Kairali Maharajaprasarani Thailam

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Kairali Maharajaprasarani Thailam

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సమాచారం

Kairali Maharajaprasarani Thailam యొక్క మిశ్రమపదార్థాలు - Kairali Maharajaprasarani Thailam Active Ingredients in Telugu - Kairali Maharajaprasarani Thailam yokka mishrama padaarthaalu

गोखरू
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • कामेच्छा को बढ़ाने के लिए उपयोगी एजेंट।
  • वो पदार्थ या दवा जो लिंग (पेनिस) के इरेक्शन में सुधार करता है।
आंवला
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • हेयर ग्रोथ को बढ़ाने वाले पदार्थ।
  • बुखार को कम करने के लिए उपयोगी दवाएं।
अश्वगंधा
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • कामेच्छा को बढ़ाने के लिए उपयोगी एजेंट।
बेल
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को रोकने वाली दवाएं।
  • वो एजेंट या तत्व जो तुरंत हाइपरसेंसिटिविटी (सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित अवांछनीय प्रतिक्रिया) को रोकता है।
बाला
  • एक दवा या एक एजेंट जो बेहोश किए बिना दर्द को कम करती है।
  • गठिया के लक्षणों को ठीक करने वाली दवाएं।
चंदन
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट शरीर के किसी विशेष हिस्से में होने वाली सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के खिलाफ प्रभावी होते हैं।
  • शारीरिक ऊतकों को संकुचित करने वाले तत्व जिनका इस्तेमाल अत्यधिक खून बहने को रोकने के लिए किया जाता है।
देवदार
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
  • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
हल्दी
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट रूमेटाइड आर्थराइटिस की वृद्धि को नियंत्रण में रखने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाने के लिए उपयोगी तत्व।
हरीतकी (हरड़)
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
  • ये एजेंट मांसपेशियों को संकुचित कर चोट लगने वाली जगह तक खून का संचरण कम कर देते हैं।
  • फंगल को नष्ट करने या उसके विकास को रोकने वाली दवा।
  • एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाने के लिए उपयोगी तत्व।
जटामांसी
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • फंगस को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
जायफल
  • दवाइयां जो बिना बेहोशी के दर्द को कम करती हैं।
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
कपूर
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • वे तत्व जो सूक्ष्म जीवों को बढ़ने से रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • एक गंभीर सूजन को कम करने के लिए शरीर में किसी अन्य जगह सूजन पैदा करने वाले एजेंट।
  • वे दवाएं जो वसोलिडेटर (रक्‍त वाहिकाओं को चौड़ा करना) के ज़रिए त्‍वचा पर लालपन और जलन पैदा करती हैं जिसके कारण उस हिस्‍से में रक्‍तप्रवाह बढ़ जाता है।
  • वो पदार्थ या दवा जो लिंग (पेनिस) के इरेक्शन में सुधार करता है।
लौंग
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
लोध्र
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • शारीरिक ऊतकों को संकुचित करने वाले तत्व जिनका इस्तेमाल अत्यधिक खून बहने को रोकने के लिए किया जाता है।
मंजिष्ठा
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
  • संक्रमित रोगाणुओं को खत्म करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाले दवाएं।
काली मिर्च
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • ये दवाएं मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करती हैं।
मुस्ता
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को रोकने वाली दवाएं।
  • तेज सुगंध वाले पदार्थ।
  • एक पदार्थ या औषधि मिश्रण जो रक्त स्राव और अन्य स्राव को रोकने के लिए शरीर के ऊतकों को संकुचित करती है।
रसना
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • ये एजेंट मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं और मांसपेशियों के संकुचन पर प्रभाव डालते हैं।
नगरामुस्ताका
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
  • बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने वाली दवाएं।
मुलेठी
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
अदरक
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • नस पर नस चढ़ने के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
दालचीनी
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
  • ये दवाएं मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करती हैं।
  • कामेच्छा को तेज करने वाले घटक।
चीड़
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
पुनर्नवा
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को रोकने वाली दवाएं।
अग्निमंथ
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
पाटला
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
शलपर्णी
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
  • ये तत्व यौन इच्छा को बढ़ाते हैं।
बृहती
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
  • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
  • कामेच्छा को तेज करने वाले घटक।
  • शारीरिक ऊतकों को संकुचित करने वाले तत्व जिनका इस्तेमाल अत्यधिक खून बहने को रोकने के लिए किया जाता है।
अरण्डी
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • गठिया के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं।
शतावरी
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
  • यौन इच्‍छाओं को बेहतर करने वाले तत्‍व।
दूध
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
सोआ
  • ये एजेंट शरीर में होमियोस्टैसिस (किसी अंग या प्रणाली के असामान्य कार्य को ठीक करने के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया) की स्थिति को बनाए रखने में मदद करते हैं तथा तनाव और कमजोरी के दौरान शरीर के कार्यों को सुचारु रूप से चलाते हैं।
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
  • ये दवाएं मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करती हैं।
उशिरा
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस को बढ़ने से रोक कर इस बीमारी के प्रबंधन में इस्‍तेमाल होने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • संक्रमित रोगाणुओं को खत्म करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाले दवाएं।
  • दवाएं जो त्वचा के छिद्रों को कम करती हैं और शरीर की कोशिकाओं को संकुचित।
वाचा
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • वो दवा जिसका उपयोग मानसिक अवसाद से राहत पाने के लिए किया जाता है।
  • ये दवाएं तंत्रिका तंत्र पर अपने असर और उत्तेजित नसों को शांत करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
  • शीतल प्रभाव वाली दवा जो शरीर को आराम देकर चिंता, चिड़चिड़ापन और तनाव से राहत देती है।
बहेड़ा
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • ये एजेंट फंगल सूक्ष्मजीवों को प्रभावित करके फंगल विकास को रोकने में मदद करते हैं।
  • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट सूक्ष्मजीवों के विकास और कार्यों के खिलाफ सहायक होते हैं।
कमल
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • ये तत्व त्वचा की नमी में सुधार करते हैं जिससे यह नरम हो जाती है।
  • फंगल को बढ़ने से रोकने वाले एजेंट्स।
  • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं।
इलायची
  • नस पर नस चढ़ने के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
  • तेज सुगंधित वाले घटक।
प्रियांगू
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • नस पर नस चढ़ने के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट मांसपेशियों को संकुचित कर चोट लगने वाली जगह तक खून का संचरण कम कर देते हैं।
  • फंगल संक्रमण का उपचार करने वाले तत्व।
प्रसारिणी
  • एक दवा या एक एजेंट जो बेहोश किए बिना दर्द को कम करती है।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस को बढ़ने से रोक कर इस बीमारी के प्रबंधन में इस्‍तेमाल होने वाली दवाएं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
चावल
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।

Kairali Maharajaprasarani Thailam Benefits - Kairali Maharajaprasarani Thailam Benefits in Telugu - Kairali Maharajaprasarani Thailam prayojanaalu mariyu upayogaalu

ఈ క్రింది వాటికి చికిత్స చేయడానికి Kairali Maharajaprasarani Thailam ఉపయోగించబడుతుంది.

Main Benefits



Kairali Maharajaprasarani Thailam Dosage - Kairali Maharajaprasarani Thailam Dosage in Telugu - translation missing: te.drug_dosage_script_for_otc

ఇది, అత్యధికంగా మామూలుగా చికిత్స చేసే ఉదంతాలకు సిఫారసు చేయబడే మోతాదు. ప్రతియొక్క రోగి మరియు వారి ఉదంతము విభిన్నంగా ఉంటాయని దయచేసి గుర్తుంచుకోండి. కాబట్టి, వ్యాధి, మందువేయు మార్గము, రోగి యొక్క వయస్సు, మరియు వైద్య చరిత్ర ఆధారంగా మోతాదు విభిన్నంగా ఉండవచ్చు.

Age Group Dosage
Adult(Male)
  • General: Use prescribed amount
  • Single Maximum Dose: 1 Apply in appropriate quantity on affected area
  • Dosage Form: औषधीय तेल
  • Dosage Route: Topical
  • Frequency: BID (twice daily)
  • Course Duration: ongoing
Adult(Female)
  • General: Use prescribed amount
  • Single Maximum Dose: 1 Apply in appropriate quantity on affected area
  • Dosage Form: औषधीय तेल
  • Dosage Route: Topical
  • Frequency: BID (twice daily)
  • Course Duration: ongoing
Geriatric
  • General: Use prescribed amount
  • Single Maximum Dose: 1 Apply in appropriate quantity on affected area
  • Dosage Form: औषधीय तेल
  • Dosage Route: Topical
  • Frequency: BID (twice daily)
  • Course Duration: ongoing
13 - 18 years (Adolescent)
  • General: Use prescribed amount
  • Single Maximum Dose: 1 Apply in appropriate quantity on affected area
  • Dosage Form: औषधीय तेल
  • Dosage Route: Topical
  • Frequency: BID (twice daily)
  • Course Duration: ongoing


Kairali Maharajaprasarani Thailam దుష్ప్రభావాలు - Kairali Maharajaprasarani Thailam Side Effects in Telugu - dushprabhaavaalu

No side effects of Kairali Maharajaprasarani Thailam have been reported in the medical literature. However, you should always consult your doctor before using Kairali Maharajaprasarani Thailam.



Kairali Maharajaprasarani Thailam సంబంధిత హెచ్చరికలు - Kairali Maharajaprasarani Thailam Related Warnings in Telugu - Kairali Maharajaprasarani Thailam sambandhita hechcharikalu

  • ఈ Kairali Maharajaprasarani Thailamగర్భిణీ స్త్రీలకు సురక్షితమేనా?


    Safe
  • స్థన్యపానము చేయునప్పుడు ఈ Kairali Maharajaprasarani Thailamవాడకము సురక్షితమేనా?


    Safe
  • Is the use of Kairali Maharajaprasarani Thailam safe for children?


    Safe
  • Does Kairali Maharajaprasarani Thailam cause drowsiness?


    No
  • Is this Kairali Maharajaprasarani Thailam habit forming or addictive?


    No


How to use Kairali Maharajaprasarani Thailam?



General precautions for Kairali Maharajaprasarani Thailam


This medicine data has been created by -

Dr. Braj Bhushan Ojha

BAMS, Gastroenterology, Dermatology, Psychiatry, Ayurveda, Sexology, Diabetology
10 वर्षों का अनुभव


వనరులు

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 49-52

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 35-36

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 27-28

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 60-61

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 67-68

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 69-70

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume VI. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No CCXLIV-CCXLV

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 110 - 111

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 112 - 113

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 115 - 117

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 130 - 131

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 163 - 165

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 168 - 169

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 138 -139

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 151 - 152

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 189 - 191

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001 : Page No - 3 - 4.

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001 : Page No - 3 - 4.

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No - CLXXIII - CLXXV

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 122 - 123

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No 220 - 221

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 177 - 179

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 74-75

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 36-37

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 151-152

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 111-112

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 145-148

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No 182-183

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