वच आयुर्वेदिक दवाओं में चरक और सुश्रुता के समय से प्रयोग किया जाता है। इसे संस्कृत में बच और घोरबच कहते हैं जबकि अंग्रेज़ी में कैलामस और स्वीट फ़्लैग भी कहा जाता है और इसका वनस्पति नाम एकोरस कैलेमस (acorus calamus) है। इन नामों के अलावा वच को वेखंड के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में एक स्थानीय पौधा है और लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई तक पूरे भारत में पाया जाता है।

वच की झाड़ी छोटी होती है। यह विशेष रूप से दलदली जगहों पर उगती है जैसे मणिपुर, असम आदि। इसकी जड़ें लगभग मध्यम ऊँगली के जितनी मोटी होती हैं। पत्ते 0.9 मीटर से लेकर 1.8 मीटर तक लम्बे हैं। इसके पत्ते हरे, चमकीले और नोकदार होते हैं।

इसके पत्ते सुगंधित होते हैं। इसके मुख्य प्रभाव मस्तिष्क, स्वर रज्जु (vocal cord), पेट, लिवर, फेफड़े, और गर्भाशय पर दिखाई देते हैं। इसलिए इन अंगों से संबंधित कई बीमारियों के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

  1. वच के फायदे - Vacha ke Fayde in Hindi
  2. वच के नुकसान - Vacha ke Nuksan in Hindi

वच के फायदे हैं विषाक्त पदार्थों के निकालने के लिए - Vacha ke Fayde for Detoxification in Hindi

वच (कैलामस) की जड़ें पाचन तंत्र में विषाक्त पदार्थों के गठन को कम करता है। इसके सक्रिय घटक शरीर में विभिन्न चैनलों में प्रवेश करते हैं, चयापचय शक्ति को उत्तेजित करते हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थों के निकालने में मदद करते हैं हैं। इस उद्देश्य के लिए, 500 मिलीग्राम वच को शहद में मिलाकर प्रयोग किया जाता है। इसके साथ गर्म पानी भी लिया जा सकता है।

(और पढ़ें – पालक के फायदे करें डिटॉक्सिफिकैशन प्रक्रिया में सहायता)

वेखंड पावडर उपयोग करे कफ को दूर - Vekhand Powder for Cough in Hindi

500 मिलीग्राम वच (वेखंड) रूट पाउडर को त्रिकातु पाउडर (250 मिलीग्राम) और दूध (250 मिलीग्राम) के साथ नाक की रुकावट, शरीर में दर्द, छींकने, गले में खराश और नाक चलाने को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। इससे ग्रसनी (फैरिंगक्स) की सूजन कम हो जाती है।

वच छाती की रुकावट, घरघराहट और फेफड़ों में जलन को कम कर देता है। इसके कासरोधक गुण भी खाँसी कम कर देते हैं। कफ को निकालने के लिए, वच चूर्ण को 5 रत्ती की मात्रा में गुनगुने दूध के साथ लें। श्वसन के एलर्जी संबंधी विकारों के इलाज के लिए यह हल्दी के साथ प्रयोग भी की जा सकती है।

बच के गुण हैं जमालगोटा विषाक्तता के लिए - Bach ke Fayde for Jamalgota Toxicity in Hindi

वच (कैलामस) जड़ की राख, जमालगोटा (क्रोटन टिगलियम) विषाक्तता के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है। राख को प्राप्त करने के लिए इसकी जड़ को जलाया गया है। 500 से 1000 मिलीग्राम वच की राख को रोज़ाना दो या तीन बार 250 मिलीग्राम टंकण (सुहागा) भस्म और 1000 मिलीग्राम प्रवाल पिष्टी के साथ जमालगोटा विषाक्तता के लक्षणों को कम करने के लिए दिया जाता है।

बच का चूर्ण है सिरदर्द में लाभकारी - Vacha Churna Benefits for Headache in Hindi

प्राचीन काल में, वच रूट पाउडर और पानी का उपयोग करके पेस्ट तैयार किया जाता है। यह पेस्ट सिर और स्कॅल्प के ऊपर सिर दर्द को ठीक करने के लिए लगाया जाता है। इसके अलावा यह सिर में भारीपन के लिए भी उपयोगी है। यह उपाय जोड़ो के दर्द के लिए भी किया जा सकता है। 

(और पढ़ें - सिर दर्द के लिए घरेलू उपचार)

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वच का उपयोग लाए मेमोरी में सुधार - Vacha Herb for Memory in Hindi

मानसिक तनाव और मेमोरी में सुधार लाने के लिए रोजाना इसकी रूट के पाउडर को दिन में दो बार शहद के साथ लिया जाता है।

(और पढ़ें – सौंफ का पानी पीने के फायदे हैं मस्तिष्क के लिए उपयोगी)

वेखंड का उपयोग करे हैज़ा में - Sweet Flag Benefits for Cholera in Hindi

हैज़ा का इलाज करने के लिए 1 बड़ा चम्मच कैलामस जड़ का लें, इसे साफ करें और 1200 मिलीलीटर पानी में उबाल लें। इसे छान लें और दिन में 3-4 बार पिएं।

वच के लाभ हैं बुखार में उपयोगी - Sweet Flag Root Uses for Fever in Hindi

वच रूट पाउडर और पानी से पेस्ट तैयार किया जाता है और इस पेस्ट को बुखार के दौरान माथे पर लगाया जाता है। 

(और पढ़ें – बुखार में क्या खाना चाहिए)

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बच के उपयोग दिलाएँ दस्त से राहत - Calamus Benefits for Diarrhoea in Hindi

दस्त से राहत पाने के लिए सुबह में 2 चुटकी बच रूट पाउडर को शहद के साथ लें।

(और पढ़ें –  डायरिया का घरेलू इलाज)

एकोरस कैलेमस स्पीच प्रॉब्लम्स के लिए - Vacha for Speech Delay in Hindi

स्पीच प्रॉब्लम्स के लिए बच रूट पाउडर को ज़रूरत के अनुसार दो महीने तक दिया जाता है।

वेखंड चूर्ण करे नर्वस सिस्टम को ठीक - Vekhand Powder Uses for Nervous system problem in Hindi

तंत्रिका तंत्र की समस्या से निपटने के लिए एक महीने के लिए सुबह में पानी के साथ 2 चुटकी बच रूट पाउडर का सेवन करें।

बच का पौधा करे सिफिलिस का उपचार - Calamus Benefits for Syphilis in Hindi

बराबर मात्रा में कैलामस रूट पाउडर, अश्वगंधा पाउडर और कॉस्टस पाउडर को मिलाएं। इस पाउडर को घी के साथ मिलाकर प्रभावित क्षेत्रों पर बाहरी रूप से लगाएँ।

(और पढ़ें - अश्वगंधा के फायदे हिंदी)

वच की जड़ है फोड़े के इलाज के लिए - Calamus Root Powder Effects on Boils in Hindi

घाव और फोड़े के लिए प्रभावित क्षेत्रों पर कैलामस रूट पाउडर को लगाएँ।

वच चूर्ण के फायदे मुहाँसो के लिए - Sweet Flag for Acne in Hindi

लोध्रा छाल, धनिया और एकोरस कैलेमस का पेस्ट मुँहासे पर लगाएँ।

वच के अन्य फायदे - Other Benefits of Vacha in Hindi

बच के कोयले को अरंडी के तेल या नारियल तेल में पीस कर नाभि पर लगाने से पेट का अफारा दूर हो जाता है। वच का काढ़ा, पाउडर छिडकने से कीड़े निकल जाते हैं।

मुश्किल प्रसव (difficult delivery) के दौरान, वच के साथ काली मिर्च की जड़ और केसर को मिलाकर सेवन किया जाता है। यह कष्टयुक्त मासिक स्राव में भी उपयोग किया जा सकता है।

मुंह के लकवे के इलाज के लिए कैलामस पाउडर और सोंठ को बराबर मात्रा में मिलाकर रोजाना दो बार सेवन करें।

कई लोगों का मानना है कि वच में मौजूद Β-असरोन (β-asarone) सामग्री एक जानी मानी ज़हरीली कीटनाशक है जिसका सेवन मनुष्यों के लिए ख़तरनाक हो सकता है।

Β-असरोन सामग्री के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में वच के उपयोग पर प्रतिबंध है। एकोरस प्रजातियों में β-असरोन की सामग्री 0 से 96% तक हो सकती है। इसलिए वाचा की कुछ प्रजातियां सुरक्षित हैं। भारतीय वच (कैलमस) रूट पाउडर में β-असरोन सामग्री ना के बराबर होती है इसलिए ये सुरक्षित है। आयुर्वेद के अनुसार इंडियन स्वीट फ्लैग एक गैर-विषाक्त (non-toxic) पदार्थ है जब एक छोटी अवधि (जैसे 4 सप्ताह से कम) के लिए प्रति दिन 1 ग्राम से भी कम लिया जाएँ।

  • क्योंकि यह गर्भाशय में संकुचन पैदा करता है इसलिए गर्भावस्था के दौरान इस जड़ी बूटी का उपयोग करना सुरक्षित नहीं है। स्तनपान के दौरान भी इसका सेवन करने से बचें। (और पढ़ें - गर्भावस्था में पेट दर्द और पुत्र प्राप्ति के उपाय से जुड़े मिथक)
  • वच का सबसे आम दुष्प्रभाव सिरदर्द है, जो आमतौर पर पित्त दोष वाले लोगों में होता है।
  • यह बच्चों को बहुत ही कम मात्रा में दिया जा सकता है।
  • इसके गर्म प्रभाव के कारण, पित्त शरीर वाले कुछ लोगों को इस जड़ी बूटी को सहन करना मुश्किल हो सकता है और यह ब्लीडिंग भी बढ़ा सकता है।
  • जब पित्त दोष बर्निंग सेन्सेशन, पेट में दर्द, एसिड पेप्टिक डिसऑर्डर, खट्टी डकार और सिर दर्द जैसे लक्षणों के साथ प्रभावी होता है, तब यह अल्सर और जठरांत्र के लिए उपयुक्त उपाय नहीं है। लेकिन यह कफ दोष में अल्सर के लिए सबसे उपयुक्त उपाय है। (और पढ़ें - सिर दर्द के लक्षण)
  • क्योंकि यह हृदय की दर और रक्तचाप को कम करता है इसलिए कम रक्तचाप के मामलों में दिन में दो बार 125 मिलीग्राम से ज्यादा वच पाउडर के सेवन से बचना चाहिए।
  • इसे लगातार बहुत दिनों तक प्रयोग न करें। अगर वच के सेवन से आपको कोई भी दुष्प्रभाव होता है तो इसके दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए सौंफ या नींबू पानी को लें।

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