पसली में सूजन - Costochondritis in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

September 17, 2018

February 02, 2024

पसली में सूजन
पसली में सूजन

पसलियों में सूजन आना क्या है? 

पसलियों की सूजन को अंग्रेजी में कोस्टोकोनड्राइटिस (Costochondritis) कहा जाता है। इसमें पसलियों (Ribs) को छाती की हड्डी (Sternum) से जोड़ने वाले कार्टिलेज (मजबूत और कठोर ऊतक जो लचीले होते हैं) में सूजन व लालिमा विकसित हो जाती है। पसलियों मे सूजन से होने वाला दर्द कभी-कभी हार्ट अटैक व अन्य हृदय संबंधी समस्याओं जैसा लगता है। 

पसलियों में सूजन को कभी-कभी छाती की परत का दर्द (Chest wall pain), कोस्टोस्टेरनल सिंड्रोम (Costosternal syndrome) या कोस्टोस्टेरनल कोन्ड्रोडाइनिया (Costosternal chondrodynia) आदि नामों से भी जाना जाता है। 

आमतौर पर पसलियों के सूजन का स्पष्ट कारण नहीं है। इसके इलाज का मुख्य लक्ष्य दर्द को शांत करना होता है। पसलियों का रोग अपने आप ठीक होता है जो पूरी तरह से ठीक होने में कुछ हफ्ते या उससे अधिक समय ले सकता है।

(और पढ़ें - पसली में दर्द का इलाज)

पसली में सूजन के लक्षण - Costochondritis Symptoms in Hindi

पसलियों में सूजन होने पर कौन से लक्षण महसूस होते हैं?

पसलियों में सूजन से जुड़े दर्द निम्न प्रकार के हो सकते हैं:

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपकी छाती में दर्द महसूस हो रहा है तो आपको जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए और दर्द की जांच करवानी चाहिए। क्योंकि छाती में दर्द, हार्ट अटैक जैसे जीवन के लिए घातक रोगों के कारण भी हो सकता है। एेसे में इससे बचने के लिए आपातकालीन मेडिकल सुविधा प्राप्त करना जरूरी होता है। 

(और पढ़ें - कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर )

पसली में सूजन के कारण और जोखिम कारक - Costochondritis Causes & Risks Factors in Hindi

पसलियों में सूजन क्यों आती है और इसके जोखिम कारक क्या होते हैं?

पसलियों में सूजन का आमतौर पर कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है। हालांकि कभी-कभी पसलियों की सूजन निम्न कारणों से भी हो सकती हैं:

पसलियों में सूजन का खतरा कब बढ़ जाता है? 

  • पसलियों की सूजन ज्यादातर महिलाओं में और 40 साल से अधिक उम्र के लोगों में होती है।
  • टिट्जे सिंड्रोम (Tietze syndrome), यह भी पसलियों में सूजन जैसा ही एक रोग होता है जो आमतौर पर किशोर व युवाओं में अधिक होता है। यह पुरुषों व महिलाओं में समान रूप से हो सकता है।

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पसली में सूजन का परीक्षण - Diagnosis of Costochondritis in Hindi

पसलियों में सूजन का परीक्षण कैसे किया जाता है?

शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपके स्तनों (छाती की हड्डियों) तथा उसके आस-पास के क्षेत्र को छूकर टेंडरनेस (छूने पर दर्द महसूस होना) और सूजन की जांच करेंगे। आपके लक्षणों को शुरू (ट्रिगर) करने का प्रयास करने लिए डॉक्टर आपकी पसलियों के ढांचे और बाजू को हिला कर देख सकते हैं।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट लिस्ट)

पसलियों में सूजन का दर्द आमतौर पर हृदय के रोगों, फेफड़ों के रोग, गैस्ट्रोइंटेस्टिनल समस्याएं और ओस्टियोआर्थराइटिस जैसे रोगों से होने वाले दर्द से काफी मिलता है। पसलियों में सूजन की समस्या की पुष्टि करने के लिए  कोई विशिष्ट इमेजिंग टेस्ट नहीं है हालांकि अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए डॉक्टर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ (Electrocardiograph), एक्स रे, सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन जैसे कुछ टेस्ट कर सकते हैं। 

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पसली में सूजन का इलाज - Costochondritis Treatment in Hindi

पसलियों में सूजन का  इलाज कैसे किया जाता है?

दवाएं: 

पसलियों में सूजन का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्न दवाएं लिख सकते हैं:

  • नोन स्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेटरी (सूजन को रोकने वाली) दवाएं - वैसे तो इबुप्रोफेन (Ibuprofen) और नेपारोक्सेन सोडियम जैसी कुछ दवाएं हैं जो मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर की पर्ची के मिल जाती हैं, लेकिन डॉक्टर इनसे शक्तिशाली इसी श्रेणी की एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं लिख सकते हैं। साइड इफेक्ट के रूप में ये दवाएं पेट की अंदरूनी परत और किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। (और पढ़ें - किडनी रोग का इलाज)
  • नार्कोटिक्स - यदि आपको अत्यधिक गंभीर दर्द है तो आपके डॉक्टर वे दवाएं लिख सकते हैं  जिनमें कौडीन (Codeine) शामिल होता है, जैसे हाइड्रोकोडोन/एसिटामिनोफेन (विकोडीन, नोरको) ऑक्सीडोन/एसिटामिनोफेन (टाइलोक्स, रोक्सिसेट, परकोसेट) आदि। एक बार लेने के बाद नार्कोटिक्स दवाएं लेने की आदत भी पड़ सकती है।
  • एंटीडिप्रेसन्ट्स (Antidepressants) - ट्राइक्लिक एंटीडिप्रेसन्ट दवाएं जैसे एमिट्रिप्टीलाइन आदि दवाओं का उपयोग पुराने दर्द को नियंत्रित करने के लिये किया जाता है। खासकर यदि दर्द आपको रात को सोने भी नहीं दे रहा तो इन दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। (और पढ़ें - अच्छी नींद आने के उपाय)
  • मिर्गी की रोकथाम करने वाली दवाएँ (Anti-seizure drugs) -  मिर्गी की रोकथाम करने वाली गैबेपेंटीन (न्यूरोंटिन) दवाएं भी किसी लंबे समय से हो रहे दर्द को नियंत्रित करने में सफल साबित हुई है। (और पढ़ें - मिर्गी के दौरे क्यों आते हैं)

थेरेपी:

निम्न शारीरिक थेरेपी उपचार भी शामिल हो सकते हैं:

  • स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज - छाती की मांसपेशियों को हल्का-हल्का स्ट्रेच करना भी इस स्थिति में काफी सहायक हो सकता है। (और पढ़ें - स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने के तरीके)
  • नसों को उत्तेजित करने की प्रक्रिया (Nerve stimulation) - इसमे ट्रांसक्युटेंशन इलेक्ट्रिक नर्व स्टीमुलेशन नामक एक प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक उपकरण होता है जिससे चिपकने वाले पैचेज जुड़े होते हैं, इन पैचेज को दर्द के आस-पास की त्वचा पर चिपकाया जाता है। इन पैचेज के माध्यम से यह उपकरण हल्का-हल्का करंट भेजता है। यह करंट दर्द के के सिग्नल को दिमाग तक पहुंचने से रोक सकता है। (और पढ़ें - हड्डियों में दर्द का इलाज)

सर्जिकल व अन्य प्रक्रियाएं:

यदि सामान्य उपचार (जिनमें सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग नहीं किया जाता) काम ना कर पाएं तो, डॉक्टर इंजेक्शन द्वारा सुन्न करने वाली दवाएं और कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं सीधे दर्द वाले जोड़ में लगा सकते हैं। 

(और पढ़ें - सर्जरी से पहले की तैयारी)

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संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Costochondritis
  2. Healthdirect Australia. Costochondritis. Australian government: Department of Health
  3. American Academy of Family Physicians [Internet]. Leawood (KS); Costochondritis: Diagnosis and Treatment
  4. Australian Family Physician. Musculoskeletal chest wall pain. Royal Australian College of General Practitioners. Victoria, Australia. [internet].
  5. Nidirect. Costochondritis. UK. [internet].