टखने में फ्रैक्चर होना क्या है?
हड्डियों और जोड़ों की चोट में सबसे आम है टखनों में चोट। अक्सर टखने में ज्यादा दर्द होने पर , चलने में असमर्थता, या हड्डी के टूटने का संदेह होने पर आपको तुरत डॉक्टरी सलाह की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में आपकी और आपके डॉक्टर की आशंका एक ही होती है कि कहीं टखने में फ्रैक्चर तो नहीं हुआ है?
आम तौर पर बिना एक्स रे के मोच, हड्डी के खिसकने या टेंडन (एक तरह का उत्तक होता है जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ता है) के चोट और टखने की हड्डी टूटने का पता लगा पाना असंभव होता है।
टखने में फ्रैक्चर के बारे में ठीक से समझने के लिए उसकी बनावट समझना जरूरी है। टखना तीन हड्डियों के साथ जुड़ने से बनता है:
- टिबिया (Tibia), पैर के निचले हिस्से की मुख्य हड्डी है जो टखने की हड्डी के बीच का या आन्तरिक हिस्सा बनाती है।
- फिबुला (Fibula) एक छोटी हड्डी है जो पैर के निचले हिस्से के टिबिया के सामानांतर होती है और इससे टखने की हड्डी का बाहरी हिस्सा बनता है।
- टिबिया और फिबुला दोनों के आखिरी सिरों को मेलियोली (Melleoli) कहते हैं। वे साथ मिलकर मेहराब (धनुष का आकार) सा बनाती हैं जो पाँव की एक हड्डी, टेलस (Talus) के ठीक ऊपर जुड़ी होती है।
इसके अलावा "जॉइंट कैप्सूल" (Joint Capsule) नामक एक रेशेदार झिल्ली जोड़ के ढाँचे को घेरे रहती है। जॉइंट कैप्सूल में सिनोवियल द्रव होता है जो जोड़ को आसानी से हिलने-डुलने में मदद करता है।
विभिन्न लिगामेंट मिलकर टखने के जोड़ को स्थिर रखते हैं। लिगामेंट रेशे होते हैं जो हड्डियों को एक दूसरे सो जोड़ते हैं।
(और पढ़ें - फ्रैक्चर क्या होता है)