कैंसर का पता चलने से पहले आपको कई तरह की दिकक्तें होने लगती हैं जिसमे मूत्राशय और आंत की क्रियाओं में बदलाव आना, गले की खराश ठीक न होना, असामान्य ब्लीडिंग या डिस्चार्ज होना, शरीर का कोई हिस्सा मोटा या ब्रेस्ट या कही पर गांठ का बनना शामिल है।
कैंसर से संबंधित एनीमिया के कारण निम्न हैं:
कीमोथेरेपी-प्रेरित एनीमिया: कुछ कैंसर से संबंधित साइटोकिन्स का उच्च स्तर बोन मैरो द्वारा लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को धीमा कर सकता है।
डाइट में बदलाव: कैंसर की वजह से भूख कम लगती है जिसके कारण शरीर में पोषण संबंधी कमियां हो सकती हैं जिस वजह से भी एनीमिया की प्रॉब्लम होती है।
धूम्रपान से आपके शरीर के कई हिस्सों में कैंसर हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलो में, मुख्य रूप से स्मोकिंग फेफड़ो के कैंसर के लिए जिम्मेदार है।
जी हां, ऐसे कुछ कैंसर होते हैं जिनका पता शुरुआती चरण में नहीं लगाया जा सकता है जैसे ओवरी का कैंसर, इस कैंसर का पता सिर्फ इसके आखिरी स्टेज पर चलता है और तभी इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। अगर आपके परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर या ओवरी का कैंसर रहा हो तो इन कैंसर के होने की संभावना अधिक होती है।
ऐसे कोई भी तथ्य सामने नहीं आए हैं जिनसे आयुर्वेदा में ऐसी कोई प्रक्रिया हो जिससे कैंसर को ठीक किया जा सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि आयुर्वेदा में इस्तेमाल किए गए कुछ दृष्टिकोण कॉम्प्लिमेंट्री थेरेपी की तरह ही लाभकारी हैं।
वर्तमान में कैंसर को ठीक करने का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, सफल और पूर्ण उपचार से कैंसर का इलाज किया जा सकता है, जिसका मतलब है कि इसके सभी लक्षण जा चुके हैं। कैंसर का जल्द पता लगाने और इसका इलाज कराने से इसके दोबारा होने का खतरा काफी कम हो सकता है।
कैंसर की शुरुआती स्टेज पर जांच करने के लिए बहुत सारे टेस्ट उपलब्ध हैं। उदहारण के लिए सर्वाइकल कैंसर के लिए पैप स्मीयर टेस्ट, ब्रेस्ट कैंसर के लिए साल में एक बार मैमोग्राफी से जांच की जाती है और प्रोस्टेट कैंसर के लिए सीरम पीएसए टेस्ट उपलब्ध है।
आप ऑन्कोलॉजिस्ट से मिले और उन्हें अपने अंकल की रिपोर्ट दिखाएं।
कैंसर आंख आने की प्रॉब्लम की तरह नहीं है, यह इस तरह नहीं फैलता है। आपके पति की वजह से आपको कैंसर नहीं हो सकता है और न ही आपकी वजह से उनको कैंसर प्रॉब्लम हो सकती है। कैंसर एक व्यक्ति के शरीर में ही रहता है, यह किसी दूसरे के शरीर को प्रभावित नहीं करता है।
कैंसर संक्रामक रोग नहीं है, यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। अगर किसी भी तरह का संबंध बनाते हैं तो आप केवल दूसरे तरह के वायरल संक्रमण का ध्यान रखें जैसे एचआईवी, एचबीएसएजी आदि। यह रोग संक्रामक होते है जो शारीरिक संबंध बनाने से फैल सकते हैं।
ब्लड कैंसर, एक प्रकार का कैंसर नहीं है। इसके कई प्रकार हैं और उनमे से हर एक को विभिन्न उप प्रकार और विभिन्न जोखिमों वाले ग्रुप में वर्गीकृत किया गया है। ब्लड कैंसर के लिए कोई एक दवा नहीं है, ऐसी कई तरह की दवाईयां (कीमोथेरेपी दवाईयां) हैं जो पहले से ही ब्लड कैंसर के लिए उपलब्ध हैं। हर प्रकार के कैंसर का इलाज कई सारी दवाईयों को मिलाकर किया जाता है। सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक विशेष दवा के लिए संदेश जारी होता है जिसका नाम ‘इमैटिनिब मेसीलेट’ है। यह एक तरह की दवा है जिसका इस्तेमाल विशेष स्थिति में किया जाता है।
ब्लड कैंसर की जांच और इलाज के लिए आप मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट या हेमाटोलॉजिस्ट से मिलें।