एसिडिटी तब होती है, जब पेट में मौजूद सारा भोजन वापस एसोफेगस में चला जाता है. इस एक्शन को एसिड रेगुर्गिटेशन या गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स कहा जाता है. यदि इसका इलाज न किया जाए, तो एसिडिटी के चलते कई गंभीर शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं. शोध बताते हैं कि एसिडिटी को ठीक करने में एक्यूप्रेशर पॉइंट की मदद ली जा सकती है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि एसिडिटी के लिए किन एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को दबाना चाहिए -

(और पढ़ें - एसिडिटी का दर्द कहां होता है)

  1. एसिडिटी में फायदेमंद एक्यूप्रेशर पॉइंट्स
  2. सारांश
एसिडिटी के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट के डॉक्टर

शोध के अनुसार, एसिडिटी से आराम पाने में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स उतने ही मददगार हैं जितने की दवाइयां. इस लिहाज से देखा जाए, तो एसिडिटी को ठीक करने के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट की मदद ज्यादा सही है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक तरीका है. आइए, विस्तार से एसिडिटी के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के बारे में जानते हैं -

ST36

एसटी36 को जुसानली के नाम से भी जाना जाता है. ये पॉइंट पेट के ऊपरी हिस्से, पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम और एनर्जी को प्रभावित करता है. यह घुटने से करीब 3 इंच नीचे बाहर की ओर स्थित होता है. यहां दो उंगलियां रखकर सर्कुलर मोशन में हल्का दबाव डालते हुए उंगलियों को घुमाया जाता है. दोनों घुटनों के पास 2 से 3 मिनट तक मालिश करने से आराम मिलता है.

(और पढ़ें - एसिडिटी के घरेलू उपाय)

Digestive Tablets
₹312  ₹349  10% छूट
खरीदें

SP6

इस पॉइंट को संइन्जियाओ भी कहा जाता है, जो स्प्लीन मेरिडियन पर स्थित होता है. माना जाता है कि यह लाइन पेट के निचले अंग और पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम यानी तांत्रिक तंत्र को प्रभावित करती है. यह टखने के अंदरूनी हिस्से की हड्डी से करीब 3 इंच ऊपर स्थित होता है. यहां एक या दो उंगली रखकर हल्का दबाव डालते हुए सर्कुलर मोशन में घुमाने की जरूरत होती है. 2 से 3 मिनट मालिश करने के बाद दूसरे पैर पर भी ऐसा ही करना चाहिए.

(और पढ़ें - एसिडिटी में कौन-सी दवाई लें?)

CV6

इसे किहाई के नाम से भी जाना जाता है, जो कन्सेप्शन वेसल मेरिडियन पर स्थित होता है. यह पॉइंट पेट के निचले अंग के साथ ओवरऑल एनर्जी को प्रभावित करता है. नाभि के करीब डेढ़ इंच नीचे स्थित इस पॉइंट पर 2 से 3 उंगलियां रखकर हल्का प्रेशर डालते हुए सर्कुलर मोशन में घुमाया जाता है. ध्यान रहे कि प्रेशर बहुत तेज न डालकर हल्का डालना है, क्योंकि यह पॉइंट सेंसिटिव होता है.

(और पढ़ें - एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज)

CV12

इसे झोंगवान भी कहा जाता है और यह भी कन्सेप्शन वेसल मेरिडियन पर स्थित होता है. माना जाता है कि यह पेट के ऊपरी अंग, ब्लैडर और गॉलब्लैडर को प्रभावित करता है. नाभि से लगभग 4 इंच नीचे स्थित इस पॉइंट पर 2 से 3 उंगलियां रखकर सर्कुलर मोशन में हल्का दबाव डालकर मालिश करने की जरूरत होती है. ध्यान रहे कि मालिश हल्के दबाव के साथ की जानी चाहिए.

(और पढ़ें - एसिडिटी में क्या डाइट लें?)

BL21

इसे वीशु भी कहा जाता है, जो ब्लैडर मेरिडियन पर स्थित होता है. ऐसा माना जाता है कि यह पेट में दर्द के साथ-साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर को प्रभावित करता है. यह पीठ पर 6 इंच नीचे और रीढ़ की हड्डी के पास से बाहरी ओर डेढ़ इंच करीब दूर स्थित होता है. यहां 1 से 2 उंगलियां रखकर सर्कुलर मोशन में हल्का दबाव होता है. इस पॉइंट पर 1 से 2 मिनट तक मालिश करने से आराम मिलत है. यदि स्लिप डिस्क या रीढ़ की हड्डी में दर्द हो, तो इस पॉइंट पर मालिश न करने की सलाह दी जाती है.

(और पढ़ें - एसिडिटी की होम्योपैथिक दवा)

Probiotics Capsules
₹476  ₹770  38% छूट
खरीदें

एसिडिटी के इलाज के तौर पर इस लेख में बताए गए एक्यूप्रेशर पॉइंट अहम भूमिका निभाते हैं. इन पर दबाव डालने से एसिडिटी से राहत पाने में मदद मिलती है. एक बात का ध्यान जरूर रखें कि इन एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को खुद से न दबाएं, बल्कि विशेषज्ञ की मदद लें. जब आप इसे दबाना सीख जाएं, तभी खुद से करें.

Dr. Paramjeet Singh.

Dr. Paramjeet Singh.

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Nikhil Bhangale

Dr. Nikhil Bhangale

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr Jagdish Singh

Dr Jagdish Singh

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव

Dr. Deepak Sharma

Dr. Deepak Sharma

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें