आजकल थायराइड की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. भारत में इस समस्या से लगभग 4 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. दरअसल, गले में तितली के आकार की ग्रंथि को थायराइड कहा जाता है. ये ग्रंथि शरीर में हार्मोंस को संतुलित बनाए रखने में मदद करती है. गलत खान-पान व असंतुलित दिनचर्या के चलते ये ग्रंथि प्रभावित होती है और शरीर में हार्मोंस का प्रवाह असंतुलित हो जाता है.

ऐसा होने पर हाइपोथायरायडिज्म या फिर हाइपरथायरायडिज्म का सामना करना पड़ सकता है. थायराइड होने पर गले में दर्द होना, वजन का अचानक बढ़ना या कम होना व सूजन जैसे लक्षण नजर आते हैं. हालांकि, इसका इलाज कई तरीकों से संभव है, लेकिन इसमें एक्यूप्रेशर एक अहम भूमिका निभाता है.

आज इस लेख में हम थायराइड से राहत पहुंचाने वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के बारे में जानेंगे -

  1. थायराइड में फायदेमंद एक्यूप्रेशर पॉइंट्स
  2. सारांश
थायराइड के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के डॉक्टर

थायराइड से पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती है. यह ग्रंथि थाइरॉक्सिन नामक हार्मोन बनाने का काम करती है, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म कंट्रोल होता है. प्रेशर पॉइंट्स, जैसे - यिंटांग, पेरीकार्डियम, स्प्लीन 6 से लेकर लंग 5 पॉइंट थायराइड के लिए प्रभावी माने जाते हैं. आइए, थायराइड के लिए इन प्रेशर पॉइंट्स के बारे में विस्तार से जानते हैं -

यिंटांग पॉइंट

आईब्रो के बीचों-बीच का एक्यूप्रेशर पॉइंट यानी यिंटांग पॉइंट थायराइड के लिए महत्वपूर्ण प्रेशर पॉइंट है. इसे हॉल ऑफ इम्प्रेशन पॉइंट के नाम से भी जाना जाता है. थायराइड ग्रंथि को कंट्रोल करने वाली पिट्यूटरी ग्रंथि को बैलेंस करने के लिए इस पॉइंट पर प्रेशर डालें. यह पॉइंट सिरदर्दचक्कर आनासाइनस और आंखों के तनाव से भी छुटकारा दिलाता है.

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पेरीकार्डियम 6 पॉइंट

एक्यूप्रेशर पेरीकार्डियम 6 पॉइंट ओवरएक्टिव थायराइड और अन्य समस्याओं से राहत देने के लिए प्रभावी है. पेरीकार्डियम 6 पॉइंट कलाई की क्रीज के ऊपर तीन उंगल की चौड़ाई में, फोरआर्म के अंदरुनी हिस्से के बीच में स्थित होता है. इस पर प्रेशर डालने से तनाव, चिंताघबराहट व हाई पल्स रेट जैसे हाइपरथायरायडिज्म के लक्षणों से राहत मिल सकती है. यह अस्थमासीने में जकड़नमतली और मोशन सिकनेस को भी ठीक करता है.

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गवर्निंग वेसल पॉइंट

यह एक्यूप्रेशर पॉइंट शरीर के पिछले हिस्से में गर्दन के ठीक बीच में स्थित होता है. यह एरिया गर्दन के एंड पॉइंट पर आसानी से पाया जा सकता है. इस पॉइंट को सेंट्रल पिवट के रूप में भी जाना जाता है. इस पॉइंट पर प्रेशर डालने से हाइपोथायरायडिज्म डिसऑर्डर में मदद मिलती है.

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स्प्लीन 6 पॉइंट

यह पैर के निचले हिस्से के पीछे एंकल के ऊपर स्थित होता है. हाइपोथायरायडिज्म के मामले में थायराइड की बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण एक्यूप्रेशर पॉइंट है. इस पॉइंट पर प्रेशर डालने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार हो सकता है और साथ ही लिवर व किडनी भी मजबूत होती है. यह डाइजेशन, यौन और पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशरनींद न आना, चक्कर आना और एंग्जायटी को दूर करने में भी मदद कर सकता है.

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लार्ज इंटेस्टाइन 4 पॉइंट

यह सबसे प्रसिद्ध एक्यूप्रेशर पॉइंट है, जिसका व्यापक रूप से कई स्वास्थ्य समस्याओं और पुराने दर्द के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है. यह हाइपरथायरायडिज्म के इलाज के लिए भी फायदेमंद है. इस पॉइंट को यूनियन वैली भी कहा जाता है और यह दोनों हाथों की तर्जनी उंगली और अंगूठे के बीच वाले मुलायम हिस्से में स्थित होता है. इस जगह पर 4 मिनट तक प्रेशर डालने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, इम्यून सिस्टम मजबूत होने के साथ ही ओवर-एक्टिव थायराइड में राहत पाने में मदद मिल सकती है.\

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जब थायराइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर रही होती है, तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. हालांकि, समस्या तब सामने आती है, जब यह ग्रंथि बहुत अधिक या बहुत कम थायरॉक्सिन प्रोड्यूस करती है. इस कारण वजन बढ़ना, महिलाओं में पीरियड्स का अनियमित होना, तनाव व हाई बीपी जैसी कई समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हार्मोन को फिर से बैलेंस करने और एनर्जी लेवल कंट्रोल करने के लिए एक्यूप्रेशर थेरेपी बहुत प्रभावी होती है. स्प्लीन 6 पॉइंट, पेरीकार्डियम 6 पॉइंट, यिंटांग पॉइंट और लार्ज इंटेस्टाइन 4 पॉइंट पर प्रेशर डालने से पॉजिटिव रिजल्ट दिख सकते है.

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