गर्भावस्था का समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। गर्भावस्था में महिलाएं जो भी खाती हैं उसका सीधा असर बच्चे पर पड़ता है। इस दौरान शरीर को स्वस्थ और बच्चे को तंदुरुस्त रखने के लिए अच्छा और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना बहुत जरूरी है। गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर को पोषक तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए इस समय महिलाओं को ऐसा आहार लेना चाहिए जिससे न केवल उनको बल्कि शिशु को भी पोषण दिया जा सके। इस समय कॉफी, चाय, कोल्ड-ड्रिंक और बाहरी भोजन खाने से परहेज करना चाहिए यदि मां के शरीर में ज्यादा कैफीन की मात्रा जाएगी तो इससे बच्चे के विकास में बुरा असर पड़ेगा।
गर्भावस्था में ज़रूरी पोषक तत्व - Important nutrients in pregnancy in Hindi
गर्भावस्था में स्वस्थ आहार के सेवन से जरूरी विटामिन प्राप्त किए जा सकते हैं जिससे भ्रूण के विकास और बच्चे के वजन को संतुलित रखने में मदद मिलती है। बच्चे को जन्मजात विकारों का खतरा नहीं होता है। गर्भावस्था में महिलाओं का मूड हर समय बदलता रहता है उससे भी बचा जा सकता है। बच्चे में किसी भी तरह की कमी और बीमारी नहीं होती और गर्भावस्था में होने वाले मधुमेह से भी बचाव होता है।
ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करके गर्भावस्था के समय को और भी ज्यादा सुखद - सरल और स्वस्थ बनाया जा सकता है । गर्भावस्था में पौष्टिक आहार लेना न केवल मां बल्कि शिशु के लिए भी बहुत जरूरी है।
अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान खानपान पर ध्यान नहीं देती है या अपने भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों को शामिल नहीं करती है तो इसकी वजह से उसके शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण शिशु का कोई जन्मजात विकार हो सकता है या उसमें किसी प्रकार की कोई कमी हो सकती है। संतुलित आहार न लेने के कारण खुद महिलाओं को भी प्रसव से संबंधित समस्याएं होने का खतरा रहता है। इसलिए गर्भवती महिला और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है।
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मल्टी विटामिंस
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कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार
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प्रोटीन युक्त आहार
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कैल्शियम युक्त आहार
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आयोडीन युक्त आहार
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फोलिक एसिड युक्त आहार
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आयरन युक्त आहार
मल्टी विटामिंस
अगर आप नियमित रूप से मल्टीविटामिन लेती हैं, तो इससे प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ सकती है. रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर महिलाएं प्रति सप्ताह 3 या इससे अधिक दिनों तक मल्टीविटामिन का सेवन करती हैं, तो लगभग 20 प्रतिशत ओव्यूलेटरी इनफर्टिलिटी से बचा जा सकता है. दरअसल, विटामिन में पाए जाने वाले सूक्ष्म पोषक तत्व प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं. प्रेग्नेंट होने के लिए महिलाओं को फोलेट युक्त मल्टीविटामिन का सेवन करना चाहिए, इससे उन्हें बेहतर रिजल्ट मिल सकता है.
कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार
प्रेग्नेंट होने के लिए अपने डाइट में हेल्दी कार्ब्स को शामिल करें. वहीं, अत्यधिक संसाधित (highly processed) कार्ब्स को सीमित मात्रा में डाइट में शामिल करें. आपका शरीर अत्यधिक संसाधित कार्ब्स (जैसे कुकीज, केक, व्हाइट ब्रेड और व्हाइट राइस) को जल्दी से पचाता है और उन्हें ब्लड शुगर में बदल देता है. ऐसे में आपके शरीर में ब्लड शुगर की वृद्धि हो सकती है. रक्त-शर्करा की वृद्धि को कम करने के लिए, अग्न्याशय (Pancreas) रक्तप्रवाह में इंसुलिन स्त्राव करता है. अध्ययनों के मुताबिक, उच्च इंसुलिन का स्तर ओव्यूलेशन (Inhibit Ovulation) में अवरुद्ध उत्पन्न कर सकती है.
वहीं, हेल्दी कार्ब्स (जिनमें फाइबर होता है, जैसे- फल, सब्जियां, बीन्स और साबुत अनाज) आपके शरीर में धीरे-धीरे पचते हैं और रक्त शर्करा और इंसुलिन पर अधिक क्रमिक प्रभाव डालते हैं. ऐसे में इस तरह के अहार से प्रजनन क्षमता बेहतर होती है. इसके अलावा हेल्दी कार्ब्स युक्त आहार विटामिन बी, विटामिन ई और फाइबर के भी अच्छे स्त्रोत होते हैं.
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसे हार्मोनल समस्याओं से जूझ रही महिलाओं को अपने आहार में ग्लूटेन युक्त आहार को कम करने की सलाह दी जाती है. ग्लूटेन युक्त आहार आपके शरीर में इंफ्लेमेशन की प्रतिक्रिया को बढ़ा सकता है. ऐसे में गर्भधारण करने में परेशानी आ सकती है. इसलिए अपने आहार में हमेशा हेल्दी कार्ब्स को शामिल करें.
प्रोटीन युक्त आहार
प्रोटीन में मौजूद एमीनो एसिड शरीर में कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है। गर्भावस्था में 40 से 70 ग्राम प्रोटीन हर दिन लेना चाहिए। प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दूध-दही, अंडा,मसूर की दाल आदि का सेवन कर सकते हैं। गेहूं की रोटी, दाल, हरी सब्जी, मछली, अंकुरित दाल, सलाद में गाजर-चुकंदर आदि लेने से शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होगी।
कैल्शियम युक्त आहार
इसकी कमी से आपके बच्चे की हड्डियां और दांत कमजोर हो सकते हैं। कैल्शियम आपके बच्चे के हृदय और मांशपेशियों को विकसित करने में मदद करता है। दूध-दही, पनीर आदि में कैल्शियम होता है।
आयोडीन युक्त आहार
आपके शिशु के दिमाग के विकास के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है। गर्भावस्था में आयोडीन की कमी से गर्भपात,समय से पहले प्रसव और भ्रूण की मृत्यु का खतरा रहता है। आयोडीन शरीर की थायरायड ग्रंथि के कार्य को ठीक करता है। दूध, मछली, अंडा, भुना हुआ आलू (छिलके के साथ) आदि में आयोडीन की भरपूर मात्रा होती है।
आयरन युक्त आहार
गर्भावस्था में आयरन की दोगुनी मात्रा की जरूरत होती है। भ्रूण को विकसित होने के लिए अतिरिक्त खून की जरूरत होती है जिसके लिए शरीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा होना अधिक आवश्यक है। महिलाएं मीट-चिकन,सोयाबीन, सेम की फली, मसूर की दाल और हरी पत्तीदार सब्जियों का सेवन करके आयरन की जरूरत को पूरा कर सकती हैं।
सारांश - Summary
प्रेग्नेंट होने के लिए आप अपने आहार में डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे - दही, दूध, पनीर शामिल कर सकते हैं. इसके अलावा आप नट्स, बींस, हरी सब्जियां, फल, मल्टी विटामिंस अपने आहार में शामिल कर सकती हैं. प्रेग्नेंट होने के लिए सही डाइट प्लान होना बहुत जरूरी है.
लेकिन कुछ ऐसी चीजें हैं, जिसका प्रेग्नेंट होने की कोशिश करने वालों को नहीं खाना-पीना चाहिए. जैसे- शराब, धूम्रपान, सोया इत्यादि. इन सभी चीजों से प्रेग्नेंसी में परेशानी हो सकती है. इससे न सिर्फ पुरुषों को स्पर्म काउंट कम होता है, बल्कि महिलाओं में भी प्रेग्नेंसी से जुड़ी परेशानी हो सकती है.