शोध बताते हैं कि अक्सर सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर को इनसोम्निया समझ लिया जाता है, जबकि 10 प्रतिशत लोगों को सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर होने की आशंका रहती है. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर में व्यक्ति को सोने में दिक्कत हो सकती है, नींद के बीच में आंख खुल जाती है या बहुत जल्दी सुबह नींद खुल जाती है और दोबारा नींद नहीं आती है. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के कारण में जेट लैग, काम करने के घंटे में लगातार बदलाव, बढ़ती उम्र और कुछ खास दवाइयां शामिल हो सकती हैं. इसके इलाज के तौर पर लाइफस्टाइल में बदलाव, ब्राइट लाइट थेरेपी और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन शामिल है.

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आज इस लेख में आप सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में जानेंगे -

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  1. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण
  2. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के कारण
  3. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर का इलाज
  4. सारांश
सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर जिंदगी को कई तरह से प्रभावित कर सकता है. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के आम लक्षण निम्न हो सकते हैं - 

  • नींद आने में दिक्कत
  • नींद के रहने में दिक्कत
  • सोने के बाद जागने पर फ्रेश न महसूस करना
  • सुबह जागने में परेशानी
  • दिन में ज्यादा नींद आना
  • डिप्रेशन
  • रिश्तों में तनाव
  • स्कूल या ऑफिस में परफॉर्मेंस पर खराब असर पड़ना
  • याददाश्त संबंधी समस्या

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सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर तब होता है, जब व्यक्ति को नींद में परेशानी आने लगती है. यह शरीर की अंदरूनी घड़ी में खराबी की वजह से होता है. यह नींद के समय और अवधि को प्रभावित करने लगता है. इसकी वजह से स्कूल, ऑफिस और अन्य सामाजिक गतिविधियों में समस्या आने लगती है. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के कारण निम्न हो सकते हैं - 

  • काम के शिफ्ट में लगातार बदलाव आते रहना
  • रोत को सोने और सुबह जागने का समय तय न होना
  • स्ट्रोकडिमेंशिया या सिर पर लगी चोट की वजह से ब्रेन डैमेज
  • कुछ खास दवाइयों का सेवन
  • बढ़ती उम्र
  • रात में कैफीन का सेवन
  • जेट लैग या विभिन्न समय जोन में यात्रा करना
  • रात में जागते रहना
  • स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन के रिलीज में दिक्कत आना

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सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर कई तरह के होते हैं और वे किस तरह से प्रभावित कर रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए ही इलाज किया जाता है. इसमें लाइफस्टाइल में बदलाव, ब्राइट लाइट थेरेपी व डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन जैसे इलाज शामिल हैं. आइए, सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -

लाइफस्टाइल में बदलाव

लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. डॉक्टर द्वारा बताए गए इलाज के साथ-साथ लाइफस्टाइल में निम्न बदलाव लाना जरूरी हैं -

  • रोज रात को तय समय पर सोना और सुबह जागना सबसे ज्यादा जरूरी है. फिर चाहे छुट्टी का दिन ही क्यों न हो. दिन के समय नींद से परहेज करना भी शामिल है.
  • रोजाना नियमित तौर पर एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है, जिसमें सोने से एक घंटे पहले हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज के लिए मना किया जाता है. 
  • सोने से कुछ घंटे पहले कैफीन के सेवन से परहेज करने के लिए भी कहा जाता है.
  • सोने से पहले कोई भी किताब जरूरी पढ़नी चाहिए.
  • रात के समय ब्राइट लाइट से परहेज रखने की सलाह भी दी जाती है.

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ब्राइट लाइट थेरेपी

ब्राइट लाइट थेरेपी का इस्तेमाल नींद को जल्दी लाने या देरी से लाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. इस इलाज के लिए स्लीप स्पेशलिस्ट से मार्गदर्शन लेने की जरूरत पड़ती है. इसकी मदद से सर्कैडियन क्लॉक को दिन व रात होने के समय के साथ सेट किया जाता है. इसमें हाई इंटेंसिटी लाइट की जरूरत होती है, जिसकी अवधि एक से दो घंटे के बीच हो सकती है.

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दवाइयां

ओवर द काउंटर दवा जैसे मेलाटोनिन, जगाने वाले एजेंट जैसे मोडाफिनिल (modafinil) या कैफीन और नींद लाने वाली दवाइयों, ब्रेन को शांत करने वाली दवाइयों जैसे बेंजोडायजेपाइन की मदद से सोने और जागने के चक्र को एडजस्ट किया जाता है.

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क्रोनोथेरेपी

इस थेरेपी में स्लीप डिसऑर्डर की गंभीरता और प्रकार को देखते हुए नींद के समय को जल्दी या देर किया जाता है. इस थेरेपी को करने के लिए धैर्य की जरूरत होती है, क्योंकि इसमें कई हफ्ते लग सकते हैं.

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शरीर और ब्रेन के लिए सही समय व सही अवधि की नींद उतनी ही जरूरी है, जितना भोजन और पानी. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर होने पर व्यक्ति को नींद आने में दिक्कत होती है, सुबह जागने पर फ्रेश नहीं महसूस होता है, डिप्रेशन की समस्या हो जाती है और काम पर निगेटिव असर पड़ने लगता है. सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के कारण में काम के शिफ्ट में लगातार बदलाव आते रहना, रात को सोने और सुबह जागने का समय फिक्स नहीं होना, बढ़ती उम्र और रात में कैफीन का सेवन शामिल है. इफस्टाइल में बदलाव, ब्राइट लाइट थेरेपी और डॉक्टर द्वारा बताई गई कुछ दवाइयों के सेवन से सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर का इलाज किया जा सकता है.

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