वृषण (अंडकोष) में सूजन - Testicular Swelling in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

December 06, 2017

September 22, 2021

वृषण में सूजन
वृषण में सूजन

क्या होती है वृषण (अंडकोष) की सूजन?

वृषण में दर्द एक तकलीफ देने वाली स्थिति होती है, जो वृषण या अंडकोष की थैली में महसूस की जाती है। जब वृषण या अंडकोष की थैली के किसी विशेष भाग या पूरे आकार में वृद्धि होती है, तो उसे अंडकोष की सूजन के रूप में जाना जाता है। सूजन अंडकोष के एक तरफ या दोनों तरफ हो सकती है एवं सूजन के साथ दर्द व अन्य लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।

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सूजन के कारण वृषण में दर्द एवं तकलीफ गंभीर हो सकती हैं और इस स्थिति में तत्काल मेडिकल उपचार की आवश्यकता होती है, जैसे वृषण में मरोड़ आना (Testicular torsion) एक मेडिकल इमर्जेंसी है, जिसे तुरंत सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। 

वृषण में सूजन के ज्यादातर मामले दर्दरहित होते हैं, लेकिन फिर भी उनकी जांच करना बहुत जरूरी होता है। दर्द के साथ होने वाली सूजन एक मेडिकल इमर्जेंसी होती है, जिसकी तुरंत जांच पड़ताल करने की जरूरत होती है।

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वृषण (अंडकोष) में सूजन के लक्षण - Testicular Swelling Symptoms in Hindi

वृषण में सूजन के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं?

वृषण में सूजन अपने आप में एक लक्षण होता है। हालांकि, कारण के अनुसार सूजन के साथ कुछ अन्य लक्षण जुड़े हो सकते हैं। जिनमें निम्न लक्षण शामिल हो सकते हैं:

  • एक या दोनों वृषणों में सूजन, लालिमा (या बैंगनी) हो सकती है, जिनको हाथ लगाने से दर्द महसूस हो सकता है।
  • वृषण में सूजन होने के कारण उनमें भारीपन महसूस हो सकता है।
  • वीर्य में खून भी दिखाई दे सकता है। (और पढ़ें - शुक्राणु की कमी का इलाज)
  • अन्य लक्षणों में बुखार, मतली और उल्टी, पेशाब करने के दौरान दर्द, मल त्याग करने के दौरान दर्द, सेक्स के दौरान दर्द, और सामान्य रूप से बीमार पड़ना आदि शामिल है। 
  • संभावित रूप से पेशाब और वीर्य स्खलन से पहले और बाद में दर्द व जलन भी महसूस हो सकती है।
  • अंडकोष की थैली पर रबड़ जैसी सूजन का दिखाई देना।

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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए:

जिन पुरूषों के अंडकोष की थैली में गुब्बारे जैसी सूजन है और जो अंडकोष से पेट तक फैली है, तो यह इंग्विनल हर्निया हो सकती है। इस स्थिति में उसी समय डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

इसके साथ ही साथ अगर दर्दरहित सूजन अचानक से दर्दनाक सूजन बन जाए, तो मरीज को उसी समय डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। क्योंकि यह इंग्विनल हर्निया हो सकता है, जो फंस गया हो और इस कारण खून की सप्लाई बंद हो गई हो।

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कुछ ऐसे लक्षण जिनपर डॉक्टर द्वारा तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है:

  • अंडकोष के आकार में परिवर्तन,
  • वृषणों को महसूस करने में परिवर्तन,
  • अगर अंडकोष की सूजन अचानक व तेज दर्द के साथ हुई हो,
  • अगर अंडकोष की सूजन, उल्टी और मतली या बुखार के साथ हुई है, (और पढ़ें - बुखार को कम करने के घरेलू उपाय)
  • अंडकोष में अगर कहीं गांठ महसूस हो रही हो,
  • अंडकोष की थैली गर्म या लाल हो गई हो या हाथ लगाने पर दर्द महसूस हो रहा हो,
  • अगर आप हाल ही में किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, जिसे मम्प्स (Mumps) की समस्या है (वायरस जो ऑर्काइटिस का कारण बनता है),
  • अगर एक वृषण दूसरे से बड़ा हो गया है,
  • अंडकोष में पीड़ा व तकलीफ जो ठीक नहीं हो रही है, इत्यादि।

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उपरोक्त के साथ ही वृषण में गांठ अंडकोष के कैंसर का एक संकेत भी हो सकती है, अगर इसका पता जल्दी लगा लिया जाए तो इसका इलाज करना आसान होता है।

वृषण (अंडकोष) में सूजन के कारण और जोखिम कारक - Testicular Swelling Causes & Risk Factors in Hindi

वृषण में सूजन क्यों होती है?

अंडकोष की थैली में सूजन आमतौर पर हानिरहित परिस्थितियों के कारण हो सकती है और यह कैंसर जैसी समस्या का संकेत भी हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं:

(और पढ़ें - कैंसर कैसे होता है)

1. सामान्य कारण

इसके कुछ सबसे सामान्य कारण निम्न हैं:

  • अंडकोष की थैली में द्रव जमा होना (Hydrocele),
  • ग्रोइन में हर्निया (Inguinal hernia),
  • अंडकोष में खून का संचार करने वाली नसों की चौड़ाई बढ़ना, इसे वेरिकोसील (Varicocele) भी कहा जाता है।

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हाइड्रोसील एक ऐसा विकार होता है, जिसमें वृषण के आसपास के ऊतकों की परतों के बीच द्रव एकत्रित हो जाता है। हाइड्रोसील और इंग्विनल हर्निया पुरूषों में काफी सामान्य कारण है, वेरिकोसील के कारण बांझपन की समस्या भी हो सकती है।

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2.  विशेष कारण

  • स्पर्मेटोसील – एपिडिडिमिस (Epididymis) में सीस्ट/अल्सर होना, (एपिडिडिमिस एक ट्यूब होती है, जो वृषणों के पीछे स्थित होती है, यह शुक्राणुओं का संग्रह करती है)।
  • अंडकोष में खून का संग्रह (Hematocele)।
  • शरीर के किसी हिस्से में अतिरिक्त द्रव का संचय होना (Edema)।
  • वृषण का कैंसर – दर्द रहित अंडकोष की सूजन के कारणों में वृषण कैंसर भी एक मुख्य कारण है। वैसे वृषण सूजन के ज्यादातर मामले कैंसर में नहीं बदलते। लेकिन 40 साल से कम आयु के पुरुषों में वृषण का कैंसर सबसे आम कैंसर होता है और यह कम व ज्यादा उम्र वाले पुरूषों में भी हो सकता है। इसलिए अंडकोष में किसी भी प्रकार की सूजन या गांठ आदि डॉक्टर द्वारा चेक करानी चाहिए।
  • गुर्दे की पथरी
  • वृषण या अंडकोष की थैली में संक्रमण (Acute Epididymitis)।
  • यौन संचारित रोग (STDs)।
  • पौरुष ग्रंथि का बढ़ना (Enlarged Prostate)।
  • बैक्टीरियल संक्रमण के कारण एक या दोनों वृषण में सूजन (Acute Orchitis)।
  • गैंगरीन संक्रमण (मांस सड़ना), इत्यादि।
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वृषण (अंडकोष) में सूजन के बचाव के उपाय - Prevention of Testicular Swelling in Hindi

वृषण में सूजन की रोकथाम के उपाय:

वृषण में सूजन के सभी मामलों की रोकथाम नहीं की जा सकती, लेकिन कुछ ऐसे स्टेप्स हैं, जिनकी मदद से इस समस्या के अंतर्निहित कारणों की रोकथाम की जा सकती है। इनमें निम्न शामिल हैं:

  • वृषण में किसी प्रकार की चोट आदि लगने से बचने के लिए एथलेटिक सपोर्टर (Athletic supporter) पहनना।
  • यौन संभोग के दौरान कंडोम का उपयोग करने करने के साथ ही साथ, सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करना। (और पढ़ें - सुरक्षित सेक्स करने के तरीके और sex kaise kare)
  •  गलसुआ/ मम्प्स (Mumps) के लिए टीकाकरण करवाना, ऑर्काइटिस (Orchitis) की घटनाओं को कम कर सकते हैं।
  • वृषण में होने वाले ट्यूमर को रोका नहीं जा सकता, हालांकि नियमित रूप खुद अंडकोष की जांच करते रहने से इसे जल्दी पता लगाने में मदद मिलती हैं।
  • मूत्र पथ में संक्रमण की रोकथाम करने के लिए पेशाब करने के दौरान मूत्राशय को अच्छी तरह से खाली करने की कोशिश करें।

ऊपर बताए गए चरणों का अभ्यास करने के बाद भी अगर अंडकोष में सूजन हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।

वृषण (अंडकोष) में सूजन का परीक्षण - Diagnosis of Testicular Swelling in Hindi

वृषण में सूजन का परीक्षण​/ निदान कैसे किया जाता है?

कभी-कभी डॉक्टर रोग के लक्षणों और शारीरिक परीक्षण के परिणामों के आधार पर वृषण सूजन का कारण निर्धारित करते हैं। लेकिन अगर इनसे सूजन के कारण का पता नहीं चल पाता तो आम तौर पर विशेष टेस्ट की आवश्यकता पड़ती है।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

इस समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर एक पूर्ण शारीरिक परीक्षण करते हैं और मरीज की पिछली सभी मेडिकल जानकारियां लेते हैं। शारीरिक परीक्षण के दौरान शरीर के निम्न क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है:

  • पेट
  • लिंग
  • अंडकोष
  • अंडकोश की थैली

परीक्षण के दौरान अक्सर निम्न टेस्टों की जरूरत पड़ती है-

  • अक्सर सबसे पहले अल्ट्रासोनोग्राफी किया जाता है। (और पढ़ें - अल्ट्रासाउंड क्या है)
  • संक्रमण के संकेत देखने के लिए मूत्र विश्लेषण किया जाता है। (और पढ़ें - यूरिन टेस्ट क्या है)
  • यौन संचारित रोगों के लिए टेस्ट किया जात है।
  • अल्ट्रासोनोग्राफी के बाद, जरूरत पड़ने पर वृषण कैंसर का पता लगाने के लिए अन्य टेस्ट भी किये जाते हैं।
  • वृषण कैंसर के लिए किये जाने वाले टेस्ट में खून टेस्ट, पेट, पेल्विक और छाती का सीटी स्कैन शामिल है।

(और पढ़ें - सीटी स्कैन क्या है)

वृषण (अंडकोष) में सूजन का इलाज - Testicular Swelling Treatment in Hindi

वृषण में सूजन का उपचार कैसे किया जाता है?

वृषण में सूजन का सफलता पूर्वक इलाज करने के लिए उसके अंतर्निहित कारणों को जानना जरूरी होता है।

जाँच परिणाम के आधार पर निम्न उपचारों की आवश्यकता पड़ सकती है-

  • सर्जरी – वृषण में मोड़ आने पर वृषण को बचाने के लिए इमर्जेंसी सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। सर्जरी की आवश्यकता उन मामलों में भी पड़ जाती है, जिसमें आंत का कुछ भाग अंडकोष की थैली में फंस जाता है या वृषण में किसी प्रकार की चोट लग जाती है।
  • एंटीबायोटिक्स – अगर डॉक्टरों को बैक्टीरियल संक्रमण के सबूत दिखाई देते हैं, तो वे कुछ एंटीबायोटिक्स दवाएं लिख देते हैं। छोटे लड़के जो यौन सक्रिय नहीं है उनका एक्स-रे किया जा सकता है ताकि मूत्र प्रणाली में किसी प्रकार की असामान्यता एवं संक्रमण होने के कारण का पता लगाया जा सके। (और पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)
  • निरीक्षण और अन्य उपचार – मामूली आघात, मम्प्स, छोटे हर्निया, हाइड्रोसील, और आइडियोपैथिक सूजन आदि जैसी स्थितियों के लिए शायद किसी इलाज की आवश्यकता ना पड़े। इनमें से ज्यादातर स्थितियों में यह देखा जाता है कि वे अपने आप खत्म हो जाते हैं, लेकिन वृषण में सूजन की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। वृषण में सूजन का अगर उपचार ना किया जाए तो समय के साथ-साथ इसके परिणाम से बांझपन (Infertility) हो सकता है, या अंडकोष में फिर कभी ना ठीक हो सकने वाली क्षति हो सकती है।

(और पढ़ें - बांझपन का इलाज)

स्वतः देखभाल –

समस्या को कम करने के लिए निम्न तरीकों को अपनाया जा सकता है:

  • नमक के पानी से नहाने के बाद सूजन को बर्फ से सेकें, इससे अंडकोष की सूजन को कम किया जा सकता है। (और पढ़ें - नमक के पानी के फायदे)
  • सूजन को कम करने के लिए एक तौलिये को गोल लपेट कर अपनी टांगों के बीच अंडकोष की थैली के नीचे रखें, सहारा मिलने पर थैली की सूजन कम होने लगेगी।
  • रोजाना की गतिविधियों को करने के लिए एक लूज-फीटिंग एथलेटिक सपोर्टर पहनें।
  • जब तक सूजन गायब नहीं हो जाती तब तक ज्यादा गतिविधियां करने से बचें।
  • अंडकोष पर किसी प्रकार का घाव है तो उसे गर्म पानी के साथ साफ करें और फिर उस जगह को ढक कर रखें। (और पढ़ें - गर्म पानी के फायदे)
  • अगर आघात या चोट आदि लगने के कारण खून बह रहा है, तो अपनी उंगलियों से उस जगह को कम से कम 10 मिनट तक दबा कर रखें।
  • सूजन को कम करने के लिए बर्फ के पैक को लगातार 20 मिनट तक सूजन पर लगाकर रखें, ऐस दिन में चार बार करें।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय)

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संदर्भ

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  5. Lucile Packard Foundation [Internet]. Stanford Health Care, Stanford Medicine, Stanford University. Scrotal Swelling in Children.

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