टॉन्सिलाइटिस - Tonsillitis in Hindi

Dr. Abhishek GuptaMBBS

June 28, 2017

April 24, 2023

टॉन्सिलाइटिस
टॉन्सिलाइटिस

टॉन्सिलाइटिस क्या है?

टॉन्सिल्स एक रक्षा तंत्र के रूप में कार्य करते हैं। वे संक्रमण से आपके शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं। जब टॉन्सिल्स संक्रमित हो जाते हैं, तो इस स्थिति को 'टॉन्सिलाइटिस' कहा जाता है।

टॉन्सिलाइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है और बचपन में होने वाला एक सामान्य संक्रमण है। पूर्व-स्कूली आयु से लेकर मध्य-किशोरावस्था के बच्चों में अक्सर टॉन्सिल्स का निदान किया जाता है।

टॉन्सिलाइटिस के लक्षणों में गले में खराश, टॉन्सिल्स में सूजन और बुखार शामिल हैं। यह स्थिति संक्रामक होती है और विभिन्न वायरस और बैक्टीरिया के कारण हो सकती है। उदाहरण के तौर पर, स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया, जो कि स्ट्रेप थ्रोट (एक जीवाणु संक्रमण जिसके कारण गले में सूजन और दर्द होता है) का कारण बनता है। स्ट्रेप थ्रोट के कारण होने वाले टॉन्सिलाइटिस का यदि उपचार न करवाया जाये तो गंभीर जटिलतायें पैदा हो सकती हैं।

टॉन्सिलाइटिस का निदान आसानी से किया जाता है। इसके लक्षण आमतौर पर 7 से 10 दिनों के अंदर ख़त्म हो जाते हैं। टॉन्सिलाइटिस के मामूली केस में जरूरी उपचार की आवश्यकता नहीं है, खासकर जब ये वायरस, जैसे कि ज़ुकाम के कारण हुआ हो। टॉन्सिलाइटिस के अधिक गंभीर मामलों के उपचार में एंटीबायोटिक दवा या टॉन्सिलेक्टोमी (टॉन्सिल्स को निकालने के लिए की जाने वाली सर्जरी) शामिल हो सकते हैं।

भारत में टॉन्सिलाइटिस 

अस्पताल-आधारित अध्ययन में पाया गया कि भारत में क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस रोगियों की सबसे सामान्य आयु 11-20 वर्ष है (56% मामले)। इसके अलावा, पुरुषों का अनुपात अधिक था – पुरुषों के लिए 62% और महिलाओं के लिए 38%। टॉन्सिलेक्टोमी के बाद होने वाली सबसे सामान्य जटिलताओं में हीमाटोमा (रक्त वाहिका के बाहर खून का असामान्य रूप से जमा होना) और बुखार थे।

टॉन्सिल्स क्या होते हैं? - What are Tonsils in Hindi?

टॉन्सिल्स गले के पीछे स्थित नरम ऊतकों का जोड़ा होता है। टॉन्सिल्स लसीका प्रणाली (लिम्फेटिक सिस्टम) का हिस्सा होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। संक्रमण से प्रतिक्रिया के आधार पर इनके आकार और सूजन में भिन्नता होती है। हालांकि, टॉन्सिल्स को हटाने से संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि नहीं देखी गयी है।

टॉन्सिल्स अपने यौवनारंभ (प्यूबर्टी) के निकट आकर सबसे बड़े आकार तक पहुँच जाते हैं और इसके बाद धीरे-धीरे उनका क्षय होने लगता है। हालांकि, अगर गले की चौड़ाई से टॉन्सिल्स आकार की तुलना की जाये, तो यह माप छोटे बच्चों में सबसे बड़ा होता है। आमतौर पर प्रत्येक टॉन्सिल 2.5 सेंटीमीटर लंबा, 2.0 सेमी चौड़ा और 1.2 सेमी मोटा होता है।

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टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के प्रकार - Types of Tonsillitis in Hindi

टॉन्सिलाइटिस के छः प्रकार हैं -

  1. एक्यूट टॉन्सिलाइटिस – एक जीवाणु या वायरस टॉन्सिल्स को संक्रमित करता है, जिसके कारण गले में सूजन और खराश होती है। टॉन्सिल एक ग्रे या सफेद रंग की कोटिंग विकसित कर सकता है।
  2. क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस –  टॉन्सिल्स में बार-बार होने वाले संक्रमण, कभी-कभी एक्यूट टॉन्सिलाइटिस के बार-बार होने के परिणामस्वरूप क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस होता है।
  3. पेरिटॉन्सिलर एब्सेस –  संक्रमण से टॉन्सिल के पास मवाद इकट्ठा हो जाता है, जो इसे विपरीत दिशा की ओर धकेलता है। पेरिटॉन्सिलर फोड़ों को तत्काल सुखा देना चाहिए।
  4. एक्यूट मोनोन्यूक्लियोसिस – यह आमतौर पर एपस्टीन बार वायरस की वजह से होता है। 'मोनो' के कारण टॉन्सिल्स में गंभीर सूजन, बुखार, गले में खराश, लाल चकत्ते और थकान हो सकती है।
  5. स्ट्रेप थ्रोट – स्ट्रेप्टोकोकस नामक एक बैक्टीरिया टॉन्सिल और गले को संक्रमित करता है। गले की खराश के साथ अक्सर बुखार और गर्दन मेँ दर्द भी होता है। 
  6. टॉन्सिलोइथ्स या टॉन्सिल स्टोन्स– टॉन्सिल स्टोन्स या टॉन्सिलोइथ्स तब बनते हैं, जब यह फंसा हुआ अपशिष्ट सख्त हो जाता है। 

टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के लक्षण - Tonsillitis Symptoms in Hindi

टॉन्सिलाइटिस के संकेत और लक्षण

टॉन्सिलाइटिस सबसे ज्यादा पूर्व-स्कूली आयु वाले तथा मध्य-किशोरावस्था के बच्चों को प्रभावित करता है। टॉन्सिलाइटिस के साधारण संकेतों और लक्षणों में शामिल हैं –

बहुत छोटे बच्चों में जो अपनी बातों को कह पाने में असमर्थ होते हैं, उनमें टॉन्सिलाइटिस के ये लक्षण शामिल हो सकते हैं –

  • निगलने में मुश्किल या दर्द होने की वजह से लार टपकाना
  • खाने के लिए मना करना
  • असामान्य रूप से चिड़चिड़ा होना 

डॉक्टर को कब दिखाएं

यदि आपके बच्चे में ऐसे लक्षण हैं, जो टॉन्सिलाइटिस का संकेत कर सकते हैं तो इसका सटीक निदान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

अपने डॉक्टर से बात करें अगर आपका बच्चा ये अनुभव कर रहा है –

  • गले में खराश जो 24 से 48 घंटों के दौरान नहीं जाती है
  • निगलने में दर्द या परेशानी 
  • अत्यधिक कमजोरी, थकान या चिड़चिड़ापन

यदि आपके बच्चे में इनमें से कोई लक्षण है तो तुरंत ध्यान दें –:

टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के कारण - Tonsillitis Causes in Hindi

टॉन्सिलाइटिस क्यों होता है?

क्योंकि बाहरी रोगो के आक्रमण से शरीर की रक्षा करने में टॉन्सिल्स सबसे पहले कार्य करते हैं, इसलिए वे संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं।

टॉन्सिलाइटिस आमतौर पर वायरस के कारण होता है, लेकिन कभी-कभी बैक्टीरिया के कारण भी हो सकता है। अगर यह समूह ए स्ट्रेप्टोकोकस से संबंधित एक बैक्टीरिया के कारण होता है, तो इस स्थिति को स्ट्रेप थ्रोट के नाम से जाना जाता है।

टॉन्सिलाइटिस चाहे वायरल हो या बैक्टीरियल, यह संक्रामक होता है और एक व्यक्ति से दूसरे तक फैल सकता है। हालांकि, अगर टॉन्सिलाइटिस एक सेकेंडरी बीमारी के कारण होता है, जैसे साइनसाइटिस या परागज ज्वर, तो इसके संक्रामक होने की संभावना नहीं होती है।

वायरल कारण

टॉन्सिलाइटिस सबसे अधिक वायरल संक्रमण के कारण होता है। टॉन्सिल्स को संक्रमित करने वाले सबसे आम प्रकार के वायरस हैं –

  • एडीनोवायरस, जो साधारण सर्दी और गले की खराश के साथ जुड़ा हुआ है
  • राइनोवायरस, जो आम सर्दी का सबसे सामान्य कारण है
  • इन्फ्लुएंजा, जिसे अक्सर 'फ्लू' कहा जाता है
  • रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (आरएसवी), जो अक्सर एक्यूट श्वसन पथ के संक्रमण का कारण बनता है
  • कोरोनावायरस के दो उपप्रकार हैं, जो मनुष्यों को संक्रमित करते हैं। इनमें से एक एसएआरएस (सार्स) का कारण बनता है

सामान्य रूप से कम देखा जाने वाला वायरस टॉन्सिलाइटिस का कारण हो सकता है –

बैक्टीरियल कारण

टॉन्सिल को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया का सबसे सामान्य प्रकार स्ट्रेप्टोकोकस पाइजेंस है। लेकिन कभी-कभी यह अन्य प्रजातियों के कारण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं – 

  • स्टेफिलोकोकस ऑरियस
  • माइकोप्लाज्मा निमोनिया
  • क्लैमाइडिया निमोनि
  • बोर्डेटेला पर्टुसिस
  • फ्यूजोबैक्टीरियम एसपी
  • नेइसेरिया गोनोरहोई
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टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) से बचाव - Prevention of Tonsillitis in Hindi

टॉन्सिलाइटिस की रोकथाम

वायरल और बैक्टीरियल टॉन्सिलाइटिस को फैलाने वाले रोगाणु संक्रामक होते हैं, इसलिए सबसे अच्छी रोकथाम स्वच्छता रखना है।  

अपने बच्चे को निम्न बातें बताएं –

  • अपने हाथों को अच्छी तरह और अक्सर धो लें, खासकर शौचालय का उपयोग करने और खाने से पहले।
  • भोजन, पानी के गिलास, पानी की बोतलें या बर्तन साझा करने से बचें। 
  • टॉन्सिलाइटिस की पहचान होने के बाद उसके टूथब्रश को बदल दें। 

अपने बच्चे से दूसरे लोगों में बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के प्रसार को रोकने में उनकी मदद इस प्रकार करें –

  • जब बच्चा बीमार हो तो उसे घर पर रखें।  
  • अपने चिकित्सक से पूछें कि आप अपने बच्चे को वापस स्कूल कब भेज सकते हैं।   
  • अपने बच्चे को खाँसते या छींकते समय मुँह को रुमाल से ढकना सिखाएं।   
  • बच्चे को छींकने या खाँसने के बाद हाथों को धोना सिखाएं। 

टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) की जांच - Diagnosis of Tonsillitis in Hindi

टॉन्सिलाइटिस​ का परीक्षण और निदान

आपके बच्चे का डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण से शुरुआत करेगा, जिसमें शामिल होगा –

  • एक रोशनी वाले उपकरण से आपके बच्चे के गले का परीक्षण करना, साथ ही उसके कान और नाक की जाँच करना जो संक्रमण के लिए उपयुक्त स्थान हो सकते हैं।  
  • लाल चकत्तों वाला बुखार जिसे 'स्कार्लेटिना' के रूप में जाना जाता है और स्ट्रेप थ्रोट के कुछ मामलों के साथ जुड़ा हुआ है, की जाँच करना।  
  • सूजन ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) की जाँच के लिए बच्चे की गर्दन को धीरे-धीरे छूकर महसूस करना। 
  • स्टेथोस्कोप के द्वारा उसकी श्वास को सुनना। 
  • प्लीहा (spleen) के बढ़ते आकार की जाँच करना (मोनोन्यूक्लिओसिस के बारे में जानने के लिए, जो टॉन्सिल्स में जलन उत्पन्न  करता है)। 

थ्रोट स्वैब

थ्रोट स्वैब कल्चर टेस्ट एक सरल परीक्षण है जिसके दौरान डॉक्टर स्राव का एक नमूना लेने के लिए आपके बच्चे के गले के पिछले हिस्से को रुई के साफ़ फाहे से पोंछता है। इस नमूने में स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया है या नहीं, इसकी जाँच क्लिनिक में या लैब में की जाएगी।

कई क्लीनिकों में उनकी अपनी लैब होती है, जिसमें कुछ ही मिनटों में जाँच का परिणाम पता किया जा सकता है। हालाँकि, एक और अधिक विश्वसनीय परिणाम के लिए परीक्षण आमतौर पर एक अन्य लैब में भेजा जाता है, जो 24 से 48 घंटे के भीतर टेस्ट की रिपोर्ट दे सकती है।

यदि क्लीनिक में किये गए इन परीक्षणों का परिणाम सकारात्मक आता है, तो आपके बच्चे को निश्चित रूप से एक बैक्टीरियल संक्रमण है। यदि परीक्षण नकारात्मक होता है, तो आपके बच्चे में वायरल संक्रमण की संभावना है। हालाँकि, संक्रमण के कारण को निर्धारित करने के लिए आपका डॉक्टर क्लिनिक से बाहर दूसरी लैब में भेजे गए परीक्षणों के परिणाम का इंतजार करेगा।

कम्पलीट ब्लड सेल काउंट (सीबीसी)

डॉक्टर आपके बच्चे के रक्त का छोटा-सा नमूना लेकर सीबीसी का निर्देश दे सकता है। अक्सर क्लिनिक में किये जाने वाले इस टेस्ट के द्वारा  विभिन्न प्रकार की रक्त कोशिकाओं की गणना की जाती है। रक्त कोशिकाओं की अधिक, सामान्य या सामान्य से कम संख्या इस बात की ओर संकेत करती है कि संक्रमण होने का कारण बैक्टीरियल है या वायरल। स्ट्रेप थ्रोट का निदान करने के लिए अक्सर सीबीसी की आवश्यकता नहीं होती है। हालाँकि, यदि स्ट्रेप थ्रोट लैब टेस्ट नकारात्मक है, तो टॉन्सिलाइटिस के कारण को निर्धारित करने के लिए सीबीसी टेस्ट करवाया जा सकता है।

टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) का इलाज - Tonsillitis Treatment in Hindi

टॉन्सिलाइटिस का उपचार कैसे किया जाता है?

कौन से विशेषज्ञ डॉक्टर टॉन्सिलाइटिस का इलाज करते हैं?

एक प्राथमिक देखभाल प्रदाता (पीसीपी) जैसे कि एक परिवार का डॉक्टर, एक इंटर्निस्ट या बाल रोग विशेषज्ञ, साधारण टॉन्सिलाइटिस और एडेनोइड संक्रमण का निदान और उपचार कर सकते हैं। अगर आपकी टॉन्सिलाइटिस बहुत गंभीर है तो आप किसी आपातकालीन विभाग में जाते हैं। आपको एक आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा देखा जाएगा। यदि संक्रमण गंभीर, पुराना या आवर्तक है, तो आपको आगे के उपचार या टॉन्सिल्स और एडेनोइड को निकलवाने के लिए कान-नाक-गले (ईएनटी) का विशेषज्ञ भी कहा जाता है, के पास भेजा जा सकता है।

घर पर देखभाल

टॉन्सिलाइटिस चाहे वायरल या फिर बैक्टीरियल संक्रमण के कारण हुआ हो, घर पर की जाने वाली घरेलू देखभाल आपके बच्चे के लिए अधिक सुविधाजनक हो सकती है और उसकी स्थिति में बेहतर सुधार हो सकता है।

यदि वायरस द्वारा टॉन्सिलाइटिस के होने की अधिक आशंका है, तो ये घरेलू देखभाल के तरीके ही एकमात्र इलाज हैं। आपके डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव नहीं देंगे, क्योंकि इनका वायरस से हुए संक्रमण पर कोई असर नहीं होता है। आपका बच्चा 7 से 10 दिनों के भीतर बेहतर महसूस कर सकता है।

स्वास्थ्य के बेहतर होने के समय के दौरान उपयोग की जाने वाली घरेलू देखभाल के तरीकों में निम्नलिखित शामिल हैं –

  • अपने बच्चे को पर्याप्त आराम और पूरी नींद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • पर्याप्त तरल पदार्थ दें। बच्चे के गले को नम रखने और निर्जलीकरण को रोकने के लिए उसे भरपूर पानी पिलाएं। (और पढ़ें - निर्जलीकरण के लक्षण)
  • आरामदायक खाद्य पदार्थ और पेय दें। गर्म तरल पदार्थ –  शोरबा, कैफीन मुक्त चाय या शहद मिला हुआ गर्म पानी और कुल्फी जैसे ठंडे पदार्थ गले की सूजन को कम कर सकते हैं।
  • गरारे करने के लिए नमक का पानी तैयार करें। यदि आपका बच्चा गरारे कर सकता है, तो 1 चम्मच (5 मिलीलीटर) नमक, 8 औंस (237 मिलीलीटर) गुनगुने पानी में मिलाएं। इस पानी से गरारे करने से आपके बच्चे के गले की सूजन में आराम मिलेगा। अपने बच्चे को पानी से गरारे करने और फिर उसे थूकने के लिए कहें। 
  • हवा को नम करें। वायु को नम रखने वाले उपकरण (कूल एयर ह्यूमिडफाअर) का प्रयोग शुष्क हवा को खत्म करने के लिए करें, जिससे गले में अधिक परेशानी हो सकती है, या एक भाप से भरे हुए बाथरूम में अपने बच्चे के साथ कुछ समय बिताएं।
  • बच्चे को लोज़ेंगेस (lozenges) खाने के लिए दें। 4 साल से अधिक उम्र के बच्चे गले की खराश को दूर करने के लिए लोज़ेंगेस चूस सकते हैं।
  • परेशानी पैदा करने वाले तत्वों से बचें। अपने घर को सिगरेट के धुएं से मुक्त रखें और सफाई उत्पादों को दूर रखें, क्योंकि इनसे गले में जलन हो सकती है।                  
  • दर्द और बुखार का इलाज करें। गले के दर्द को कम करने और बुखार को नियंत्रित करने के लिए आइबुप्रोफेन (एडविल, चिल्ड्रन मोट्रिन, अन्य) या एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल, अन्य) का उपयोग करने के बारे में अपने चिकित्सक से बात करें। दर्दरहित कम बुखार के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है।

कुछ रोगों को छोड़कर, बच्चों और किशोरों को एस्पिरिन दवा नहीं लेनी चाहिए। जब सर्दी या फ्लू जैसी बीमारियों के लक्षणों का उपचार करने के लिए एस्पिरिन का उपयोग किया जाता है, तो वो इसे रेये सिंड्रोम से जोड़ देती है। यह एक दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से हमारे जीवन के लिए गंभीर स्थिति है।

दवा - एंटीबायोटिक्स

यदि टॉन्सिलाइटिस एक बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है, तो आपका डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं के कोर्स का परामर्श देगा। ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस की वजह से होने वाले टॉन्सिलाइटिस के लिए पेनिसिलिन को 10 दिनों के लिए मौखिक रूप से लेना सबसे आम एंटीबायोटिक उपचार होता है। यदि आपके बच्चे को पेनिसिलिन से एलर्जी है, तो आपका डॉक्टर वैकल्पिक एंटीबायोटिक का सुझाव देगा।

आपके बच्चे को एंटीबायोटिक दवाओं का पूरा कोर्स लेना चाहिए, भले ही लक्षण पूरी तरह से दूर हो जाएं। निर्देश के अनुसार सभी दवाओं को लेने में असफल होने से संक्रमण गंभीर रूप से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है। एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स पूरा न करने के कारण, विशेष रूप से आपके बच्चे को वातज्वर (रूमेटिक फीवर) और गुर्दों में गंभीर रूप से सूजन और जलन का खतरा बढ़ सकता है।

अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से बात करें कि यदि आप अपने बच्चे को खुराक देना भूल जाएं तो क्या करें।

सर्जरी

टॉन्सिल्स को निकलने के लिए सर्जरी (टॉन्सिलेक्टोमी) का प्रयोग बार-बार होने वाले टॉन्सिलाइटिस, क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस या बैक्टीरियल टॉन्सिलाइटिस का इलाज करने के लिए किया जा सकता है, जो एंटीबायोटिक उपचार से भी ठीक नहीं होते। बार-बार होने वाले टॉन्सिलाइटिस को सामान्यतः परिभाषित किया जाता है –

  • एक वर्ष में सात से अधिक बार होना
  • पिछले  दो वर्षों में प्रत्येक वर्ष में चार या पाँच से अधिक एपिसोड होते हैं
  • पिछले तीन वर्षों में प्रत्येक वर्ष में तीन से अधिक एपिसोड होते हैं

अगर टॉन्सिलाइटिस के बढ़ते खतरों को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है तो उसके परिणामस्वरूप टॉन्सिलेक्टोमी भी की जा सकती है, जैसे –

  • ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया
  • सांस लेने में कठिनाई
  • निगलने में कठिनाई, विशेष रूप से मांस और अन्य सख्त खाद्य पदार्थ
  • एक फोड़ा, जो एंटीबायोटिक उपचार के बाद भी ठीक नहीं होता है

टॉन्सिलेक्टोमी आमतौर पर एक आउट पेशेंट प्रक्रिया के रूप में किया जाता है, जब तक कि आपका बच्चा जटिल चिकित्सा परिस्थिति के लिए बहुत छोटा हो या अगर सर्जरी के दौरान जटिलताएं उत्पन्न होती हैं। इसका अर्थ है कि आपका बच्चा सर्जरी के दिन घर जाने में सक्षम होना चाहिए। बच्चे को स्वस्थ होने में आमतौर पर 7 से 14 दिन लगते हैं।

टॉन्सिल बढ़ने से क्या होता है? - Tonsillitis Complications in Hindi

टॉन्सिल बढ़ने पर आपको गर्दन के नीचे हल्का सा उभार दिख सकता है. पर यह कोई परेशानी की बात नही है. कभी-कभी नए टॉन्सिल में इंफेक्शन या सूजन भी हो सकती है. 

आमतौर पर, गले में खराश या फिर इंफेक्शन होना, टॉन्सिल के बढ़ने का लक्ष्ण या संकेत नही होता. 

यदि टॉन्सिल होने पर बुखार ना आए, सिर्फ़ एक तरफ़ टॉन्सिल हो या बिना दर्द के टॉन्सिल बढ़े हुए हों तो ये किसी गम्भीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं. इस सूरत में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.

टॉन्सिल में दर्द क्यों होता है? - Why do tonsils hurt in Hindi?

टॉन्सिल जब बढ़ या सूज जाते हैं उन में दर्द हो सकता है. टॉन्सिलाइटिस में दर्द के कई कारण हैं. इनमे मुख्य हैं, 

  • गले में खराश या गला ख़राब होना 
  • किसी भी चीज को निगलने में परेशानी होना
  • टॉन्सिल और गले में सूजन या फिर लाल पड़ जाना 
  • टॉन्सिल वाली जगहों पर सफेद रंग के धब्बे पड़ना
  • 100.4 डिग्री सेंटिग्रेड से ज्यादा बुखार होना
  • पेट दर्द और उलटी होना

टॉन्सिल कितने दिन तक रहता है? - How long does tonsillitis last in Hindi?

टॉन्सिल में इन्फ़ेक्शन को टॉन्सिलाइटिस कहते हैं. टॉन्सिलाइटिस अलग-अलग तरह के होते हैं. उसी हिसाब से वो शरीर पर अपना असर छोड़ते हैं, जैसे कि- 

  • एक्यूट टॉन्सिलाइटिस - इसके लक्षण सिर्फ 3 से 4 दिन तक रहते हैं. ज्यादा से ज्यादा 2 हफ्ते तक
  • रिकरंट टॉन्सिलाइटिस - एक ही साल में आपको ये कई बार होते हैं
  • क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस - ये तब होता है जब आप लंबे वक्त से टॉन्सिल इंफेक्शन से पीड़ित हो

क्या टॉन्सिलाइटिस अपने आप दूर हो जाएगा? - Will tonsillitis go away on its own in Hindi?

टॉन्सिलिटिस आमतौर पर कुछ दिनों के बाद अपने आप ठीक हो जाता है।

लक्षणों से राहत पाने में मदद के लिए -

  • आराम करें
  • गले को आराम देने के लिए ठंडे पेय पिएं
  • पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन लें (16 साल से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन न दें)
  • गर्म नमकीन पानी से गरारे करें (बच्चों को गरारे नहीं करने चाहिए)

टॉन्सिलाइटिस की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - What is the best medicine for tonsillitis in Hindi?

बैक्टीरियल टॉन्सिलाइटिस से पीड़ित मरीज को डॉक्टर पेनिसिलिन और एमोक्सिसिलिन लेने की सलाह देते हैं.  वही, जिन लोगों को पेनिसिलिन एंटीबायोटिक से एलर्जी है, डॉक्टर उन्हें दूसरा विकल्प उपलब्ध करवाते हैं. एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करने पर टॉन्सिलाइटिस के लक्षण और जोखिम थोड़े ही वक्त में कम हो जाते हैं.

टॉन्सिलिटिस को तेजी से कैसे दूर करते हैं? - How do you make tonsillitis go away faster in Hindi?

टॉन्सिलाइटिस के कई घरेलू उपाय हैं, जो टॉन्सिलाइटिस के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं.

  • नमक के पानी से गरारे करना: गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से टॉन्सिलाइटिस के कारण होने वाले गले के दर्द में राहत मिलती है. साथ ही यह सूजन भी कम करता है. नियमित तौर पर इसके उपयोग संक्रमण के इलाज में मदद मिल सकती है. 
  • कच्चे शहद के साथ गर्म चाय: चाय टॉन्सिलाइटिस के कारण होने वाली परेशानियों को कम करने में मदद करती है. कच्चा शहद, जिसे अक्सर चाय में मिलाया जाता है, उसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं और यह इंफेक्शन को दूर करने में कारगर साबित हो सकते हैं.
  • इसके अलावा मुलेठी भी टॉन्सिलाइटिस से होने वाली परेशानी से निजात दिला सकती है.


संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Tonsillitis.
  2. Healthdirect Australia. Tonsillitis. Australian government: Department of Health
  3. Victorian Agency for Health: Government of Victoria [Internet]; Tonsillitis.
  4. InformedHealth.org [Internet]. Cologne, Germany: Institute for Quality and Efficiency in Health Care (IQWiG); 2006-. Tonsillitis: Overview. 2013 Mar 27 [Updated 2019 Jan 17].
  5. Government of Western Australia Child and Adolescent Health Service [Internet]; Tonsillitis.

टॉन्सिलाइटिस के डॉक्टर

Dr. Anu Goyal Dr. Anu Goyal कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
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टॉन्सिलाइटिस की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Tonsillitis in Hindi

टॉन्सिलाइटिस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।