सुस्ती - Lethargy in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

February 28, 2018

March 11, 2021

सुस्ती
सुस्ती

आज सुस्ती की समस्या से हर दूसरा व्यक्ति परेशान हैं। अनियमित दिनचर्या, काम का बोझ और नींद पूरी न होने से लोगों को सुस्ती होने लगती है। इस समस्या के लिए दवाएं व कुछ बीमारियां भी जिम्मेदार होती हैं। इससे ग्रसित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है। इसके चलते आज हम आपको सुस्ती के बारे में विस्तार के बता रहें हैं। साथ ही यह भी बताएंगे कि सुस्ती क्या है, इसके लक्षण, कारण, परीक्षण और इसे दूर करने के लिए किस तरह के घरेलू उपायों को आजमाना चाहिए। 

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सुस्ती क्या है - What is Lethargy in Hindi

सुस्ती क्यों आती है?

कई प्रकार के रोगों, दवाइयों के सेवन व अन्य कारणों से शरीर में ऊर्जा की कमी होना या थकान को सुस्ती कहा जाता है। इसके अलावा नींद और व्यायाम में कमी, खराब डाइट, तनाव व अधिक कार्य करने के कारण भी आपको सुस्ती की समस्या हो सकती है। सुस्ती आपके शारीरिक व मानसिक रूपी अन्य रोगों की ओर इशारा करती है। कैंसर, अस्थमा, एनीमिया, नींद संबंधी विकार व थायराइड आदि होने पर या इन रोगों की दवाइयों को लेने से भी सुस्ती होने लगती है। आज की भागदौड़ भरी जिदंगी व अनियमित दिनचर्या में हर दूसरे व्यक्ति को सुस्ती व थकान की समस्या सताने लगी है। इन समस्याओं को देखते हुए आपको सुस्ती के लक्षण, कारण, इलाज व सुझाव बताए जा रहें हैं, जिनकी मदद से आप सुस्ती को आसानी से दूर कर पाएंगे।

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सुस्ती के लक्षण - Lethargy Symptoms in Hindi

सुस्ती होने के कुछ लक्षणों को नीचे बताया जा रहा है।

सुस्ती होने पर व्यक्ति आलसी की तरह व्यवहार करने लगता है और उसके कार्य करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है।

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सुस्ती के कारण - Lethargy Causes in Hindi

सुस्ती क्यों आती है?

कई प्रकार की बीमारियां आपकी सुस्ती का कारण हो सकती हैं। इसमें फ्लू या पेट के विषाणु भी शामिल होते हैं। अन्य शारीरिक या चिकित्सा स्थितियों में भी सुस्ती हो सकती है। सुस्ती के कारणों में निम्न प्रमुख हैं -

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सुस्ती मानसिक रोग के कारण भी हो सकती है। जिसमें शामिल है -

कई प्रकार की दवाओं के विपरीत प्रभाव के कारण भी सुस्ती हो सकती है।

(और पढ़ें - दवाओं की जानकारी

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सुस्ती का निदान - Diagnosis of Lethargy in Hindi

सुस्ती का परीक्षण कैसे किया जाता है?

सुस्ती के कारणों का परीक्षण करने से पूर्व डॉक्टर मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री को जानते हैं। मेडिकल हिस्ट्री का मतलब है मरीज के पूर्व रोगों के बारे में पूरी जानकारी लेना। इसके अलावा परीक्षण में मरीज की हृदय गति, फेफड़ों और पेट की सक्रिया को जांचा जाता है। इसके साथ ही साथ मरीज की मानसिक जागरूकता की भी जांच की जाती है। इसके बाद डॉक्टर के द्वारा सुस्ती के कारणों के आधार पर टेस्ट किए जाते हैं। जैसे – डॉक्टर सुस्ती का कारण थायराइड पाते हैं तो वह आपको थायराइड की जांच करने के लिए कहेंगे। जबकि, दिमागी विकार के कारण सुस्ती होने पर मरीज को सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन की सलाह दी जाती है। इस टेस्ट और परीक्षणों के आधार पर ही सुस्ती के सही कारणों का पता लगाकर इसका इलाज किया जाता है।

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सुस्ती का उपचार - Lethargy Treatment in Hindi

सुस्ती का इलाज कैसे किया जाता है?
सुस्ती का इलाज इसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। इसमें आपके डॉक्टर संक्रमण को दूर करने या थायराइड हार्मोन को बढ़ाने के लिए दवाएं दें सकते हैं। यदि आपका अवसाद किसी अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकार के कारण होता है, तो डॉक्टर आपको अवसाद दूर करने वाली दवाएं भी प्रदान करते हैं। 

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थकान से संबंधित लक्षणों को कम करने के लिए आप कुछ अच्छी आदतों को अपना सकते हैं। जैसे-

यदि इन आदतों को अपनाने के बाद भी सुस्ती बनी रहे, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 

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सुस्ती को दूर करने के घरेलू उपाय - Home remedies for Lethargy in Hindi

वैसे तो सुस्ती का इलाज उससे संबंधित बीमारी के इलाज से ही किया जाता है। लेकिन, आपकी शारीरिक ऊर्जा में आई कमी की वजह से सुस्ती होने पर आप कुछ घरेलू उपायों को भी आजमा सकते हैं। इन उपायों को नीचे विस्तार से बताया गया है। 

  1. तुलसी के पत्तों की चाय से करें सुस्ती को दूर
    तुलसी के पत्तों को नानी और दादी के नुस्खों में सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट के गुण मौजूद होते हैं। इसके साथ ही साथ तुलसी के पत्ते विभिन्न आवश्यक तेलों के समृद्ध स्रोत माने जाते हैं । जो आपके ऊर्जा के स्तर को दोबारा से सही स्थिति में लाने में आपकी मदद करते हैं। इसके लिए आपको थोड़े से तुलसी के पत्तों को 10-15 मिनट तक पानी में उबालना होगा। इसके बाद इस काढ़े को एक कप में निकालकर पीएं। इसे आप हर्बल चाय के रूप में दिन में 2-3 बार पी सकते है। कुछ दिनों के बाद आप पाएंगे कि आपका ऊर्जा का स्तर बढ़ गया है।
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  2. सुस्ती को कम करने के लिए लें नींबू पानी
    गर्मी में पीए जाने वाले इस पेय के बारे में कोई जानता न हो, ऐसा हो नहीं सकता। नींबू पानी में सिट्रिक एसिड और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो सुस्ती को दूर करने के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाता है। यह गर्मी को कम करता है और शरीर को स्वस्थ बनाता है। बाजार में उपलब्ध ऊर्जा प्रदान करने वाले कृत्रिम पेय पदार्थ पीने की बजाय आप नींबू पानी का सेवन करें। नींबू पानी को आप कभी भी पी सकते हैं। सुबह के समय इसको पीने से अधिक फायदे होते हैं। नींबू पानी में मिठास के लिए शहद का इस्तेमाल किया जाए तो यह शरीर के लिए और भी गुणकारी हो जाता है। ऊर्जावान रहने का यह सरल और आसान उपाय है।
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  3. सब्जियां और फलों से दूर होती है सुस्ती
    अपने आहार में सब्जियों और फलों को शामिल करने से चयापचय (मेटाबॉलिज्म) प्रणाली दुरूस्त होती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है। सब्जियों और फलों में कई प्राकृतिक विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं, जो शरीर को विभिन्न रोगों से दूर रखने में मदद करते हैं। स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के लिए आहार प्रणाली का ठीक होना बेहद जरूरी माना जाता है। फलों व सब्जियों का सेवन करने से आपको तनाव और सुस्ती को दूर करने के लिए अधिक ऊर्जा मिलती है। चिकित्सक सलाह देते हैं कि व्यक्ति को स्वस्थ और ऊर्जावान रहने के लिए दिन में कम से कम एक गिलास फलों का जूस व भरपूर मात्रा में सब्जियों को सेवन करना चाहिए।
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  4. चाय और कॉफी से करें सुस्ती को दूर
    चाय का सेवन करना भी आपकी सुस्ती को दूर कर सकता है, लेकिन आपको इसकी सीमित मात्रा लेनी चाहिए। चाय में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं, जो आपके शरीर की थकान को कम करते हैं। इसके अलावा कॉफी भी आपकी ऊर्जा को बढ़ाने का एक बेहतर विकल्प है। इसमें मौजूद कैफीन एक प्राकृतिक दर्द निवारक की तरह काम करता है और आपको दोबारा ऊर्जावान बनाता है। इसलिए थकान के कारण होने वाली सुस्ती को दूर करने के लिए आप चाय और कॉफी का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन कई अन्य परेशानियों का कारण बन सकती है।
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  5. सुस्ती को दूर करने का बेहतर उपाय है अंगूर का जूस
    अंगूर का जूस सुस्ती को दूर करने के उपायों में शामिल किया जाता है। माना जाता है कि अंगूर के जूस से आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। ऊर्जा के स्तर में बढ़ोतरी होने से आप लंबे समय तक सक्रिय रह पाते हैं, जिससे सुस्ती आपको परेशान नहीं करती है।
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  6. सुस्ती कम करते हैं अंकुरित अनाज
    सुस्ती को दूर करने के लिए आप अंकुरित अनाज का सेवन करें। यह आपके शरीर में किसी विटामिन की गोलियों की तरह ही प्रभाव दिखाते हैं। ताजे अंकुरित अनाज आजकल बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। अगर आप रोजाना अंकुरित अनाज का सेवन नहीं कर पा रहें हैं तो आपको सप्ताह में कम से कम दो से तीन बार इनका सेवन अवश्य ही करना चाहिए। इनके सेवन से पाचन क्रिया भी सही होती है और आप जो भी खाते हैं उसको आसानी से पचा पाते हैं।
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सुस्ती को दूर करने के सुझाव - Tips for Lethargy in Hindi

सुस्ती को दूर करने के लिए आपको अपनी आदतों में बदलाव करना होगा। आदतों में बदलाव के कारण आप इस समस्या से आसानी से बच सकते है। नीचे बताए जा रहें सुझावों को अपनाकर आप सुस्ती को दूर कर पाएंगे।  

  1. सुस्ती को दूर करने के लिए लें पर्याप्त नींद
    आमतौर पर सुस्ती आने का मुख्य कारण नींद की कमी होता है। नींद का समय अनियमित होने से शरीर की ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है और आपको पूरा दिन थकान व सुस्ती सताती है। विशेषज्ञों के अनुसार एक व्यस्क को 6 से 8 घंटों की नींद आवश्यकता होती है।
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  2. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
    नियमित एक्सरसाइज आपके तन और मन को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसमें आप जॉगिंग, पुशअप, पुलअप और तेज चलने जैसे हल्के व्यायाम कर सकते हैं। आपको रोजाना करीब 30 मिनट एक्सरसाइज करनी चाहिए।
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  3. स्वस्थ आहार का सेवन करें
    कई अध्ययन इस बात को बताते हैं कि जंक फूड आपके प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर बनाते हैं। खराब और बाहर का तला भूना खाना खाने से आपके शरीर में कई रोग पनपने लगते हैं। इनके कारण होने वाला मोटापा भी एक रोग की तरह ही है। इसमें आप थकान महसूस करते हैं और थोड़ा सा काम करते ही थक जाते है। मोटापे को आप संतुलित आहार और पौष्टिक आहार से दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही साथ पौष्टिक आहार आपको तनाव से भी दूर रखता है।
    (और पढें - जंक फूड के नुकसान)
     
  4. आसपास के वातारवरण को साफ-सुथरा रखें
    आपके घर और ऑफिस के आसपास का वातावरण भी आप पर गहरा प्रभाव डालता है। अव्यवस्थित जगह आपकी ऊर्जा को कम कर देती है, जबकि एक साफ सुथरे वातावरण में आप खुद को बेहतर और ऊर्जावान महसूस करते है। साफ और स्वच्छ माहौल में आपकी सोच भी सकारात्मक हो जाती है। ऐसा माहौल आपके शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ बनाता है।
     
  5. सुबह जल्दी उठें और नियमित स्नान करें
    सुस्ती को दूर करने के लिए शरीर को साफ रखना बेहद जरूरी होता है। सुस्ती को दूर करने के लिए आपको जल्दी उठने की आदत डालनी होगी, साथ ही साथ आपको नियमित स्नान भी करना चाहिए। नियमित स्नान करने से आपका मन शांत होता है और शांत मन से आप कई नई चीजों के बारे में सोच पाते हैं।
    (और पढ़े - स्नान करने का सही तरीका)
     
  6. नई सोच और ऊर्जावान लोगों की संगति में रहें
    आपके साथ रहने वाले दोस्त या सहकर्मी अगर नकारात्मक सोच वाले हैं, तो धीरे-धीरे आप भी नकारात्मक सोच वाले हो जाएंगे। इस वजह से आपको हमेशा सकारात्मक सोच वाले लोगों की ही संगति में रहना चाहिए। इससे आपके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है।
    (और पढ़ें - रिश्तों को बेहतर बनाने के उपाय)


संदर्भ

  1. National Cancer Institute. [internet]. U.S. Department of Health and Human Services. Fatigue and Cancer Treatment.
  2. National Institute of Mental Health. Depression. National Institutes of Health; Bethesda, Maryland, United States
  3. KidsHealth. [internet]. The Nemours Foundation; Florida, United States. Meningitis.
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine. Fatigue.
  5. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria. Fatigue.

सुस्ती की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Lethargy in Hindi

सुस्ती के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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