एक व्यक्ति को नींद से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसमें अनिद्रा और स्लीप एपनिया सामान्य है. इसके साथ ही कुछ लोगों को पैरासोम्निया से भी परेशान होना पड़ सकता है. पैरासोम्निय ऐसा डिसऑर्डर है, जिसमें कई तरह के अलग-अलग स्लीप डिसऑर्डर शामिल हैं. इससे नींद की गुणवत्ता कम हो सकती है. यह डिसऑर्डर आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ वयस्कों में भी पैरासोम्निया के लक्षण देखने को मिल सकते हैं.

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आज इस लेख में आप पैरासोम्निया के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. पैरासोम्निया क्या है?
  2. पैरासोम्निया के लक्षण
  3. पैरासोम्निया के कारण
  4. पैरासोम्निया के प्रकार
  5. पैरासोम्निया का इलाज
  6. सारांश
पैरासोम्निया के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

पैरासोम्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है. इसमें व्यक्ति सोते समय असामान्य व्यवहार करने लगता है. नींद के दौरान व्यक्ति इधर-उधर घूम सकता है, बातें कर सकता है. इस स्थिति में अक्सर लोगों को लगता है कि वह व्यक्ति जाग रहा है, जबकि असलियत में वह सो ही रहा होता है यानी ये सभी चीजें व्यक्ति नींद के दौरान करता है. सुबह उठने के बाद ये घटनाएं अक्सर व्यक्ति को याद भी नहीं रहती हैं. पैरासोम्निया नींद के किसी भी चरण के दौरान हो सकता है. आपको बता दें कि बच्चों के साथ ही लगभग 4 फीसदी वयस्कों को भी पैरासोम्निया प्रभावित कर सकता है. जिन बच्चों को पैरासोम्निया होता है, उनमें बड़े होने पर पैरासोम्निया के लक्षण कम देखने को मिल सकते हैं.

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नींद के दौरान असामान्य व्यवहार पैरासोम्निया का एक आम लक्षण होता है. इसके अलावा, पैरासोम्निया के प्रकार के अनुसार भी लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. इनमें शामिल हैं -

  • नींद के दौरान हिलना
  • नींद में बोलना
  • नींद में घूमना
  • भ्रम की स्थिति में जागना
  • दिन में अधिक थकान
  • दिन में नींद आना
  • रात को सोने में कठिनाई होना
  • शरीर पर खरोंच या कट (जिसके बारे में आपको पता न हो)

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पैरासोमनिया के कई संभावित कारण हो सकते हैं. इसके साथ ही कुछ चीजें पैरासोम्निया के लक्षणों को ट्रिगर भी कर सकती हैं. इनमें शामिल हैं - 

  • तनावचिंता और डिप्रेशन
  • जेनेटिक यानी परिवार में किसी को पहले से पैरासोम्निया होना
  • अनियमित दिनचर्या जैसे नाइट शिफ्ट में काम करना
  • स्लीप एपनिया
  • न्यूरोलॉजिकल कंडीशन, जैसे- पार्किंसंस रोग
  • स्लीप डिसऑर्डर, जैसे- अनिद्रा
  • पीटीएसडी
  • रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस) 
  • पीरियोडिक लिंब मूवमेंट डिसऑर्डर
  • क्रोनिक पेन
  • नींद पूरी न होना
  • खराब मानसिक स्वास्थ्य
  • कुछ दवाइयां
  • शराब या धूम्रपान का सेवन

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पैरासोम्निया में कई तरह के स्लीप डिसऑर्डर शामिल होते हैं. यह नींद के दौरान परेशान करने वाला एक डिसऑर्डर है. यह नींद के किसी भी चरण में हो सकता है. पैरासोम्निया के प्रकारों में शामिल हैं -

बुरे सपने

अगर कोई व्यक्ति बुरा सपना देखता है, तो वह अचानक से नींद से जाग सकता है. इसमें व्यक्ति के लिए दोबारा सोना काफी कठिन हो जाता है. अगर किसी व्यक्ति को सप्ताह में 1 से अधिक बार बुरे सपने आते हैं, तो इससे उसकी नींद की गुणवत्ता बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है.

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नाइट टेरर

नाइट टेरर को स्लीप टेरर भी कहा जाता है. यह भी बुरे सपने की तरह ही होता है. नाइट टेरर आमतौर पर गहरी नींद के दौरान होता है. इसमें व्यक्ति अचानक से जाग सकता है. भयभीत और भ्रमित महसूस कर सकता है. इस प्रकार के पैरासोम्निया के एपिसोड लगभग 15 मिनट तक चल सकते हैं. इसके बाद व्यक्ति दोबारा सो सकता है. इस प्रकार का पैरासोम्निया 3 से 8 साल के बच्चों में आम है.

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नींद में चलना

स्लीप वॉकिंग भी एक प्रकार का पैरासोम्निया होता है. यह तब होता है, जब व्यक्ति इधर-उधर जा रहा होता है. इस स्थिति में लग सकता है कि व्यक्ति जाग रहा है, लेकिन वास्तविकता में वह सो रहा होता है. स्लीप वॉकिंग रात में गहरी नॉन-रैपिड आई मूवमेंट नींद के चरण के दौरान हो सकता है. इस प्रकार का पैरासोम्निया 5 से 12 वर्ष के बच्चों में आम है.

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नींद में बड़बड़ाना

कई लोगों को नींद में बड़बड़ाने की आदत होती है. यह भी पैरासोम्निया का एक प्रकार होता है. यह पैरासोम्निया आमतौर पर खतरनाक नहीं होता है. इसके अलावा भी कई तरह के पैरासोम्निया होते हैं, जो नींद को बाधित कर सकते हैं.

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पैरासोम्निया का इलाज इसके प्रकार, एपिसोड और गंभीरता के अनुसार ही किया जाता है. इसके लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयों और थेरेपी का सहारा ले सकते हैं -

दवाइयां

अगर किसी व्यक्ति को बार-बार पैरासोम्निया आता है, तो इस स्थिति में डॉक्टर दवाइयां लिख सकते हैं. दवाइयों की मदद से पैरासोम्निया के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. पैरासोम्निया का इलाज करने के लिए दवाइयां -

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कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी की मदद से भी पैरासोम्निया का इलाज किया जा सकता है. दरअसल, इस थेरेपी में तनाव, चिंता और डिप्रेशन को कम करने में मदद मिल सकती है. तनाव और चिंता पैरासोम्निया से जुड़ा होता है. ऐसे में इस थेरेपी को लेने से तनाव और पैरासोम्निया में कमी देखने को मिल सकती है. इसके अलावा, टॉक थेरेपी और हिप्नोसिस थेरेपी की मदद से भी पैरासोम्निया से जुड़े लक्षणों को दूर करने में मदद मिल सकती है.

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नींद से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या के लिए आप Sprowt Melatonin ले सकते हैं, जिसे नियमित रूप से लेने पर जरूर फायदा होता है -

पैरासोम्निया ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति नींद के दौरान असामान्य व्यवहार करने लगता है. इसकी वजह से नींद बाधित हो सकती है और नींद की गुणवत्ता कम हो सकती है. आपको बता दें कि पैरासोम्निया में व्यक्ति नींद के दौरान चल सकता है, बात कर सकता है या कोई एक्टिविटी कर सकता है. पैरासोम्निया में व्यक्ति को बुरे सपने भी आ सकते हैं, जो उसे भयभीत कर सकते हैं. यह डिसऑर्डर बच्चों में बेहद आम है, लेकिन इसका इलाज पूरी तरह से संभव है. कुछ दवाइयों और थेरेपी की मदद से पैरासोम्निया का इलाज संभव हो सकता है.

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