ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं और उनके टूटने की संभावना अधिक हो जाती है। यह हड्डियों को इतना कमज़ोर बना देता है कि हलके से झटके या गिरने से भी फ्रैक्चर हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस सम्बन्धी फ्रैक्चर ज़्यादातर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में होते हैं। इससे आम गतिविधियों के दौरान भी फ्रैक्चर हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस दोनों महिलाओं व पुरुषों को प्रभावित करता है लेकिन एशियाई महिलाओं (विशेषकर वह महिलाएं जिनका मासिक धर्म बंद हो चुका है) को यह होने की ज़्यादा संभावनाएं होती हैं।
भारत में ऑस्टियोपोरोसिस -
विशेषज्ञों के अनुसार भारत में लगभग 2.6 करोड़ (2003 के आंकड़े) लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं। एक अध्ययन के अनुसार, कम आय वाले समूहों में से 30-60 वर्ष की आयु की भारतीय महिलाओं में बीएमडी (हड्डियों की घनिष्ठता मापने की एक जाँच) बहुत कम है (विकसित देशों की तुलना में) जिसमें ऑस्टियोपोरोसिस (29%) की वजह अपर्याप्त पोषण मानी जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या के रूप में हृदय रोग के बाद दूसरे स्थान पर आता है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर आठ में से एक आदमी और हर तीन में से एक महिला ऑस्टियोपोरोसिस से प्रभावित हैं।