यह प्रॉब्लम ठीक हो जाए?

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

हेपेटाइटिस बी के ठीक होने की संभावना बहुत कम होती है। शुरुआती चरणों में इसे ठीक करने के लिए ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है या नहीं, लेकिन यह आपके शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित नहीं करता है।

 

सवाल लगभग 5 साल पहले

मैं हेयर ट्रांसप्लांट करवाने डॉक्टर के पास गई थी। उन्होंने मेरा ब्लड टेस्ट किया और मुझे बताया कि मुझे हेपेटाइटिस बी की समस्या है। कृपया मुझे बताएं कि मैं इसके लिए क्या करूं? क्या मैं अपने बालों की सर्जरी करवा सकती हूं?

Dr. Manju Shekhawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

इस समय आप किसी भी तरह की सर्जरी न करवाएं। आप हेपेटाइटिस बी के लिए 3 महीने तक दिन में एक बार एक टैबलेट liv 52 HB (Himalya) की लें। इसी के साथ आप तीखा, तैलीय, फास्ट फूड, मांसाहारी और प्रोसेस्ड फूड जैसे चिप्स खाने से बचें। आप 3 महीने के बाद, अपना हेपेटाइटिस बी टेस्ट एचबीएसएजी करवा लें और रिपोर्ट के साथ डॉक्टर से मिलें।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी शादी को 3 महीने हो चुके हैं। मेरी पत्नी को हेपेटाइटिस बी है जिसका लेवल 12.48 है, उसके परिवार में यह जेनेटिक प्रॉब्लम है। मैं अभी इससे संक्रमित नहीं हूं, मैं खुद को इससे कैसे बचा सकता हूं?

Dr. Kumawat Vijay Kumar MBBS , सामान्य चिकित्सा

संभोग के दौरान आप कंडोम का इस्तेमाल करें। डॉक्टर की सलाह पर आप इसके लिए वैक्सीन भी लगवा सकते हैं।