दर्द होना क्या है?
दर्द एक परेशान करने वाली स्थिति है जो हर व्यक्ति कई बार अनुभव करता ही है। दर्द मस्तिष्क और शरीर से संबंधित एक बुरा अनुभव होता है जिसमें शरीर के ऊतकों को नुकसान होता है। हालांकि, दर्द की सटीक परिभाषा अभी तक नहीं बन पाई है। चिकित्सकीय संदर्भ में दर्द को किसी अंदरूनी समस्या का संकेत माना जाता है। ज्यादातर लोग डॉक्टर के पास दर्द होने के कारण ही जाते हैं और ये कई समस्याओं का मुख्य लक्षण होता है। दर्द के कारण व्यक्ति के सामान्य काम पर भी बुरा असर पड़ता है और वह कहीं ध्यान नहीं लगा पाता।
दर्द के लक्षण क्या हैं?
दर्द के कोई लक्षण नहीं होते, ये अपने आप में ही किसी बाहरी या अंदरूनी समस्या का लक्षण होता है, जिससे पता चलता है कि शरीर को कोई समस्या हो रही है।
दर्द क्यों होता है?
दर्द होने के बहुत से कारण होते है, कुछ बाहर दिखने वाले और कुछ अंदरूनी। दर्द उस जगह शुरू होता है जहां आपको चोट लगती है या समस्या होती है चाहे वह जगह आपके पैर हों या कमर। जब आपके शरीर को चोट लगती है, तो आपकी रीढ़ की हड्डी में एक संकेत जाता है कि शरीर को दर्द हो रहा है। इसके बाद रीढ़ की हड्डी ये संकेत सीधा दिमाग में भेजती है और वहां पर इस संकेत को पढ़ा जाता है। अब दिमाग उस जगह पर संकेत भेजता है जहां चोट लगती है और चोट के कारण से दूर हटने के लिए आदेश देता है। ये पूरी प्रक्रिया बहुत ही तेजी से होती है और चोट लगते ही आप अपने शरीर को उस चीज से दूर कर लेते हैं।
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दर्द का इलाज कैसे होता है?
दर्द का इलाज या उसे कम करने के लिए बहुत से उपाय होते हैं। इसके लिए पेन किलर दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें खाया भी जा सकता है और लगाया भी जा सकता है। खाने वाली दर्द निवारक दवाएं होती हैं एसिटामिनोफेन, ओपिओइड्स और नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं। इसके अलावा ऐसे क्रीम या ऑइंटमेंट भी आते हैं, जो दर्द वाली त्वचा पर लगाए जा सकते हैं। योग और व्यायाम करने से भी आपको दर्द में बहुत राहत मिल सकती है। हालांकि, दर्द में एक्सरसाइज करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए ताकि वे आपको सही व्यायाम करने का तरीका बता सकें और दर्द बढे नहीं। एक्यूपंक्चर भी एक ऐसा उपाय है जिससे दर्द में राहत मिलती है।
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