हाइपरकलेमिया क्या है?
रक्त में पोटेशियम की असामान्य उच्चता होने के कारण हाइपरकलेमिया (Hyperkalemia) हो सकता है। पोटेशियम मांसपेशियों (हृदय सहित) के संकुचन में और कई जटिल प्रोटीन्स (एंजाइम) के कामकाज के लिए एक प्रमुख तत्व होता है। पोटेशियम मुख्य रूप से हड्डियों से जुड़ी मांसपेशियों और हड्डी में पाया जाता है। यह सोडियम के साथ मिलकर शरीर के तरल पदार्थों और शरीर की कोशिकाओं (होमोस्टैसिस) के बीच सामान्य प्रवाह को बनाने में योगदान देता है। शरीर में पोटेशियम को गुर्दे द्वारा नियंत्रित किया जाता है, और इसका मूत्र उत्सर्जन के माध्यम से संतुलन बनाए रखा जाता है। जब गुर्दे सामान्य रूप से कार्य कर रहे होते हैं, तो आहार द्वारा ली गई पोटेशियम की मात्रा शरीर के उपयोग के लिए पर्याप्त होती है और अतिरिक्त पोटेशियम उत्सर्जित हो जाती है। रासायनिक और हार्मोनल प्रभाव भी आंतरिक पोटेशियम को संतुलन करने में मदद करता हैं। जब हाइपरकलेमिया होता है, तो इस सामान्य प्रक्रिया में असंतुलन हो जाता है।
आमतौर पर, शरीर में 98% पोटेशियम विभिन्न ऊतकों के कोशिकाओं में पाया जाता है, जबकि इसका 2% भाग खून में घूमता रहता है। हाइपरकलेमिया होने पर पोटेशियम कोशिकाओं से रक्त में बढ़ी मात्रा में चला जाता है और इसके चलते ही पूरे शरीर के पोटेशियम में वृद्धि हो जाती है।
रक्त या मूत्र में पोटेशियम की उच्च मात्रा किसी चिकित्सिय स्थिति को भी दर्शाता है। पोटेशियम की वजह से ही हमारे शरीर की मांसपेशियां और हृदय से जुड़ी मांसपेशिया गतिशील होती है, इसलिए हाइपरकेलीमिया की समस्या को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है।