वैरीकोसेल का इलाज कैसे करें?
हर परिस्थिति में वैरीकोसेल को ठीक करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन फिर भी कुछ ऐसी स्थितियां होती है जहां वैरीकोसेल का उपचार करने से पुरूषों की प्रजनन क्षमता में काफी सुधार हो सकता है। इसके अलावा कुछ तरीकों को अपनाकर पुरूष इस तरह की समस्या से होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं-
- अधिक शारीरिक गतिविधियों या लंबे समय तक खड़े होने के दौरान, सहायक परिधान (jockstrap) को पहनना ताकि दबाव न पड़े।
- ऐसी गतिविधियों से दूर रहना, जिनसे असुविधा हो।
- अपने डॉक्टर द्वारा सलाह के मुताबिक आप कभी-कभी दर्द को दूर करने वाली दवाओं जैसे कि इबुप्रोफेन (ibuprofen) या एसिटामिनोफेन (acetaminophen) ले सकते हैं।
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यदि ये उपचार पर्याप्त रूप से प्रभावी नहीं हों और आप अपनी प्रजनन क्षमता के बारे में चिंतित हो, तो आपको वैरीकोसेल के इलाज के लिए सर्जरी का विकल्प चुनना होगा।
वैरीकोसेल व व्यक्ति की प्रजनन क्षमता में होने वाली कमी का सीधा संबंध है। किसी भी व्यक्ति को वैरीकोसेल होने का मतलब यह नहीं है कि उसको किसी बच्चे को जन्म देने में परेशानी होगी। गौरतलब है कि यदि किसी व्यक्ति को वैरीकोसेल है लेकिन साथ में उसके सीमैन का स्तर भी अच्छा नहीं है तो जरूरी नहीं कि पुरुष की खराब प्रजनन क्षमता की वजह मात्र वैरीकोसेल है।
वैरीकोसेल का सर्जिकल उपचार
वैरीकोसेल को सही करने का सबसे आम तरीका सर्जरी का उपयोग कर नसों में सूजन से हुई सिकुड़न को दोबारा ठीक किया जाता है। अंडकोष में इन नसों को आसानी से पहचाना जा सकता है, लेकिन इस सर्जरी को रान के पास या अंडकोष के ऊपरी हिस्से में किया जा सकता है, क्योंकि इस हिस्से की कई नसों में बेहद कम जुड़ाव होता है। हाल ही में कुछ समय पहले मूत्र रोग विशेषज्ञों ने माइक्रोस्कोप की मदद से छोटी नसों के ऑपरेशन करना भी शुरू कर दिया है।
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लैप्रोस्कॉपी (छोटी सर्जरी) में रोगी को एन्सथीसिया देने के बाद जब वो बेहोश हो जाए तो उसकी नाभि के नीचे एक छोटे से हिस्से से बेहद पतली दूरबीन को शरीर के अंदर भेजा जाता है। इस तरह की प्रक्रिया में वैरीकोसेल को उन जगहों से दूर किया जाता है जहां पर यह प्रभावित नसें पेट के निचले हिस्स से नीचे अंडकोष की तरफ आती हैं।
किसी बड़ी नस के द्वारा वैरीकोसेल का इलाज
वैरीकोसेल को ठीक करने के लिए इस प्रक्रिया में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। इस विधि को ट्रांसवेनस (शिरा के माध्यम से) किया गया इलाज कहते हैं। इसमें इलाज से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्र में रक्त वाहिकाओं को देखने के लिए एक विशेष प्रकार की डाई को नसों में इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है। इसमें रेडियोलॉजिस्ट एक्स-रे का प्रयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में बेहद ही पतली ट्यूब (कैथेटर) का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कैथेटर को गले की नस (jugular vein) या जांघ की नस (femoral vein) से प्रभावित अंडकोष की नसों तक ले जाकर सुकड़ी हुई नसों को ठीक कर दिया जाता है।
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इस प्रक्रिया में रोगी को सही होने में बेहद कम समय लगता है। लेप्रोस्कोपिक व माईक्रोस्कोपी सर्जरी होने के बाद पुरूष सिर्फ दो दिनों में ही अपने सभी काम कर सकते हैं।
अगर किसी व्यक्ति को वैरीकोसेल होने पर भी कोई परेशानी ना हो और उसको प्रजनन क्षमता से भी जुड़ी कोई परेशानी न दिखाई दे तो उसको इलाज की आवश्यक नहीं होती है। लेकिन यदि इस समस्या में रोगी को असुविधा हो रही हो या प्रजनन क्षमता की समस्याएं चल रही हों, तो वैरीकोसेल को ठीक करना बेहद जरूरी हो जाता है। लोगों में प्रजनन क्षमता से जुड़ी परेशानी को दूर करने के लिए कई बार वैरीकोसेल का इलाज करना कामगार सिद्ध होता है।
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किशोर में वैरीकोसेल का होने पर इसके इलाज की सलाह तब दी जाती है, जब उसके अंडकोष की एक गांठ दूसरे से काफी छोटी हो या फिर उसको इसमें तेज दर्द हो रहा हो। इस स्थिति में किशोर सर्जरी का भी सहारा ले सकते हैं।
वैरीकोसेल को तेजी से दोबारा ठीक करने की प्रक्रिया में शामिल हैं:
- सूजनग्रस्त नसों को ठीक करने के लिए रान के पास से की जाने वाली छोटी सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का इस्तेमाल करना।
- इंबोलाईजेशन (embolisation) प्रक्रिया, जिसमें एक ट्यूब को रान व गले के माध्यम से प्रभावित नसों तक ले जाकर समस्यां को दूर किया जाता है।
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स्व-देखभाल के उपाय
अगर इस बिमारी की वजह से आपके अंडकोष में दर्द हो, तो इससे राहत पाने के लिए आप एथलेटिक सपोर्ट (जिसे आम भाषा में "सपोर्टर" कहा जाता है, और इसे आम तौर पर खिलाड़ी जरूर पहनते हैं) पहन सकते हैं, या दर्द निवारक दवा ले सकते हैं।