शॉक क्या है?
शॉक, शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की स्थिति हो सकती है। इस लेख में हमने आपको शारीरिक शॉक के बारे में बताया है। अगर आप मानसिक शॉक के बारे में जानना चाहते हैं, तो सदमा वाला लेख पढ़ें।
शॉक लगना एक घातक स्थिति है जो शरीर को पर्याप्त खून न मिल पाने के कारण होती है। इसका मतलब ये है कि शॉक की स्थिति में शरीर की कोशिकाओं और अंगों को उचित या पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन या पोषक तत्व नहीं मिलते, जिसके कारण कई अंगों को नुकसान होने लगता है और वह ठीक से काम नहीं कर पाते। ये स्थिति अचानक से बिगड़ सकती है और इसके लिए तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। पांच में से एक व्यक्ति की इस स्थिति के कारण मौत भी हो सकती है।
शॉक के लक्षण क्या हैं?
शॉक लगने पर बेहोशी, नब्ज असामान्य होना, शुगर कम होना, दिल की धड़कन अनियमित होना, मुंह सूखना, चक्कर आना, सांस फूलना, पेशाब कम आना, छाती में दर्द और चिंता जैसे कई लक्षण अनुभव होने लगते हैं।
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शॉक क्यों लगता है?
शरीर में खून की सप्लाई को प्रभावित करने वाले किसी भी कारण से आपको शॉक लग सकता है, जैसे एलर्जी, जलना, बहुत अधिक खून बह जाना, शरीर में जहर चले जाना, हार्ट फेलियर और शरीर में पानी की कमी। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि शरीर को ऊर्जा बनाने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण कोशिकाएं मरने लगती हैं, जिससे शरीर के अंगों को नुकसान होता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है।
शॉक का इलाज कैसे होता है?
शॉक की स्थिति का जल्द से जल्द इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण होता है नहीं तो इससे व्यक्ति की मौत हो सकती है। इसका इलाज शॉक के कारण पर निर्भर करता है, जैसे इन्फेक्शन के कारण लगने वाले शॉक के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं और बहुत अधिक खून बह जाने के कारण लगने वाले शॉक के लिए खून चढ़ाया जाता है।