डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II - Dentin Dysplasia Type II in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

November 01, 2018

December 15, 2020

डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II
डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II

डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप​ II क्या है?

डेंटन (दंतधातु) से जुड़े वंशानुगत दोषों को तीन प्रकार के डेंटिनोजेनेसिस इंपरफेक्टा (डीजीआई) विकारों यानी टाइप I, टाइप II और टाइप III तथा दो प्रकार के डेंटिन डिस्प्लेसिया (डीडी) विकारों यानी टाइप I और टाइप II के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II को कोरोनल डेंटिन डिस्प्लेसिया भी कहा जाता है। यह एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार है जो दांतों को प्रभावित करता है। डेंटिन का असामान्य विकास (डिस्प्लेसिया) इसकी विशेषता है।

डेंटिन दांतों के इनेमल के नीचे पाए जाने वाले कठोर ऊतक होते हैं और इनेमल दांतों के बाहर दिखने वाला ऊपरी सफेद आवरण होते हैं। डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II विकार केवल दांतों को ही प्रभावित करता है।

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डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II के लक्षण क्या हैं?

डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II से दांतों का रंग बदलना मुख्य लक्षण है। इससे विकार से प्रभावित बच्चे के दांतों का रंग पीला, भूरा, भूरा-एम्बर या भूरा-नीला हो सकता है। ये दूध के दांतों में ही होता है क्योंकि ज्यादातर मामलों में, स्थायी (माध्यमिक) दांतों का रंग सामान्य ही रहता है।

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डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II क्यों होता है?

डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप II डेंटिन सिआलोफॉस्फोप्रोटीन (डीएसपीपी) जीन के उत्परिवर्तन (म्युटेशन) के कारण होता है। इस उत्परिवर्तन को एक ऑटोसोमल डोमिनेंट ट्रेट के रूप में माता-पिता से प्राप्त किया जाता है। डोमिनेंट आनुवांशिक विकार तब होते हैं जब रोग पैदा होने के लिए असामान्य जीन की केवल एक प्रतिलिपि आवश्यक होती है। इस असामान्य जीन को माता-पिता से विरासत में प्राप्त किया जा सकता है या यह प्रभावित व्यक्ति में एक नए उत्परिवर्तन (जीन परिवर्तन) का भी परिणाम हो सकता है।

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डेंटिन डिस्प्लेसिया टाइप का इलाज कैसे होता है?

डेंटिन डिस्प्लेसिया का उपचार उन विशिष्ट लक्षणों के अनुसार निर्धारित किया जाता है जो प्रत्येक व्यक्ति में स्पष्ट दिखते हैं। चूंकि स्थायी दांत अक्सर अप्रभावित रहते हैं, इसलिए दांतों का कोई विशिष्ट इलाज आवश्यक नहीं होता है। इसमें दंत विशेषज्ञों द्वारा देखभाल के साथ नियमित निगरानी और निरंतर बचाव के उपाय करना शामिल हो सकता है। आनुवंशिक परामर्श प्रदान करने से भी प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों को लाभ हो सकता है।

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संदर्भ

  1. National Organization for Rare Disorder. Dentin Dysplasia Type II. [Internet]
  2. Melnick M et al. Dentin dysplasia, type II: a rare autosomal dominant disorder.. Oral Surg Oral Med Oral Pathol. 1977 Oct;44(4):592-9. PMID: 269353
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  5. Online Mendelian Inheritance in Man. DENTIN DYSPLASIA, TYPE II; DTDP2. Johns Hopkins University. [Internet]