भूमिका
कैंसर कई रोगों का एक समूह है, जिसमें कोशिकाएं असाधारण रूप से बढ़ने लग जाती हैं। ये कोशिकाएं बढ़ कर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं, जो असाधारण रूप से बढ़ी हुई चर्बी की एक गांठ होती है।
कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। इसमें प्रभावित कोशिकाएं विभाजित होती रहती हैं या फिर फैलने लगती है। इसके परिणामस्वरूप ट्यूमर बढ़ने लगता है या फिर कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है।
कैंसर में होने वाले ट्यूमर आमतौर पर दो प्रकार के होते, जिन्हें बिनाइन और मालिग्नैंट के नाम से जाना जाता है। बिनाइन ट्यूमर शरीर के एक से दूसरे हिस्से में नहीं फैलते है, जबकि मालिग्नैंट फैलने लग जाते हैं।
कैंसर के भिन्न प्रकारों के साथ इनके अंदरूनी कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, सबसे आम प्रकार के कैंसरों के कारणों में मुख्यत: से अनुवांशिक रूप से होने वाले असाधारण बदलाव, तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन, कम फाइबर वाले भोजन, केमिकल रेडिएशन के संपर्क में आना और अन्य कई कारण हो सकते हैं।
कैंसर का पता लगाने के लिए सबसे पहले शारीरिक परीक्षण किया जाता है, इसके बाद एक्स रे, सीटी स्कैन, एमआरआई और पीईटी स्कैन आदि भी किए जा सकते हैं।
कैंसर के कारणों व जोखिम कारकों से बच कर काफी हद तक कैंसर होने से रोकथाम की जा सकती है।
कैंसर का उपचार करने के लिए कई इलाज प्रक्रियाएं की जा सकती हैं, जिनमें मुख्य रूप से कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और कई सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हैं। यदि कैंसर का पता शुरुआती चरणों में लगा लिया गया है अर्थात् कैंसर गंभीर नहीं हो पाया है, तो इलाज की मदद से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
हालांकि, हर बार इसे पूरी तरह से ठीक करना संभव भी नहीं होता है। ऐसे में इलाज प्रक्रियाओं की मदद से कैंसर के गंभीर होने और अन्य जटिलताएं होने से रोकने के लिए किया जाता है।