भारत के अंदर अधिकत्तर लोग तीखा और मसालेदार खाना, खाना पसंद करते हैं। यहां, मिर्च के बिना स्वादिष्ट खाने की उम्मीद करना बेईमानी होगी। लिहाजा अधिकांश भारतीय लोग, अपने खाने में मिर्च को ज्यादा महत्व देते हैं, जो कि एक तरह से फायदेमंद भी है।
दरअसल एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि एक हफ्ते यानि 7 दिनों में 4 बार से अधिक समय पर मिर्च खाने से कार्डियो (हृदय) और सेरेब्रोवास्कुलर (मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं की बीमारी) डिजीज का जोखिम कम होता है। जिससे मृत्यु का खतरा भी घट जाता है।
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क्या कहती है रिसर्च?
जरनल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग मिर्च नहीं खाते, उनकी तुलना में अक्सर जो लोग मिर्च या मसालों का सेवन करते उनमें किसी भी कारण से मृत्यु की आशंका 23 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
- रिसर्च के दौरान इटली में मोलिस क्षेत्र के 22,811 लोगों की जांच की गई, जो मोली-सानी अध्ययन में भाग ले रहे थे।
- लगभग 8 सालों की औसत अवधि के बाद, वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग बहुत तीखा खाना या मिर्च खा रहे थे (जिससे उन्हें पसीना आ रहा था)। ऐसे लोगों में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु का खतरा 40% तक कम हो गया था।
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विशेषज्ञों की राय
इटली के पॉज़ज़िल्ली में एक न्यूरोमेड नामक इंस्टीट्यूट में एपिडेमियोलॉजिस्ट मारियालौरा बोनियाको का कहना है कि यह एक दिलचस्प तथ्य है कि मृत्यु दर के जोखिम से लोगों की सुरक्षा उनके आहार से जुड़ी थी। जिसे वो जब चाहे, जैसे चाहे खा सकते थे।
- लाइसिया इकोविएलो, जो कि आईआरसीसीएस न्यूरोमेड इंस्टीट्यूट में एपिडेमियोलॉजी और बीमारी रोकथाम विभाग की निदेशक हैं। ये कहती हैं कि मिर्च हमारी खाद्य संस्कृति से जुड़ी है जो हमारे खाने की मूलभूत चीज है। यही वजह है कि सदियों से मिर्च के सेवन के साथ कई लाभकारी गुण जुड़े हैं। इतना ही नहीं जादू टोना या पारंपरिक आधार पर भी मिर्च का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
- अब यह महत्वपूर्ण है कि इसको लेकर गंभीरता से रिसर्च हुई है, जिससे हमें कई तरह के बेहतर और वैज्ञानिक परिणाम भी मिले हैं।
- जैसा कि चीन और अमेरिका में पहले से ही देखा गया है और हम जानते भी हैं कि शिमला मिर्च की प्रजातियों के विभिन्न पौधे हैं, जिनका दुनिया भर में अलग-अलग तरीकों से सेवन किया जाता है। ये हमारे स्वास्थ्य के लिए एक सुरक्षात्मक कार्रवाई कर सकते हैं।
कितनी मात्रा में करें मिर्ची का सेवन
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक मिर्च का सेवन, सभी प्रकार की मुत्यु के जोखिम को तो कम करता है, लेकिन मिर्च कितनी मात्रा में खाई जानी चाहिए ये रिसर्च के दौरान साफ नहीं हो पाया।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि मिर्च नहीं खाने वाले लोगों की तुलना में मिर्च का सेवन करने वाले लोगों के जीवन में कई तरह के सकारात्मक पहलुओं या तथ्यों का पता चला है।
इंग्लैंड की एस्टन यूनिवर्सिटी में एस्टन मेडिकल स्कूल के अंदर रजिस्टर्ड डायटिशियन और सीनियर टीचिंग फेलो डॉक्टर डुआने मेलर का कहना है कि मिर्च के सेवन और हृदय रोग व स्ट्रोक के जोखिम के बीच संभावित खोज करने वाला यह एक दिलचस्प शोध है। जिससे पता चलता है कि डायटरी पैटर्न और जीवनशैली के हिस्से के रूप में मिर्च का उपयोग कैसे किया जाता है।
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डॉक्टर की राय
डॉक्टर के मुताबिक, क्योंकि मिर्च के अंदर कैपिसिसिन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो काफी लाभदायक होता है। ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में ठीक माना जाता है। यही वजह हो सकती है कि मिर्ची या तीखा (स्पाइसी) खाने से हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम कम हो जाता है।
इस पूरी रिपोर्ट के आधार पर ये कहा जा सकता है कि मिर्च खाना कई मायनों सही है। मिर्च के सेवन से कई तरह की बीमारियों का खतरा कम होता है। साथ ही साथ ये आपका मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है। जिससे वजन बढ़ने का खतरा नहीं होता। हालांकि अध्ययन में ये बताया गया कि एक सप्ताह में 4 बार मिर्ची खानी चाहिए, लेकिन कितनी मात्रा में खानी चाहिए ये स्थिति साफ नहीं है।