दिल की कमजोरी (कार्डियोमायोपैथी) - Cardiomyopathy in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

August 17, 2018

December 20, 2023

दिल की कमजोरी
दिल की कमजोरी

दिल की कमजोरी​ (कार्डियोमायोपैथी) क्या है?

कार्डियोमायोपैथी दिल की मांसपेशियों का रोग है जिससे वो हमारे पूरे शरीर में खून नहीं पहुंचा पाती। कार्डियोमायोपैथी से दिल का दौरा पड़ सकता है। इसे सरल भाषा में दिल की कमजोरी कहा जाता है। 

ये मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है - "डाइलेटेड" (dilated), "हाईपरट्रोफिक" (hypertrophic) और "रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी" (restrictive cardiomyopathy)। इसका इलाज दवाइयों से, सर्जरी से शरीर में डाले जाने वाले यंत्र और बहुत ही गंभीर समस्या में हृदय प्रत्यारोपण करने से किया जाता है। हृदय प्रत्यारोपण निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का कार्डिमायोपैथी है और ये कितना गंभीर है।

(और पढ़ें - दिल की बीमारी

कार्डियोमायोपैथी के प्रकार - Types of Cardiomyopathy in Hindi

कार्डियोमायोपैथी कितने प्रकार की होती है?

कार्डियोमायोपैथी के प्रकार:

  • डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी (Dilated cardiomyopathy) -
    इस प्रकार की कार्डियोमायोपैथी में हृदय का "लेफ्ट वेंट्रिकल" आकार में बड़ा हो जाता है और ढंग से रक्त संचारित नहीं कर पाता। 

    ये विकार किसी को भी हो सकता है परन्तु ये मुख्य रूप से मध्यम-आयु वर्ग के लोगों में होता है। ये रोग पुरुषों को होने कि ज़्यादा संभावना है। डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी का सबसे सामान्य कारण दिल का दौरा पड़ना है या कोरोनरी धमनी की बीमारी। 
     
  • हाइपरट्रोफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic cardiomyopathy) -
    इस प्रकार की कार्डियोमायोपैथी में आपके हृदय की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं जिससे आपके हृदय के मुख्य रक्त संचारित करने वाला केंद्र (लेफ्ट वेंट्रिकल) पर प्रभाव पड़ता है। हृदय की मांसपेशियां मोटी हो जाने से वो अपना काम ढंग से नहीं कर पाता। 

    हाइपरट्रोफिक कार्डियोमायोपैथी किसी भी उम्र में हो सकती है परन्तु ये अवस्था अगर बचपन में आ जाए तो बहुत गंभीर समस्या बन जाती है। बहुत सारे रोगियों में ये समस्या पारिवारिक होती है और कुछ जेनेटिक म्यूटेशन से भी हाइपरट्रोफिक कार्डियोमायोपैथी हो सकती है। 
     
  • रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) -
    इस प्रकार की कार्डियोमायोपैथी में मांसपेशियां सामान्य नहीं रहती और अकड़ जाती हैं। इस वजह से मांसपेशियां फैल नहीं पाती और दिल की धड़कनों के बीच जो समय होता है उस में इन मांसपेशियों में रक्त नहीं भर पाता। ये प्रकार बहुत ही कम लोगों में देखने को मिलता है परन्तु ये ज़्यादातर बुज़ुर्गों में होनी वाली समस्या है। 

    रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी बिना किसी वजह भी हो सकती है या अगर शरीर में कहीं और कोई बीमारी हो जिससे हृदय पर प्रभाव पड़ता हो जैसे हृदय की मांसपेशियों में आयरन इकठ्ठा हो जाना, इस वजह से भी रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी हो सकती है। 
     
  • अरिथमोजेनिक राइट वेंट्रिकुलर डिस्प्लासिआ (Arrhythmogenic right ventricular dysplasia)-
    इस प्रकार की कार्डियोमायोपैथी बहुत ही कम होती है। हृदय के निचली भाग में राइट वेंट्रिकल की मांसपेशियां "स्कार टिशु" (किसी चोट के लगने के बाद घाव पर त्वचा की परत) से बदल जाती हैं। इस वजह से दिल ढंग से नहीं धड़कता। ये बीमारी जेनेटिक म्यूटेशन के कारण होती है। 
     
  • अनक्लास्सिफ़ाइड कार्डियोमायोपैथी (Unclassified cardiomyopathy)-
    अन्य प्रकार की कार्डियोमायोपैथी इस श्रेणी में आती है। 

दिल की कमजोरी​ (कार्डियोमायोपैथी) के लक्षण - Cardiomyopathy Symptoms in Hindi

दिल कमजोर होने के लक्षण क्या हैं?

कार्डियोमायोपैथी के शुरूआती चरण में लक्षण दिखना ज़रूरी नहीं हैं। पर जैसे-जैसे समस्या गंभीर होती जाती है, वैसे लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। दिल की कमजोरी के लक्षण निम्नलिखित हैं:

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दिल की कमजोरी के कारण - Cardiomyopathy Causes in Hindi

दिल कमजोर क्यों होता है?

अक्सर दिल की कमजोरी का कारण पता नहीं चल पाता। कुछ लोगों में ये किसी और समस्या के कारण हो सकता है या अपने माता-पिता से बच्चों में आया होता है। 

निम्नलिखित कार्डियोमायोपैथी करने के लिए योगदान देने वाले कारक हैं:

  • बहुत समय से हाई बीपी की समस्या होना 
  • दिल का दौरा पड़ने से हृदय की कोशिकाओं का नाश होना 
  • ज़्यादा समय तक दिल की धड़कन तेज़ रहना 
  • हृदय वाल्व से संबंधित समस्याएं 
  • पाचन से संबंधित परेशानियां जैसे मोटापा, थायरॉइड और डायबिटीज 
  • शरीर में ज़रूरी विटामिन और मिनरल की कमी होना जैसे विटामिन बी1 
  • गर्भावस्था के दौरान परेशानियां 
  • बहुत सालों से शराब का बहुत ज़्यादा सेवन करना 
  • कोकीन, "एम्फेटामाइन" (मानसिक रोग में दी जाने वाली दवाइयां, इन्हे डॉक्टर के कहे बिना बिलकुल नहीं लिया जाना चाहिए) या "एनाबोलिक स्टेरॉइड्स" (पाचन ठीक करने के लिए ली जाने वाली दवाइयां )
  • कैंसर ठीक करने के लिए ली जाने वाली कीमोथेरेपी दवाइयां और रेडिएशन 
  • इन्फेक्शन जिनसे हृदय में जलन महसूस हो 
  • हृदय की मांसपेशियों में आयरन जमा हो जाना, जिसे हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) कहते हैं
  • हृदय और अन्य अंगों में जलन महसूस होना और ऊतकों के गुच्छे बढ़ते जाना (सारकॉइडोसिस; sarcoidosis)
  • असामान्य प्रोटीन्स का बढ़ते जाना, जिसे एमालोयडोसिस (Amyloidosis) कहा जाता है
  • संयोजी ऊतक विकार (Connective tissue disorders)

दिल कमजोर होने की आशंका किन वजहों से बढ़ जाती है?

निम्नलिखित चीज़ें कार्डियोमायोपैथी होने के जोखिम को बढ़ा देती हैं। जैसे:

  • अगर परिवार में किसी को ये बीमारी हुई हो तो 
  • बहुत समय से हाई बीपी हो 
  • हृदय को नुकसान पहुँचाने वाले कारक जैसे पहले आया हुआ दिल का दौरा, धमनी की बीमारी या हृदय में कोई संक्रमण
  • मोटापा, जिससे दिल के करने वाले काम मुश्किल हो जाते हैं (और पढ़ें - मोटापा घटाने के उपाय)
  • बहुत समय से शराब की लत 
  • ड्रग्स का सेवन करना, जैसे कोकीन, एम्फेटामिन और एनाबोलिक स्टेरॉइड्स 
  • कुछ कीमोथेरेपी वाली दवाइयां और कैंसर के लिए रेडिएशन थेरेपी 
  • डायबिटीज, थायरॉइड ग्लैंड का कम या ज़्यादा अच्छे से काम करना या एक ऐसा विकार जिस से शरीर में आयरन अधिक मात्रा में एकत्रित होना शुरू हो जाता है। (और पढ़ें - थायराइड डाइट चार्ट)
  • हृदय से संबंधित अन्य विकार जैसे असामान्य प्रोटीन्स का बढ़ते जाना (एमीलॉइडोसिस), हृदय और अन्य अंगों में जलन महसूस होना और ऊतकों के गुच्छे बढ़ते जाना (सारकॉइडोसिस) या संयोजी ऊतक विकार (connective tissue disorders)

दिल कमजोर होने से बचाव - Prevention of Cardiomyopathy in Hindi

कार्डियोमायोपैथी से कैसे बचें?

बहुत सारे मामलों में कार्डियोमायोपैथी से बचा नहीं जा सकता। अगर आपके परिवार में ये समस्या पहले से किसी को है तो अपने डॉक्टर को उसके बारे में बताएं। 

आप दिल की कमजोरी और अन्य हृदय के रोगों की होने की संभावनाएं कम कर सकते हैं एक स्वस्थ जीवनशैली चुनकर। आप निम्नलिखित चीज़ें अपनी दिनचर्या में कर सकते हैं:

दिल की कमजोरी की जांच - Diagnosis of Cardiomyopathy in Hindi

कार्डियोमायोपैथी का परीक्षण कैसे किया जाता है?

आपके डॉक्टर आपकी शारीरिक जांच करेंगे, आपकी और आपके परिवार की चिकित्सकीय स्थिति जांचेंगे और आपसे पूछेंगे कि आपको दिल कमजोर होने के लक्षण कब दिखते हैं? जैसे, अगर आपको व्यायाम करने पर लक्षण दिखते हैं तो अपने डॉक्टर को बताएं। अगर आपके डॉक्टर को लगता है की आपको कार्डियोमायोपैथी है तो वो आपके निम्नलिखित टेस्ट करेंगे:

  • छाती का एक्स रे -
    छाती का एक्स रे लेने पर पता चलता है कि आपके हृदय का आकार बढ़ा है या नहीं। 
     
  • ईकोकार्डिओग्राम (Echocardiogram) -
    ईकोकार्डिओग्राम ध्वनि की तरंगे भेजता है जो दिल से टकरा कर उसकी छवि बनाती हैं। उससे दिल का आकार और बाकी गतिविधियों के बारे में पता चलता है। ये टेस्ट आपके हृदय की वाल्व को जांचता है और आपके लक्षणों का कारण ढूंढ़ता है। 
     
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी; Electrocardiogram)-
    इस टेस्ट में कोई यंत्र आपके शरीर में नहीं डाले जाते, डॉक्टर आपके शरीर पर इलेक्ट्रोड पैच लगाते हैं जिससे आपके हृदय से निकलने वाली इलेक्ट्रिकल किरणों का पता चलता है। ईसीजी से पता चलता है कि आपके हृदय की इलेक्ट्रिकल गतिविधियों में कुछ असामान्यता है या नहीं। ईसीजी से आपकी असामान्य दिल की धड़कनो का और अगर किसी हिस्से में चोट लगी है तो उसका पता चल जाता है। 
     
  • ट्रेडमिल स्ट्रेस टेस्ट-
    जब आप ट्रेडमिल पर चलते हैं तो आपकी दिल की धड़कनें, बीपी और सांस लेने की गति जाँची जाती है। आपके डॉक्टर लक्षण देखने के लिए, आपकी व्यायाम करने की क्षमता देखने के लिए और ये देखने के लिए कि व्यायाम करने से आपकी दिल की धड़कनें असामान्य तो नहीं होती, डॉक्टर ये टेस्ट करा सकते हैं। (और पढ़ें - एक्सरसाइज के फायदे)
  • कार्डिआक कैथेटराईज़ेशन (Cardiac catheterization)-
    जांघ और पेट के बीच के हिस्से में एक पतली नली (catheter) डाल कर उसे रक्त वाहिकाओं के बीच में से हृदय तक लाया जाता है। डॉक्टर आपके हृदय में से मांस का छोटा सा टुकड़ा जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज सकते हैं (बायोप्सी)। डॉक्टर आपके हृदय के 4 क्षेत्रों के बीच पड़ रहे ज़ोर की जांच कर सकते हैं जिससे पता चल पाए की आपका दिल कितनी तेज़ी से खून बाकी शरीर में भेज रहा है। 

    डॉक्टर आपकी रक्त वाहिकाओं में डाई दाल सकते हैं जिससे उनका चित्र एक्स रे में दिख जाए (कोरोनरी एंजियोग्राफी)। ये टेस्ट इसलिए किया जाता है ताकि पता चल पाए कि आपकी रक्त वाहिकाओं में कोई रूकावट तो नहीं है। 
     
  • कार्डिअाक एमआरआई-
    इस टेस्ट में मैग्नेटिक फ़ील्ड्स और रेडियो किरणों का प्रयोग करके आपके हृदय का चित्र बनाया जाता है। अगर ईकोकार्डियोग्राम से मिलने वाले चित्र परीक्षण में ज़्यादा सहायता नहीं कर पा रहे हैं तो आपके डॉक्टर ईकोकार्डियोग्राफी के साथ-साथ एमआरआई भी कर सकते हैं। 
     
  • कार्डिअासीटी स्कैन-
    आपको एक डोनट के आकार की मशीन में लेटा दिया जाता है। मशीन के अंदर उपस्थित एक एक्स रे ट्यूब आपके शरीर के आस-पास घूमके आपके दिल और छाती की तस्वीरें एकत्रित करती है। इससे आपके दिल के आकार और हार्ट वाल्व को जांचा जाता है। 

     
  • ब्लड टेस्ट -
    कार्डियोमायोपैथी का इलाज करने के लिए कई ब्लड टेस्ट किये जाते हैं। वो ब्लड टेस्ट आपकी किडनी, थायरॉइड और लिवर को जांचने के लिए किये जाते हैं। 

    एक ब्लड टेस्ट "बी-टाइप नेटरीयुरेटिक पेप्टाइड" (B-type natriuretic peptide; BNP) को नाप सकता है, ये एक ऐसा
    प्रोटीन है जो आपके दिल में बनता है। बीएनपी की मात्रा रक्त में ज़्यादा हो सकती है जब आपको दिल का दौरा पड़ने वाला हो जो कि कार्डियोमायोपैथी की एक सामान्य जटिलता है।

     
  • जेनेटिक टेस्टिंग या स्क्रीनिंग-
    कार्डियोमायोपैथी माता-पिता से भी बच्चों में आ सकती है। जेनेटिक टेस्टिंग के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें। वो आपके माता-पिता, भाई-बहन और बच्चों की जेनेटिक टेस्टिंग करके इस बीमारी का पता लगा सकते हैं।

दिल की कमजोरी का इलाज - Cardiomyopathy Treatment in Hindi

दिल की कमजोरी कार्डियोमायोपैथी का उपचार क्या है?

कार्डियोमायोपैथी का इलाज आपके शरीर में दिख रहे लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है। ये आपकी हालत को और ख़राब होने से बचाता है और जटिलताओं के होने की संभावना को कम करता है। इसका उपचार आपके कार्डियोमायोपैथी के प्रकार पर निर्भर करता है। 

1. दवाइयां -

आपके डॉक्टर आपके दिल की रक्त पम्प करने के क्षमता को बढ़ाने के लिए, रक्त के प्रवाह को ठीक करने के लिए, बीपी कम करने के लिए, दिल की धड़कनो को सामान्य करने के लिए, शरीर में बढ़ रही तरल पदार्थ बाहर निकालने के लिए और खून का थक्का जमने के लिए दवाइयां देते हैं। 

इन दवाइयों से होने वाली अन्य परेशानियों के बारे में एक बार अपने डॉक्टर से बात कर लें। 

2. बिना सर्जरी किये जाने वाले उपचार -

कार्डियोमायोपैथी को बिना सर्जरी से ठीक करने वाले उपचार हैं:

  • "सेप्टल अबलेशन" (Septal ablation)-
    हृदय की फूली हुई मांसपेशियों के एक छोटे से हिस्से में आर्टरी द्वारा कैथिटर से अल्कोहल डाला जाता है जिससे उसका नाश हो जाये। ऐसा करने से हृदय के उस हिस्से में रक्त का बहाव शुरू हो जाता है। 
     
  • "रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन" (Radiofrequency ablation)-
    असामान्य दिल की धड़कनो को ठीक करने के लिए डॉक्टर आपकी रक्त वाहिकाओं में से आपके हृदय तक कैथिटर डालते हैं। कैथिटर पर लगे इलेक्ट्रोड असामन्य दिल की धड़कन करने वाली कोशिकाओं का नाश करते हैं। 

3. सर्जरी -

  • "सेप्टल मयेक्टोमी" (Septal myectomy)-
    ये एक "ओपन-हार्ट सर्जरी" होती है। इसमें आपके डॉक्टर हृदय के निचले क्षेत्रों (वेंट्रिकल) को अलग करने वाली फूली हुई मांसपेशी (सेप्टम) को निकाल देते हैं। ऐसा करने से रक्त का बहाव पहले से ज़्यादा ठीक हो जाता है और वाल्व के तेज़ी से बंद होने पर रक्त पिछली तरफ भी नहीं बेहता। 
     
  • हृदय प्रत्यारोपण (Heart transplant)-
    अगर आपका हार्ट फेल होने की अंतिम स्थिति में हो और कोई उपचार असरदार नहीं हो तो डॉक्टर आपका हृदय प्रत्यारोपण क्र देते हैं। 

4. सर्जरी द्वारा शरीर में डाले जाने वाले यंत्र -

कई तरह के यंत्र शरीर में डाले जा सकते हैं उसकी गति-विधिओं को सुधारने के लिए और कार्डियोमायोपैथी के लक्षण ठीक करने के लिए। 

  • "इम्प्लांटेबल कार्डिओवरटर-डीफिब्रीलेटर" (ICD; Implantable cardioverter-defibrillator
    ये यंत्र आपकी दिल की धड़कनों को देखता है और धड़कन असामान्य होने पर एलेट्रिक झटके देता है। आईसीडी कार्डियोमायोपैथी का उपचार नहीं करता परन्तु असामान्य दिल की धड़कनो का विशेष ध्यान रखता है जो इस बीमारी की मुख्य जटिलता है। 
     
  • "वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस" (वीएडी)
    ये आपके दिल के अंदर रक्त का संचरण करता है। जब सामान्य उपचार काम ना करें तब वीएडी की ज़रुरत पड़ती है। हृदय प्रत्यारोपण करने तक वीएडी इस्तेमाल किया जाता है। 
     
  • पेसमेकर -
    इस छोटे से यंत्र को छाती या पेट की त्वचा के नीचे रखा जाता है। ये इलेक्ट्रिकल इम्पल्स भेजके "अररदमियस" पर काबू करती है। 

कार्डियोमायोपैथी की जटिलताएं - Cardiomyopathy Complications in Hindi

दिल कमजोर होने से अन्य क्या परेशानियां हो सकती हैं?

  • दिल का दौरा पड़ना -
    आपके शरीर की ज़रुरत के हिसाब से आपका दिल खून पम्प नहीं क्र पा रहा है। अगर इसका इलाज ना कराया जाए तो दिल का दौरा जोखिम भरा हो सकता है। (और पढ़ें - हार्ट अटैक होने पर क्या करें)
     
  • वाल्व की समस्या -
    कार्डियोमायोपैथी के कारण आपका हृदय आकार में बड़ा हो जाता है जिसकी वजह से हार्ट वाल्व ढंग से बंद नहीं हो पाते। इस कारण खून का बहाव पिछली तरफ हो जाता है। 
     
  • खून के थक्के -
    आपके दिल के खून ढंग से पम्प ना कर पाने के कारण, आपके दिल में खून के थक्के बन सकते हैं। अगर ये थक्के आपकी रक्तधारा में आ जाएं तो ये आपके रक्त के बहाव को अन्य अंगों जैसे दिमाग और हृदय में जाने से रोक सकते हैं। 
     
  • कार्डियाक अरेस्ट होने के कारण मृत्यु हो जाना-
    कार्डियोमायोपैथी के कारण दिल के धड़कने असामान्य हो सकती हैं। इससे बेहोशी आ सकती है और दिल ढंग से ना धड़कने से कुछ मामलों में अचानक मृत्यु हो सकती है। 


संदर्भ

  1. American Heart Association, American Stroke Association [internet]: Texas, USA AHA: What Is Cardiomyopathy in Adults?
  2. National Heart, Lung and Blood Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Cardiomyopathy
  3. Sisakian H. Cardiomyopathies: Evolution of pathogenesis concepts and potential for new therapies. Published online 2014 Jun 26. PMID: 24976920
  4. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Other Related Conditions - Cardiomyopathy
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Cardiomyopathy

दिल की कमजोरी (कार्डियोमायोपैथी) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Cardiomyopathy in Hindi

दिल की कमजोरी (कार्डियोमायोपैथी) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।