रेनॉड रोग क्या है?
रेनॉड एक ऐसी बीमारी है जिसमें हाथ और पैर की उंगलियों के साथ शरीर के कुछ हिस्से, कम तापमान या तनाव की प्रतिक्रिया में सुन्न या ठंडे हो जाते हैं। सामान्य रूप से रेनॉड रोग में त्वचा को रक्त की आपूर्ति करने वाली छोटी धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं, जिसके कारण उस हिस्से में रक्त का परिसंचरण कम हो जाता है। वैसे तो ज्यादातर लोगों के लिए यह कोई बहुत गंभीर समस्या नहीं है। हालांकि, रक्त प्रवाह कम होने के कारण कुछ लोगोंं को समस्याएं जरूर बढ़ सकती हैं। रेनॉड डिजीज को रेनॉड्स फेनॉमिनन और रेनॉड सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को रेनॉड बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा ठंडे स्थानों पर रहने वाले लोगों में रेनॉड रोग विकसित होने का डर रहता है। रेनॉड रोग का इलाज इसकी गंभीरता और व्यक्ति की अन्य स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करता है। रेनॉड रोग के कारण जीवन की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।
रेनॉड रोग दो प्रकार का होता है। पहला प्राइमरी और दूसरा सेकेंडरी। यदि किसी व्यक्ति को सेकेंडरी रेनॉड डिजीज की समस्या है, जिसमें हाथ और पैर की उंगलियों में रक्त का संचार कम हो जाता है तो इस स्थिति में कोशिकाओं को क्षति होने का भी डर होता है। इसके अलावा धमनियों के पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाने के कारण घाव (त्वचा के अल्सर) या ऊतक को क्षति (गैंग्रीन) की समस्या भी हो सकती है।
इस लेख में हम रेनॉड रोग के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।