मसालों के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान - Health Benefits and Side Effects of Spices in Hindi

खाने में स्वाद लाने के लिए मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। मुख्य रूप से पौधों से प्राप्त होने वाले मसाले भोजन को स्वाद और रंगत देने के ​साथ-साथ, हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभदायक होते हैं। पौधों की जड़ों, छाल, फल, बीज और पत्तियों से मसाले प्राप्त किए जाते हैं। आमतौर पर हम मसालों और जड़ी-बूटियों के व्यावहारिक अंतर में भ्रमित हो जाते हैं। जड़ी-बू​टियों को  कई बीमारियों के इलाज और भोजनों की गार्निशिंग के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

पारंपरागत रूप से देखें तो गर्म जलवायु वाले क्षेत्र मसालों की खेती के​ लिए अनुकूल होते हैं। व्यापारिक दृष्टि से भी मसाले काफी फायदेमंद रहे हैं। मसालों के व्यापार का इतिहास सदियों पुराना है, समय के साथ-साथ य​ह भारतीय उपमहाद्वीप, पूर्वी एशिया और मध्य पूर्वी क्षेत्रों से बाहर निकलकर दुनिया के अन्य हिस्सों में फैलता गया। भारत सहित कई अन्य देशों में छोटी और कई बड़ी बीमारियों के इलाज में भी मसालों को प्रयोग में लाया जाता है।

वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा मसालों का उत्पादक देश भारत है।अंतरराष्ट्रीय संगठन मानकीकरण (आईएसओ) द्वारा सूचीबद्ध 109 प्रकार के मसालों में से भारत अकेले 75 प्रकार के मसालों का उत्पादन और निर्यात करता है। भारत मिर्च, हल्दी, अदरक, इलायची, धनिया, जीरा ही नहीं कई मसालों के पौधों से निकलने वाला तेल, पुदीना के कई उत्पाद, करी पाउडर, मसाला पाउडर जैसे उत्पादों का भी निर्यात करता है।

  1. भोजन को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं मसाले - Bhojan ko Surakshita Rakhte hain Masale
  2. मसालों के उपयोग और उनके लाभ - Masalon ke Upyog aur unke Labh
  3. कैसे करें मसालों का उपयोग - Kiase Prayog me Layein Masalon Ko
  4. साल्मोनेला के खतरे को बढ़ा सकते हैं मसाले - Masalon ke Prayog se Salmonella ka Dar
  5. बवासीर के मरीज करें मसालों से परहेज - Piles ke Mareez Banayen Masalon se Doori
  6. मसालेदार वातावरण से बढ़ सकती है अस्थमा - Masaledaar Vatavarn se badh sakti hai Asthma ki Shikayat
  7. मसालेदार भोजन के कारण होने वाले डायरिया की शिकायत - Jyada Masala Khane se ho sakte hain Dast
  8. मसालों के कारण त्वचा पर हो सकते हैं दाने - Masalon se ho sakte hain Twacha par Dane
  9. मसालों के दुष्प्रभाव से हो सकती है एलर्जी - Masalon se ho sakti hai Allergy
  10. मसालों के दुष्प्रभाव - Masalon se hone wale Nuksaan
  11. कामोत्तेजना को बढ़ाते हैं मसाले - Masalon ke Prayog se badhti hai Kamottejna
  12. मसालों के प्रकार - Kitne Prakaar ke hote hain Masale
  13. कैंसर से लड़ने में सहायक हैं मसाले - Cancer se Ladne me Madadgar hain Masale
  14. मसालों से दूर हो सकते हैं संक्रमण - Sankrman ko Door Bhagate hain Masale
  15. मसालों के सेवन से दें त्वचा को रंगत - Masalo ke Sevan se Sawarein Twacha
  16. हृदय के लिए काफी उपयोग है मसालों का इस्तेमाल - Hriday Rog ke liye Upyogi hai Masalon ka Upyog
  17. मतली और अपच से राहत देते हैं मसाले - Ulti aur Apach se Rahat dete hain Masale
  18. वजन घटाने में उपयोगी है मसालों का सेवन - Masalo ke Prayog se Ghatayen Vajan
  19. मधुमेह के उपचार में सहायक हैं मसाले - Diabetes ki Samaya Door krein Masalon se
  20. सूजन दूर करने में लाभकारी हैं मसाले - Masalo se Door kar sakte hain Soojan ki Samsya
  21. मसालों से स्वास्थ्य लाभ - Masalon se hone wale Fayde
  22. मसाले और उनके पोषक गुण - Masalon ke Poshak Tatwa

भोजन को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं मसाले - Bhojan ko Surakshita Rakhte hain Masale

कई रोगों से शरीर की सुरक्षा करने के साथ-साथ मसाले आपके भोजन को भी सुरक्षित रखने में सहायक होते हैं। लौंग, दालचीनी, जीरा और अजवायन जैसे मसालों में जीवाणुरोधी और एंटीफंगल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया (बैसिलस सबटिलिस, फेस्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस), रोगजनकों (स्टैफिलोकोकस ऑरियस, विब्रियो पैराओमायोलिटिकस और कवक) और फफूंदी आदि से भोजन को सुरक्षित रखते हुए, उन्हें लंबे समय तक उपयोग के योग्य बनाए रखते हैं। भोजन को पकाते समय इन मसालों के प्रयोग से आप पके हुए भोजन को भी लंबे समय तक संक्रमण रहित और संरक्षित बनाए रख सकते हैं।

मसालों के उपयोग और उनके लाभ - Masalon ke Upyog aur unke Labh

मसाले स्वास्थ्य लाभ से भरपूर होते हैं। आमतौर पर बिना किसी दुष्प्रभाव के नियमित रूप से इनके सेवन को सुरक्षित माना जाता है। भोजन में मसालों का नियमित सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ-साथ गठिया, कैंसर, मधुमेह और संक्रमण जैसी बीमारियों से लड़ने में भी सहायता करता सकता है। वैसे तो मसाले बहुत आसानी और कम दामों में उपलब्ध हैं। हालांकि, केसर जैसे मसाले महंगे बिकते हैं। सेवन से पहले यह सुनिश्चित करें कि जिन मसालों का आप खाने में इस्तेमाल कर रहे हैं वह पूरी तरह से शुद्ध और सुरक्षित हैं। कई बार मिलावट वाले मसाले आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव भी डाल सकते हैं।

कैसे करें मसालों का उपयोग - Kiase Prayog me Layein Masalon Ko

मसालों में कई प्रकार के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। दैनिक जीवन में प्रयोग में लाकर न सिर्फ आप खाने के स्वाद को साथ ही अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं। 

  • भोजन में मसालों को शामिल करके आप इसमें मौजूद गुणों का लाभ आसानी से ले सकते हैं। बाजार में मसाले साबुत और पिसे दोनों रूपों में मिल जाते हैं। कई मसालों के मिश्रण को खाने में मिलाने से स्वाद में बेहतरी लाई जा सकती है।
  • मसालों में मौजूद गुण खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक खराब होने से भी बचा सकते हैं। अचार को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए यह विधि प्राय: प्रयोग में लाई जाती है। 
  • छोटी-मोटी चोट और घाव पर हल्दी का लेप लगाने से भी फायदा मिलता है। हल्दी में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घावों को तेजी से भरने में मदद करते हैं।

साल्मोनेला के खतरे को बढ़ा सकते हैं मसाले - Masalon ke Prayog se Salmonella ka Dar

सितंबर 2019 में यूएसएफडीए ने कुछ मसालों को बाजार से हटाने का फैसला किया था। आशंका थी कि इन मसालों के कारण साल्मोनेला संदूषण बढ़ रहा है। यह एक आम बैक्टीरियल बीमारी है जो आंतों को प्रभावित करती है। यह संक्रमित व्यक्ति के मल द्वारा फैलता है।

बवासीर के मरीज करें मसालों से परहेज - Piles ke Mareez Banayen Masalon se Doori

अधिक मसालों के सेवन से गुदा संबंधी कई विकार जैसे बवासीर होने का खतरा बना रहता है। हालांकि, इसमें भी अपवाद है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इसे एक मिथ बताया है। 2006 में इटली के यूनिवर्सिटी ऑफ बारी एल्डो मोरो के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के दौरान बवासीर के रोगियों को एक सप्ताह के लिए मिर्च वाले कैप्सूल दिए। अंत में यह निष्कर्ष निकाला कि मसालेदार भोजन (विशेष रूप से मिर्च) बवासीर के लक्षणों को नहीं बढ़ाते हैं।

मसालेदार वातावरण से बढ़ सकती है अस्थमा - Masaledaar Vatavarn se badh sakti hai Asthma ki Shikayat

मसालेदार वातावरण में सांस लेना अस्थमा के मरीजों के लिए समस्याओं को बढ़ाने वाला हो सकता है। इससे खांसी, घरघराहट, सीने और गले में जकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मुख्यरूप से मिर्ची या काली मिर्च पाउडर के कारण इस समस्या के होने की आशंका अधिक रहती है।

मसालेदार भोजन के कारण होने वाले डायरिया की शिकायत - Jyada Masala Khane se ho sakte hain Dast

ज्यादा मसालेदार भोजन करने से मतली, पेट में खराबी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह पूरी तरह से आपके पाचन पर निर्भर करती है। चूंकि मसाले अपनी तासीर के कारण पेट में गर्मी पैदा कर देते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

मसालों के कारण त्वचा पर हो सकते हैं दाने - Masalon se ho sakte hain Twacha par Dane

कई मसालों की तासीर गर्म होती है और त्वचा के संपर्क में आने पर यह लालिमा, जलन और खुजली जैसी स्थितियों को उत्पन्न कर सकते हैं। दालचीन और जायफल जैसे मसालों के साथ यह समस्या अधिक देखी गई है। यह मसाले तुलनात्मक दृष्टि से ज्यादा गर्म होते हैं।

मसालों के दुष्प्रभाव से हो सकती है एलर्जी - Masalon se ho sakti hai Allergy

मसालों से होने वाले दुष्प्रभाव के मामले वैसे तो कम ही देखने को मिले हैं। अमेरिका के कुछ मामलों में धनिया, कैरावे, जीरा, अजवायन और थाइम जैसे मसालों के सेवन से कुछ लोगों में एलर्जी के प्रभाव देखे गए थे। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने कई मौकों पर जांच अभियान चलाया। शिकायतें मिली थीं कि मसालों की पैकिंग के दौरान उनके वजन को बढ़ाने के लिए मूंगफली का इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसे में मूंगफली और मसालों के मिलने के चलते एनाफिलेक्टिक जैसे मामले सामने आए थे।

मसालों के दुष्प्रभाव - Masalon se hone wale Nuksaan

आमतौर पर मसाले के सेवन का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है, इनके उपयोग को सुरक्षित माना जाता है। मसाले कई प्रकार के औषधीय गुणों का भंडार होते हैं, जो शरीर को लाभ ही पहुंचाते हैं। हालांकि, कई मामलों में इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिले हैं। यह मुख्यरूप से उन स्थितियों में देखने को मिलता है, जब या तो जिन मसालों को आप भोजन या पेय के रूप में ले रहे हैं, वह सही से पके नहीं हैं या फिर उन्हें सुरक्षित रूप से संग्रहीत नहीं किया गया हो। इन मामलों में निम्न प्रकार के दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

कामोत्तेजना को बढ़ाते हैं मसाले - Masalon ke Prayog se badhti hai Kamottejna

कुछ मसालों में निहित औषधीय गुण काम भावना को बढ़ाने में काफी प्रभावी सिद्ध हो चुके हैं। कई अध्ययनों में स्प्ष्ट हुआ है कि कुछ मसाले शरीर में ऐसे हार्मोन्स को बढ़ाने में सहायक होते हैं, जिनका सीधा संबंध कामोत्तेजना से होता है। मेथी में मौजूद सैपोनिंस टेस्टोस्टेरोन की वृद्धि में प्रभावी माना जाता है, जोकि पुरुष में कामेच्छा बढ़ा सकते हैं। इसी तरह सौंफ एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाने में सहायक है। केसर, जायफल, लहसुन और अदरक उत्तेजना बढ़ाने के साथ उन महिलाओं के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं, जिन्हें योनि में चिकनाहट की कमी की शिकायत रहती है। जिनसेंग का उपयोग कई प्रकार की मर्दाना कमजोरियों के इलाज में किया जाता है। जिनसेंग एक औषधीय पौधे की जड़ है जो चीन, नेपाल, कनाडा और पूर्वी अमेरिका में पाया जाता है।

मसालों के प्रकार - Kitne Prakaar ke hote hain Masale

पेड़-पौधों के किन हिस्सों से मसाले को प्राप्त किया गया है, इस आधार पर उनका वर्गीकरण किया जाता है। वनस्पति मूल पर आधारित मसालों के प्रमुख वर्गीकरण निम्नलिखित हैं।

कैंसर से लड़ने में सहायक हैं मसाले - Cancer se Ladne me Madadgar hain Masale

कैंसर और ट्यूमर जैसे गंभीर रोगों में हल्दी, काला जीरा (शाह जीरा), अदरक, लहसुन, केसर, काली मिर्च जैसे मसालों के सेवन की सलाह दी जाती है। इन मसालों में कर्क्यूमिन, थाइमोक्विनोन, पिपेरिन और कैप्साइसिन जैसे बायोएक्टिव यौगिक मौजूद होते हैं जो इन रोगों से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं। साल 2016 में न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया था कि ये यौगिक ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने और उनके प्रसार को किस प्रकार से रोकने में कारगर हैं।

मसालों से दूर हो सकते हैं संक्रमण - Sankrman ko Door Bhagate hain Masale

मसालों में रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण इनके प्रयोग से संक्रमण को दूर किया जा सकता है। लौंग, हल्दी, इलायची, दालचीनी, काली मिर्च, हींग और जीरा जैसे मसाले विशेष रूप से आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने और बैक्टीरिया के संक्रमण से आपको बचाने में मदद कर सकते हैं।

मसालों के सेवन से दें त्वचा को रंगत - Masalo ke Sevan se Sawarein Twacha

ज्यादातर मसालों में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण निहित होते हैं। इनके दैनिक इस्तेमाल से आप अपनी त्वचा में रंगत ला सकते हैं। खाने के रूप में इन मसालों के प्रयोग के साथ कई मसालों को त्वचा पर लगाने की भी सलाह दी जाती है। हल्दी उन्ही मसालों में से एक है, जिसको त्वचा पर लगाने से चमक मिलती है। दालचीनी, जायफल, सौंफ, अदरक, आदि भी त्वचा की रंगत को संवारने में काफी कारगर हैं।

हृदय के लिए काफी उपयोग है मसालों का इस्तेमाल - Hriday Rog ke liye Upyogi hai Masalon ka Upyog

मसाले हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में भी सहायक हैं। लहसुन में एलिसिन नामक एक सक्रिय यौगिक पाया जाता है, जो धमनियों के क्लॉगिंग को कम करता है साथ ही खून के संचार को बढ़ाने में भी सहायक है। वहीं हल्दी में पाए जाने वाला कर्क्यूमिन हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में सहायक है। काली मिर्च, दालचीनी और धनिया में भी हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के गुण मौजूद होते हैं।

मतली और अपच से राहत देते हैं मसाले - Ulti aur Apach se Rahat dete hain Masale

आप भले ही पेट की खराबी या फिर गर्भावस्था के कारण बार-बार मतली महसूस कर रहे हैं, इस समस्या से मसाले आपको निजात दिला सकते हैं। अदरक, इलायची, जीरा, सौंफ और लौंग जैसे मसालों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, इनको इस्तेमाल में लाने से न सिर्फ मतली की समस्या से राहत मिलती है साथ ही ये गैस और पेट की सूजन को दूर करने में भी काफी सहायक हैं।

वजन घटाने में उपयोगी है मसालों का सेवन - Masalo ke Prayog se Ghatayen Vajan

कई मसालों में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो मेटाबॉलिक दर को बढ़ा देते हैं। इनमें मिर्च, दालचीनी, सौंफ, मेथी, इलायची और काली मिर्च जैसे मसाले शामिल हैं। ये मसाले प्रभावी रूप से पाचन शक्ति को बढ़ाने के​ साथ-साथ शरीर से विषाक्त पदार्थों को तेजी  और अधिक प्रभावी ढंग से बाहर निकालते हैं। यहां तक कि इन मसालों के मिश्रण से बनी चाय भी आपके वजन घटाने में आपकी मदद कर सकती है।

मधुमेह के उपचार में सहायक हैं मसाले - Diabetes ki Samaya Door krein Masalon se

कुछ मसालों में मधुमेह जैसे गंभीर रोगों के इलाज के गुण पाए जाते हैं। दालचीनी की तरह कई मसाले हैं जो भोजन में मिठास जरूर ले आते हैं, लेकिन इस मिठास का प्रभाव रक्त को नहीं होता है। दालचीनी में कई ऐसे गुण होते हैं जो शरीर में बनने वाले इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देता है।

मेथी के बीज और अदरक डायबिटीज के इलाज में काफी फायदेमंद साबित हुए हैं। दोनों मसालों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के गुण मौजूद होते हैं।

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सूजन दूर करने में लाभकारी हैं मसाले - Masalo se Door kar sakte hain Soojan ki Samsya

चोट के बाद कुछ हिस्सों में सूजन आ जाना स्वाभाविक है। इन सूजन को दूर करने के लिए मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। इसका हाल के वर्षों में हुए कई अध्ययनों ने भी समर्थन किया है। साल 2018 में जर्नल ऑफ ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन पुष्टि करता है कि लौंग, धनिया, लहसुन, अदरक, प्याज, काली मिर्च, हल्दी जैसे मसालों के पोषक तत्व सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इतना ही नहीं गठिया जैसे पुराने रोगों को भी खत्म करने में मसालों का प्रयोग लाभदायक माना जाता है।

मसालों से स्वास्थ्य लाभ - Masalon se hone wale Fayde

मसालों में कुदरती तौर से चिकित्सकीय गुण मौजूद होते हैं। कई मसालों का प्रयोग गैर संचारी रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। भारत में सदियों से इन मसालों को प्रयोग में लाकर बीमारियों का इलाज किया जा रहा है, वहीं कुछ विकसित देशों ने अब जाकर इस पर अध्ययन करना शुरू किया है। यहां कुछ फायदे बताए जा रहे हैं जिनका लाभ आप मसालों को दैनिक जीवन में प्रयोग में लाकर कर सकते हैं।

मसाले और उनके पोषक गुण - Masalon ke Poshak Tatwa

मसालों में प्राकृतिक रूप से स्वाद और खुशबू निहित होते हैं। खाने में इनका इस्तेमाल भी नियत मात्रा में किया जाता है, जिससे उसमें अतिरिक्त कैलोरी नहीं जुड़ती हैं। मसालों में कई प्रकार के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। ज्यादातर मसाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन ए, विटामिन बी6, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे खनिजों के समृद्ध स्रोत होते हैं। कई मसालों में पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड जैसे एंटीऑक्सिडेंट यौगिकों की भी प्रचुर उपलब्धता होती है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक होते हैं।

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