बच्चों में इन्फ्लूएंजा क्या है
इन्फ्लूएंजा को फ्लू के नाम से जाना जाता है। ये एक संक्रामक रोग है जो कि इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह बीमारी तेजी से बढ़ती है और इसके शुरुआती दो या तीन दिनों में बुखार ज्यादा होता है।
बच्चों में इन्फ्लूएंजा के लक्षण
- 104 डिग्री फारेनहाइट तक बुखार
- ठंड लगना और बुखार के साथ कंपकपी
- अधिक थकान होना
- सिरदर्द व बदन दर्द
- सूखी खांसी
- गले में खराश
- उल्टी और पेट दर्द
- भूख ना लगना
- चक्कर आना
- नाक बहना
- कान में दर्द
- दस्त
- जी मितली
इस फ्लू से ग्रस्त बच्चों में जी मिचलाने, पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं देखी जाती हैं, इसलिए कुछ माता-पिता फ्लू को पेट की बीमारी समझ लेते हैं।
बच्चों में इन्फ्लूएंजा के कारण
इन्फ्लूएंजा वायरस के मुख्य रूप से तीन प्रकार बताए गए हैं: टाइप ए और टाइप बी साल में एक बार प्रभावित कर सकते हैं, जबकि टाइप सी के मामले कभी भी सामने आ सकते हैं।
- फ्लू बहुत तेजी से फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने के दौरान फैलने वाले बैक्टीरिया के कारण होता है। इसके अलावा इन्फ्लूएंजा फ्लू से ग्रस्त व्यक्ति के बलगम या थूक के संपर्क में आने से भी ये संक्रमण फैल सकता है।
- बच्चों में फ्लू के लक्षण दिखने से एक दिन पहले से लेकर बीमार पड़ने के 5 से 7 दिन बाद तक फ्लू अन्य लोगों में फैल सकता है।
- यह संक्रमण बहुत आसानी से बच्चों को चपेट में ले सकता है क्योंकि बच्चे पेंसिल, रबड़, खिलौने, कंप्यूटर, रिमोट, चम्मच इत्यादि चीजें एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं। हाथ मिलाने से भी यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
बच्चों में इन्फ्लूएंजा का इलाज
यदि बच्चा इन्फ्लूएंजा फ्लू से ग्रस्त है तो करीब दो सप्ताह तक उसे घर में रहना पड़ सकता है। इस फ्लू के शुरुआती लक्षणों के कम होने के बाद भी, बच्चा खुद को थका हुआ और अस्वस्थ महसूस कर सकता है। निम्नलिखित कुछ तरीके दिए गए हैं, जिनसे आप घर पर उनकी देखभाल कर सकते हैं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।
- अगर किसी बच्चे को इन्फ्लूएंजा फ्लू है, तो कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है जैसे संक्रमित बच्चे को पूरी तरह से बैड रेस्ट पर रहना चाहिए। इससे उन्हें पर्याप्त आराम मिलता है।
- हो सकता है कि फ्लू के दौरान बच्चे को गर्मी व ठंड महसूस हो। ऐसी स्थिति में आपको उसकी मदद के लिए तैयार रहना है। ठंड लगने पर बच्चों के लिए कंबल इस्तेमाल करना सही नहीं माना जाता है। इसकी जगह चादर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- यदि फ्लू के साथ-साथ बच्चे को बंद नाक की भी परेशानी है, तो डॉक्टर की सलाह से नेसल ड्रॉप का प्रयोग कर सकते हैं। गले में खराश को कम करने के लिए गर्म नमक के पानी से गरारे करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
- बच्चों में बुखार और मांसपेशियों में दर्द को कम करने व उन्हें बेहतर महसूस कराने के लिए उनकी उम्र और वजन के आधार पर ओटीसी (ओवर-द-काउंटर यानी डॉक्टर के पर्चे के बिना केमिस्ट से दवाइयां लेना) दवाएं ले सकते हैं। बाल चिकित्सक से एक बार पूछ लें कि आप बच्चे को किस तरह की दवाई दे सकते हैं।
- हो सकता है कि बच्चे को फ्लू होने पर भूख कम लगे लेकिन ऐसे में आपको उन्हें खाने की जगह फ्लूइड देते रहना चाहिए ताकि बच्चों में पानी की कमी (डिहाईड्रेशन) न हो। बच्चों में पानी की कमी होने पर निम्न लक्षण सामने आ सकते हैं। शिशुओं में डिहाईड्रेशन होने पर उनके सिर के ऊपरी हिस्से में एक दबाव दिख सकता है। इस स्थिति में निम्नलिखित लक्षण सामने आ सकते हैं:
- सामान्य से अधिक गहरे रंग का पेशाब आना
- रोने के दौरान आंसू ना आना
- सूखे, फटे होंठ
- जीभ का सूखना
- धंसी हुई आंखें
- शुष्क त्वचा या हाथों की स्किन पर धब्बे पड़ना और पैरों का ठंडा होना
- सांस लेने में दिक्क्त या बहुत तेज सांस आना