ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफार्म क्या है?
ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफार्म (GBM) को ग्लियोब्लास्टोमा के नाम से भी जाना जाता है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का गंभीर प्रकार का ट्यूमर होता है, जो मस्तिष्क को सहारा प्रदान करने वाले ऊतकों में बनता है। ग्लियोब्लास्टोमा मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन यह मुख्यतः सामने और निचले हिस्से पर ही आमतौर पर देखा जाता है। यह ट्यूमर अधिकतर व्यस्कों को ही होता है।
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ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफार्म के लक्षण क्या होते हैं?
ग्लियोब्लास्टोमा तेजी से बढ़ता है और इसकी वजह से मस्तिष्क में दबाव पड़ता है। इसकी स्थिति के आधार पर मरीज को कई तरह के लक्षण होते हैं, जिसमें लगातार सिरदर्द, दौरे पड़ना, उल्टी आना, सोचने में मुश्किल होना, मूड और व्यवहार में बदलाव होना, दोहरा या धुंधला दिखना व बोलने में परेशानी होना आदि को शामिल किया जाता है।
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ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफार्म क्यों होती है
ग्लियोब्लास्टोमा होने के सही कारणों के बारे में पता नहीं चला पाया है। शोधकर्ता मानते हैं कि यह जेनेटिक और प्रतिरक्षा तंत्र की असमानताओं के कारण होता है। पर्यावरण कारक जैसे अल्ट्रावायलेट किरणें, विशेष कैमिकल व आइअनाइज़िंग रेडिएशन (ionizing radiation - जो ज्यादातर एक्स-रे में प्रयोग होती है), आहार, तनाव आदि भी इसके होने की वजह बनती है।
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ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफार्म का इलाज कैसे होता है?
न्यूरोलोजिस्ट (neurologist - नसों के विशेषज्ञ) ग्लियोब्लास्टोमा के रोगी की पूरी जांच करते हैं, जिसमें वह एमआरआई, सीटी स्कैन और लक्षणों के आधार पर अन्य टेस्ट करते हैं। ग्लियोब्लास्टोमा के इलाज में ट्यूमर की वृद्धि को कम करना और रोगी की दिनचर्या को सामान्य बनाने पर जोर दिया जाता है। इस ट्यूमर को सर्जरी के द्वारा निकाला जाता है। इसके बाद ट्यूमर की बची हुई अन्य कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडिएशन का उपयोग किया जाता है। इस इलाज में कीमोथेरेपी को भी शामिल किया जाता है।
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