आम दिनों में आप अपने खानपान को लेकर कितनी ही बेपरवाह क्यों न हों लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला अपनी डाइट को लेकर बेहद सतर्क हो जाती है। कुछ भी खाने-पीने या मुंह में रखने से पहले वह दो बार जरूर सोचती है कि इसका उसकी सेहत और गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर कहीं कोई बुरा असर तो नहीं होगा। इस दौरान कई बार महिला की अपनी पसंद-नापसंद पीछे रह जाती है और उसे सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर वैसी हेल्दी चीजें ही खानी-पीनी पड़ती हैं जो उसके बच्चे के विकास में मदद कर सके।

गर्भावस्था की तीनों तिमाही के दौरान डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ ही दोस्त और रिश्तेदार भी आपको हेल्दी डाइट, फल और सब्जियों के साथ-साथ ड्राई फ्रूट्स यानी सूखे मेवे खाने की सलाह देते हैं। बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट, पिस्ता, खजूर, खूबानी, आदि कई पोषक तत्वों से भरपूर नट्स हैं। लेकिन क्या इनमें से सभी ड्राई फ्रूट्स गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित होते हैं। आज हम ऐसे ही एक ड्राई फ्रूट की बात कर रहे हैं और वह है किशमिश। प्रेगनेंसी के दौरान किशमिश खाना चाहिए या नहीं, प्रेगनेंसी में किशमिश के फायदे और नुकसान क्या हैं, गर्भावस्था में किशमिश कैसे खाना चाहिए इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं। 

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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।  

  1. क्या गर्भावस्था में किशमिश खाना चाहिए? - Pregnancy me kishmish kha sakte hain kya?
  2. गर्भावस्था में किशमिश खाने के फायदे - Pregnancy me kishmish ke fayde
  3. प्रेगनेंसी में ज्यादा किशमिश खाने के नुकसान - Garbhavastha me kishmish khane ke nuksan
  4. सारांश

किशमिश, सूखे अंगूर से प्राप्त होती है। आसान शब्दों में कहें तो अंगूर को तब तक धूप में सुखाया जाता है जब तक कि उसका रंग सुनहरा, हरा या काला नहीं हो जाता। मीठी होने की वजह से किशमिश बेहद टेस्टी ड्राई फ्रूट है और सभी उम्र के लोगों खासकर बच्चों को काफी पसंद आती है। किशमिश, फाइबर, आयरन और कैल्शियम से भरपूर होती है और यह तीनों ही पोषक तत्व गर्भवती महिला के लिए बेहद जरूरी और फायदेमंद माने जाते हैं। 

फाइबर, गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद जरूरी माना जाता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान हार्मोन्स में असंतुलन की वजह से पाचन तंत्र में कई तरह की गड़बड़ियां होने लगती हैं खासकर कब्ज की समस्या। ऐसे में फाइबर से भरपूर किशमिश इन समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है। आयरन, प्रेगनेंसी के दौरान बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है और इस बात को सुनिश्चित करता है कि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन फेफड़ों से पास हो। शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है और प्रेगनेंसी में समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आयरन से भरपूर किशमिश प्रेगनेंसी में फायदेमंद साबित हो सकती है। 

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इसके अलावा कैल्शियम हड्डी और दांत की मजबूती और हृदय की सेहत के लिए भी बेहद जरूरी है। गर्भवती महिला के साथ-साथ उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए भी कैल्शियम बेहद जरूरी है। लिहाजा गर्भवती महिला के लिए कैल्शियम की दोहरी जरूरत होती है ताकि उसका होने वाला बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ रहे। लिहाजा कैल्शियम से भरपूर किशमिश का सेवन गर्भवती महिला के लिए बेहद फायदेमंद है।

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गर्भवती महिला और उसके होने वाले शिशु दोनों की सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है किशमिश:

शरीर को ऊर्जा देती है किशमिश : किशमिश में फ्रक्टोज और ग्लूकोज अच्छी मात्रा में होता है जो खाद्य पदार्थों में मौजूद विटामिन को अवशोषित करने में मदद करता है। इससे गर्भवती महिला को अक्सर जो थकान महसूस होती है उसे दूर करने में मदद मिलती है। 

मुंह और दांत की समस्याएं दूर करती है किशमिश : अक्सर आपन देखा होगा कि गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान मुंह और दांतों से जुड़ी कई समस्याएं हो जाती हैं, कई बार उनके मसूड़ों से भी खून आने लगता है। ऐसे समय में गर्भवती महिला के लिए ओरल हाइजीन यानी मुंह की साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। किशमिश में कैल्शियम के साथ-साथ ओलिऐनोलिक एसिड भो होता है जो दांतों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

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हीमोग्लोबिन के लेवल को बेहतर बनाती है किशमिश : बहुत सी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे भ्रूण की जरूरतें पूरी करने की वजह से शरीर में खून की कमी होने लगती है और एनीमिया की समस्या हो जाती है। किशमिश में आयरन के अलावा विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी होता है जो शरीर में हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। 

पाचन तंत्र को मजबूत करती है किशमिश : किशमिश में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है और इसलिए यह शरीर के पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी मदद करती है जिससे मल-त्याग भी आसानी से होता है। लिहाजा गर्भवती महिलाओं को किशमिश का सेवन जरूर करना चाहिए। 

भूख बढ़ाती है किशमिश : किशमिश फाइबर के अलावा मैग्नीशियम और पोटैशियम भी पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही भूख बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी आना (मॉर्निंग सिकनेस) की भी समस्या दूर करती है किशमिश।

वैसे तो किशमिश पूरी तरह से हेल्दी है लेकिन गर्भावस्था के दौरान आपको जिस एक नियम का पालन जरूर करना चाहिए वह है मात्रा यानी क्वॉन्टिटी। अगर आप सीमित रूप से किशमिश का सेवन करेंगी तो यह आपके लिए फायदेमंद रहेगी लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा किशमिश खाएंगी यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकती है:

  • किशमिश में प्राकृतिक रूप से ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है इसलिए ज्यादा किशमिश का सेवन करने से ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ सकती है जिससे गर्भावस्था के दौरान मधुमेह यानी जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा हो सकता है।
  • अगर गर्भवती महिला ज्यादा किशमिश का सेवन करे तो गर्भ में पल रहे बच्चे में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा हो सकता है।
  • किशमिश में ट्राइग्लिसराइड्स भी अधिक मात्रा में पाया जाता है जिससे हृदय रोग और फैटी लिवर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

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कुल मिलाकर देखें तो किशमिश गर्भावस्था के लिए हेल्दी स्नैक के तौर पर खायी जा सकती है लेकिन सीमित मात्रा में। आप चाहें तो किशमिश को पानी में करीब 1 घंटे तक भिगोकर रखें और फिर गर्म दूध के साथ उसका सेवन करें। इसके अलावा आप चाहें तो मेवे के लड्डू बनाएं और उसमें भी किशमिश डालकर रोजाना 1 लड्डू का सेवन करें।

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किशमिश प्राकृतिक तौर पर आहार में एक महत्वपूर्ण भाग होती है और यह गर्भावस्था के दौरान माँ और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद हो सकती है। किशमिश में प्राकृतिक रूप से ग्लूकोज, फ्रूक्टोस, और सहायक विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं, जो गर्भवती महिलाओं को ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं और थकान को दूर कर सकते हैं।ये  पाचन को सुधारने में मदद करती है और खून बनाने में सहायक है, जिससे माँ और शिशु को ऑक्सीजन की अधिक आपूर्ति मिलती है। किशमिश में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य पोषक तत्वों की मौजूदगी विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि यह उनकी आंतरिक तंतु स्वास्थ्य को संरक्षित कर सकती है। यदि किशमिश का अत्यधिक सेवन किया जाता है, तो यह आहार में अतिरिक्त शुगर की मात्रा को बढ़ा सकता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए अनुचित हो सकता है। किसी भी तरह की परेशानियों में अपने डॉक्टर से बात करें। 

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