पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) क्या है?
गैस्ट्रोएन्टराइटिस को आमतौर पर "पेट का फ्लू" या "पेट में इन्फेक्शन" या "जठरांत्र शोथ" कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट और आंतों (जठरांत्र संबंधी मार्ग) में जलन और सूजन हो जाती है।
पेट में इन्फेक्शन के सबसे सामान्य लक्षण हैं – दस्त, मतली, उल्टी और पेट में मरोड़ के साथ दर्द। बहुत से लोग इसे "पेट फ्लू" भी कहते हैं। यह नाम कभी-कभी गलतफहमी पैदा कर सकता है, क्योंकि इन्फ्लुएंजा (फ्लू) के लक्षण जठरांत्र शोथ से बिलकुल अलग होते हैं और गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट (जठरांत्र संबंधी मार्ग) से संबंधित नहीं होते हैं।
"पेट का फ्लू" नाम में "फ्लू" शब्द आने से ऐसा लगता है कि इसके होने का कारण एक वायरल संक्रमण है, जबकि संक्रमण के अन्य कारण भी हो सकते हैं। हाँ, ऐसा ज़रूर है कि वायरल संक्रमण गैस्ट्रोएन्टराइटिस का सबसे आम कारण है, लेकिन यह बैक्टीरिया, परजीवी और दूषित भोजन से उत्पन्न बीमारियों के कारण भी हो सकता है। कई लोग जिन्हें इस प्रकार के संक्रमण से उल्टी और दस्त हो जाते हैं, वे सोचते हैं कि उन्हें फूड पॉइज़निंग हुई है, जबकि उन्हें वास्तव में दूषित भोजन खाने से होने वाली कोई बीमारी हो सकती है।
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पेट में इन्फेक्शन या पेट फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ऐसा मल त्यागने के बाद ठीक प्रकार से हाथ न धोने के कारण या गंदे डायपर को छूने से हो सकता है।
वायरस के कारण होने वाला जठरांत्र शोथ एक से दो दिन तक रह सकता है। हालांकि, बैक्टीरिया से उत्पन्न कुछ स्थितियां कई महीनों तक जारी रह सकती हैं। अधिकांश लोग उल्टी और दस्त के एक छोटे से प्रकरण के बाद आसानी से ठीक हो जाते हैं। वे शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए स्वच्छ जल और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करते हैं और फिर धीरे-धीरे सामान्य आहार लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन विशेष रूप से शिशुओं और बुजुर्गों में गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण शरीर में तरल की कमी होने से निर्जलीकरण हो सकता है। अगर इस बीमारी का इलाज न किया जाए और शरीर में तरल पदार्थों की पूर्ति न की जाये, तो यह गंभीर हो सकती है।