बदहजमी (अपच) - Indigestion in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

November 21, 2017

April 19, 2023

बदहजमी
बदहजमी

बदहज़मी (अपच) 

बदहज़मी को "अपच" के रूप में भी जाना जाता है। यह पेट के ऊपरी हिस्से में होने वाला दर्द या बेचैनी है।

अपच अन्य लक्षणों के साथ भी हो सकती है, जैसे – पेट का भरा हुआ या फूला हुआ महसूस होना, सीने में जलन, जलन का एहसास (एसिड के पेट से होकर भोजन नली में जाने के कारण), मतली, डकार (बर्पिंग), ऊपरी पेट में दर्द या बेचैनी, पेट फूलना। ये लक्षण अक्सर खाने से उत्पन्न होते हैं। 

पेट का एसिड जब पाचन तंत्र (म्यूकोसा) की संवेदनशील सुरक्षात्मक सतह के संपर्क में आता है, तो बदहज़मी हो सकती है। पेट में उत्पन्न अम्ल (एसिड) पाचन तंत्र की सुरक्षात्मक सतह को क्षतिग्रस्त देते हैं, जिससे जलन और सूजन होती है, जो कष्टकारक हो सकती है।

बदहज़मी से परेशान अधिकांश लोगों के पाचन तंत्र में सूजन नहीं होती है। इसलिए उनके लक्षण म्यूकोसा (mucosa; आंतो के चरों तरफ एक तरह की झिल्ली) की संवेदनशीलता बढ़ने के कारण माने जाते है।

ज्यादातर मामलों में अपच खाने से संबंधित होती है, हालांकि यह अन्य कारकों, जैसे कि धूम्रपान, शराब, गर्भधारण, तनाव या कुछ दवाएं लेने से भी हो सकती है। 

अपच के सटीक कारणों को खोजने के लिए चिकित्सकों को जाँच हेतु रक्त और मल के नमूने, एक्स-रे और कारणों का विश्लेषण करने के लिए बायोप्सी के साथ एक एन्डोस्कोपी की आवश्यकता हो सकती है।

ज्यादातर लोग अपने आहार और जीवनशैली में साधारण परिवर्तन करके या कई अलग-अलग दवाइयां, जैसे कि एंटासिड का उपयोग करके अपच का इलाज करने में सक्षम हैं।

बदहज़मी कितने समय तक रहती है?

अपच की अवधि रोग को बढ़ने वाले कारक पर निर्भर करती है। अत्यधिक जंक फूड खाने, शराब पीने और एक से दो घंटों तक धूम्रपान करने के कारण अपच और सीने में जलन हो सकती है। कुछ मामलों में, व्यक्ति का भोजन पचने के दो घंटे बाद उसे थोड़ी राहत महसूस हो सकती है। पेट द्वारा भोजन को देर से और धीमी गति से पचाने के कारण मोटे और पुराने रोगियों में अपच 3 घंटे तक रह सकती है। अपच के लक्षण गर्भावस्था और अन्य बीमारियों, जैसे – पेट का कैंसर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लेक्स रोग (जीईआरडी; GERD) और पेप्टिक अल्सर से जुड़े होने के कारण 4 घंटे से अधिक समय तक तक रह सकते हैं। एक रोगी अक्सर अपच से पीड़ित हो सकता है, जब अपच के लक्षण पेट के रोगों के कारण होते हैं।  

बदहजमी (अपच) के लक्षण - Indigestion Symptoms in Hindi

बदहज़मी (अपच) के लक्षण

अपच से ग्रसित लोगों में निम्न में से एक या अधिक लक्षण हो सकते हैं –

  1. भोजन के दौरान जल्दी पेट भर जाना – आपने अपने भोजन का अधिक हिस्सा नहीं खाया है, लेकिन आपको अपना पेट पहले ही पूरी तरह से भरा हुआ महसूस हो रहा है और आप खाने को खत्म करने में सक्षम नहीं हैं।
  2. भोजन के बाद पेट का असुविधाजनक रूप से भरा रहना – निश्चित समय की तुलना में पेट अधिक समय तक भरा हुआ रहता है।          
  3. पेट के ऊपरी हिस्से में बेचैनी – आप अपनी छाती के नीचे और नाभि के बीच के क्षेत्र में हल्के से लेकर गंभीर दर्द महसूस करते हैं।
  4. पेट के ऊपरी हिस्से में जलन – आप अपनी छाती और नाभि के नीचे एक बेचैनी पैदा करने वाला ताप या जलन महसूस करते हैं।
  5. पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन – आप एक असुविधाजनक खिंचाव महसूस करते हैं।
  6. मतली – आपको उल्टी करने की इच्छा होती है।

अक्सर कम दिखाई देने वाले लक्षणों में उल्टी और डकार शामिल हैं।

कभी-कभी बदहज़मी से परेशान लोग सीने में जलन भी अनुभव करते हैं, लेकिन सीने की जलन और अपच दो अलग-अलग स्थितियां हैं। सीने की जलन आपकी छाती के बीच में होने वाला दर्द या जलन होती है, जो खाने के दौरान या खाने के बाद आपकी गर्दन या पीठ में फैल सकती है।

बदहजमी (अपच) के कारण और जोखिम कारक - Indigestion Causes & Risk Factors in Hindi

अपच के कारण

अपच आमतौर पर हमारी जीवन शैली, हम क्या खाते हैं और पीते हैं - इससे संबंधित है। यह संक्रमण या कुछ अन्य पाचन सम्बन्धित स्थितियों के कारण भी हो सकती है। 
अपच के सामान्य कारणों में शामिल हैं –

  1. बहुत ज़्यादा खाना  
  2. बहुत तेजी से भोजन करना
  3. वसायुक्त या तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन करना 
  4. मसालेदार भोजन खाना 
  5. कैफीन की अत्यधिक मात्रा का सेवन करना
  6. अत्यधिक शराब पीना 
  7. बहुत चॉकलेट खाना 
  8. बहुत अधिक गैसयुक्त (fizzy) पेय पदार्थों का सेवन 
  9. भावनात्मक आघात
  10. पित्ताशय की पथरी (gallstones)
  11. जठरशोथ (पेट की सूजन) (gastritis)
  12. हायाटस हर्निया (Hiatus hernia)
  13. संक्रमण, विशेषकर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया से फैलने वाला 
  14. घबराहट
  15. मोटापा (पेट के अंदर अधिक दबाव की वजह से)
  16. अग्नाशयशोथ (अग्न्याशय की सूजन; Pancreatitis)
  17. पेप्टिक अल्सर
  18. धूम्रपान
  19. कुछ दवाएं, जैसे – एंटीबायोटिक्स और एनएसएआईडी (नॉन-स्टेरायडल एंटी-इन्फ्लामेट्री ड्रग्स; NSAID)
  20. आमाशय का कैंसर (stomach cancer)

जब डॉक्टर को अपच का कोई कारण नहीं मिल पाता है, तो इस स्थिति में रोगी को कार्यात्मक अपच हो सकती है – एक प्रकार की बदहज़मी, जो पेट की भोजन को ग्रहण करने और पचाने की क्षमता को कमज़ोर कर सकती है और फिर उस भोजन को छोटी आंत में भेज सकती है।

बदहज़मी (अपच) के जोखिम  

किसी भी लिंग या उम्र के लोग अपच से प्रभावित हो सकते हैं। यह बहुत आम है। एक व्यक्ति का जोखिम निम्न के साथ बढ़ता है –

 एक समस्या हो। 

  1. शराब का अत्यधिक सेवन 
  2. दवाइयों का प्रयोग जो पेट में जलन पैदा कर सकती हैं, जैसे कि एस्पिरिन और अन्य दर्दनिवारक दवाएं 
  3. ऐसी परिस्थितियां, जहाँ पाचन तंत्र में अल्सर जैसी
  4. भावनात्मक समस्याएं, जैसे – चिंता या अवसाद

बदहजमी (अपच) से बचाव - Prevention of Indigestion in Hindi

अपच से बचाव के उपाय 

बदहज़मी से बचने का सबसे अच्छा तरीका उन खाद्य पदार्थों और परिस्थितियों से दूर रहना है, जो इसे पैदा करती हैं। आप अपने भोजन की एक डायरी बना सकते हैं, जिससे आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या खाने से आपको परेशानी होती है। समस्या को रोकने के अन्य तरीके –

  1. कम भोजन खाएं, ताकि आपके पेट को उस भोजन को पचाने में ज़्यादा मुश्किल न हो।
  2. धीरे-धीरे खाएं।
  3. एसिडयुक्त खाद्य पदार्थों से बचें, जैसे – खट्टे फल और टमाटर
  4. कैफीनयुक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें या कम मात्रा में उपयोग करें। 
  5. यदि तनाव बदहज़मी को बढ़ाता है, तो इससे निजात पाने के नए तरीके जानें, जैसे – आराम और बायोफीडबैक तकनीकें। 
  6. यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इस आदत को छोड़ दें या कम से कम खाने से पहले या बाद में धूम्रपान न करें, क्योंकि धूम्रपान आपके पेट में जलन पैदा कर सकता है। 
  7. शराब के सेवन से बचें।  
  8. अत्यधिक तंग कपड़े पहनने से बचें। ये आपके पेट पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे आपके द्वारा खाया गया भोजन आपकी भोजन नली (esophagus) की ओर जा सकता है।
  9. पेट भरा होने पर व्यायाम न करें। खाना खाने से पहले या खाना खाने के कम से कम 1 घंटे बाद व्यायाम  करें।  
  10. भोजन करने के तुरंत बाद न लेटें।  
  11. रात का भोजन करने के कम से कम 3 घंटे बाद सोने के लिए जाएं।  

अपने बिस्तर के ऊपरी हिस्से को ऊँचा रखें, ताकि आपका सिर और छाती आपके पैरों से ऊपर रहें। आप अपने बिस्तर के ऊपरी हिस्से के पायों के नीचे 6 इंच तक ईंटें रखकर ऐसा कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए बहुत ज़्यादा तकियों का उपयोग न करें। अगर आप ऐसा करेंगें, तो आपका सिर उस तकिये के साथ ऐसा कोण बनाएगा, जो आपके पेट पर दबाव बढ़ा सकता है और सीने की जलन को और बदतर बना सकता है।

बदहजमी (अपच) का परीक्षण - Diagnosis of Indigestion in Hindi

बदहज़मी का निदान किस विधि द्वारा किया जाता है?

यदि आप बदहज़मी के लक्षणों को अनुभव कर रहे हैं, तो स्थिति के ज़्यादा गंभीर होने से पहले   चिकित्सकीय सलाह लें।

चूंकि अपच इतना व्यापक शब्द है, यह चिकित्सक को आपके द्वारा महसूस किये गए दर्द और  बेचैनी की सटीक जानकारी देने में सहायक होता है। लक्षणों का वर्णन करते समय ठीक से जानकारी देने की कोशिश करें कि बेचैनी आमतौर पर कब और कहाँ होती है और क्या यह खाने से संबंधित है  या नहीं।  आपके द्वारा केवल छाती या पेट में दर्द की जानकारी देना, आपके चिकित्सक के लिए समस्या को पहचानने और उसका इलाज करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

सबसे पहले आपके चिकित्सक के लिए किसी भी अंतर्निहित स्थिति को दूर करना आवश्यक है।आपके  डॉक्टर आपको विभिन्न परीक्षणों के लिए भेज सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं –

  1. रक्त परीक्षण
  2. एच पाइलोरी (H pylori) के लिए श्वास परीक्षण, यदि आपको कोई अल्सर हुआ था।
  3. पेट या छोटी आंत (small intestine) का बेरियम एक्स-रे

आपके डॉक्टर आपको गैस्ट्रोस्कोपी के लिए भी भेज सकते हैं, जो ऊपरी जठरांत्र पथ (upper gastrointestinal tract) का एक एंडोस्कोपिक परीक्षण होता है। इस प्रक्रिया में एन्डोस्कोप का प्रयोग किया जाता है। एन्डोस्कोप एक लम्बी, पतली लचीली ट्यूब होती है, जिसमें शरीर के अंदर की छवियां बनाने के लिए एक लाइट और कैमरा लगा होता है।

अगर परीक्षण से आपकी अपच का एक विशिष्ट कारण पता चलता है, तो इसका इलाज किया जा सकता है। यदि ये परीक्षण आपके दर्द के कारण को नहीं खोज पाते  हैं, तो हृदय, लिवर या किडनी की बीमारी जैसे अन्य कारणों की जाँच करने के लिए कई अन्य परीक्षण किए जा सकते हैं।

बदहजमी (अपच) का इलाज - Indigestion Treatment in Hindi

बदहज़मी का उपचार कैसे करें ?

जीवनशैली में बदलाव अपच से आराम दिलाने में मदद कर सकता है। आपके डॉक्टर ये सुझाव दे सकते हैं –

  1. बदहज़मी को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचना।
  2. दिन में तीन बार ज़्यादा मात्रा में खाने के बजाय पांच या छह बार कम मात्रा में भोजन करना। 
  3. अल्कोहल और कैफीन के उपयोग को कम करना या बंद कर देना। 
  4. कुछ दर्दनिवारक दवाओं से बचें, जैसे – एस्पिरिनइबुप्रोफेन (एडविल, मॉट्रिन आईबी तथा अन्य) और नेपरोक्सन सोडियम (एलेव)।
  5. बदहज़मी को बढ़ाने वाली दवाओं के विकल्प ढूंढना।
  6. तनाव और चिंता पर नियंत्रण रखना। 

यदि आपको लगातार बदहज़मी की शिकायत रहती है, तो दवाएं मदद कर सकती हैं। अपच के लिए मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध एंटासिड आमतौर पर सबसे ज़्यादा उपयोग किये जाते हैं। अन्य विकल्पों में शामिल हैं –

  1. प्रोटॉन पंप अवरोधक (प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स - पीपीआई), जो पेट में अम्ल को कम कर सकते हैं। यदि आप अपच के साथ सीने में जलन अनुभव करते हैं, तो पीपीआई की सिफारिश की जा सकती है।
  2. एच-2 रिसेप्टर एंटागोनिस्ट्स (एच 2 आरए), जो पेट में एसिड को कम कर सकता है।
  3. अगर आपका पाचन तंत्र धीमी गति से काम करता है, तो प्रोकाइनेटिक्स (Prokinetics) मददगार हो सकता है 
  4. एंटीबायोटिक्स, यदि एच पाइलोरी बैक्टीरिया (H. pylori bacteria) आपकी बदहज़मी का कारण हैं।
  5. अवसादरोधी  (एंटीडिप्रेसेंट) या चिंता निवारक (एंटी एंग्जायटी) दवाएं, जो दर्द की अनुभूति को कम करके अपच से होने वाली परेशानी को कम कर सकती हैं।

वैकल्पिक दवाई

वैकल्पिक और पूरक उपचार बदहज़मी को कम करने में मदद कर सकते हैं, हालांकि इन उपचारों में से किसी का भी अच्छी तरह से अध्ययन नहीं किया गया है। इन उपचारों में शामिल हैं –

  1. हर्बल उपचार, जैसे – पुदीना (पेपरमिंट) और जीरा
  2. मनोवैज्ञानिक उपचार, जिसमें व्यवहार संशोधन (behaviour modification), विश्राम तकनीकें (relaxation techniques), संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (cognitive behavioral therapy) और सम्मोहन चिकित्सा (hypnotherapy) शामिल हैं।
  3. एक्यूपंक्चर द्वारा तंत्रिकाओं (nerves) के मार्ग को अवरुद्ध किया जा सकता है, जो दर्द की अनुभूति मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं।
  4. सचेतन ध्यान (Mindfulness meditation)
  5. एसटीडब्लू 5 (इबेरोगॉस्ट - Iberogast), एक तरल पूरक जिसमें बिटर कैंडीटफ्ट (bitter candytuft), पुदीने के पत्ते, जीरा और मुलैठी की जड़ जैसी जड़ी बूटियों का रस उपस्थित है। STW 5 गैस्ट्रिक एसिड के उत्पादन को कम करके बदहज़मी से राहत दिलाता है।

हमेशा सुनिश्चित करें कि आप एक सुरक्षित दवा ले रहे हैं और यह पूरक (supplement) आपके द्वारा ली जा रही किसी भी अन्य दवाओं के साथ प्रतिकूल व्यव्हार नहीं करेगा। अतः किसी भी पूरक को लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

बदहजमी (अपच) की जटिलताएं - Indigestion Complications in Hindi

बदहज़मी (अपच) की जटिलताएं

हालाँकि बदहज़मी में आमतौर पर गंभीर जटिलताएं नहीं होती हैं, फिर भी यह आपके  जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। इसके कारण आप असहज महसूस करते हैं और कम खाते हैं। बदहज़मी के लक्षणों के कारण आपका ऑफिस या विद्यालय जाना भी कभी-कभी मुमकिन नहीं हो पाता है। जब अपच अंतर्निहित स्थिति (underlying condition) के कारण होती है, तो उस स्थिति की अपनी जटिलताएं भी हो सकती हैं।

बदहजमी (अपच) में परहेज़ - What to avoid during Indigestion in Hindi?

बदहज़मी में परहेज़ 

  • यदि आपको बदहज़मी की परेशानी है, तो धूम्रपान करना या च्यूइंग गम चबाना उचित नहीं है। ये पेट में हवा के प्रवेश को रोक देंगे और पाचन में बाधा आ जाएगी।
  • अधिक मात्रा में भोजन करने से बचें (खासकर रात में)।
  • भोजन करना न भूलें। 
  • शराब के सेवन से बचें।

अपच में आपको नहीं खाना चाहिए –

  • तले हुए खाद्य पदार्थ
  • टमाटर या प्याज जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ
  • लाल मांस, जो जल्दी नहीं पचता 
  • मसालेदार व्यंजन
  • चॉकलेट
  • कैफीनयुक्त उत्पाद
  • कार्बनयुक्त पेय पदार्थ  

बदहजमी (अपच) में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Indigestion in Hindi?

बदहज़मी (अपच) में क्या खाएं?

बहुत सारे तरल पदार्थ, खासकर पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है। आप शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए स्पोर्ट्स ड्रिंक्स भी ले सकते हैं।

  1. सेब का सिरका – सेब के सिरके का प्रयोग अक्सर आमाशय (stomach) की हालत में सुधार करने के लिए किया जाता है। हालांकि इसकी प्रकृति अम्लीय (acidic) होती है, लेकिन इसका क्षारीय (alkalizing) प्रभाव भी होता है, जो अपच से राहत दिलाने में मदद करता है।
  2. अदरक – अदरक पाचन रसों और एंजाइमों के प्रवाह को उत्तेजित करती है, जो भोजन को पचाने में आपकी मदद करते हैं। 
  3. बेकिंग सोडा – पेट में एसिड के उच्च स्तर तक बढ़ने के कारण अक्सर बदहज़मी हो जाती है। बेकिंग सोडा इस समस्या के लिए सबसे सरल और प्रभावी उपचार है, क्योंकि यह एक एंटासिड (antacid) की तरह काम करता है।
  4. अजवाइन – अजवाइन को "बिशप्स वीड" या "कैरम सीड्स" के रूप में भी जाना जाता है। इसमें पाचक (digestive)  और वातहर (कार्मिनेटिव) गुण होते हैं, जो अपच, पेट की गैस और दस्त का इलाज करने में सहायता करते हैं।
  5. हलके और नरम खाद्य पदार्थों की सिफारिश की जाती है। उदाहरण के लिए –
  • उबले हुए चावल
  • सब्ज़ियों का सूप (ज़्यादातर सूप, ग्रेवी और चटनी जैसे अन्य व्यंजन बनाने के लिए इस्तेमाल होता है)
  • केला
  • पपीता
  • उबली हुई मछली
  • उबली हुई सब्जियां
  • सेब की चटनी 
  • फल – अनानास, अंगूर आदि
  • दही

बदहजमी कब तक रहती है? - How Long Does Indigestion Last for in Hindi?

अमूमन बदहजमी के हल्के मामलों में किसी भी प्रकार के उपचार या दवा की जरूरत नहीं होती है. ये समस्या कुछ घंटे या दिनों के लिए रह सकती है. बस खान-पान में थोड़े बदलाव करने भर से ये समस्या अपने आप ठीक हो सकती है. हां, अगर बदहजमी की समस्या करीब 2 हफ्ते तक रहती है, तो ये चिंता का विषय है और बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए. साथ ही बदहजमी के साथ पेट में दर्द, काला मल, सांस लेने में परेशानी और उल्टी के साथ खून आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

किस तरह के खाने से बदहजमी होती है? - What Foods Cause Indigestion in Hindi?

जैसा कि लेख में विस्तार से बताया गया है कि किस तरह की चीजों को खाने से बदहजमी की समस्या बढ़ती है. यहां हम फिर से बता रहे हैं कि कौन-कौन से खाद्य पदार्थ बदहजमी कारण बन सकते हैं या समस्या को और बढ़ा सकते हैं -

  • तेज मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थ.
  • कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन.
  • सोडासॉफ्ट ड्रिंक्स पीना.
  • टमाटर व संतरे जैसे एसिडिक खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन.
  • शराब का सेवन करना.
  • अधिक खाना और अच्छी तरह चबाए बिना निगल जाना.


संदर्भ

  1. Science Direct (Elsevier) [Internet]; The Irritable Colon
  2. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Symptoms & Causes of Indigestion.
  3. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Treatment of Indigestion
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Indigestion
  5. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Indigestion

बदहजमी (अपच) के डॉक्टर

Dr. Paramjeet Singh. Dr. Paramjeet Singh. गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
Dr. Nikhil Bhangale Dr. Nikhil Bhangale गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
Dr Jagdish Singh Dr Jagdish Singh गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव
Dr. Deepak Sharma Dr. Deepak Sharma गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव
डॉक्टर से सलाह लें

बदहजमी (अपच) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Indigestion in Hindi

बदहजमी (अपच) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।