ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) - Osteoporosis in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

August 08, 2024

ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं और उनके टूटने की संभावना अधिक हो जाती है। यह हड्डियों को इतना कमज़ोर बना देता है कि हलके से झटके या गिरने से भी फ्रैक्चर हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस सम्बन्धी फ्रैक्चर ज़्यादातर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में होते हैं। इससे आम गतिविधियों के दौरान भी फ्रैक्चर हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस दोनों महिलाओं व पुरुषों को प्रभावित करता है लेकिन एशियाई महिलाओं (विशेषकर वह महिलाएं जिनका मासिक धर्म बंद हो चुका है) को यह होने की ज़्यादा संभावनाएं होती हैं।

भारत में ऑस्टियोपोरोसिस -
विशेषज्ञों के अनुसार भारत में लगभग 2.6 करोड़ (2003 के आंकड़े) लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं। एक अध्ययन के अनुसार, कम आय वाले समूहों में से 30-60 वर्ष की आयु की भारतीय महिलाओं में बीएमडी (हड्डियों की घनिष्ठता मापने की एक जाँच) बहुत कम है (विकसित देशों की तुलना में) जिसमें ऑस्टियोपोरोसिस (29%) की वजह अपर्याप्त पोषण मानी जाती है। 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या के रूप में हृदय रोग के बाद दूसरे स्थान पर आता है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर आठ में से एक आदमी और हर तीन में से एक महिला ऑस्टियोपोरोसिस से प्रभावित हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस के प्रकार - Types of Osteoporosis in Hindi

ऑस्टियोपोरोसिस के मुख्य चार प्रकार हैं -

  1. प्राथमिक ऑस्टियोपोरोसिस (Primary Osteoporosis)
    प्राथमिक ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोपोरोसिस का सबसे आम प्रकार है। यह सामान्य उम्र बढ़ने से सम्बंधित है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है। महिलाओं में, मासिक धर्म रुकने के बाद हड्डियां कमज़ोर होने लग जाती है और पुरुषों में लगभग 45 से 50 वर्ष की आयु से हड्डियों का पतलापन शुरू होता है।
     
  2.  माध्यमिक ऑस्टियोपोरोसिस (Secondary Osteoporosis)
    माध्यमिक ऑस्टियोपोरोसिस, कुछ मेडिकल स्थितियों जैसे हाइपरपेरायरायडिज्म, हाइपरथायरायडिज्म या ल्युकेमिआ के कारण होता है। यह हड्डी को कमज़ोर बनाने वाली दवाइयों को लेने से भी हो सकता है जैसे मौखिक या उच्च खुराक वाली कॉर्टिकोस्टेरॉइड (अगर 6 महीने से अधिक समय के लिए उपयोग की जाए), थायराइड प्रतिस्थापन या एरोमेटस इनहिबिटर (ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एक दवा) की बहुत अधिक खुराक। माध्यमिक ऑस्टियोपोरोसिस किसी भी उम्र में हो सकता है।
     
  3. ओस्टोजेनेसिस इम्पर्फेक्टा (Osteogenesis Imperfecta)
    ओस्टोजेनेसिस इम्पर्फेक्टा, ऑस्टियोपोरोसिस का एक दुर्लभ प्रकार है जो जन्म से उत्पन्न होता है। यह रोग किसी भी स्पष्ट कारण के बिना हड्डियों के टूटने का कारण बनता है जिससे बच्चों में बार बार फ्रैक्चर होते हैं।
     
  4.  इडियोपैथिक जुवेनाइल ऑस्टियोपोरोसिस (Idiopathic Juvenile Osteoporosis)
    इडियोपैथिक जुवेनाइल ऑस्टियोपोरोसिस एक दुर्लभ बीमारी है। यह 8 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों में होती है। इस प्रकार के ऑस्टियोपोरोसिस का कोई ज्ञात कारण नहीं है, जिसमें हड्डी का निर्माण बहुत कम होता है या हड्डियों में बहुत अधिक कमज़ोरी होती है। इस स्थिति में फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस के चरण - Stages of Osteoporosis in Hindi

  1. पहला चरण
    ऑस्टियोपोरोसिस का शुरुआती चरण 30 साल की उम्र से शुरू हो सकता है, लेकिन अक्सर इसमें ध्यान देने योग्य लक्षण या समस्याएं सामने नहीं आती हैं। यह वह स्थिति है जहाँ पुराणी हड्डियों का क्षरण और नयी हड्डियों का गठन एक ही दर पर होता है।
  2. दूसरा चरण
    पहले चरण की तरह, ऑस्टियोपोरोसिस का दूसरा चरण भी नोटिस करना काफी मुश्किल होता है। यह ज्यादातर 35 वर्ष की आयु के बाद होता है, हालांकि बाद में भी शुरू हो सकता है। यह तब होता है जब पुराणी और नई हड्डियों का संतुलन बिगड़ने लगता है। दूसरे चरण में, नई हड्डी का गठन होने से पुरानी हड्डी का टूटना ज़्यादा तेज़ दर पर होता है।
     
  3. तीसरा चरण
    इस चरण में पहली बार ऑस्टियोपोरोसिस के ध्यान देने योग्य लक्षण सामने आते हैं, जो आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के लोगों को प्रभावित करता है। इस चरण में हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं और आसानी से टूटने लगती हैं जो की एक स्वस्थ शरीर में नहीं होना चाहिए। अक्सर, इस चरण के दौरान ऑस्टियोपोरोसिस का निदान होता है।
     
  4. चौथा चरण
    इस चरण में हड्डियों में अधिक से अधिक फ्रैक्चर होते हैं। चौथे चरण के कुछ लक्षणों में निरंतर दर्द होते रहना शामिल है। चौथे चरण में विकलांगता और रीढ़ की विकृति भी आम हैं। 

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण - Osteoporosis Symptoms in Hindi

प्रारंभिक समय में ऑस्टियोपोरोसिस को पहचान पाना मुश्किल होता है। अक्सर लोगों को इसका पता नहीं चल पाता जब तक उन्हें कूल्हे, रीढ़ की हड्डी या कलाई में फ्रैक्चर नहीं होता।

हालाँकि कुछ लक्षणों से हड्डियों की कमज़ोरी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जैसे -

  1. मसूड़ों का ढीलापन: यदि आपके जबड़े की हड्डी की घनिष्टता कम हो रही है तो आपके मसूड़े ढीले हो सकते हैं और दांतों पर अपनी पकड़ छोड़ सकते हैं। ऐसा होने पर अपने दंत चिकित्सक से जबड़ों में हड्डी की घनिष्टता की कमी की जांच कराएं।
     
  2. पकड़ने की क्षमता में कमी: शोधकर्ताओं के मुताबिक हाथों की पकड़ने की क्षमता में कमी, हड्डियों की कमज़ोरी का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण होता है। मजबूत पकड़ने की ताकत आपके गिरने के जोखिम को भी कम कर सकती है।
     
  3. नाखूनों की कमज़ोरी व भुरभुरापन: नाखूनों की ताकत हड्डियों के स्वास्थ की ओर संकेत कर सकती है लेकिन कुछ अन्य कार्य भी नाखूनों को प्रभावित करते हैं जैसे - तैराकी या बाग़बानी अदि।

जब हड्डियों में काफी अधिक कमज़ोरी हो जाती है तो आप अधिक स्पष्ट लक्षणों का अनुभव करना शुरू कर सकते हैं, जैसे -

  1. लम्बाई का कम होना: रीढ़ की हड्डी का संकुचन आपकी लम्बाई को प्रभावित कर सकता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के सबसे महत्त्वपूर्ण लक्षणों में से एक है।
     
  2. फ्रैक्चर: फ्रैक्चर, नाजुक हड्डियों का सबसे आम लक्षण है। हड्डियों की कमज़ोरी के कारण आसानी से फ्रैक्चर हो सकते हैं। कुछ ऑस्टियोपोरोसिस फ्रैक्चर ज़ोर से छींकने या खांसने से भी हो सकते हैं।
     
  3. पीठ या गर्दन का दर्द: ऑस्टियोपोरोसिस रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर का कारण बन सकता है। इसमें पीठ या गर्दन की कोमलता से लेकर गंभीर दर्द हो सकते हैं।
     
  4. झुकी हुई अवस्था: रीढ़ की हड्डी के संकुचन से पीठ के ऊपरी भाग में मामूली झुकाव हो सकता है। इससे पीठ और गर्दन का दर्द पैदा हो सकता है और वायुमार्ग पर अतिरिक्त दबाव व फेफड़ों के सीमित विस्तार के कारण सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है।

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण - Osteoporosis Causes in Hindi

ऑस्टियोपोरोसिस तब होता है जब नई हड्डियों के गठन और पुरानी हड्डियों के पुनर्जीवन के बीच असंतुलन हो जाता है। हड्डियों के गठन के लिए कैल्शियम और फॉस्फेट आवश्यक होते हैं। शरीर हड्डियों का उत्पादन करने के लिए इन खनिजों का उपयोग करता है। यदि कैल्शियम का सेवन पर्याप्त नहीं होता है या यदि शरीर में आहार से पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है, तो हड्डियों के उत्पादन और उनके ऊतकों को नुकसान हो सकता है जिससे हड्डियां नाज़ुक हो जाती हैं।

हड्डियों की कमज़ोरी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का एक सामान्य हिस्सा है लेकिन कुछ लोगो में इसका दर ज़्यादा होता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। 

ऑस्टियोपोरोसिस कई अन्य वजहों से भी हो सकता है जैसे -

  1. लंबे समय तक उच्च खुराक में मौखिक कोर्टिकॉस्टिरॉइड का उपयोग करना।
  2. अन्य चिकित्स्क स्थितियां जैसे - सूजन, हार्मोन से संबंधित स्थितियां, या कुअवशोषण समस्याएं।
  3. ऑस्टियोपोरोसिस का पारिवारिक इतिहास - विशेषकर माता-पिता में हिप फ्रैक्चर का इतिहास और कुछ दवाओं का दीर्घकालिक उपयोग जो हड्डी की ताकत या हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।
  4. कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) होना। (अपने बीएमआई की यहाँ जाँच करें)
  5. ज़्यादा शराब पीना या धूम्रपान करना। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)

ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव - Prevention of Osteoporosis in Hindi

ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए -

  1. पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी लें। 
  2. कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, सार्डिन, सैल्मन, हरी पत्तेदार सब्जियां और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ लें। आपके डॉक्टर आपको कैल्शियम के पूरक लेने के लिए भी बोल सकते हैं।
  3. आपको विटामिन डी पूरक या दैनिक मल्टीविटामिन लेने की भी आवश्यकता हो सकती है। 
  4. नियमित रूप से वजन उठाने वाले व्यायाम करें। 
  5. धूम्रपान न करें। 
  6. ज़्यादा शराब न पिएं।
  7. यदि आप एक महिला हैं और आपको हाल ही में रजोनिवृत्ति हुई है, तो ऑस्टियोपोरोसिस की जाँच के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
  8. अपने चिकित्सक से पूछ कर हड्डियों की मज़बूती के लिए सही दवाएं लें। 

रजोनिवृत्ति से संबंधित ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए कई दवाएं हैं जैसे -

  1. एस्ट्रोजेन प्रतिस्थापन चिकित्सा (नियमित रूप से न लें) (Estrogen Replacement Therapy)
  2. रालोॉक्सिफेन (Raloxifene)
  3. एलेंड्रोनेट (Alendronate) और राइसड्रोनेट (एक्टोनेल) [Risedronate (Actonel)]

ऑस्टियोपोरोसिस का परीक्षण - Diagnosis of Osteoporosis in Hindi

अगर आपके चिकित्सक को लगता है कि आपको ऑस्टियोपोरोसिस है, तो वह आपके कद को माप सकते हैं यह देखने के लिए कि क्या आपका कद कम हुआ है क्योंकि इसमें रीढ़ की हड्डी अक्सर सबसे ज़्यादा प्रभावित होती है।

ऑस्टियोपोरोसिस के निदान के और तरीके निम्नलिखित हैं-

  1. डीईएक्सए स्कैन (DEXA Scan)
    डीईएक्सए स्कैन एक विशेष प्रकार का एक्स-रे है जो हड्डी के घनत्व (बीएमडी) को मापता है। DEXA का मतलब ड्यूल एनर्जी एक्स-रे अब्सॉर्पटीओमेट्री है। इस प्रकार के स्कैन को एडीएक्सए स्कैन भी कहा जाता है।
     
  2. क्वांटिटेटिव कंप्यूटेड टोमोग्राफी (Quantitative Computed Tomography)
    यह एक चिकित्सा तकनीक है जो एक सामान्य एक्स-रे कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैनर का इस्तेमाल करते हुए हड्डी के घनत्व (बीएमडी) को मापता है।
     
  3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
    अल्ट्रासाउंड आम तौर पर आपके पैर की एड़ी की जांच करता है लेकिन यह ऑस्टियोपोरोसिस के शुरुआती लक्षणों का भी पता लगा सकता है। (और पढ़ें - अल्ट्रासाउंड क्या है)

इन अस्थि घनत्व परीक्षणों के अतिरिक्त, आपके डॉक्टर रक्त या मूत्र के नमूनों को ले सकते हैं और जांच कर सकते हैं कि क्या आपको कोई और बीमारी तो नहीं है जिससे हड्डियों की कमज़ोरी हो रही है।

ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज - Osteoporosis Treatment in Hindi

शुरुआती दौर में डॉक्टर ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज के लिए -

  1. रोगी को पर्याप्त कैल्शियम पूर्ण भोजन करने के लिए बोलते हैं और अगर इससे पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है तो कैल्शियम के पूरक भी देते हैं। 
  2. विटामिन डी लेने की सलाह देते हैं। 
  3. वज़न उठाने वाले व्यायाम करने को बोलते हैं। 

फ्रैक्चर के बढ़ते जोखिम में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए, सबसे व्यापक रूप से निर्धारित ऑस्टियोपोरोसिस दवाएं बिस्फोस्फॉनेट हैं जैसे -

  1. एलेंड्रोनेट (Alendronate)
  2. राइसड्रोनेट (एक्टोनेल) [Risedronate (Actonel)]
  3. इबैंड्रोनेट (Ibandronate)
  4. ज़ोलेड्रॉनिक एसिड (Zoledronic acid)

हार्मोन संबंधी चिकित्सा -

  1. एस्ट्रोजेन थेरेपी
    विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के बाद शुरू होने पर, अस्थि घनत्व को बनाए रखने में एस्ट्रोजेन थेरेपी मदद कर सकता है। हालांकि, एस्ट्रोजन उपचार रक्त के थक्के, एंडोमेट्रियल कैंसर (Uterine Cancer), ब्रेस्ट कैंसर और संभवतः हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है।
     
  2. रालोक्सिफेन (एविस्टा)
    यह एस्ट्रोजन के दुष्प्रभावों के बिना उसके जैसे काम करता है। इस दवा से कुछ प्रकार के स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है। हॉट फैशेस इसका आम पक्ष प्रभाव है। रालॉक्सिफ़िन भी रक्त के थक्कों के जोखिम को बढ़ा सकता है।
     
  3. टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
    यह टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षणों को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है, लेकिन ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के लिए पुरुषों में दवाओं का बेहतर प्रभाव देखा गया है।

अन्य ऑस्टियोपोरोसिस दवाएं -
यदि आप ऑस्टियोपोरोसिस के सामान्य उपचार बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं या यदि वे अच्छी तरह से काम नहीं करते तो आपके चिकित्सक आपको यह दवाएं लेने के लिए भी कह सकते हैं -

  1. डेनोसमैब​ (Denosumab)
    बिस्फोस्फॉनेट्स के मुकाबले, डायनोसमैब समान या बेहतर अस्थि घनत्व के परिणाम देता है और सभी प्रकार के फ्रैक्चर की संभावनाएं कम करता है। डेनोसमैम्ब त्वचा के नीचे हर छह महीने में एक शॉट के माध्यम से दिया जाता है।
     
  2. टेरिपेराटाइड (फोरटीओ) [Teriparatide (Forteo)]
    यह शक्तिशाली दवा पैराथायरॉइड हार्मोन के समान है और नई हड्डी के गठन को उत्तेजित करती है। यह त्वचा के नीचे दैनिक इंजेक्शन द्वारा दिया गया है। टेरिपेराटाइड के उपचार के दो साल बाद, नई हड्डियों के विकास को बनाए रखने के लिए एक अन्य ऑस्टियोपोरोसिस दवा ली जाती है।

ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम और जटिलताएं - Osteoporosis Risks & Complications in Hindi

ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम कारक हैं -

  1. उम्र
    30 साल की उम्र के बाद आपकी हड्डियां अपना घनत्व खोना शुरू कर देती हैं इसीलिए वज़न उठाने वाले व्यायाम करें और सुनिश्चित करें कि आप कैल्शियम और विटामिन की भरपूर मात्रा ले रहे हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, अपनी हड्डियों को जितना संभव हो उतना मजबूत बनाए रखें।
     
  2. लिंग
    50 से अधिक उम्र वाली महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना सबसे अधिक होती है।  पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना 4 गुना अधिक होती है।
     
  3. परिवार का इतिहास
    यदि आपके माता-पिता या दादा-दादी में से किसी को ऑस्टियोपोरोसिस के कोई लक्षण हैं जैसे कि गिरने के बाद कूल्हे का फ्रैक्चर तो आपको भी ऑस्टियोपोरोसिस होने की सम्भावना है।
     
  4. हड्डियों की संरचना और शरीर का वज़न
    पतली और कम वज़न वाली महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस होने की सम्भावना ज़्यादा होती है। इसी तरह पतले और शरीर के कम वज़न वाले पुरुषों को भी ऑस्टियोपोरोसिस होने की सम्भावना ज़्यादा होती है।
     
  5. फ्रैक्चर
    यदि आपको पहले फ्रैक्चर हो चुके हैं, तो आपकी हड्डियां पहले से ही कमज़ोर हो सकती हैं और आपको ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
     
  6. अन्य बीमारियां
    अगर आपको संधिशोथ जैसी कुछ बीमारियां हैं तो आपको ऑस्टियोपोरोसिस भी हो सकता है।
     
  7. कुछ दवाएं
    यदि आप लम्बे समय तक कुछ स्टेरॉयड लेते हैं तो आपको ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है।
     
  8. धूम्रपान
    धूम्रपान आपकी हड्डियों के लिए बुरा होता है। ऑस्टियोपोरोसिस, फ्रैक्चर के जोखिम और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को टालने के लिए धूम्रपान की आदत को छोड़ें।
     
  9. शराब
    ज़्यादा शराब पीने से हड्डियों का पतलापन हो सकता है और फ्रैक्चर की संभावना अधिक हो सकती है।

ऑस्टियोपोरोसिस की जटिलताएं -

  1. हड्डियों के फ्रैक्चर

विशेष रूप से रीढ़ या कूल्हे में फ्रैक्चर ऑस्टियोपोरोसिस की सबसे गंभीर जटिलता है। हिप फ्रैक्चर अक्सर गिरने के कारण होते हैं और इससे विकलांगता और चोट लगने के पहले वर्ष के भीतर मौत का भी जोखिम होता है। कुछ मामलों में बिना गिरे भी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो सकता है।
 

  1. सीमित गतिशीलता
    ऑस्टियोपोरोसिस से आपकी गतिशीलता और शारीरिक गतिविधि को सीमित कर सकता है। गतिविधि न होने से आपका वज़न बढ़ सकता है और आपकी हड्डियों पर तनाव बढ़ा सकता है, विशेषकर आपके घुटनों और कूल्हे में। वजन बढ़ने से अन्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है, जैसे हृदय रोग और मधुमेह

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  2. अवसाद या डिप्रेशन
    कम शारीरिक गतिविधि से अकेलापन हो सकता है जिससे अवसाद या डिप्रेशन हो सकता है।
     
  3. दर्द
    ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से फ्रैक्चर काफी गंभीर और दुर्बल हो सकते हैं। रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर के कारण आपका कद कम हो सकता है, शरीर की झुकी हुई अवस्था हो सकती है और लगातार पीठ और गर्दन में दर्द भी हो सकता है।


संदर्भ

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ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Osteoporosis in Hindi

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