शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हम लगातार प्रयास करते रहते हैं। अगर हम शरीर की परिकल्पना एक पेड़ के रूप में करें तो थेरपी को पेड़ का मजबूत स्तंभ और उपचार को शाखाओं के रूप में दर्शाया जा सकता है। शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए उपचार और थेरपी दोनों ही आवश्यक हैं, दोनों का अपना-अपना स्थान है। आमतौर पर जब हमारा शरीर किसी बीमारी के लक्षण दिखाना शुरू कर दे, ऐसे में हमें उपचार की आवश्यकता होती है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और शरीर को चुस्त-दुरुस्त व स्वस्थ बनाए रखने में थेरपी सहायक होती है। किसी खास बीमारी के लिए उपचार और उसके बाद शरीर को तेजी से स्वस्थ बनाने के लिए थेरपी का इस्तेमाल किया जाता है।
आसान शब्दों में समझें तो थेरपी का संबंध शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने से है। शारीरिक स्वास्थ्य की आवश्यकताओं को देखते हुए थेरपी कई प्रकार से की जाती है। फार्माकोथेरेपी, ब्यूटी थेरेपी, साइकोथेरपी और माइंड बॉडी थेरपी की मदद से शरीर के भिन्न अंगों को स्वस्थ बनाने का प्रयास किया जाता है।
इनमें से अधिकांश थेरपी न केवल शारीरिक राहत देती हैं, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी इनका विशेष योगदान है। उदाहरण के लिए देखें तो ब्यूटी थेरपी से न केवल किसी व्यक्ति की सुंदरता बढ़ती है, साथ ही उनके आत्मविश्वास को भी नई शक्ति और उर्जा प्राप्त होती है। इसी तरह मानसिक स्वास्थ्य के लिए किए जाने वाले योग और ध्यान से शारीरिक और मानसिक दोनों पहलुओं को लाभ मिलता है।
फीजियोथेरपी और उसके प्रकार - Physiotherapy kitne tarah ki hoti Hai
चोट और शरीर के छोटे मोटे दर्द को दूर करने के लिए फिजियोथेरेपी सबसे प्रभावी प्रयोग। फिजियोथेरपी में व्यायाम, योग और मैनुअल थेरपी के माध्यम से उन शारीरिक विकारों को दूर करने का प्रयास किया जाता है, जो किसी चोट या दुर्घटना की वजह से हो जाती हैं। फिजियोथेरेपी से आपको तत्काल राहत नहीं मिलती है, लेकिन यह धीरे-धीरे समस्या को गहराई से समाप्त करने में सहायक है। फीजियोथेरपी में निम्न प्रकार के उपचार किए जाते हैं।
मैनुपुलेशन और मालिश
मैनुपुलेशन थेरपी के दौरान फिजियोथेरेपिस्ट क्षतिग्रस्त हड्डी को पूर्ववत अवस्था में लाने का प्रयास करता है। यह दर्दकारक जरूर होता है, लेकिन हड्डियों को वापस जोड़ने में सहायक होता है। दर्द और सूजन को कम करने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट मरीजों को मैनुअल मसाज भी देते हैं।
व्यायाम
व्यायाम के माध्यम से फिजियोथेरेपिस्ट मरीजों में उनकी क्षमता को वापस लाने में मदद करते हैं। व्यायाम से मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है। इसमें ट्रांसक्यूटेनियस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन (TENS) मशीन के द्वारा मस्तिष्क को दर्द के संकेत भेजने वाली नसों पर विद्युत प्रवाह किया जाता है। दर्द से राहत के लिए यह बहुत उपयोगी है। दूसरी ओर चोट से प्रभावित ऊतक में उच्च आवृत्ति की ध्वनि तरंगों को प्रवाहित किया जाता है, जो वहां पर खून के संचार को बढ़ाने के साथ अंदुरूनी कोशिकाओं को सक्रिय करती है। कई बार चोटों के दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने के लिए लेजर थेरपी का उपयोग किया जाता है।
हाइड्रोथेरेपी
इसके जरिए बेहतर उपचार के लिए प्राकृतिक वातावरण बनाया जाता है। हाइड्रोथेरेपी एक पूल में किया जाता है, जहां पानी का तापमान शरीर के तापमान (37 डिग्री सेल्सियस या 98.4 डिग्री फारेनहाइट) के करीब होता है। फिजियोथेरेपिस्ट व्यक्ति को पानी में व्यायाम करने में मदद करता है। व्यायाम के दौरान पानी शरीर पर दबाव डालता है, इससे श्वास और रक्त प्रवाह में सुधार होता है। यह दर्द से राहत देने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।
मसाज थेरेपी
किसी चोट या फिर दर्द की स्थिति में मसाज थेरेपी काफी कारगर तकनीक है, इसमें प्रभावित हिस्से को लक्षित कर दर्द, मांसपेशियों में आई सख्ती और ऐंठन को कम किया जाता है। मुख्य रूप से पीठ, गर्दन, कंधे, ऑस्टियोआर्थराइटिस और सिरदर्द के मामलों में भी यह काफी मददगार है। दर्द और तनाव को दूर करने के लिए कई बार तेलों के माध्यम से मसाज करने में लाभ मिलता है।