शरीर में जब कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं तो यह आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। कोशिकाओं का यह असामान्य विकास ही कैंसर कहलाता है। कैंसर शरीर के विभिन्न अंगों में हो सकता है जैसे कि स्तन फेफड़े, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय, प्रोस्टेट, मूत्राशय इत्यादि। कैंसर के विकास की तीव्रता और प्रसार के आधार पर इलाज का निर्धारण किया जाता है।
कैंसर से जुड़े आम जोखिम कारकों में तंबाकू और शराब का अत्यधिक सेवन, रसायनों के संपर्क में आना, संक्रमण और आनुवंशिकता (एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जीन ट्रांसफर होना) शामिल हैं। कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों में भूख में कमी, किसी गांठ का दिखना, मासिक धर्म के दौरान असामान्य रूप से रक्तस्राव (ब्लीडिंग), आंत के कार्यों में बदलाव और अस्पष्टीकृत वजन कम होना शामिल हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी की मदद ली जाती है।
होम्योपैथी, कैंसर की शुरुआती अवस्था में मदद कर सकती है। कैंसर के एडवांस और आखिरी स्टेज में, होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से दर्दनाक लक्षणों की तीव्रता को कम किया जा सकता है। इसके अलावा होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग कैंसर-रोधी दवाओं के साथ भी किया जा सकता है। कैंसर के उपचार में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली होम्योपैथिक दवाओं में से कुछ इस प्रकार है - आर्सेनिकम एल्बम, कैल्केरिया कार्बोनिकम, कॉन्डुरैंगो, कोनियम मैकुलैटम, हाइड्रैस्टिस कैनाडेंसिस, लैशेसिस, लाइकोपोडियम क्लैवेटम, साइटोलैक्का डेकेंड्रा और थूजा ऑसीडेंटिसिस।