जब कोई व्यक्ति कैंसर से पीड़ित होता है, तो कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी दी जाती है. कीमोथेरेपी से कैंसर का इलाज होता है, लेकिन यह कई साइड इफेक्ट भी पैदा कर सकता है. बालों का झड़ना कीमोथेरेपी उपचार का एक सामान्य साइड इफेक्ट होता है. दरअसल, कीमोथेरेपी के कुछ एजेंट शरीर में तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं. हेयर फॉलिकल्स सेल्स भी तेजी से बढ़ते हैं. ऐसे में कीमोथेरेपी में कैंसर के साथ ही हेयर फॉलिकल्स सेल्स भी नष्ट हो जाते हैं, जिसकी वजह से बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं. आपको बता दें कि बालों का झड़ना कीमोथेरेपी के तुरंत बाद शुरू नहीं होता है. यह कीमोथेरेपी के प्राथमिक उपचार के 1 से 2 सप्ताह बाद शुरू हो सकता है.

आज इस लेख में आप कीमोथेरेपी के दौरान बाल क्यों झड़ते हैं, इस बारे में विस्तार से जानेंगे -

बालों में लगाएं आयुर्वेदिक हेयर क्लीन्ज़र और दे उन्हें लंबी आयु.

  1. कीमोथेरेपी कोशिकाओं को कैसे प्रभावित करता है?
  2. कीमोथेरेपी के दौरान बालों को झड़ने से बचाने के उपाय
  3. कीमोथेरेपी के बाद बालों का बढ़ना
  4. सारांश
कीमोथेरेपी के कारण बाल क्यों झड़ते हैं? के डॉक्टर

बालों का झड़ना कीमोथेरेपी का एक आम दुष्प्रभाव होता है. कीमोथेरेपी की दवाइयां बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं, लेकिन कीमोथेरेपी उपचार के बाद बाल फिर से बढ़ना शुरू हो सकते हैं.

कैंसर कोशिकाएं शरीर की अन्य कोशिकाओं की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ती हैं. इसके अलावा, हेयर फॉलिकल्स सेल्स, श्लेष्मा झिल्ली सेल्स और ब्लड प्रोड्यूसिंग सेल्स भी तेजी से बढ़ते जाते हैं. कीमोथेरेपी दवाइयां तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं के अंदर आरएनए और डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं. इससे तेजी से बढ़ने वाले सेल्स (कैंसर और अन्य) नष्ट हो जाते हैं यानी कीमोथेरेपी से कैंसर के साथ ही अन्य सेल्स भी नष्ट हो सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कीमोथेरेपी की दवाएं कैंसर सेल्स और अन्य सेल्स के बीच अंतर नहीं कर पाती हैं. इसकी वजह से कीमोथेरेपी के दौरान कैंसर सेल्स के साथ ही हेयर फॉलिकल्स सेल्स भी नष्ट होने लगते हैं. ऐसे में धीरे-धीरे बाल झड़ने शुरू होने लगते हैं.

कीमोथेरेपी प्राप्त करने वाले लगभग 65 प्रतिशत लोग बालों के झड़ने का अनुभव करते हैं. दरअसल, प्रत्येक व्यक्ति के 90 प्रतिशत बाल हर समय बालों के 4 चरणों में से एक एनाजेन में होते हैं. लेकिन कीमोथेरेपी के एजेंट इन बालों को प्रभावित कर सकते हैं. कीमोथेरेपी एजेंट का चुनाव कैंसर के प्रकार पर निर्भर करता है -

एल्काइलेटिंग एजेंट

एल्काइलेटिंग एजेंट तेजी से बढ़ रहे सेल्स के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में यह एजेंट बालों के झड़ने का कारण बन सकता है. इस एजेंट का उपयोग कई प्रकार के कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है. एल्काइलेटिंग एजेंट फेफड़ेस्तन व रक्त कैंसर का इलाज कर सकता है.

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Anti-Hairfall Shampoo बनाया है। इस आयुर्वेदिक शैंपू को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बाल झड़ने, सफेद बाल, गंजापन, सिर की खुजली और डैंड्रफ के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Anti-Hairfall Shampoo
₹329  ₹549  40% छूट
खरीदें

एंटीमेटाबोलाइट्स

कीमोथेरेपी के एंटीमेटाबोलाइट्स एजेंट की वजह से कोशिका विभाजित नहीं हो सकती है. इस एजेंट का उपयोग स्तन, कोलन, ल्यूकेमिया और डिम्बग्रंथि कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है. इस एजेंट में बालों के झड़ने की आशंका थोड़ी कम होती है, लेकिन बाल काफी पतले हो सकते हैं.

हेयर फॉल न हो, उसके लिए उन्हें जड़ से मजबूत करने के लिए आज ही खरीदें इंडिया का नंबर 1 हेयर सीरम.

एंटी-ट्यूमर एंटीबायोटिक्स

एंटी-ट्यूमर एंटीबायोटिक्स सेल्स की वृद्धि और विभाजन को रोकते हैं. इनका उपयोग भी कई प्रकार के कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है. ये एजेंट बालों के झड़ने का कारण नहीं बनते हैं.

विटामिन बी7 टेबलेट्स को रोज खाने से बाल जड़ों से होते हैं मजबूत. अभी खरीदने के लिए जाएं ब्लू लिंक पर.

टोपोइजोमेरेज इनहेबिटर्स

टोपोइजोमेरेज सेल्स का उपयोग फेफड़े, डिम्बग्रंथि, कोलोरेक्टल और अग्नाशय कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है. इसमें बालों का झड़ना अधिक देखा जा सकता है. इसके अलावा, माइटोटिक इनहिबिटर्स में भी बाल तेजी से झड़ सकते हैं और गंजापन हो सकता है.

डैंड्रफ के लिए इंडिया का बेस्ट शैंपू खरीदने के लिए अभी ब्लू लिंक पर क्लिक करें.

बालों के झड़ने का टाइमलाइन

कीमोथेरेपी के तुरंत बाल बालों का झड़ना शुरू नहीं होता है. बालों का झड़ना आमतौर पर पहली कीमोथेरेपी लेने के 1 से 3 सप्ताह बाद शुरू हो सकता है. वहीं, एक से दो महीने बाद बाल गंभीर रूप से झड़ना शुरू हो सकते हैं. इस स्थिति में गंजापन तक हो सकता है. कोमोथेरेपी उपचार समाप्त होने के 3 से 6 महीने बाद बाल दोबारा उगने शुरू हो सकते हैं.  

(और पढ़ें - झड़ते बालों के लिए पतंजलि की दवा)

कीमोथेरेपी के दौरान बालों के झड़ने को रोकना संभव नहीं होता है, क्योंकि कीमोथेरेपी उपचार स्वस्थ कोशिकाओं को भी नष्ट कर देता है. फिर भी कुछ उपायों को आजमाकर शायद इसकी गंभीरता को थोड़ा कम किया जा सकता है -

  • कीमोथेरेपी के दौरान स्कैल्प को कूलिंग इफेक्ट देना फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए गर्मियों के दिनों में आइस पैक या कूलिंग कैप्स आदि का उपयोग किया जा सकता है.
  • रोगिने का उपयोग करके भी बालों के झड़ने की गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है. हालांकि, यह बालों के झड़ने को नहीं रोक सकता है, लेकिन बालों के फिर से उगाने में लगने वाले समय को कम कर सकता है.
  • बार-बार शैंपू का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
  • स्कैल्प को साफ करने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें.
  • बालों को रगड़कर न सुखाएं, थपथपाकर सुखाने की कोशिश करें.
  • बालों पर माइल्ड शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल करें, जिनमें परफ्यूम न हो.
  • हेयर स्प्रे, जेल या तेल जैसे किसी भी हेयर प्रोडक्ट का उपयोग करने से बचें. 
  • बालों पर समय-समय पर कंघी या ब्रश करते रहें.
  • बालों को डाई न करें और साथ ही बालों पर हीट लगाने से बचें.
  • कर्लिंग आयरन का प्रयोग न करें.
  • बालों को कर्ल करने के लिए ब्रश रोलर्स का उपयोग भी न करें.
  • बालों को खींचकर कोई भी हेयर स्टाइल न बनाएं.
  • साटन के तकिए पर सोने की कोशिश करें.

(और पढ़ें - टेलोजेन एफ्लुवियम का इलाज)

कीमोथेरेपी उपचार समाप्त होने के 3 महीने बाद बालों का बढ़ना फिर से शुरू हो सकता है. वहीं, 6 महीने तक बालों का विकास पूरी तरह से हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में कीमोथेरेपी उपचार के दौरान स्थायी गंजापन हो जाता है. इसके बाद बाल दोबारा नहीं उग पाते हैं.  

इसके अलावा, कीमोथेरेपी उपचार के बाद दोबारा उगे बालों का रंग और बनावट अलग हो सकता है. इस स्थिति में बाल पहले की तुलना में अधिक कर्ल और फ्रिजी हो सकते हैं. स्तन कैंसर के लिए कीमोथेरेपी लेने के बाद लोगों ने अलग-अलग बालों को महसूस किया है. 53 प्रतिशत लोगों को अपने बाल घुंघरालु लगे, तो 58 प्रतिशत लोगों के बाल पतले भी दिखे. वहीं, 38 प्रतिशत लोगों के बाल भूरे या सफेद उगे.  

(और पढ़ें - सोरायसिस में बाल झड़ने से रोकने के टिप्स)

कीमोथेरेपी से बालों का झड़ना एक आम दुष्प्रभाव है. यह कीमोथेरेपी के काम करने के तरीके के कारण होता है. दरअसल, कीमोथेरेपी की दवाएं कैंसर सेल्स के साथ ही हेल्दी सेल्स को भी नष्ट कर देती हैं. इसकी वजह से बाल झड़ने लगते हैं, लेकिन जैसे ही कीमोथेरेपी उपचार खत्म होता है, उसके कुछ समय बाद से बाल दोबारा उगने शुरू हो जाते हैं.

(और पढ़ें - झड़ते बालों के लिए बेस्ट हेयर ऑयल)

Dr. Farhan Shikoh

Dr. Farhan Shikoh

कार्डियोलॉजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Amit Singh

Dr. Amit Singh

कार्डियोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Shekar M G

Dr. Shekar M G

कार्डियोलॉजी
18 वर्षों का अनुभव

Dr. Janardhana Reddy D

Dr. Janardhana Reddy D

कार्डियोलॉजी
20 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें