निमोनिया - Pneumonia in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

August 16, 2023

निमोनिया
निमोनिया

निमोनिया एक संक्रमण है जो एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों [अल्वियोली (कूपिका)] को द्रव या मवाद से भरकर सुजा देता है जिससे बलग़म या मवाद वाली खांसी, बुखार, ठण्ड लगना और साँस लेने में तकलीफ हो सकती है। (और पढ़ें – बुखार के घरेलू उपचार)

निमोनिया साधारण से जान-लेवा हो सकता है। यह शिशुओं, युवा बच्चों, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए ज़्यादा हानिकारक होता है। 

अधिकांश प्रकार के निमोनिया संक्रामक होते हैं। दोनों वायरल और बैक्टीरियल निमोनिया (निमोनिया के प्रकारों के लिए नीचे देखें) छींकने या खांसने से अन्य लोगों में फ़ैल सकते हैं लेकिन कवक निमोनिया ऐसे नहीं फैलता।

भारत में निमोनिया-
2016 में विश्व निमोनिया दिवस (नवम्बर 12) से पहले आई एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में निमोनिया से सबसे ज़्यादा भारत में शिशुओं और बच्चों की मौतें हुई हैं। 

भारत में हर साल करीब 1 लाख 90 हज़ार 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत निमोनिया के कारण होती है।

विश्वीय टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Program) के तहत इस वर्ष भारत में बच्चों की रक्षा के लिए एक नया टीका पेश किया गया है जिसे न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी: PCV) कहा जाता है। न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी; PCV) को हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में परीचित करवाया गया है।

निमोनिया के प्रकार - Types of Pneumonia in Hindi

निमोनिया के पांच प्रकार हैं -

  1. बैक्टीरियल निमोनिया (Bacterial pneumonia)
    इस प्रकार का निमोनिया विभिन्न बैक्टीरिया के कारण होता है, इसमें सबसे सामान्य स्ट्रेप्टोकोकस निमोने (Streptococcus pneumoniae) है। यह आमतौर पर तब होता है जब शरीर किसी तरह से कमजोर हो जाता है, जैसे कि बीमारी, पोषण की कमी, बुढ़ापा या शरीर की प्रतिरक्षा की समस्याएं जिससे बैक्टीरिया फेफड़ों में चला जाता है। बैक्टीरियल निमोनिया सभी उम्र को प्रभावित कर सकता है लेकिन अगर आप शराब पीते हैं, धूम्रपान करते हैं, कमजोर हैं, हाल ही में आपकी सर्जरी हुई है, आपको श्वसन रोग या वायरल संक्रमण है, या आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, तो आपको निमोनिया होने की संभावनाएं ज़्यादा है।
     
  2. वायरल निमोनिया (Viral pneumonia)
    इस प्रकार का निमोनिया इन्फ्लूएंजा (फ्लू) सहित विभिन्न वायरस के कारण होता है। यदि आपको वायरल निमोनिया है तो आपको बैक्टीरियल निमोनिया होने की अधिक संभावनाएं हैं।
     
  3. माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma pneumonia)
    इस प्रकार के निमोनिया के कुछ अलग लक्षण होते हैं और इसे एटिपिकल निमोनिया कहा जाता है। यह माइकोप्लाज्मा निमोने (Mycoplasma pneumoniae) नामक जीवाणु के कारण होता है। यह आम तौर पर हल्के परन्तु बड़े पैमाने पर निमोनिया का कारण बनता है जो सभी आयु समूहों को प्रभावित करता है।
     
  4. एस्पिरेशन निमोनिया (Aspiration pneumonia)
    इस प्रकार का निमोनिया किसी भोजन, तरल, गैस या धूल से होता है। यह नेक्रोटाइज़िंग निमोनिया (Necrotizing Pneumonia), एनएरोबिक निमोनिया (Anaerobic Pneumonia), एस्पिरेशन निमोनाइटिज़ (Aspiration Pneumonitis) और एस्पिरेशन ऑफ़ वोमिटिस (Aspiration of Vomitus) के नाम से भी जाना जाता है। निमोनिया के इस प्रकार को कभी-कभी ठीक करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि जिन लोगों को एस्पिरेशन निमोनिया होता है वह पहले से ही बीमार होते हैं।
     
  5. फंगल निमोनिया (Fungal pneumonia)
    इस प्रकार का निमोनिया विभिन्न स्थानिक या अवसरवादी कवक (Fungus) से होता है। इससे फंगल संक्रमण, जैसे कि हिस्टोप्लाज्मोसिस (Histoplasmosis), कोक्सीडियोडोमाइकोसिस (Coccidioidomycosis) और ब्लास्टोमायकोसिस (Blastomycosis) होते हैं। फंगल निमोनिया के मामलों का निदान करना काफी कठिन है।
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निमोनिया के लक्षण - Pneumonia Symptoms in Hindi

यदि आपको निमोनिया है, तो आपको फ्लू जैसे या सीने में संक्रमण होने के जैसे लक्षण होंगे। कुछ दिनों में लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं या इनकी प्रगति बहुत तेज़ी से हो सकती है।

निमोनिया का मुख्य लक्षण खांसी है। आप कमज़ोर और थका हुआ महसूस करेंगे और इनमें से भी कोई लक्षण आपको हो सकते हैं -

  1. बलगम वाली खांसी
  2. बुखार (आपको पसीना और कंपकंपी भी हो सकते हैं)
  3. सांस लेने में कठिनाई या तेज़ी से सांसें लेना
  4. सीने में दर्द या बेचैनी
  5. भूख कम लगना

आपको अधिक गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं -

  1. तेज़ी से सांसें लेना
  2. उलझन
  3. कम रक्तचाप
  4. खाँसी में खून आना
  5. धडकन की तेज़ी
  6. मतली और उल्टी

कुछ लोगों को साँस लेते समय छाती में तेज़ दर्द होता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि फेफड़ों के पतले बाहरी आवरण में संक्रमण और सूजन हो जाते हैं जो आपके फेफड़ों को आसानी से काम करने में अवरुद्ध करते हैं।
निमोनिया के लक्षण अक्सर अन्य छाती में संक्रमण जैसे ब्रोंकाइटिस के सामान होते हैं। उचित निदान के लिए आपको अपने चिकित्सक से सलाह करने की आवश्यकता होगी।

निमोनिया के कारण - Pneumonia Causes in Hindi

वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या परजीवी जीवों या अन्य जीवों से निमोनिया हो सकता है।

  1. कई प्रकार के जीवाणुओं से निमोनिया हो सकता है।
  2. ज्यादातर मामलों में निमोनिया करने वाले जीव (जैसे बैक्टीरिया या वायरस) का पता परीक्षण से भी नहीं लग पाता लेकिन आम तौर पर इसकी वजह स्ट्रेप्टोकोकस निमोने (Streptococcus Pneumoniae) होता है।
  3. माइकोप्लाज्मा निमोने की वजह से होने वाले माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma Pneumoniae) कभी-कभी हल्का होता है और इसे "वाकिंग निमोनिया" भी कहा जाता है।
  4. इन्फ्लूएंजा ए (फ्लू वायरस) और रेस्पिरेटरी सिन्सिटीयल वायरस (आरएसवी) जैसे वाइरसों से भी निमोनिया हो सकता है।
  5. जिन लोगों को प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याएं हैं उन्हें निमोनिया अन्य जीवों के कारण भी हो सकता है जैसे कि निमोकॉस्टिस जिरोवची (Pneumocystis Jiroveci)। यह फंगस अक्सर उन लोगों में निमोनिया का कारण बनता है जिन्हें एड्स है। कुछ डॉक्टर एचआईवी परीक्षण की सलाह सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि निमोनिया होने का कारण निमोकॉस्टिस जिरोवची।

निमोनिया से बचाव - Prevention of Pneumonia in Hindi

विश्वीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इस वर्ष भारत में बच्चों की रक्षा के लिए एक नया टीका पेश किया गया है जिसे न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी; PCV) कहा जाता है। यह नया टीका उन बच्चों के लिए उपलब्ध होगा, जिन्हें इसकी आवश्यकता है (खासतौर पर गरीब बच्चे)। लाखों बच्चों को यह टीका मुफ्त में प्राप्त कराया जाएगा। यह टीका निमोनिया और मेनिनजाइटिस जैसे न्यूमोकोकल रोगों से बच्चों की सुरक्षा करता है।

न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी; PCV) को अभी हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में परिचित करवाया गया है और बाकि राज्यों में भी करवाया जाएगा। इस वैक्सीन को 3 खुराकों में दिया जाता है। यह टीका 13 प्रकार के न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से सुरक्षा प्रदान करेगी जिससे न्यूमोनिया रोग हो सकता है।

निमोनिया से बचने के मुख्य यह तरीके हैं-

  1. वैक्सीन लें
    कुछ प्रकार के निमोनिया और फ्लू को रोकने के लिए टीके उपलब्ध हैं। समय के साथ टीकाकरण बदल जाते हैं इसीलिए अगर अपने निमोनिया का टीका लगवाया भी है तब भी अपने डॉक्टर से सलाह करें।

  2. बच्चों का टीकाकरण
    डॉक्टर 2 साल से कम आयु के बच्चों और 2 से 5 साल के बच्चों के लिए अलग-अलग निमोनिया के टीकों की सलाह देते हैं। डॉक्टर 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए फ्लू शॉट्स की सलाह भी देते हैं।

  3. स्वछता का ध्यान रखें
    अपने आप को श्वसन संक्रमणों से बचाने के लिए (जिनसे कभी-कभी निमोनिया होता है) अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं।

  4. धूम्रपान न करें
    धूम्रपान आपके फेफड़ों को बहुत अधिक नुक्सान पहुंचता है।

  5. अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखें
    पर्याप्त नींद लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ आहार खाएं।

निमोनिया का परीक्षण - Diagnosis of Pneumonia in Hindi

  1. शारीरिक जाँच
    आपका डॉक्टर स्टेथोस्कोप से आपके फेफड़ों की गति को सुनेंगे। यदि आपको निमोनिया है, तो जब आप श्वास लेते हैं, तो आपके फेफड़े कुछ आवाज़ें करते हैं। आपकी छाती के कुछ हिस्सों में साँस लेने की आवाज सुनने में मुश्किल हो सकती है।
     
  2. छाती का एक्स-रे
    अगर आपके डॉक्टर को आपके निमोनिया से ग्रस्त होने का संदेह है तो वह आपका करवा सकते हैं।
     
  3. कुछ रोगियों को अन्य परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है जैसे -
    1. सफेद रक्त कोशिकाओं की गिनती की जांच और आपके रक्त में रोगाणु का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण।
       
    2. धमनी रक्त गैसों को देखने के लिए जाँच कि आपके फेफड़ों से पर्याप्त ऑक्सीजन आपके रक्त में मिल रहा है या नहीं।
       
    3. सीटी (या सीएटी) स्कैन ताकि फेफड़ों के बेहतर दृश्य प्राप्त किये जा सकें।
       
    4. जीवों को देखने के लिए बलगम की जाँच
       
    5. प्लिउरल फ्लूइड की जाँच (अगर फेफड़ों के आस-पास की जगह में द्रव है)।
       
    6. पल्स ऑक्सीमेट्री को मापने के लिए जाँच कि आपके खून में कितना ऑक्सीजन चल रहा है। 
       
    7. ब्रोंकोस्कोपी: यह फेफड़ों के वायुमार्ग की जांच करने के लिए एक प्रक्रिया होती है, जो तब की जाती है जब आप अस्पताल में भर्ती होते हैं और आपके ऊपर एंटीबायोटिक्स अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं।

निमोनिया का इलाज - Pneumonia Treatment in Hindi

नीमोनिया का उपचार आपके निमोनिया के प्रकार, गंभीरता, उम्र और आपके स्वास्थ पर निर्भर करता है। इसके उपचार के विकल्प हैं-

  1. एंटीबायोटिक्स
    ये दवाइयां बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती हैं। आपको निमोनिया करने वाले बैक्टीरिया की पहचान करने में और आपके लिए सही एंटीबायोटिक चुनने में थोड़ा समय लग सकता है। यदि आपके लक्षण बेहतर नहीं होते हैं, तो आपके डॉक्टर आपको कोई और एंटीबायोटिक दे सकते हैं। 
     
  2. खांसी की दवाएं
    इस दवा का प्रयोग आपकी खाँसी को कम करने के लिए किया जा सकता है ताकि आप आराम कर सकें। खाँसी आपके फेफड़ों से तरल पदार्थ को ढीला और निकलने में मदद करती है, इसलिए खांसी को पूरी तरह ठीक नहीं करना चाहिए। 
     
  3. बुखार / दर्द कम करने वाली दवाएं
    आप बुखार और बेचैनी के लिए आवश्यकतानुसार इन्हें ले सकते हैं जैसे एस्पिरिन, इबुप्रोफेन और पेरासिटामोल


हालाँकि कोई भी दवा लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है यदि:

  1. आप 65 वर्ष की आयु से अधिक उम्र के हैं। 
  2. आप समय, लोगों या स्थानों के बारे में भ्रमित रहते हैं। 
  3. आपके गुर्दे के काम में समस्याएं आई हैं।
  4. आपका सिस्टॉलिक रक्तचाप 90 मिलीमीटर मर्करी (मिलीमीटर एचजी) से कम है या डायस्टॉलिक ब्लड प्रेशर 60 मिलीमीटर एचजी है या उससे ज़्यादा है। 
  5. आपकी सांस तेज चल रही है। 
  6. आपको सांस लेने में सहायता की ज़रुरत पड़ रही है। 
  7. आपका तापमान सामान्य से कम है। 
  8. आपकी हृदय की दर 50 से नीचे या 100 से ऊपर है। 
  9. आपको आईसीयू में भर्ती किया जा सकता है यदि आपको श्वास मशीन (वेंटीलेटर) की ज़रुरत है या यदि आपके लक्षण गंभीर हैं। 

बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है यदि:

  1. वे 2 महीने से कम उम्र के हैं। 
  2. वे सुस्त हैं या उन्हें अत्यधिक नींद आ रही है। 
  3. उन्हें साँस लेने में परेशानी हो रही है। 
  4. उनके रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम है। 
  5. वे निर्जलित लग रहे हैं। 

निमोनिया के जोखिम और जटिलताएं - Pneumonia Risks & Complications in Hindi

कुछ कारक आपको निमोनिया होने की संभावनाएं बढ़ा सकते हैं। जैसे -

पर्यावरण और जीवन शैली कारक

  1. धूम्रपान करना।
  2. दूषित पर्यावरण में काम करना।
  3. अस्पताल में काम करना।

मेडिकल कारक

  1. जिन लोगों को वायरल श्वसन संक्रमण जैसे फ्लू है उन्हें निमोनिया होने का खतरा ज़्यादा होता है।
  2. स्ट्रोक या पागलपन जैसी स्थितियों के कारण खाना निगलने में कठिनाई तो आपको निमोनिया हो सकता है। (और पढ़ें - स्ट्रोक का इलाज)
  3. पुरानी फेफड़ों की बीमारी भी निमोनिया का कारण बन सकती है।
  4. बीमारी या दवाओं की वजह से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को निमोनिया होने का जोखिम ज़्यादा होता है।

आयु समूह
65 से ज़्यादा उम्र के लोग और 2 साल या उससे काम उम्र के बच्चों को निमोनिया होने का जोखिम ज़्यादा होता है। इस आयु समूह के लिए निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है इसीलिए इसके लक्षण होने पर तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

 

जटिलताएं

  1. ​खून में बैक्टीरिया
    आपके फेफड़ों से खून में प्रवेश करने वाले जीवाणु बाकि अंगों को भी प्रभावित कर सकते हैं जिससे बाकि अंगों के कार्य में समस्याएं आ सकती हैं।
     
  2. सांस लेने मे तकलीफ
    यदि आपका निमोनिया गंभीर है या आपको कोई पुराने फेफड़े के रोग हैं तो आपको सांस में पर्याप्त ऑक्सीजन लेने में परेशानी हो सकती है। आपको अस्पताल में भर्ती होने और सांस लेने की मशीन (वेंटीलेटर) का प्रयोग करने की आवश्यकता भी हो सकती है।
     
  3. फेफड़ों के आसपास द्रव संचय
    निमोनिया के कारण ऊतक की परतों के बीच पतली जगह में तरल पदार्थ का निर्माण हो सकता है। यदि द्रव संक्रमित हो जाता है, तो आपको इसे चेस्ट ट्यूब के माध्यम से या शल्य चिकित्सा से निकलवाना पड़ सकता है।
     
  4. फेफड़ों में फोड़ा
    फेफड़े की जगह में मवाद होने पर फोड़ा हो जाता है। फोड़ों को आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जाता है। कभी-कभी शल्य चिकित्सा या ड्रेनेज करने के लिए फोड़े में लम्बी सुई या ट्यूब की आवश्यकता होती है।


संदर्भ

  1. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]: U.S. Department of Health and Human Services; Pneumonia
  2. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Pneumonia
  3. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Pneumonia.
  4. Rudan I, Boschi-Pinto C, Biloglav Z, Mulholland K, Campbell H. Epidemiology and etiology of childhood pneumonia. Bull World Health Organ. 2008;86:408–16. PMID: 18545744
  5. Chhabra P, Garg S, Mittal SK, Satyanarayan L, Mehra M, Sharma N. Magnitude of acute respiratory infections in underfives. Indian Pediatr. 1993;30:1315–9. PMID: 8039856
  6. Gladstone BP, Muliyil J, Jaffar S, Wheeler JG, Le Fevre A, Iturriza-Gomara M. Infant morbidity in an Indian slum birth cohort. Arch Dis Child. 2008;93:479–84.
  7. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]: U.S. Department of Health and Human Services; How the Lungs Work
  8. National Health Service [internet]. UK; Pneumonia

निमोनिया की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Pneumonia in Hindi

निमोनिया के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

निमोनिया की जांच का लैब टेस्ट करवाएं

निमोनिया के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं:

टेस्ट का नाम


निमोनिया पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरा बेबी 1 साल 9 महीने का है, उसमें निमोनिया के लक्षण हैं। डॉक्टर ने मुझे बच्चे के लिए नेबुलाइजर मशीन और एंटीबायोटिक दवा दी है लेकिन उसे अभी भी सांस लेने में दिक्कत और दर्द होता है। क्या मैं उसे नेबुलाइजर देने के 4 घंटे बाद फिर इसका एक डोज दे सकता हूं?

Dr Anjum Mujawar MBBS, MBBS , आकस्मिक चिकित्सा

बच्चों में निमोनिया का इलाज ठीक तरह से होना बहुत जरूरी है और इसके इलाज में समय भी लग सकता है। आपको इस मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहिए। बिना कोई देरी किए उसे पीडियाट्रिशन को दिखाएं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी पत्नी की उम्र 42 साल है। उसने 8 साल पहले अपने हार्ट की बाईपास सर्जरी करवाई थी। आज उसे निमोनिया हो गया है। मैं जानना चाहता हूं कि निमोनिया को ठीक होने में कितना समय लगेगा?

Dr. Ayush Pandey MBBS, PG Diploma , General Physician

एंटीबायोटिक और उचित उपचार से निमोनिया बहुत जल्दी ठीक हो सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें अस्पताल में रहना पड़ेगा। उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में 10 से 15 दिन का समय लग सकता है। इसके इलाज में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स का इंजेक्शन भी देते हैं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरा 3 साल का बेबी है और उसे डेढ़ साल से निमोनिया है। दवा लेने के बाद वह नॉर्मल हो जाता है लेकिन फिर 15 दिन के बाद उसे खांसी होने लगती है। निमोनिया को कैसे कंट्रोल कर सकते हैं और कैसे इससे परमानेंट बचा जा सकता है?

Dr. Joydeep Sarkar MBBS , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा ), आंतरिक चिकित्सा, मधुमेह चिकित्सक

आपको इस मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए और बच्चे में निमोनिया के कारण को जानने की कोशिश करें। पीडियाट्रिशियन को जरूर दिखाएं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरे दोस्त को 2 बार निमोनिया हो चुका है और आज उसने कोल्ड ड्रिंक पी ली तो क्या यह उसकी सेहत को प्रभावित कर सकती है? मुझे इसके बारे में बताएं?

Dr. Manju Shekhawat MBBS , General Physician

कोल्ड ड्रिंक जैसे कोका कोला और पेप्सी, निमोनिया में हानिकारक हैं क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में फास्फोरिक एसिड होता है। इस तरह के पेय पदार्थ आपकी किडनी, पाचन तंत्र और मुख्य रूप से आपके लिवर को प्रभावित करते हैं। इनकी जगह जूस पी सकते है। अगर आपका दोस्त अब ठीक है और उसे निमोनिया नहीं है तो चिंता न करें लेकिन उन्हें कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन कम करने के लिए कहें।