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Dhootapapeshwar Agnitundi Vati बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः बदहजमी, पाचन तंत्र के रोग, भूख न लगना के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Dhootapapeshwar Agnitundi Vati का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Dhootapapeshwar Agnitundi Vati के मुख्य घटक हैं अजमोद, आंवला, हरीतकी, ज़ीरा, सुहागा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Dhootapapeshwar Agnitundi Vati की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
अजमोद |
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आंवला |
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हरीतकी (हरड़) |
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जीरा |
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सुहागा |
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Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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बुजुर्ग |
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चिकित्सा साहित्य में Dhootapapeshwar Agnitundi Vati के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Dhootapapeshwar Agnitundi Vati का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
प्रेग्नेंट महिला पर Dhootapapeshwar Agnitundi Vati के अच्छे या बुरे प्रभाव के बारे में चिकित्सा जगत में कोई रिसर्च न हो पाने के चलते पूरी जानकारी मौजूद नहीं हैं। इसको जब भी लें डॉक्टर से पूछने के बाद ही लें।
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
जो स्त्रियां स्तनपान कराती हैं उनके ऊपर Dhootapapeshwar Agnitundi Vati का क्या असर होगा इस विषय पर कोई शोध नहीं किया गया है, इसके चलते पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। दवा को लेते समय डॉक्टर की राय लेना जरूरी।
Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) का पेट पर क्या असर होता है?
पेट के लिए Dhootapapeshwar Agnitundi Vati हानिकारक नहीं है।
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
बच्चों में Dhootapapeshwar Agnitundi Vati के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
इसके बारे में फिलहाल कोई शोध कार्य नहीं किया गया है। सही जानकारी मौजूद न होने की वजह से Dhootapapeshwar Agnitundi Vati का क्या असर होगा इस विषय पर अनुमान लगा पाना मुश्किल होगा।
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Dhootapapeshwar Agnitundi Vati के सेवन के बाद चक्कर आना या झपकी आना जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं। इसलिए आप वाहन चला सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, Dhootapapeshwar Agnitundi Vati लेने से कोई लत नहीं पड़ती। फिर भी, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर ही Dhootapapeshwar Agnitundi Vati का इस्तेमाल करें।
आप Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) को निम्नलिखित के साथ ले सकते है:
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) को शहद के साथ ले सकते है?
शहद के साथ Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) लेना पूरी तरह से सुरक्षित है।
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) को गुनगुना पानी के साथ ले सकते है?
गुनगुने पानी के साथ Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) लेना बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है।
क्या Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) को नींबू का जूस (रस) के साथ ले सकते है?
नींबू के रस के साथ Dhootapapeshwar Agnitundi Vati (25) ली जा सकती है।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 142-143
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 7. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008 : Page No 42 - 44