किडनी की बीमारी क्या है?
गुर्दे संबंधी कई प्रकार के रोगों के समूह को किडनी की बीमारी कहा जाता है। जब किडनी किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो जाती है, काम करना बंद कर देती है या ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती, तो इस स्थिति को किडनी की बीमारी कहा जाता है। जब किडनी की बीमारी हो जाती है, तो किडनी प्रभावी रूप से अपशिष्ट द्रव को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती जिससे शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन भी खराब हो जाता है। शरीर में अपशिष्ट द्रव जमा होने से शरीर की केमिस्ट्री (शरीर में मौजूद रसायनों का संतुलन) खराब हो जाती है, जिससे आपको शरीर में कुछ प्रकार के लक्षण महसूस होने लगते हैं और कुछ प्रकार के लक्षण गायब हो जाते हैं।
किडनी की बीमारी में कई रोग शामिल हैं, जैसे किडनी की पथरी, किडनी का कैंसर, किडनी की सूजन, पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज और मूत्र पथ में संक्रमण आदि।
यदि आपको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या परिवार में पहले किसी को किडनी संबंधी बीमारी हैं, तो आप में किडनी संबंधी रोग होने की संभावनाएं ज्यादा हैं।
किडनी की बीमारी के लक्षण व संकेतों में खुजली, हाई ब्लड प्रेशर, मांसपेशियों में मरोड़ या टखनों व पैरों में सूजन तथा मरोड़ आदि शामिल है। किडनी संबंधी रोगों का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून टेस्ट व पेशाब टेस्ट करते हैं।
किडनी की बीमारी के इलाज का मुख्य लक्ष्य किडनी में लगातार हो रही क्षति को कम करना होता है। क्षति को रोकने के लिए आमतौर पर किडनी की बीमारी का कारण बनने वाली अंदरूनी स्थितियों का कंट्रोल किया जाता है। किडनी की बीमारी के कारण किडनी क्षतिग्रस्त होने लग जाती है और अंत में काम करना पूरी तरह से बंद कर देती है। किडनी फेल होना एक घातक स्थिति होती है, ऐसी स्थिति में किडनी डायलिसिस (फिल्टर करने वाला कृत्रिम उपकरण) लगा कर या मरीज में किडनी अंग को प्रत्यारोपण (किडनी ट्रांसप्लांट) करके ही मरीज की जान बचाई जाती है।
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