बदलते मौसम में स्ट्रेप्टोकॉकस बैक्टीरिया से इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है और टॉन्सिलिटिस ऐसा ही एक इंफेक्शन है. शरीर स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से लड़ने के लिए अपने इम्यून सिस्टम को एक्टिव करता है, जिसकी वजह टॉन्सिल में सूजन आ जाती. कई बार टॉन्सिलिटिस के चलते तेज दर्द भी होता है. आमतौर पर टॉन्सिल का इंफेक्शन कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यदि खान-पान पर ध्यान न दिया जाए, तो यह इंफेक्शन ज्यादा बढ़ जाता है. इससे अन्य बीमारियां होने का अंदेशा बढ़ जाता है.

आइए, जानते हैं कि टॉन्सिल में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं-

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  1. टॉन्सिल में खाई जाने वाली चीजें
  2. सारांश
  3. टॉन्सिल में न खाएं ये चीजें
टॉन्सिल में क्या खाएं और क्या नहीं के डॉक्टर

टॉन्सिल होने पर अपनी डाइट में निम्न चीजों को शामिल करने से मरीज को लाभ हो सकता है-

इडली

प्‍लेन इडली खाने से भी गले को राहत मिलती है, साथ ही पेट भी भरता है. यह हेल्‍दी भी होती है और मुलायम भी जिससे निगलते वक्त गले में दर्द भी नहीं होता.

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शहद

शहद को ऐसे ही खाया जा सकता है या फिर उसे काली मिर्च पाउडर के साथ मिलाकर चाट सकते हैं. इससे गले में खुजली नहीं होती और सूजन भी कम होती है. गरम पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है.

(और पढ़ें - टॉन्सिल्स निकालने की सर्जरी)

अदरक

यह एक प्राकृतिक दवा है, जिसका कई रूपों में प्रयोग किया जा सकता है. अदरक को शहद के साथ मिक्स करके चूसने पर गले को आराम मिला है.

उबले आलू

उबले हुए आलू काफी मुलायम होते हैं, इसे आसानी से निगला जा सकता है. साथ ही इसे खाने से पेट भी भर जाता है और यह गले को अपनी भाप से फायदा भी पहुंचाता है.

उबली पालक

भाप में उबली हुई पालक गले के इंफेक्‍शन को ठीक कर सकती है. पालक का सूप बनाकर उसमें काली मिर्च पाउडर डालकर सेवन करने से गले को राहत मिलती है.

गरम चावल

टॉन्सिल से गले में दर्द होता है, जिससे खाने में दिक्कत होती है. ऐसे में उबले हुए चावल आसानी से खाए जा सकते हैं, क्योंकि ये मुलायम होते हैं. चावल बनाते समय उसमें लौंग डाल देने से इसका स्वाद व सुगंध बेहतर हो जाती है. साथ ही इससे गले को भी फायदा होता है.

(और पढ़ें - टॉन्सिलाइटिस की होम्योपैथिक दवा)

टॉन्सिल इंफेक्शन के समय दवाइयों, गर्म पानी पीने और गर्म चीजों के साथ-साथ अपने खाने-पीने का भी खास ख्याल रखना चाहिए. मुलायम और गरम चीजें जैसे उबले चावल, उबला आलू, इडली खाने से गले को राहत मिलती है. दूसरी तरफ मसाले, दही, सॉस, चटनी से बचना चाहिए, क्योंकि इससे गले को नुकसान होता है. खराश की समस्या हो, तो आपको इन चीजों को खाने-पीने से बचना चाहिए. इन सब चीजों का ध्यान रखने पर जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है.

टॉन्सिल होने पर चटनी, अचार, सॉस आदि से दूर रहना चाहिए. आइए, विस्तार से जानते हैं टॉन्सिल में न खाई जाने वाली चीजों के बारे में -

सख्त खाद्य पदार्थ

कच्ची सब्जियांड्राई फ्रूट आदि खाने से टॉन्सिल का दर्द बढ़ सकता है. इसलिए, टॉन्सिल होने पर ऐसी चीजें न खाएं.

शराब, तंबाकू व पान मसाला

गले में टॉन्सिल होने पर शराब, तंबाकू व पान मसाला परेशानी को और बढ़ा सकता है. इससे गले में खराश बढ़ती है और जलन भी पैदा होती है.

कैफीन व पैकेज्ड जूस

कैफीन के सेवन से गले में सूखापन हो सकता है और गले की खराश बढ़ सकती है. पैक्ड जूस में आर्टिफिशियल कलर और चीनी होती है, जिससे गले की सूजन बढ़ सकती है. साथ ही ये दोनों चीजें पेट में एसिड रिफ्लक्स बढ़ा सकती हैं, जिससे गले की परेशानी बढ़ सकती है.

सॉस

टमाटर से बनी सॉस में मौजूद ऑक्सालिक एसिड गले में जलन पैदा कर सकता है. यह स्थिति टॉन्सिलिटिस को और भी बदतर बना सकती है. इसलिए, किसी भी प्रकार के सॉस को खाने से बचना चाहिए.

मसालेदार चीजें

टॉन्सिल इंफेक्शन बढ़ने पर खांसी भी हो सकती है. ऐसे में मसाले या लहसुन डालकर बनाया गया खाना टॉन्सिल को बढ़ा सकता है. इसलिए, जब टॉन्सिल हो, तो मसाले वाले भोजन से बचना चाहिए.

तली हुई चीजें

जब गले में इंफेक्शन होता है, तो शरीर की इम्युनिटी कमजोर होती है. ऐसे में तली हुई चीजें खाने से इम्युनिटी और कमजोर हो सकती है. इसलिए, गले में खराश या टॉन्सिल या खांसी होने पर तली हुई चीजों को खाने से बचना चाहिए.

दही

दही से चेस्ट में जमा बलगम गाढ़ा हो जाता है, जिससे खांसी हो सकती है. दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया होता है जो कि स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया की फैमिली से ही आता है. टॉन्सिल का इंफेक्शन इसी बैक्टीरिया के कारण होता है, इसलिए दही खाने पर यह बढ़ सकता है.

चटनी व अचार

चटनी, नींबू, अमचूर, अनारदाना पाउडर, चाट मसाला और अचार में डलने वाला सिरकानमक पेट में एसिड रिफ्लक्स को बढ़ा सकता है. इससे टॉन्सिल में सूजन पैदा हो जाती है और इससे समस्या बढ़ सकती है.

खट्टी सब्जियां व फल

टमाटर, नींबू, संतरे व अनानास जैसी खट्टी सब्जियों व फलों में एसिड होता है. ये प्राकृतिक रूप से एसिडिक होते हैं, इसलिए खट्टी सब्जियों और फलों से टॉन्सिल इंफेक्शन बढ़ सकता है. इससे गले में ज्यादा खराश व दर्द महसूस हो सकता है. ये गले को ड्राई कर देता है और अजीब-सी खुजली पैदा करता है.

(और पढ़ें - बच्चों में टॉन्सिल के लक्षण)

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