इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) - Erectile Dysfunction in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

January 31, 2024

इरेक्टाइल डिसफंक्शन
इरेक्टाइल डिसफंक्शन

नपुंसकता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्तंभन दोष) पुरुषों द्वारा यौन संबंध बनाने के लिए लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना बनाएं रखने में असमर्थता होने की समस्या है। यह समस्या कपल्स (जोड़ों) के लिए एक महत्वपूर्ण संकट पैदा कर सकती है।

कभी-कभी लिंग में उत्तेजना न आना असामान्य नहीं है। स्तंभन होने या उसे बनाएं रखने में अगर कभी-कभी विफलता हो जाए उसके बारे में चिंता ना करें, यह सामान्य समस्या होती है। कई पुरुष तनाव के दौरान ऐसा अनुभव करते हैं।

बार-बार होने वाला स्तंभन दोष स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, जिनके इलाज की आवश्यकता होती है। यह भावनात्मक या रिलेशनशिप संबंधी कठिनाइयों का संकेत भी हो सकता है, जिन्हें डॉक्टर को दिखाना पड़ सकता है। इसके कुछ कारणों में बहुत अधिक शराब पीना, चिंता और थकावट आदि शामिल हैं।

अगर यह जारी नहीं रहता को चिंता करने की कोई बात नहीं है। हालांकि नपुंसकता की समस्या अगर जारी रहती है, तो इसकी जांच एक डॉक्टर द्वारा करवानी चाहिए। जिन पुरूषों को अपने यौन प्रदर्शन से संबंधित समस्याएं हैं, उनको डॉक्टर से इस बारे में बात करने में हिचक हो सकती है। क्योंकि उनको लगता है कि यह एक शर्मनाक मसला हो सकता है।

अगर आपको स्तंभन दोष या नपुंसकता से संबंधी समस्या है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें, भले ही आपको शर्म आ रही हो। कई बार इस समस्या के अंतर्निहित कारण का इलाज करना ही नपुंसकता को ठीक करने के लिए काफी होता है। नपुंसकता के उपचार में मुंह द्वारा खाई जाने वाली दवाएं (आमतौर पर टेबलेट आदि), लिंग में इन्जेक्शन और परामर्श आदि शामिल है।

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नपुंसकता (स्तंभन दोष) के प्रकार - Types of Impotence in Hindi

नपुंसकता के दो प्रकार होते हैं:

  • प्राथमिक नपुंसकता (Primary Erectile dysfunction) – इस में वे पुरुष आते हैं, जो कभी भी स्तंभन प्राप्त या उसे बनाए नहीं रख पाते।
  • द्वितीय नपुंसकता (Secondary Erectile dysfunction) – जो व्यक्ति स्तंभन प्राप्त करने में शुरू में सक्षम होते हैं, लेकिन बाद में अक्षम हो जाते हैं। उस स्थिति को द्वितीय नपुंसकता के नाम से जाना जाता है। 

प्राथमिक नपुंसकता काफी दुर्लभ स्थिति होती है। यह लगभग हमेशा मानसिक कारकों या नैदानिक ​​रूप से कुछ स्पष्ट शारीरिक विकारों के कारण होता है।

द्वितीय नपुंसकता अधिक सामान्य स्थिति है और इसके 90 प्रतिशत मामलों में कार्बनिक एटीयोलॉजी होती है। द्वितीय नपुंसकता से ग्रस्त होने वाले ज्यादातर लोग रिएक्टिव साइकोलॉजी विकसित कर लेते हैं जो मिलकर इस समस्या को पैदा करती हैं। 

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नपुंसकता (स्तंभन दोष) के लक्षण - Erectile Dysfunction (Impotence) Symptoms in Hindi

नपुंसकता (नामर्दी​) के संकेत व लक्षण क्या हो सकते हैं?

आपको स्तम्भन दोष (नामर्दी) हो सकता है, यदि आपको नियमित रूप से:-

  • लिंग में उत्तेजना लाने में परेशानी हो रही हो।
  • यौन गतिविधियों के दौरान उत्तेजना को बनाए रखने में कठिनाई होती हो।
  • सेक्स करने की इच्छा में कमी। (और पढ़ें - कामेच्छा बढ़ाने के उपाय और sex karne ke tarike)

नपुंसकता (नामर्दी) से संबंधित अन्य यौन विकारों में शामिल हैं:-

  • समय से पहले स्खलन।
  • स्खलन में देरी।
  • प्रयाप्त उत्तेजना होने के बाद भी संभोग सुख प्राप्त करने में असमर्थता

कुछ अन्य भावनात्मक लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे शर्म, लज्जा या चिंता महसूस होना और शारीरिक संभोग में रूचि कम होना।

अगर किसी व्यक्ति को ये लक्षण नियमित रूप से हो रहे हैं, तो उसमें नपुंसकता से ग्रस्त मान लिया जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी हो, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। खासकर यदि ये लक्षण दो या अधिक महीनों से चल रहें हो। आपका चिकित्सक यह निर्धारित कर सकता है कि आपके यौन रोग का कारण कौनसी अंतर्निहित स्थिति है जिसके उपचार की आवश्यकता है।

आपको डॉक्टर से दिखा लेना चाहिए यदि आपको:

  • अगर आपको स्तंभन को लेकर किसी प्रकार की चिंता है, या आपके स्खलन में विलंब हो रहा है तो इस बारे में डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
  • यदि आपको डायबिटीज, हृदय रोग या अन्य कोई ऐसी समस्या है, जो स्तंभन दोष से जुड़ी हो सकती है।
    डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और सुरक्षित जीवनशैली अपनाएं। myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे और सुरक्षित जीवनशैली अपनाएं।
  • अगर आपको स्तंभन दोष के साथ अन्य लक्षण महसूस हो रहे हैं।

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नपुंसकता (नामर्दी) के कारण और जोखिम कारक - Erectile Dysfunction Causes & Risk Factor in Hindi

नपुंसकता (नामर्दी​) क्यों होती है?

सामन्य स्तंभन के फंक्शन को नीचे दी गई प्रणालियों से जुड़ी किसी भी समस्या द्वारा प्रभावित किया जा सकता है -

नपुंसकता के कई संभावित कारण हैं। इसमें भावनात्मक और शारीरिक दोनों विकारों को शामिल कर सकते हैं। अधिकांश स्तंभन दोष वाहिकाओं, न्यूरोलॉजिक, साइकोलॉजिक और हार्मोन संबंधी विकारों से संबंधित होते है। ड्रग आदि का इस्तेमाल करना भी इसका एक कारण हो सकता है। कुछ सामान्य कारण हैं:

परिसंचरण संबंधी समस्याएं – स्तंभन तब होता है जब लिंग में खून भर जाता है। खून भरने के बाद लिंग के आधार में लगी वाल्व बंद हो जाती है जिससे खून अंदर ही रुक जाता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का अकड़ना) आदि ये रोग लिंग स्तंभन की इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकते हैं। ऐसी परिसंचरण समस्याएं नपुंसकता के लिए नंबर एक कारण होती हैं। अक्सर स्तंभन दोष को कार्डियोवास्कुलर रोगों का पहला ध्यान देने योग्य लक्षण माना जाता है।

सर्जरी – पेल्विस की सर्जरी और विशेष रूप से प्रोस्टेट कैंसर के लिए प्रोस्टेट की सर्जरी करने से वे नसें क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिनकी स्तंभन प्राप्त करने और बनाए रखने में आवश्यकता पड़ती है।

रीढ़ की हड्डी या पेल्विक में चोट लगना – इनमें चोट लगने से स्तंभन को उत्तेजित करने वाली नस कट सकती है। (और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी के लिए योगासन)

हार्मोनल विकार – टेस्टिक्युलर फेलियर, पिट्यूटरी ग्रंथि संबंधी समस्याएं या अन्य कुछ प्रकार की दवाओं के सेवन से टेस्टोस्टेरोन (पुरुष सेक्स हार्मोन) में कमी हो सकती है।

डिप्रेशन (Depression) – यह नपुंसकता का एक सामान्य कारण है। डिप्रेशन एक शारीरिक डिसऑर्डर है और साथ ही साथ एक मनोरोग (मानसिक रोग) भी है। डिप्रेशन के शारीरिक प्रभाव भी हो सकते हैं। अगर आप यौन स्थितियों में असहज महसूस करते हैं, तो इसके शारीरिक प्रभाव हो सकते हैं।

शराब की लत – लंबे समय से शराब की लत लगी होना नपुंसकता को विकसित कर सकती है, भले की सेक्स करते समय खून में बिलकुल भी अल्कोहल ना हो।

पेरोनी रोग – लिंग के अंदर निशान वाले ऊतक (Scar tissue) विकसित होना।

धूम्रपान – सिगरेट आदि पीने से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं। जिससे लिंग में खून का बहाव कम हो जाता है और इस कारण से स्तंभन दोष हो जाता है। (और पढ़ें - सिगरेट पीना नहीं छोड़गें तो होंगे ये नुकसान)

प्रदर्शन की चिंता - संभोग के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने आदि को लेकर चिंतित होने के कारण अधिकांश पुरुषों में कुछ बिंदुओं पर स्तंभन दोष की समस्या हो सकती हैं। अगर ऐसा अक्सर हो रहा है, तो सेक्स की प्रत्याशा (पूर्वानुमान) तंत्रिका प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करती हैं और स्तंभन नहीं हो पाता। यह सारी प्रक्रिया दोषपूर्ण चक्र के रूप में काम करने लगती हैं।

स्थितिगत साइकोलॉजिकल समस्याएं – ऐसी समस्याएं कुछ लोगों को कुछ विशेष स्थितियों या कुछ लोगों के साथ ही होती हैं। रिश्तों में परेशानियां होने के कारण कुछ पुरुष अपने साथी के साथ पूरी तरह से स्तंभन प्राप्त नहीं कर पाते लेकिन किसी और के साथ स्तंभन की समस्याएं नहीं होती।

कैंसर – कैंसर उन नसों व वाहिकाओं के कार्यों में हस्तक्षेप कर सकता है, जो स्तंभन प्रक्रिया के लिए जरूरी होती हैं।

दवाएं – नीचे कुछ ऐसे प्रकार के ड्रग्स के बारे में बताया गया है, जो नपुंसकता का कारण बन सकते हैं।

  • एंटी कैंसर मेडिकेशन (कैंसर-विरोधी दवाएं)
  • एंटीडिप्रैसेंट्स (जैसे साइटेलोप्राम, पैरोक्सेटीन, सर्टेलीन, एमीट्रिप्टिलीन)
  • कोकीन, हेरोइन, गांजा (और पढ़ें - नशे की लत)
  • एस्ट्रोजन
  • नशीले पदार्थ (opioids)
  • डाइयुरेटिक्स (स्पायरोनोलैक्टोन, क्लोरथैलीडॉन)
  • चिंता-निवारक दवाएं और सीडेटिव डायजेपैम

नपुंसकता इनमें से कुछ कारकों या किसी एक के कारण हो सकता है। यही कारण है कि अपने चिकित्सक की सहायता लें, ताकि वे किसी भी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति का पता कर सकें या उनका इलाज कर सकें।

नपुंसकता को विकसित करने वाले जोखिम कारक

इसके जोखिम कारकों में निम्न शामिल हैं:

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नपुंसकता (स्तंभन दोष) से बचाव - Prevention of Impotence (Erectile Dysfunction) in Hindi

स्तंभन दोष की रोकथाम कैसे की जा सकती है?

खाने-पीने और रहने आदि के तरीकों में ऐसे कई बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे स्तंभन स्वास्थ्य पर एक साकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह भी हो सकता है, कि आपको पता भी ना हो कि ये चीजें स्तंभन दोष से जुड़ी हैं, लेकिन काफी सारे लोगों ने यह पाया कि इन कारकों में कुछ बदलाव करने से उनके स्तंभन में सुधार आया है। इन बदलावों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना – कुपोषित होने से स्तंभन दोष होने की संभावना नहीं बढ़ती। लेकिन अगर आप स्वस्थ आहार नहीं खाते तो आपके अंत में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसे रोग हो जाते हैं। इन रोगों के होने से नपुंसकता की संभावना भी बढ़ जाती हैं।
  • धूम्रपान बंद करना – जैसा कि ऊपर बताया गया है, कि धूम्रपान सामान्य रूप से खून के प्रवाह पर नाकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे नपुंसकता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • शराब की मात्रा में कमी करना – शराब को कम करने या बंद करने से अन्य स्वास्थ्य के फायदों के साथ-साथ नपुंसकता पर भी एक साकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • वजन कम करना – यह हर किसी की मदद नहीं करेगा। लेकिन अधिक वजन होना नपुंसकता की समस्या को बढ़ावा दे सकता है।
  • तनाव का स्तर कम करना – तनाव, ब्लड प्रेशर से जुड़े मसलों का कारण बन सकता है। लेकिन यह उन सिग्नलों में भी हस्तक्षेप कर सकता है, मस्तिष्क द्वारा स्तंभन करने के लिए भेजे जाते हैं।

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नपुंसकता (स्तंभन दोष) की जांच - Diagnosis of Erectile Dysfunction in Hindi

स्तम्भन दोष का परीक्षण कैसे किया जाता है?

आपके डॉक्टर आपको लक्षणों और स्वास्थ्य संबंधी इतिहास के बारे में प्रश्न पूछेंगे। वे यह निर्धारित करने के लिए परीक्षण कर सकते हैं कि आपके लक्षण किसी अंतर्निहित स्थिति के कारण तो नहीं हैं।

कई व्यक्तियों में स्तंभन का परीक्षण करने के लिए और उसके लिए उपचार निर्धारित करने के लिए डॉक्टर को शारीरिक परीक्षण व कुछ सवाल (पिछली जानकारी से जुड़े) पूछने की ही जरूरत होती है। अगर आपको कोई दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या है या आपके डॉक्टरों को लगता है कि इसमें कोई अंतर्निहित समस्या है। तो ऐसी स्थिति में आपको अन्य टेस्ट करवाने या किसी विशेषज्ञ के पास जाना पड़ सकता है।

अंतर्निहित स्थितियों के लिए टेस्टों में निम्न भी शामिल हो सकते हैं:

  • शारीरिक परीक्षण – इस टेस्ट में आपके लिंग व वृषणों की सावधानीपूर्वक जांच की जा सकती है और उत्तेजना की जांच करने के लिए नसों को चेक किया जा सकता है। आपका ऐसा परीक्षण किया जा सकता है जिसमें हृदय और फेफड़ों की आवाजें सुनकर उनकी जांच की जाती है। इसके अलावा इस टेस्ट में ब्लड प्रेशर चेक किया जाता है और लिंग व वृषणों की जांच की जाती है। प्रोस्टेट की जांच करने के लिए रेक्टल इग्जाम (गुदा परीक्षण) भी किया जा सकता है।
  • खून टेस्टहृदय रोग, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर या अन्य स्थितियों की जांच करने के लिए आपके खून का सैंपल निकाल कर उसे लैब में भेजा जा सकता है।
  • यूरिन टेस्ट (मूत्र विश्लेषण) – खून टेस्ट की तरह पेशाब के सैंपल का इस्तेमाल भी डायबिटीज व अन्य स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की जांच करने के लिए किया जाता है।
  • अल्ट्रासाउंड – यह टेस्ट आमतौर पर एक विशेषज्ञ द्वारा अस्पताल या लैब में किया जाता है। इस टेस्ट में एक छड़ी जैसे उपकरण का इस्तेमाल किया जात है, इसे ट्रांसड्यूसर (Transducer) कहा जाता है। ट्रांसड्यूसर को उस वाहिका के ऊपर से फेरा जाता है, जो लिंग में खून पहुंचाती है। इस प्रक्रिया का द्वारा एक वीडियो छवि तैयार की जाती है, जिससे डॉक्टर को वाहिका संबंधी अगर कोई समस्या है तो उसका पता चल जाता है। इस टेस्ट को कई बार लिंग में एक इंजेक्शन लगाने के साथ किया जाता है। यह इन्जेक्शन लिंग के उत्तेजित करता है जिससे स्तंभन की प्रक्रिया के लिए रक्त का बहाव बढ़ जाता है।
  • साइकोलॉजिकल परीक्षण – तनाव और नपुंसकता के अन्य साइकोलॉजिकल कारणों पता लगाने के लिए डॉक्टर इनसे संबंधी कुछ सवाल पूछ सकते हैं।

नॉक्टर्नल पेनाइल ट्यूम्य्सेनस (एनपीटी) टेस्ट -

एनपीटी टेस्ट एक पोर्टेबल, बैटरी-संचालित डिवाइस का उपयोग करके किया जाता है जो आप सोते हुए अपनी जांघ पर पहनते हैं। डिवाइस, रात की उत्तेजना की गुणवत्ता का मूल्यांकन करता है और डेटा संग्रहीत करता है, जिसे आपके चिकित्सक बाद में एक्सेस कर सकते है। आपका डॉक्टर इस ब्योरे का उपयोग आपके लिंग की कार्यविधि और नपुंसकता को बेहतर ढंग से समझने के लिए कर सकता है।

रात्रिकालीन उत्तेजना जब आप सो रहे हो तब होती है और जो एक स्वस्थ लिंग का सामान्य हिस्सा होती हैं।

नपुंसकता (स्तंभन दोष, नामर्दी) को कैसे ठीक करे - How to Cure Erectile Dysfunction in Hindi

इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कैसे ठीक किया जा सकता है?

स्तंभन दोष (नामर्दी) के लिए उपचार उसके कारण पर निर्भर करेगा। आपको दवाइयों, जीवनशैली में परिवर्तन या चिकित्सा सहित उपचारों के संयोजन का भी उपयोग करना पड़ सकता है।

नपुंसकता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन या ईडी या स्तंभन दोष) के लिए दवा -

आपके डॉक्टर नपुंसकता के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए कोई दवा लिख ​​सकते हैं। कौनसी दवा काम करेगी ये पता लगाने के लिए पहले आपको कुछ दवाएं आजमाने की आवश्यकता हो सकती है। इन दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं इसलिए यदि आपको दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ रहा है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे कोई अन्य दवा की सिफारिश कर सकते हैं।

निम्नलिखित दवाएं नपुंसकता के इलाज में मदद करने के लिए आपके लिंग में रक्त के प्रवाह को उत्तेजित करती हैं:

  • एलप्रोस्टेडिल (कवरजेक्ट)
  • अवानफिल (स्टेन्डरा)
  • सिल्डेनाफिल (वियाग्रा)
  • तडालफिल (सीआलिस)
  • वर्डेनफिल (लेविट्रा)

नोट: कोई भी दवा आपके डॉक्टर की सलाह के बिना ना लें।

ये दवाए स्वचालित रूप से स्तंभन विकसित नहीं करती हैं। लिंग की नसों से नाइट्रिक ऑक्साइड जारी होने के लिए उन्हें पहले यौन उत्तेजनाएं विकसित होने की आवश्यकता पड़ती है। ये दवाएं यौन उत्तेजना विकसित करने वाले सिग्नलों को बढ़ा देती हैं, जिसे कुछ पुरूषों स्तंभन प्रक्रिया ठीक से काम करने लग जाती है। स्तंभन दोष की ओरल दवाएं (टेबलेट व कैपसूल आदि) कामोत्तेजक (Aphrodisiacs) नहीं होती। ये दवाएं उत्साह पैदा नहीं करती और जिन पुरूषों की स्तंभन प्रक्रिया सामान्य रूप से काम कर रही है, उनको ये दवाएं नहीं लेनी चाहिए।

नपुंसकता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन या ईडी या स्तंभन दोष) के लिए टॉक थेरेपी -

स्तंभन दोष का एक सामान्य कारण मनोवैज्ञानिक कारक है, जिसमें शामिल हैं:

यदि आप मनोवैज्ञानिक कारण से नपुंसकता का सामना कर रहे हैं, तो आपको टॉक थेरेपी के उपचार से फायदा हो सकता है।

यह थेरेपी आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रबंधित करने में आपकी सहायता कर सकती है। आपको अपने चिकित्सक के साथ कई सत्रों में काम करना होगा और आपके चिकित्सक प्रमुख तनाव या चिंता के कारकों, सेक्स के आसपास की भावनाओं या अवचेतन संघर्षों से संबंधित आपके यौन जीवन को प्रभावित करने वाले कारकों से उभरने में आपकी मदद करेगें।

अगर नपुंसकता के कारण आपके रिलेशनशिप पर भी असर पड़ रहा है, तो आप किसी रिश्ते सलाहकार (Relationship counselor) से भी बात कर सकते हैं। रिलेशनशिप के लिए ली गई सलाह आपके पार्टनर के साथ भावनात्मक रूप से फिर से जुड़ने में मदद कर सकती है। इससे स्तंभन दोष की समस्या में भी सुधार आ सकता है।

नपुंसकता के लिए अन्य इलाज -

1) प्रोस्टेटिक मालिश - कुछ पुरुष प्रोस्टेटिक मालिश नामक मालिश चिकित्सा के एक तरीके का उपयोग करते हैं। डॉक्टर आपके लिंग में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए आपके ग्रोइन (पेट और जांघ के बीच का भाग) में और आसपास के ऊतकों को मालिश करते हैं।

2) एक्यूपंक्चर - एक्यूपंक्चर, साइकोलॉजिकल से संबंधित नपुंसकता का इलाज करने में मदद कर सकता है। आपके द्वारा किसी भी प्रकार का सुधार नोटिस करने से पहले आपको डॉक्टर से कई बार अपॉइंटमेंट लेना पड़ सकता है।

3) पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की एक्सरसाइज – मध्यम से जोरदार एरोबिक एक्टीविटी, स्तंभन दोष में सुधार ला सकती है। हालांकि कुछ पुरूषों में इस गतिविधि से कम लाभ मिल पाता है, इनमें वे लोग शामिल हैं जिनको कोई हृद्य संबंधी स्थिर रोग है या अन्य कोई विशेष मेडिकल समस्या है।  

यहां तक कि कम जोरदार (Less strenuous) एक्सरसाइज को नियमित रूप से करने पर भी स्तंभन दोष के जोखिम को कम किया जा सकता है। गतिविधियों का स्तर बढ़ाने से नपुंसकता के जोखिम को और कम किया जा सकता है।

पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की एक्सरसाइज को नियमित रूप से करके लिंग के कार्यों में सुधार होने लगता है, इससे सामान्य स्तंभन प्रक्रिया को भी फिर से प्राप्त किया जा सकता है।

कीगल एक्सरसाइज एक बहुत ही सरल व्यायाम होता है, इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है। इस एक्सरसाइज को करने के तरीके निम्न हैं:

  1. सबसे पहले पेल्विक की मांसपेशियों की पहचान करें। इनको पहचानने के लिए पेशाब करने के दौरान प्रवाह को बीच में ही रोकने की कोशिश करें। जब आप पेशाब की धारा को बीच में ही रोकने की कोशिश करते हैं, तो रोकने के लिए इस्तेमाल की गई मांसपेशियां पेल्विक फ्लोर की ही होती हैं। इन मांसपेशियों को संकुचित करने के दौरान आपके वृषण भी ऊपर की तरफ उठते हैं।
  2. अब आप पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की पहचान कर चुके हैं। इसलिए इन मांसपेशियों को 5 से 20 सेकंड संकुचित (सिकोड़ना) करें और उसके बात सामान्य स्थिति में छोड़ दें।
  3. इस इस प्रक्रिया को लगातार 10 से 20 बार अवश्य करें। इस व्यायाम को पूरे दिन में कम से कम तीन से चार बार अवश्य करें
  4. यह सुनिश्चित कर लें कि आप इस प्रक्रिया के दौरान स्वाभाविक रूप से साँस ले रहे हैं और पेशाब करने के लिए जोर ना लगाएं। इसकी बजाएं मांसपेशियों को एक साथ संकुचित होने की गति में लाएं।

4) टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट – कुछ पुरूषों में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का निम्न स्तर होने के कारण स्तंभन दोष और जटिल हो सकता है। ऐसी स्थिति के लिए अक्सर टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी का सुझाव दिया जाता है। इस थेरेपी को पहली थेरेपी के रूप में या किसी अन्य थेरेपी के साथ संयोजन के रूप में किया जा सकता है।

5) - अपनी दवाएं बदलें - कुछ मामलों में, अन्य बिमारियों का इलाज करने वाली दवाएं इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण हो सकती हैं। उन दवाइयों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें जो आप ले रहे हैं। इनके बदले कोई अन्य दवाएं हो सकती हैं जिन्हें आप ले सकते हैं।

पहले अपने डॉक्टर से बात करें बिना दवाओं को लेना बंद न करें।

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नामर्दी (स्तंभन दोष) के नुकसान - Erectile Dysfunction Complications in Hindi

स्तंभन दोष के क्या नुकसान होते हैं?

नपुंसकता (नामर्दी) के परिणास्वरूप होने वाली जटिलाओं में निम्न शामिल हो सकती हैं।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन ठीक होता है कि नहीं? - Is Erectile Dysfunction curable or not in Hindi?

कई मामलों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

ईडी के इलाज के कई तरीके हैं, जिनमें जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी शामिल हैं। उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, यही कारण है कि यदि आपको ईडी है तो अपने डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।

जीवनशैली संबंधी विचारों को इसके इलाज के तौर पर शामिल किया जा सकता है, जैसे -

  • अगर आप धूम्रपान करते हैं तो छोड़ने पर विचार करें. अगर आपको अपने आप ऐसा करने में परेशानी होती है तो अपने डॉक्टर से धूम्रपान बंद करने के लिए इलाज के बारे में पूछें ताकि आपको इसे रोकने में मदद मिल सके.
  • अगर आप ज्यादा वजन वाले हैं तो डॉक्टर से खाने और व्यायाम के बदलावों के बारे में बात करें जो वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं.
  • अगर आप शराब पीते हैं तो खुद को ऐसा करने से रोकें या सीमित करें कि आप कितना पीते हैं.
  • अगर आप ऐसी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं जो आपको डॉक्टर द्वारा निर्धारित नहीं की गई हैं तो अपने डॉक्टर से उनके बारे में बात करें जो आपको छोड़ने में मदद करेंगे.

अगर आपको इस बात का संदेह है कि कोई दवा नपुंसकता का कारण बन रही है तो इस बार में  डॉक्टर से बात करें और बिना उनकी स्वीकृति के उसे  लेना बंद न करें. इसके अलावा खुराक कम करने या वैकल्पिक दवा खोजने के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें.

इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है? - What Is the Fastest Way To Cure Erectile Dysfunction in Hindi?

इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका हृदय और ब्लड वेसल्स के स्वास्थ्य, मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और अन्य उपचारों का उपयोग करना है.

ह्रदय स्वास्थ्य

डॉक्टर आपकी आपके स्वास्थ्य में सुधार को लेकर कई सुझाव दे सकता है, जिसमें आपके दिल और सर्कुलेटरी सिस्टम्स भी शामिल है. इसमें व्यायाम की मात्रा को बढ़ाना, अच्छा खान-पान रखना, ये सुनिश्चित करना कि आपको भरपुर मात्रा में विटामिन मिले शामिल है. इसके अलावा आपके द्वारा लिए जा रहे ड्रग्स, तंबाकू या अल्कोहल के इस्तेमाल को कम करना या खत्म करना भी शामिल है.  डॉक्टर आपको वजन कम करने की सलाह भी दे सकता है.

मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य

डॉक्टर आपके इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर तनाव, डिप्रेशन और चिंता के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ मानसिक स्वास्थ्य मदद के लिए सलाह भी दे सकते हैं. इसके अलावा आप किसी अच्छे मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मदद ले सकते हैं इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज करने में मदद मिलेगी. 

ईडी के लिए बाकी उपचार

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए कई और इलाज भी हैं जिनमें दवा, सर्जिकल विकल्प, इंजेक्शन या वैक्यूम डिवाइस शामिल हैं. जैसे- 

  • ओरल ड्रग्स और गोलियां अक्सर ईडी (वियाग्रा, सलीस, लेविट्रा, स्टेन्डरा) के लिए निर्धारित की जाती हैं.
  • टेस्टोस्टेरोन थेरेपी (अगर खून की जांच कम टेस्टोस्टेरोन का संकेत दे तो)
  • पेनाइल इंजेक्शन (ICI, इंट्राकैवर्नोसल एल्प्रोस्टैडिल)
  • अंतर्गर्भाशयी दवा (IU, Alprostadil)
  • वैक्यूम इरेक्शन डिवाइस
  • पेनिल इम्प्लांट्स

इसके अलावा कई पुरुष इन इलाजों से काफी राहत मिली है. आपका डॉक्टर आपके इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ठीक करने का सबसे तेज और सबसे अच्छा तरीका तय करने में आपकी मदद करेगा.



संदर्भ

  1. Urology Care Foundation [Internet]. American Urological Association; Erectile Dysfunction.
  2. Hormone Health Network [Internet]. The Endocrine Society; Washington, DC: Erectile Dysfunction.
  3. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Erectile Dysfunction (ED).
  4. Stuart H. Ralston, Ian D Penman, Mark W J Strachan, Richard Hobson. Davidson's Principles and Practice of Medicine E-Book.. 23rd Edition; Elsevier, 23-Apr-2018 - Medical - 1440 pages.
  5. Joel J. Heidelbaugh, University of Michigan, Ann Arbor, Michigan. Management of Erectile Dysfunction.. American Family Physician. 2010 Feb 1;81(3):305-312.
  6. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Preventing Erectile Dysfunction..
  7. Health Harvard Publishing. Harvard Medical School [Internet]. 5 natural ways to overcome erectile dysfunction.. Harvard University, Cambridge, Massachusetts.

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) के वीडियो

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) के डॉक्टर

Dr. Anurag Kumar Dr. Anurag Kumar पुरुष चिकित्सा
19 वर्षों का अनुभव
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इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Erectile Dysfunction in Hindi

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) की जांच का लैब टेस्ट करवाएं

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं: