लोध्र या लोध एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। लोध्र का वानस्पतिक नाम सिम्प्लोकास रेसीमोसा (Symplocos racemosa) है। यह मुख्य रूप से ब्लीडिंग डिसऑर्डर, दस्त (diarrhoea) और नेत्र विकारों में उपयोग किया जाता है।
लोध्र के पेड़ उत्तर और पूर्व भारत के पहाड़ी जगहों पर पाए जाते हैं। लोध्र का पेड़ बहुत ही बड़ा और ऊंचा होता है। इसके पत्ते अंडे की तरह गोल और 9 से 15 सेमी. लंबे होते हैं। इसके फूल खुशबूदार और सफेद या काले रंग के होते हैं और इसका फल गोल, आधा इंच लंबा, चिकना, बैंगनी या काला रंग होता है। इसके फल में 1 से 3 बीज भरे होते हैं। इस पेड़ की छाल भूरे रंग की होती है, जो औषधि के रूप में उपयोग की जाती है।