विटामिन K की कमी क्या है?
विटामिन K, खून का थक्का जमने के प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खून का थक्का या ब्लड क्लॉटिंग (Blood clotting) एक ऐसी प्रक्रिया है जो शरीर के अंदर और बाहर अत्यधिक खून बहने की स्थिति से बचाव करती है। खून के थक्के की प्रक्रिया के साथ काम करने वाली प्रोटीन का उत्पादन करने के लिए शरीर को विटामिन K की आवश्यकता पड़ती है।
यदि आपके शरीर में विटामिन K की मात्रा सामान्य से कम है तो आपके शरीर में प्रोटीन भी कम हो जाता है। इस आवश्यक विटामिन की कमी आमतौर पर भोजन संबंधी खराब आदतों के कारण होती है। कुछ अन्य स्थितियां जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, पित्ताशय संबंधी समस्याओं व लीवर के रोग आदि के कारण भी विटामिन K में कमी हो सकती है।
विटामिन K में कमी होने का सबसे सामान्य संकेत खून के थक्के ना बनने के कारण अत्यधिक खून बहना होता है। अन्य लक्षण व संकेत जैसे रक्तस्त्राव बढ़ना, आसानी से त्वचा नीली पड़ना, मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्त्राव और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के लक्षण जैसे मल में खून आना, अपच और दस्त लगना आदि हो सकते हैं।
विटामिन K में कमी आमतौर पर वयस्कों में काफी कम होती है लेकिन शिशुओं में बहुत अधिक होती है। ज्यादातर वयस्क अपने द्वारा खाए गए भोजन और उसके बदले शरीर द्वारा बनाए गए विटामिन k से अपनी इस विटामिन की पर्याप्त मात्रा को प्राप्त कर लेते हैं।
डॉक्टर आपके लक्षणों व पिछली मेडिकल जानकारियों की मदद से विटामिन के में कमी की समस्या की जांच कर लेते हैं और आपमें खून जमने (Coagulation of blood) की प्रक्रिया की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाने का आदेश भी दे सकते हैं। इस विटामिन की कमी का इलाज करने के लिए अापके डॉक्टर आपको सप्लीमेंट्स दे सकते हैं जो प्राकृतिक भी हो सकते हैं और कृत्रिम भी हो सकते हैं।
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