काली खांसी क्या है?
कुकुर खांसी यानि काली खांसी श्वसन तंत्र में होने वाला संक्रमण है। यह अत्यधिक संक्रामक होता है। काली खांसी से प्रभावित व्यक्ति को खांसते समय कफ (बलगम) आता है और सांस लेते समय सांस में से एक पेेनी आवाज़ आती है जो "वूप" जैसी सुनाई देती है।
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काली खासी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। यह बीमारी आपको 3 से 6 हफ़्तों तक प्रभावित कर सकती है। अगर आपने टीकाकरण करवा रखा है तब भी आपको काली खासी होने का खतरा रहता है।
जिस समय टीकाकरण सही से विकसित नहीं हुआ था तब काली खांसी को बच्चों की बीमारी माना जाता था। पर अब काली खांसी उन बच्चों में पाई जाती है जिनकी उम्र बहुत कम हो और जिन्होंने टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी न की हो या उन युवक और व्यस्क में जिनके शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति ख़तम होने की कगार पर हो।
अकसर कुकुर खांसी से जान नहीं जाती परन्तु यह बच्चों की मृत्यु का आम कारण है। इसलिए ये ज़रूरी है कि गर्भवती महिला और बच्चे के आस-पास के सभी लोग काली खांसी का टीका लगवायें।
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