परिचय

निद्रा रोग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति की रोजाना ठीक से सो पाने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। यह स्थिति किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण या फिर तनाव अत्यधिक बढ़ जाने के कारण होती है। निद्रा रोग एक आम समस्या बनती जा रही है। ज्यादातर लोगों को अधिक तनाव, अधिक व्यस्त दिनचर्या या फिर अन्य किसी बाहरी कारक के कारण निद्रा रोग होने लग जाते हैं।

जब ये समस्याएं नियमित रूप से होने लगती हैं और रोजाना की दिनचर्या में हस्तक्षेप करने लग जाती हैं, तो यह निद्रा रोग का संकेत हो सकता है। इसके कारण दिन में सोना, ध्यान लगाने में कठिनाई होना, याद रख पाने में कठिनाई होना, खर्राटे और नींद से जागने के बाद थकान महसूस होने जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। 

हालांकि इन विकारों का सफलतापूर्वक परीक्षण व इलाज किया जा सकता है और जो इनसे पीड़ित है उनकी समस्याओं में सुधार किया जा सकता है। कुछ प्रकार के विकार जैसे नींद में चलना और नींद के दौरान खर्राटे लेना आदि का इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि ये हानिरहित होते हैं। यदि हल्के या कभी-कभार होने वाले लक्षणों से आपकी रोजाना की दिनचर्या में परेशानी हो रही है, तो जीवनशैली में कुछ बदलाव करके इन लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। 

कुछ प्रकार के निद्रा रोग व्यक्ति में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा देते हैं। इस समस्या के कारण आपको दिन के समय सामान्य काम करने में परेशानी होने लग जाती है और इससे आप पर आपके परिवार और दोस्तों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

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निद्रा रोग क्या है - What is Sleep Disorders in Hindi

निद्रा रोग क्या है?

निद्रा रोग एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण व्यक्ति ठीक तरीके से सो नहीं पाता है और इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को दिन में नींद आती है तथा वह अपने दिन के काम ठीक से नहीं कर पाता है। 

हालांकि कभी-कभार नींद में इस तरह की समस्याएं होना आम बात होती है। लेकिन अगर आपको रात के समय सोने में परेशानी, नींद से जागने के बाद थकान महसूस होने जैसी समस्याएं लगातार हो रही हैं तो यह सामान्य स्थिती नहीं है। आपको निद्रा रोग हो सकता हैं।  

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निद्रा रोग के लक्षण - Sleep Disorders Symptoms in Hindi

निद्रा रोग के लक्षण क्या हैं?

निद्रा रोग में होने वाले कुछ आम लक्षण जैसे:

  • ऐसा महसूस होना जैसे नींद पूरी नहीं हो पाई हो
  • मूड या व्यवहार संबंधी समस्याएं जैसे चिड़चिड़ापन या जल्दी गुस्सा आना (और पढ़ें - गुस्सा कैसे कम करें)
  • ध्यान लगाने में कठिनाई होना
  • दिन में ज्यादा नींद आना
  • शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना
  • बार-बार भूलने की बीमारी
  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों में परेशानी होना
  • अधिक थकान के कारण काम के समय या ड्राइविंग के दौरान दुर्घटना होना

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डॉक्टर को कब दिखा लेना चाहिए?

यदि आपको ठीक से सोने में परेशानी हो रही है या फिर आपको दिन के समय नींद आती है और अधिक थकान महसूस होती है, तो आपको इस बारे में डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। 

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निद्रा रोग के प्रकार व कारण - Sleep Disorders types and their causes in Hindi

निद्रा रोग क्यों होता है?

निद्रा रोग के कारण उसके प्रकार पर निर्भर करते हैं, जैसे:

खर्राटे या स्लीप एप्निया:
यह ऊपरी श्वसन तंत्र में किसी प्रकार की रुकावट के कारण हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया हो जाता है। इसके अलावा यदि मस्तिष्क सांस लेने की प्रक्रिया को शुरु करने में विफल हो जाता है, तो भी यह समस्या हो जाती है।

शरीर का वजन ज्यादा होना या मोटापा ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के सबसे आम कारण हैं। क्योंकि मोटापे से मुंह व गले के नरम ऊतक भी प्रभावित हो जाते हैं। नींद के दौरान जब गले व जीभ की मांसपेशियां शांत होती हैं, ये नरम ऊतक श्वसन मार्गों को अवरुद्ध कर देते हैं। लेकिन वयस्कों में ऐसे कई अन्य कारक भी हो सकते हैं, जो खर्राटे या स्लीप एप्निया से जुड़े हो सकते हैं।

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नींद ना आना (Insomnia):
अनिद्रा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति उतनी नींद नहीं ले पाता जिससे उसकी थकान कम हो जाए। इस स्थिति के कारण व्यक्ति को नींद नहीं आती या फिर जल्दी आंख खुल जाती है। नींद ना आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे तनाव, विमान यात्रा से होने वाली परेशानी, स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या, किसी प्रकार की दवा खाना और यहां तक कि अधिक मात्रा में पी गई कॉफी भी नींद को प्रभावित कर सकती है। अनिद्रा किसी अन्य निद्रा रोग जैसे चिंता या डिप्रेशन के कारण भी हो सकती है।

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पैरासोम्निया (Parasomnias):
पैरासोम्निया में होश ना रहना जैसी समस्याएं शामिल हैं। इनमें नींद में डरना, नींद में चलना, नींद में खाना, सोते समय आंख हिलना (REM behavior disorder) आदि शामिल हैं। इसके अलावा ऐसे बहुत सारे व्यवहार हो सकते हैं, जो सोते समय व्यक्ति में देखने की मिलते हैं।

पैरासोम्निया अक्सर पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली बीमारी है और इसलिए कई मामलों में यह शायद एक आनुवंशिक कारक भी हो सकता है। पैरासोम्निया के कुछ मामले मस्तिष्क संबंधी विकार के कारण भी हो सकते हैं, जैसे सोते समय आंख तेजी से हिलना आदि। कुछ अन्य निद्रा रोग जैसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया या कुछ निश्चित प्रकार की दवाएं भी पैरासोम्निया का कारण हो सकते हैं।

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नार्कोलेप्सी (Narcolepsy):
नार्कोलेप्सी निद्रा रोग है। नार्कोलेप्सी का कारण ज्यादातर मामलों  में हाइपोक्रेटीन की कमी को माना जाता हैं। हाइपोक्रेटीन मस्तिष्क का केमिकल होता है, जो नींद की प्रक्रिया को चलाता है। यह एक न्यूरोट्रांसमीटर भी है, जिसकी मदद से सिग्नल भेजे जाते हैं। आप सो रहे हैं या कुछ तंत्रिका कोशिकाओं के साथ (या फिर मस्तिष्क में न्यूरोन्स के साथ) काम करते हुऐ जाग रहे हैं, इसको नियंत्रित करने का काम कर सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि जब प्रतिरक्षा प्रणाली किसी गड़बड़ी के कारण मस्तिष्क के किसी ऐसे हिस्से को क्षति पहुंचाने लग जाती है, जो हाइपोक्रेटीन बनाता है, तो इस केमिकल की कमी होने लग जाती है।

क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome):
इस रोग में मरीज को बहुत अधिक थकान महसूस होती है, जो पर्याप्त आराम करने पर भी ठीक नहीं हो पाती है और यहां तक कि थोड़ी बहुत शारीरिक गतिविधि करने के बाद बदतर हो जाती है। 

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विमान यात्रा में होने वाली थकान (Jet Lag):
यह एक थोड़े से समय के लिए रहने वाली समस्या है, जो अलग-अलग समय क्षेत्रों (Time zones) में यात्रा करने से होती है। इसमें मरीज के शरीर का बॉडी क्लॉक सामान्य समय से अलग हो जाता है इसलिए उसको थकान, नींद ना आना, जी मिचलाना व अन्य परेशानियां होने लग जाती हैं। 

पैर हिलाने की बीमारी (Restless Legs Syndrome):
यह तंत्रिका संबंधी विकार है जिसमें टांग में एक अजीब की तकलीफ पैदा हो जाती है और उसे लगातार हिलाने का मन करता है। यह मस्तिष्क के केमिकल (न्यूरोट्रांसमीटर) किसी प्रकार की असामान्यता से भी जुड़ा हो सकता है, क्योंकि ये केमिकल मांसपेशियों के हिलने ढुलने में मदद करते हैं। इसके अलावा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में किसी प्रकार की असामान्यता के कारण भी यह पैर हिलने की बीमारी हो सकती है। 

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निद्रा रोग से बचाव - Prevention of Sleep Disorders in Hindi

निद्रा रोग की रोकथाम कैसे करें?

कुछ तरीके हैं जिनकी मदद से निद्रा रोग से बचाव किया जा सकता है:

  • रात के समय कोई अन्य काम न करें, अच्छी नींद को ही प्राथमिकता दें। रोजाना 7 से 9 घंटे नींद के लिए रख लें और इन घंटों में कोई भी दूसरा काम ना करें और ना ही नींद के बीच में उठें। रोजाना सुबह एक ही टाइम पर उठें यहां तक तक छुट्टी वाले दिन भी उठने के समय में कोई बदलाव ना करें। 
  • आपका बेडरूम (सोने का कमरा) ठंडा, शांत व कम रौशनी वाला होना चाहिए। अतिरिक्त शोर को खत्म करने के लिए आप एक पंखे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। साथ ही साथ सोने से पहले यह भी सुनिश्चित कर लें कि आपका बिस्तर व तकिया आदि पूरी तरह से आरामदायक है या नहीं। 
  • अपने बेडरूम के कमरे को सिर्फ सोने के लिए ही इस्तेमाल करें वहां पर कोई दूसरा काम ना करें और ना ही टीवी चलाएं। जब आपको थकान महसूस हो रही हो तब आप अपने बेडरूम में जाएं और सोने की कोशिश करें, यदि आप 15 मिनट तक सो ना पाएं तो किसी दूसरे कमरे में जाएं व कुछ और करने की कोशिश करें। 
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से आपकी नींद में सुधार होता है, लेकिन सुबह व दोपहर के समय अधिक एक्सरसाइज ना करें। 
  • नियमित रूप से आराम करने के लिए एक स्थापित समय बनाएं। सोने से पहले किसी भी उत्तेजक पदार्थ का उपयोग ना करें जैसे कॉफी, चॉकलेट और निकोटीन आदि। इसके अलावा सोने से पहले टीवी, कंप्यूटर या फोन आदि का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। सोने से पहले किताब पढ़ें, हल्का संगीत सुनें या फिर मेडिटेशन करें। 
  • रात के समय घड़ी की तरफ ना देखें, क्योंकि ऐसा करने से आपको चिंता महसूस होने लग जाती है। घड़ी को आपकी नजरों के सामने ना रखें।
  • वृद्ध व्यक्ति जो रात के समय ठीक से नहीं सो पाते हैं उनको दोपहर के समय नींद आ सकती है। दोपहर के समय अधिक नींद नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से रात के समय नींद नहीं आती। 
  • दिन के समय में थोड़ा बहुत बाहर घूमने की कोशिश करें, खासकर सुबह के समय बाहर घूमना चाहिए।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए एक्सरसाइज)

निद्रा रोग का परीक्षण - Diagnosis of Sleep Disorders in Hindi

निद्रा रोग की जांच कैसे की जाती है?

यदि आपको लगता है कि आपको निद्रा रोग हो रहा है, तो डॉक्टर के पास जाकर अपने लक्षणों के बारे में बताएं। डॉक्टर आपका शारीरिक परीक्षण करेंगें और आपको सोने के दौरान हो रही परेशानियों का पता लगाने की कोशिश करेंगे। 

कुछ बीमारियां भी हैं जो निद्रा रोग पैदा कर देती हैं, इसलिए इन बीमारियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। 

यदि आपके डॉक्टर को लगता है  कि आपको निद्रा रोग है, तो वे आपको विशेषज्ञ डॉक्टर के पास भेज सकते हैं। 

(और पढ़ें - एचएसजी टेस्ट क्या है)

नींद संबंधी समस्याओं के विशेषज्ञ डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करेंगे और इसके अलावा वे आपको स्लीप स्टडी करवाने की सलाह भी दे सकते हैं।

  • स्लीप स्टडी:
    इसको पोलिसोनोग्राम (PSG) भी कहा जाता है। यह एक मल्टीपल कॉम्पोनेंट्स (विभिन्न घटक) टेस्ट होता है, जो आपके सोने के दौरान कुछ विशेष शारीरिक गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है। कुछ मरीजों के लिए स्लीप स्टडी को घर पर भी किया जा सकता है। रिकॉर्ड किए गए डाटा का विश्लेषण एक प्रशिक्षित डॉक्टर के द्वारा किया जाता है, जिसकी मदद से पता लगाया जाता है कि आपको निद्रा रोग है या नहीं हैं। (और पढ़ें - ऑनलाइन लैब टेस्ट)
     
  • इलेक्ट्रोइन्सेफलोग्राम:
    इस टेस्ट की मदद से मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों की जांच की जाती है और इससे जुड़ी अन्य कई संभावित समस्याओं का पता लगाया जाता है। (और पढ़ें - पैप स्मीयर टेस्ट क्या है)
     
  • आनुवंशिक खून टेस्ट:
    नार्कोलेप्सी व अन्य स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां जो निद्रा रोग पैदा कर सकती हैं आदि का पता लगाने के लिए जेनेटिक ब्लड टेस्ट किया जा सकता है।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

निद्रा रोग को कैसे दूर करे - How to Cure Sleep Disorders in Hindi

निद्रा रोग का इलाज कैसे करें?

मेडिकल इलाज:
नींद संबंधी समस्याओं के लिए किए जाने वाले मेडिकल उपचारों में निम्नलिखित उपचार शामिल हो सकते हैं:

  • नींद की गोलियां देना
  • डेंटल गार्ड लगाना (आमतौर पर दांत घिसने की आदत से  छुटकारा दिलाने के लिए)
  • ब्रिथिंग डिवाइस लगाना या सर्जरी करना (आमतौर पर स्लीप एप्निया का इलाज करने के लिए)
  • एलर्जी या सर्दी जुकाम की दवाएं
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्या का इलाज करने के लिए दवाएं
    (और पढ़ें - सर्दी जुकाम का घरेलू उपाय)

नॉन-मेडिकल इलाज:

  • कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा)
  • हिप्नोसिस
  • स्लीप रिस्ट्रिक्शन (कुछ निश्चित समय के लिए नींद पर रोक लगाना)
  • रिलैक्सेशन तकनीक (शरीर को रिलैक्स करने की तकनीक)

निद्रा रोग से ग्रस्त सभी लोगों के लिए ये सामान्य उपाय काफी नहीं होते हैं। बल्कि रोगी की समस्या के लिए उचित इलाज मरीज के परीक्षण व उसकी पिछली मानसिक स्थिति के आधार पर किया जाता है। 

घरेलू इलाज:
जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने से आपकी नींद में काफी सुधार होता है। बेहतर परिणाम के लिए दवाओं से इलाज के साथ-साथ जीवन शैली में बदलाव किया जाता है। नींद संबंधी समस्याओं को कम करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • सोने के समय कम पानी पिएं। 
  • अपने आहार में सब्जियांमछली शामिल करें और मीठे की मात्रा को कम कर दें।
  • एक्सरसाइज करके चिंता व तनाव कम करने की कोशिश करें। (और पढ़ें - एक्सरसाइज का सही टाइम)
  • रोजाना एक ही समय पर सोएं व उठें।
  • कैफीन के पदार्थों को कम मात्रा में पिएं खासकर दोपहर के बाद या शाम के समय।
  • धूम्रपान न करें व शराब ना पिएं। 
  • सोने से पहले थोड़ी मात्रा में भोजन खाएं और ऐसे खाद्य पदार्थों को चुनें जिनमें कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होता है।

(और पढ़ें - शराब छुड़ाने के उपाय)

निद्रा रोग की जटिलताएं - Sleep Disorders Complications in Hindi

निद्रा रोग से क्या जटिलताएं हो सकती हैं?

निद्रा रोग से होने वाली समस्या काफी परेशान कर देने वाली हो सकती है, जिससे आपको तुरंत राहत पाने की आवश्यकता पड़ती है। कुछ दीर्घकालिक समस्याओं का का इलाज करने में थोड़ा और अधिक समय लगता है। हालांकि यदि आप अपने इलाज का ठीक तरीके से पालन कर रहे हैं और नियमित रूप से डॉक्टर के पास जा रहे हैं, तो अंत में आप ठीक तरीके से सो पाते हैं। 

निद्रा रोग से आपके जीवन पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है:

  • ठीक तरीके से जीवन ना जी पाना
  • मानसिक विकार होने के जोखिम बढ़ जाना (और पढ़ें - मानसिक रोग का इलाज)
  • तनाव
  • काम या स्कूल में प्रदर्शन कम हो जाना

(और पढ़ें - मानसिक रोग दूर करने के उपाय)

Dr. Sumit Kumar.

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निद्रा रोग की दवा - OTC medicines for Sleep Disorders in Hindi

निद्रा रोग के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
Sprowt Melatonin with Non-habit Forming Sleep Support for Adultsएक बोतल में 120 टैबलेट446.0
Planet Ayurveda Ashwagandha Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल1215.0
Hibril Capsule - The Stress Reliever (100)एक डब्बे में 100 कैप्सूल650.0
Auric Sleep Gummiesएक बोतल में 500 ml गम675.0
Siddhayu Winostress Capsule (30)एक बोतल में 30 कैप्सूल191.25
Noctura Syrupएक बोतल में 100 ml सिरप197.6
Vringra Halt Night Fall Capsulesएक बोतल में 30 कैप्सूल329.0
LDD Bioscience Sleep Ease Tabletएक बोतल में 30 टैबलेट391.5
Siddhayu Winostress Capsule (60)एक बोतल में 60 कैप्सूल335.75
Enorma Obstructive Sleep Apnea Tablet (60)एक बोतल में 60 टैबलेट1465.0
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