स्पोंडिलोसिस क्या है?
रीढ़ की हड्डी में टूट-फूट के बदलाव को स्पोंडिलोसिस कहा जाता है। उम्र के साथ ज्यादातर लोगों में स्पोंडिलोसिस की समस्या होने लग जाती है। रीढ़ की हड्डी में ये उम्र-संबंधी अंतर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं और आम तौर पर कोई समस्या पैदा नहीं करते।
जब स्पोंडिलोसिस के लक्षण पैदा होते हैं, तो आम तौर पर उनमें कभी-कभार दर्द और अकड़न आदि जैसे लक्षण शामिल होते हैं।
स्पोंडिलोसिस अगर गर्दन की हड्डी में है तो उसे सर्विकल स्पोंडिलोसिस (cervical spondylosis) कहा जाता है। स्पोंडिलोसिस परिवर्तन रीढ़ की हड्डी के अन्य क्षेत्रों (खंडों) या पीठ के निचले हिस्से में भी देखे जा सकते हैं।
उम्र के साथ-साथ लोगों में स्पोंडिलोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। 70 की उम्र के बाद रीढ़ की हड्डी के एक्स-रे में थोड़े बहुत स्पोंडिलोसिस के लक्षण दिख जाते हैं। स्पोंडिलोसिस को रीढ़ की हड्डी में ऑस्टियोआर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस एक प्रकार का गठिया है, जो टूट-फूट के कारण होता है, और शरीर के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है।
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