गर्भावस्था में पपीते को लेकर कई तरह की बातें प्रचलित हैं। इन बातों को हमने कभी कहीं पढ़ा होता है तो कभी किसी से सुना होता है लेकिन फिर भी हमारा सवाल वहीं का वहीं रहता है कि क्या पपीते का सेवन गर्भावस्था में सुरक्षित है?

आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि गर्भावस्था में पपीता खाना चाहिए या नहीं? पपीते का सेवन गर्भावस्था में क्या असर डालता है?

गर्भावस्था में पके पपीते का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन अधपका और कच्चा पपीता गर्भावस्था में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। कच्चे पपीते में लेटेक्स (प्रेगनेंसी रोकने वाला तत्व) उच्च मात्रा में पाया जाता है जो गर्भाशय के संकुचन के लिए जिम्मेदार होता है।

पका हुआ पपीता विटामिन सी और विटामिन ई से भरपूर होता है। यह फाइबर और फोलिक एसिड का भी अच्छा स्रोत है। पपीता कब्ज और सीने में जलन को रोकने और नियंत्रित करने में मदद करता है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए)

  1. गर्भावस्था में पपीता खाने से क्या फायदे होते हैं? - Pregnancy mein papita khane ke kya fayede hote hai
  2. प्रेगनेंसी में पपीता खाने के नुकसान - Pregnancy me papita khane ke nuksan
  3. गर्भावस्था में पपीते को कैसे और कितना खाएं - Pregnancy me papita kaise aur kitna khaye
  4. गर्भावस्था में पपीता खाने से जुड़ी सावधानियां - Pregnancy me papita khane ki savdhaniya

पके हुए पपीते को पोषक तत्वों का पॉवर हाउस कहा जा सकता है, संयमित मात्रा में पपीते का सेवन लाभकारी सिद्ध होता है।

पपीता खाने के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:

  • गर्भवती महिलाएं आमतौर पर अपच के कारण परेशान रहती हैं। गर्भावस्था में कब्ज और एसिडिटी आम बात है। पपीता, बीटा कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। पपीते में पाया जाने वाला पोटेशियम सीने में जलन और आंत्र संबंधी समस्याओं से निपटने में मदद करता है।
  •  ताजे पके पपीते का सेवन करने से मॉर्निंग सिकनेस और मितली जैसी समस्याओं से निजात पाने में मदद मिलती है।  
  • गर्भावस्था में फ्री रेडिकल के स्तर में वृद्धि होना सामान्य है, पपीते के सेवन से फ्री रेडिकल का स्तर नियंत्रित रहता है।
  • पपीते में पाया जाने वाला फोलिक एसिड गर्भावस्था में होने वाली समस्याओं से बचाव करता है, यह स्ट्रोक, हृदय रोग, अल्जाइमर और कुछ प्रकार के कैंसर को भी कम करने में मदद करता है। 
  • गर्भावस्था में थकान से बचने के लिए पर्याप्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पपीते में शर्करा और कैलोरी सही मात्रा में होती है, जिसके सेवन से ऊर्जा में वृद्धि होती है।
  • पपीते में पर्याप्त पानी की मात्रा होती है जिससे डिहाइड्रेशन नहीं होता।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में फोलिक एसिड का महत्व)

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गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित कारणों से कच्चे और अधपके पपीते खाने की सलाह नहीं दी जाती है :

  • भ्रूण के विकास के लिए टेराटोजेनिक एंजाइम हानिकारक हो सकते हैं। पपीते में काइमोपैन और पपेन होते हैं जो गर्भपात का कारण हो सकते हैं इसलिए मिसकैरेज और एबॉर्शन के इतिहास वाली गर्भवती महिलाओं को कच्चे पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • पपीते में पपेन नामक तत्व होता है जो भ्रूण की झिल्लियों को कमजोर कर सकता है। यह भ्रूण की कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकता है।
  • गर्भावस्था में हार्मोन का असंतुलन सामान्य है। पपेन मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद करता है लेकिन गर्भावस्था के दौरान, यह शरीर के तापमान को बढ़ा सकता है, जिससे ब्लीडिंग हो सकती है। (और पढ़ें - ब्लीडिंग कैसे रोकें)
  • पपीते में विटामिन सी होता है जिसे अधिक मात्रा में खाने से गुर्दे की पथरी हो सकती है। इससे पेट में ऐंठन हो सकती है जो गर्भवती महिलाओं और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। 

(और पढ़ें - क्या गर्भावस्था में चिकन खाना चाहिए)

गर्भावस्था में पपीते को काट कर और उसमें नमक छिड़क कर भी खाया जा सकता सकता है। पपीते को सलाद के रूप में भी खा सकते हैं। इस दौरान पपीते का सेवन सीमित मात्रा में ही सुरक्षित रहता है। कच्चा और आधा पका पपीता नहीं खाना चाहिए। मार्केट में मिलने वाले पैकेटबंद पपीते के जूस के सेवन से बचना चाहिए। 

(और पढ़ें - क्या गर्भावस्था में अचार खाना चाहिए)

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गर्भावस्था में पपीता खाने में निम्नलिखित सावधानियां रखें:

  • गर्भावस्था के किसी भी चरण में कच्चा पपीता न खाएं क्योंकि लेटेक्स भ्रूण के विकास को प्रभावित कर गर्भपात का कारण बन सकता है।
  • अगर किसी गर्भवती महिला को गर्भावधि मधुमेह है तो पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अगर किसी गर्भवती महिला का कभी गर्भपात या समय से पहले प्रसव हुआ है तो उन्हें पपीता नहीं खाना चाहिए।
  • आखिरी तिमाही में पपीते का सेवन न करें इससे निश्चित समय से पहले प्रसव हो सकता है।
  • बाजार में उपलब्ध होने वाले कटे और खुले फल नहीं खाने चाहिए।
  • ध्यान रखना है कि गलती से से भी गर्भावस्था में कच्चा या अधपका पपीता नहीं खाना है।
  • अच्छी तरह से पका हुआ पपीता ही खाना चाहिए।

उपर्युक्त सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर अगर पपीते का सेवन किया जाए तो किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होगी। इसके बावजूद भी पपीते को लेकर कई तरह के भ्रम हैं इसलिए पपीते का गर्भावस्था में सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेना ही उचित रहेगा।

(और पढ़ें - क्या गर्भावस्था में इमली खानी चाहिए)

संदर्भ

  1. Adebiyi, A. Papaya (Carica papaya) consumption is unsafe in pregnancy: fact or fable? Scientific evaluation of a common belief in some parts of Asia using a rat model.. Br J Nutr. 2002 Aug;88(2):199-203. PMID: 12144723
  2. Gopalakrishnan, M and Rajasekharasetty, MR. Effect of papaya (Carica papaya linn) on pregnancy and estrous cycle in albino rats of Wistar strain. Indian J Physiol Pharmacol. 1978 Jan-Mar;22(1):66-70. PMID: 680941
  3. Schmidt, H. Effect of papain on different phases of prenatal ontogenesis in rats.. Reprod Toxicol. 1995 Jan-Feb;9(1):49-55. PMID: 8520131
  4. Miller, Carey Dunlop and Robins, Ruth Coburn. The nutritive value of papaya. Biochem J. 1937 Jan; 31(1): 1–11. PMID: 16746296
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