ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन (एलएच) टेस्ट क्या है?
एलएच टेस्ट को इंटरस्टीेशियल सेल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट कहा जाता है। यह टेस्ट रक्त में एलएच के स्तर का पता लगाने के लिए किया जाता है। एलएच पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। पिट्यूटरी ग्रंथि मस्तिष्क में मटर के दाने के आकार की छोटी सी ग्रंथि होती है। एलएच हार्मोन यौन संबंधी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेषकर महिलाओं में ओवेरियन फॉलिकल्स (डिंबग्रंथि पुटिका) के विकास व पुरुषों में लेडिंग सेल के विकास में। एलएच का स्तर नवजात शिशुओं में अत्यधिक होता है लेकिन प्यूबर्टी (10-14 की उम्र) तक आते-आते ये स्तर कम होने लग जाते हैं। जब प्यूबर्टी की प्रक्रिया शुरू होती है या शरीर में यौन बदलाव आने लगते हैं, तो ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन फोलीसाइल-स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (एफएसएच) के साथ मिलकर लड़को में टेस्टोस्टेरोन और लड़कियों में एस्ट्रोजन बनाने लग जाता है। महिलाओं में, एलएच मस्तिष्क से निकलता है और मासिक धर्म के दौरान एक परिपक्व अंडा बनाने के लिए ओवरी को उत्तेजित करता है। पुरुषों में एलएच की वजह से बनने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन से ही शुक्राणु बनते हैं।
एलएच महिलाओं में ओवुलेशन से और पुरुषों में शुक्राणु के बनने से संबंधित है इसलिए यह टेस्ट जनन क्षमता से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने में भी सहायक है। यह टेस्ट पिट्यूटरी ग्रंथि संबंधी विकारों का पता लगाने में भी मदद करता है।